Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions Set 4 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 4 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’। कुल प्रश्न 13 हैं।
- खंड ‘अ’ में 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनमें से केवल 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।
- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
रखण्ड ‘अ’: वस्तुपरक-प्रश्न
अपठित गद्यांश
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (1 × 10 = 10)
‘आधुनिक भारतीय भाषाएँ’ सुनकर आप इस भ्रम में न पड़ें कि ये सभी ‘आज’ की देन हैं। ये सभी भाषाएँ अति प्राचीन हैं। अनेक तो सीधे संस्कृत या वैदिक भाषा से जुड़ती हैं। वे इस अर्थ में आधुनिक हैं कि समय के साथ चलकर अतीत से वर्तमान तक पहुँची हैं और जीवंत और विकासशील बनी हुई हैं। उनके आधुनिक होने का एक कारण यह भी है कि आधुनिक विचारों को वहन करने में वे कभी पीछे नहीं रहीं। इनका साहित्य समय की कसौटी पर खरा उतरा है और ये सभी आधुनिक भारत की प्राणवायु हैं। किसी भी भाषा का पहला काम होता है दो व्यक्तियों या दो समूहों के बीच संपर्क स्थापित करने का माध्यम बनना। यह मानव समूहों के बीच सेतु का काम करती है। इसे चाहे प्रकृति की देन मानिए चाहे ईश्वर की, भाषा से बड़ी कोई देन नहीं है। विभिन्न क्षेत्रों में मानव की समस्त उपलब्धियाँ मूलतः भाषा की देन हैं। अब जहाँ तक हिंदी का प्रश्न है, उसमें उपर्युक्त विशेषताएँ तो हैं ही साथ ही सबसे निराली है उसकी नमनीयता। इसमें स्वाभिमान है, अहंकार नहीं। हिंदी हर परिस्थिति में अपने आपको उपयोगी बनाए रखना जानती है। यह ज्ञान और शास्त्र की भाषा भी है और लोक की भी, उत्पादक की भी और उपभोक्ता की भी। इसीलिए यह स्वीकार्य भी है।
(i) आधुनिक भारतीय भाषाएँ’ सुनकर अक्सर लोगों को क्या भ्रम हो जाता है?
(क) पाश्चात्य संस्कृति की देन है।
(ख) आज की देन है।
(ग) अतीत से वर्तमान में आई है।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) आज की देन है।
(ii) लेखक ने आधुनिक भारतीय भाषाओं को आधुनिक भारत की …………. माना है।
(क) इज्जत।
(ख) धरोहर।
(ग) प्राणवायु।
(घ) सभ्यता।
उत्तर:
(ग) प्राणवायु।
(iii) हिंदी भाषा की विशेषता है
(क) स्वाभिमान है पर अहंकार नहीं।
(ख) तमाम देशी, विदेशी शब्द इसमें समाहित हैं।
(ग) प्रत्येक परिस्थिति में स्वयं को उपयोगी बनाए रखना जानती है।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
(iv) हिंदी की नमनीयता से आशय है-
(क) सभी उसे नमन करते हैं।
(ख) वह देववाणी है।
(ग) उसमें स्वाभिमान है परंतु अहंकार नहीं है।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ग) उसमें स्वाभिमान है परंतु अहंकार नहीं है।
(v) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है
(क) भाषा की विशेषता।
(ख) हिंदी भाषा।
(ग) भाषा और हम।
(घ) भाषा का महत्त्व।
उत्तर:
(क) भाषा की विशेषता।
(vi) कोई भाषा किनके मध्य पुल बनाने का काम करती है ?
(क) देशों के मध्य।
(ख) संस्कृतियों के मध्य।
(ग) मानव समूहों के मध्य।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) मानव समूहों के मध्य।
व्याख्या : किसी भी भाषा का पहला काम होता है दो व्यक्तियों या दो समूहों के बीच सम्पर्क स्थापित करने का माध्यम बनना। यह मानव समूहों के बीच सेतु का काम करती है।
(vii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) अति उपसर्ग से बना शब्द आतप नहीं है।
(II) अति उपसर्ग से बना शब्द अत्यन्त नहीं है।
(III) अति उपसर्ग से बना शब्द अतिरेक है।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/ हैं?
(क) I और III
(ख) केवल III
(ग) केवल I
(घ) केवल II
उत्तर:
(क) I और III
(viii) हिंदी की स्वीकार्यता का कारण है
(क) उत्पादक और उपभोक्ता दोनों की भाषा।
(ख) आधुनिक भाषा।
(ग) प्राचीन भाषा।
(घ) वैज्ञानिक भाषा।
(ix) हिंदी की सबसे निराली विशेषता क्या है ?
(क) शास्त्रों की भाषा।
(ख) नमनीयता।
(ग) सर्वस्वीकार्यता।
(घ) राष्ट्रभाषा।
उत्तर:
(क) उत्पादक और उपभोक्ता दोनों की भाषा।
(x) निम्नलिखित कथन कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): विभिन्न क्षेत्रों में मानव की उपलब्धियाँ हुई हैं
कारण (R): क्योंकि भाषा ही मानव की समस्त उपलब्धियों की देन है।
(क) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं। अपठित पद्यांश
उत्तर:
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
2. निम्नलिखित पद्यांशों में से किसी एक पद्यांश से संबंधित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प-चयन द्वारा दीजिए- (1 × 5 = 5)
गुलाब का फूल है हमारा पढ़ा-लिखा
मैंने उसे काफी उलट-पुलट कर देखा है
मुझे तो वह ऐसा ही दिखा
सबसे बड़ा सबूत उसके गुलाब होने का यह है
कि वह गाँव में जाकर बसने के लिए तैयार नहीं है
गाँव में उसकी प्रदर्शनी कौन कराएगा
वहाँ वह अपनी शोभा की प्रशंसा किससे कराएगा
वह फूलने के बाद किसी फ़सल में थोड़े ही बदल जाता है
मूरख किसान को फूलने के बाद
फ़सल देने वाला ही तो भाता है,
गाँव में इसलिए ठीक है अलसी और सरसों के फल।
बीच-बीच में यह प्रस्ताव कि गुलाबगाँव में चिकित्सा करे या पढ़ाए
पेश करने में कोई हर्ज नहीं है
मगर साफ समझ लेना चाहिए कि गुलाब का यह फर्ज नहीं है कि
गाँव जाकर खिले, अलसी और सरसों वगैरा से मिले
ढंक जाए वहाँ की धूल से
और वक्त बेवक्त अपनी प्रदर्शनी न कराए
आमीन, गुलाब पर ऐसा वक्त कभी न आए।
(i) कवि ने किसे मर्ख कहा है ?
(क) गुलाब को।
(ख) किसान को।
(ग) सरसों को।
(घ) पढ़े-लिखे शहरी को।
उत्तर:
(ख) किसान को।
(ii) पढ़ा-लिखा गुलाब कहाँ जाकर बसने को तैयार नहीं है ?
(क) शहर में।
(ख) कस्बे में।
(ग) गाँव में।
(घ) महानगर में।
उत्तर:
(ग) गाँव में।
(iii) कवि के अनुसार गुलाब का निम्न में से क्या फर्ज़ नहीं है ?
(क) वह गाँव में जाकर खिले।
(ख) अलसी, सरसों वगैरा से मिले।
(ग) वहाँ की धूल से ढक जाए।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
(iv) ‘बीच-बीच’ में कौन-सा अलंकार है ?
(क) अनुप्रास।
(ख) यमक।
(ग) उपमा।
(घ) पुनरुक्ति प्रकाश।
उत्तर:
(घ) पुनरुक्ति प्रकाश।
व्याख्या : बीच-बीच में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है अर्थात् जहाँ किसी शब्द की एक से अधिक बार समान आवृत्ति हो, वहाँ पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार होगा।
(v) काव्यांश में कवि ने किस फसल का ज़िक्र किया है ?
(क) गुलाब।
(ख) अलसी।
(ग) सरसों।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
अथवा
आज की शाम
जो बाज़ार जा रहे हैं
उनसे मेरा अनुरोध है
एक छोटा-सा अनुरोध
क्यों न ऐसा हो कि आज शाम
हम अपने थैले और डोल्चियाँ
रख दें एक तरफ़
और सीधे धान की मंजरियों तक चलें।
चावल ज़रूरी है
ज़रूरी है आटा, दाल, नमक पुदीना
पर क्यों ऐसा हो कि आज शाम
हम सीधे वहाँ पहुँचें
एक दम वहीं
जहाँ चावल
दाना बनने से पहले
सुगंध की पीड़ा से छटपटा रहा हो।
उचित यही होगा
कि हम शुरू में ही
आमने-सामने बिना दुभाषिये के
सीधे उस सुगंध से
बातचीत करें
यह रक्त के लिए अच्छा है
अच्छा है भूख के लिए
नींद के लिए
कैसा रहे
बाज़ार ना आए बीच में।
(i) अनुरोधकर्ता किससे अनुरोध कर रहा है?
(क) सामान्य ग्राहकों से
(ख) विशेष ग्राहकों से
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) सामान्य ग्राहकों से
व्याख्या : अनुरोधकर्ता सामान्य ग्राहकों से अनुरोध कर रहा है कि वे रोज़मर्रा के खाने-पीने की वस्तुएँ किसानों से खरीदें।
(ii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) कवि आग्रह करके ग्राहकों को खेतों में जाने को कह रहा है।
(II) वहाँ चावल पककर तैयार हो रहे हैं।
(III) वहाँ आलू पककर तैयार हो रहे हैं।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा / कौन-से सही है/ हैं?
(क) केवल I
(ख) I और II
(ग) केवल II
(घ) केवल III
उत्तर:
(ख) I और II
(iii) दुभाषियों का संकेतार्थ है-
(क) बिचौलिया
(ख) व्यापारी
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(iv) लोगों का शोषण कौन करता है?
(क) गाँव वाले
(ख) बाज़ार
(ग) ईश्वर
(घ) सभी
उत्तर:
(ख) बाज़ार।
(v) काव्यांश का शीर्षक है-
(क) बाज़ारवाद
(ख) गाँव की मिट्टी से प्रत्यक्ष संबद्ध होना
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) गाँव की मिट्टी से प्रत्यक्ष संबद्ध होना
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
(i) घटनास्थल से फोन करके किसी घटना की सूचना देना कौन-सी पत्रकारिता है ?
(क) वॉयस ओवर
(ख) फोन इन
(ग) इंटरनेट
(घ) रेडियो
उत्तर:
(ख) फोन इन
व्याख्या : एंकर द्वारा रिपोर्टर से फोन पर बात कर सूचना दर्शकों तक पहुँचाना फोन इन कहलाता है।
(ii) समाचारों का स्रोत है-
(क) व्यक्तिगत संवाददाता द्वारा
(ख) समाचार ब्यूरो द्वारा
(ग) समाचार प्रदाता एजेंसी द्वारा
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
व्याख्या : व्यक्तिगत संवाददाता, समाचार ब्यूरो व विभिन्न समाचार एजेंसियों द्वारा दी गई सूचनाएँ ही समाचार का स्रोत हैं।
(iii) मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ क्यों माना जाता है ?
(क) जनता की आवाज़ सरकार तक पहुँचती है।
(ख) सरकार की नीतियों की जानकारी जनता तक पहुँचती है।
(ग) (क) व (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) जनता की आवाज़ सरकार तक पहुँचती है।
(iv) कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ से उचित मिलान कीजिए-
Table 1
(क) (i), (ii), (iii), (iv)
(ख) (iii), (i), (iii), (iv)
(ग) (iv), (iii), (ii), (i)
(घ) (i), (iii), (iv), (ii)
उत्तर:
(ग) (iv), (iii), (ii), (i)
व्याख्या : जब मीडिया सरकार के कामकाज पर निगाह रख कर होने वाली गड़बड़ी का पर्दाफाश कर जनता के समक्ष लाती है तो ऐसी पत्रकारिता को वाचडॉग पत्रकारिता कहते है।
(v) भारत का पहला समाचार पत्र कौन-सा प्रकाशित हुआ ?
(क) उदंत मार्तंड
(ख) हिन्दुस्तान
(ग) पंजाब केसरी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) उदंत मार्तंड
व्याख्या : भारत का पहला समाचार पत्र उदंत मार्तंड था जो 30 मई 1826 में प्रकाशित हुआ।
4. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए- (1 × 5 = 5)
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगे-
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
(i) चिड़िया के बच्चे घोंसलों से किस आशा में झाँक रहे होंगे?
(क) उड़ने की
(ख) भोजन की
(ग) किसी आगंतुक की
(घ) वर्षा की
उत्तर:
(ख) भोजन की
व्याख्या : चिड़िया के बच्चे इसलिए घोंसलों से बाहर झाँक रहे होंगे कि माँ उनके लिए दाना-पानी लेकर आएगी और उनकी भूख को शांत करेगी।
(ii) अपने बच्चों का ध्यान आने पर चिड़िया की क्या दशा होती है?
(क) उसकी गति तेज़ हो जाती है
(ख) वह उदास हो जाती है
(ग) उसे कोई फर्क नहीं पड़ता
(घ) उसकी गति मंद हो जाती है
उत्तर:
(क) उसकी गति तेज़ हो जाती है
व्याख्या : शाम ढलते ही चिड़िया भी अपने बच्चों से शीघ्र मिलना चाहती है। अपने बच्चों की ममता उसे बेचैन कर देती है। वह शीघ्र ही अपने बच्चों को भोजन व सुरक्षा देना चाहती है। यही मनोदशा उसकी गति को बढ़ा देती है।
(iii) ‘मुझसे मिलने को कौन विकल’ में मुझे किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
(क) चिड़िया के लिए
(ख) पथिक के लिए
(ग) कवि के लिए
(घ) बच्चों के लिए
उत्तर:
(ग) कवि के लिए
व्याख्या : ‘मुझसे मिलने को कौन विकल’ में ‘मुझे’ शब्द कवि के लिए प्रयुक्त किया गया है।
(iv) अलंकार की दृष्टि से कौन-सा विकल्प सही है?
(क) दिन जल्दी-जल्दी ढ़लता – पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
(ख) नीड़ों से झाँक रहे – उत्प्रेक्षा अलंकार
(ग) मुझसे मिलने को – उपमा अलंकार
(घ) भरता उर में विह्वलता – अनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(क) दिन जल्दी-जल्दी ढ़लता – पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
(v) कवि के मन के व्याकुल होने और कदमों में शिथिलता आने का कारण है-
(क) घर में कोई प्रतीक्षारत नहीं है।
(ख) घर का वातावरण कलहपूर्ण है।
(ग) घर में तगादे वाले इंतज़ार कर रहे हैं।
(घ) उसे परिवार से स्नेह नहीं है।
उत्तर:
(क) घर में कोई प्रतीक्षारत नहीं है।
व्याख्या : कवि अकेला रह गया है। प्रेम के अभाव के कारण उसके हृदय में उत्पन्न निराशा और उदासी की भावना ने उसे व्याकुल कर दिया है। कोई भी अब उसकी प्रतीक्षा नहीं कर रहा। ये भाव उसके कदमों की गति को धीमा कर देते हैं।
5. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प को चुनिए- (1 × 5 = 5)
भक्तिन का दुर्भाग्य भी उससे कम हठी नहीं था, इसी से किशोरी से युवती होते ही बड़ी लड़की भी विधवा हो गई। भइयहू से पार न पा सकने वाले जेठों और काकी को परास्त करने के लिए कटिबद्ध जिठौतों ने आशा की एक किरण देख पाई। विधवा बहिन के गठबंधन के लिए बड़ा जिठौत अपने तीतर लड़ाने वाले साले को बुला लाया, क्योंकि उसका विवाह हो जाने पर सब कुछ उन्हीं के अधिकार में रहता। भक्तिन की लड़की भी माँ से कम समझदार नहीं थी, इसी वजह से उसने वर को नापसंद कर दिया। बाहर के बहनोई का आना चचेरे भाईयों के लिए सुविधाजनक नहीं था, अतः यह प्रस्ताव जहाँ का तहाँ रह गया। तब वे दोनों माँ-बेटी खूब मन लगाकर अपनी संपत्ति की देख-भाल करने लगी और ‘मान न मान मैं तेरा मेहमान’ की कहावत चरितार्थ करने वाले वर के समर्थक उसे किसी-न-किसी प्रकार पति की पदवी पर अभिषिक्त करने का उपाय सोचने लगे।
(i) गद्यांश के आधार पर भक्तिन का दुर्भाग्य किसे कहा गया है?
(क) उसके पति का असमय मर जाना
(ख) उसकी बेटी का असमय विधवा हो जाना
(ग) उसके द्वारा तीन-तीन कन्याओं को जन्म दिया जाना
(घ) उसके पिता की अकाल मृत्यु का हो जाना।
उत्तर:
(ख) उसकी बेटी का असमय विधवा हो जाना
व्याख्या : भक्तिन का दुर्भाग्य यह था कि उसकी बड़ी लड़की किशोरी से युवती बनी ही थी कि उसका पति मर गया। वह असमय विधवा हो गई।
(ii) भक्तिन का जिठौत अपने साले से चचेरी बहन का विवाह क्यों करवाना चाहता था?
(क) युवावस्था में ही बहन के विधवा हो जाने के कारण
(ख) चचेरी बहन को वैधव्य के दुःख से बचाने के लिए
(ग) चचेरी बहन का घर फिर से बसाने की इच्छा के कारण
(घ) अपनी चाची की जायदाद को पाने के लिए।
उत्तर:
(घ) अपनी चाची की जायदाद को पाने के लिए।
व्याख्या : भक्तिन का जिठौत अपनी विधवा बहन की शादी अपने साले से करवाकर सारी सम्पत्ति अपने अधिकार में लेना चाहता था। किन्तु उसकी यह योजना सफल नहीं हो पाई और माँ-बेटी अपनी सम्पत्ति की देखभाल करने लगीं।
(iii) भक्तिन के जेठों और जिठौतों को भक्तिन के दामाद के मरने पर आशा की कौन-सी किरण दिखाई दी?
(क) अपनी पसंद के वर से चचेरी बहन का विवाह करने की
(ख) भक्तिन का आत्मसम्मान नष्ट कर उसकी सम्पत्ति हड़पने की
(ग) भक्तिन और उसकी बेटियों पर अपना हक जताने की
(घ) भक्तिन और उसकी बेटियों को अपने साथ रखने की।
उत्तर:
(ख) भक्तिन का आत्मसम्मान नष्ट कर उसकी सम्पत्ति हड़पने की
व्याख्या : भक्तिन के दामाद की मृत्यु के बाद जेठों और उनके पुत्रों को सारी सम्पत्ति लेने के लिए आशा की एक किरण दिखाई दी कि विधवा बहिन का गठबंधन अपने साले से करवा दें जिससे सब कुछ उन्हीं के अधिकार में चला जाए। परन्तु भक्तिन व उसकी लड़की समझदार थीं, इसलिए उन्होंने वर को नापसंद कर दिया।।
(iv) निम्नलिखित कथन कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए
कथन (A): विधवा बहन द्वारा वर को नापसंद किए जाने पर जिठौतों ने अपनी पसंद का वर उस पर थोप दिया।
कारण (R): क्योंकि वे सम्पत्ति के लिए रिश्तों की मान-मर्यादा तक तोड़ने को आतुर थे।
(क) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन की सही व्याख्या करता है।
व्याख्या : भक्तिन की लड़की द्वारा वर को नापसंद किए जाने पर उसके जेठ और जिठौतों ने जबरदस्ती अपनी पसंद के विवाह-प्रस्ताव को थोपने का निर्णय लिया। वे सम्पत्ति के लिए रिश्तों की मान-मर्यादा तक तोड़ने को आतुर थे।
(v) गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) भक्तिन के जेठ और जिठौत सम्पत्ति हड़पने को तैयार थे।
(II) जेठ और जिठौत विधवा बहन का पुनर्विवाह करवाने को तैयार थे।
(III) जेठ और जिठौत बहुत ही अच्छे स्वाभाव के थे।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा / कौन-से सही है/ हैं?
(क) I और III
(ख) केवल III
(ग) केवल II
(घ) केवल I
उत्तर:
(घ) केवल I
व्याख्या : भक्तिन के जेठ-जिठौत भक्तिन की संपत्ति को किसी भी तरीके से हड़पने के लिए दृढ़-निश्चयी थे।
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हेतु निर्देशानुसार सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 10 = 10)
(i) लेखक ने नगर भारत का सबसे पुराना लैंडस्केप किसे कहा है?
(क) बौद्ध स्तूप को
(ख) कुंड को
(ग) ऊँचे चबूतरे को
(घ) मेहराब को
उत्तर:
(क) बौद्ध स्तूप को
व्याख्या : मुअनजो-दड़ो में मिले बौद्ध स्तूप को भारत का प्राचीन लैंडस्केप कहा गया है। यह 25 फुट ऊँचे चबूतरे पर बना हुआ है।
(ii) लेखक ने मुअनजो-दड़ो और राजस्थान में क्या समानता बताई है?
(क) सूना परिवेश
(ख) बबूल के पेड़
(ग) ज़्यादा ठंड, ज्यादा गर्मी
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी
व्याख्या : मोहनजोदड़ो राजस्थान से काफ़ी मिलता-जुलता है। राजस्थान की भाँति यहाँ रेत के टीले नहीं हैं परंतु वैसी ही खेतों की हरियाली, खुला आकाश, सूना परिवेश, धूल, बबूल के पेड़, ठंड और गर्मी की अधिकता व तेज़ धूप जैसी समानताएँ देखने को मिलती हैं।
(iii) सिंधु सभ्यता की तस्वीरें ‘उतारते समय’ दृश्यों के रंग उड़े हुए क्यों प्रतीत होते हैं?
(क) धूल उड़ने के कारण
(ख) चौंधियाती धूप के कारण
(ग) खेतों के हरेपन के कारण
(घ) पारदर्शी धूप के कारण
उत्तर:
(ख) चौंधियाती धूप के कारण
व्याख्या : सिंधु-सभ्यता की धूप पारदर्शी न होकर चौंधियाती हुई होने के कारण तसवीर लेने के लिए कैमरे को घुमाकर लेना पड़ता है तभी, तेज़ धूप से तसवीर के रंग उड़े हुए आते हैं।
(iv) मुअनजो-दड़ो के जिस हिस्से पर बौद्ध स्तूप स्थित है, वह कहलाता है
(क) गढ़
(ख) चौबारा
(ग) मेहराब
(घ) छत
उत्तर:
(क) गढ़
व्याख्या : मुअनजो-दड़ो के जिस हिस्से पर बौद्ध स्तूप स्थित है, वह गढ़ कहलाता है।
(v) यशोधर बाबू किसे अपना आदर्श मानते थे ?
(क) गांधीजी को
(ख) चड्ढा साहब को
(ग) किशन दा को
(घ) रवीन्द्र नाथ टैगोर को
उत्तर:
(ग) किशन दा को
व्याख्या : किशन दा साधारण रहन-सहन, धन के प्रति अनासक्त एवं पुराने जीवन मूल्यों में विश्वास करने वाले इंसान थे। यशोधर बाबू उनके इन्हीं गुणों से प्रभावित होकर, उन्हें अपना आदर्श मानते थे।
(vi) यशोधर बाबू रोजाना अपनी घड़ी किससे मिलाते थे ?
(क) रेडियो समाचारों से
(ख) मस्ज़िद की अजान से
(ग) घंटाघर के सायरन से
(घ) दफ़्तर की घड़ी से
उत्तर:
(क) रेडियो समाचारों से
व्याख्या : यशोधर बाबू दफ़्तर की घड़ी को सुस्त मानते थे। वे मानते थे कि वह सही समय नहीं बताती। इसलिए वे अपनी घड़ी सुबह-शाम रेडियो समाचारों से मिलाते थे।
(vii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) किशन दा का वास्तविक नाम किशन पंत था।
(II) किशन दा का वास्तविक नाम केशव नाथ शर्मा था।
(III) किशन दा का वास्तविक नाम कृष्णानंद पांडे था।
(IV) किशन दा का वास्तविक नाम कृष्ण नारायण पंत था।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा / कौन-से सही है/ हैं?
(क) केवल II
(ख) केवल III
(ग) केवल IV
(घ) केवल I
उत्तर:
(ख) केवल III
व्याख्या : किशन दा का वास्तविक नाम कृष्णानंद पाण्डे था।
(viii) ‘जूझ’ पाठ के अनुसार कविता के प्रति लगाव से पहले और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारणा में क्या बदलाव आया? सही विकल्प छाँटिए
(क) अकेलापन डरावना है
(ख) अकेलापन उपयोगी है
(ग) अकेलापन अनावश्यक है ।
(घ) अकेलापन सामान्य प्रक्रिया है
उत्तर:
(ख) अकेलापन उपयोगी है
व्याख्या : कविता के प्रति लगाव होने के कारण लेखक अब अकेला रहना पसन्द करता है ताकि वह ज़ोर-ज़ोर से कविता गान कर सके तथा नई कविताओं की रचना कर सके।
(ix) ‘जूझ’ पाठ के अनुसार, “पढ़ाई-लिखाई के सम्बन्ध में लेखक और दत्ता जी राव का रवैया सही था।” क्योंकि- सही विकल्प छाँटिए
(क) लेखक खेती बाड़ी नहीं करना चाहता था।
(ख) दत्ता जी राव जानते थे कि खेती-बाड़ी में लाभ नहीं है।
(ग) लेखक का पढ़-लिखकर सफ़ल होना बहुत आवश्यक था।
(घ) लेखक का पिता नहीं चाहता था कि वह आगे की पढ़ाई करे।
उत्तर:
(ख) दत्ता जी राव जानते थे कि खेती-बाड़ी में लाभ नहीं है।
व्याख्या ; दत्ताजी राव और लेखक दोनों ही जानते थे कि पूरे वर्ष खेतों में जी तोड़ परिश्रम करने के बाद भी परिवार का सही ढंग से पालन-पोषण करना अब सम्भव नहीं रह गया था इसलिए शिक्षा प्राप्त करना आवश्यक था।
(x) लेखक का मन कहाँ जाने को तड़पता था?
(क) सिनेमा
(ग) पाठशाला
(ख) मेले
(घ) खेत
उत्तर:
(ग) पाठशाला
व्याख्या : लेखक पढ़-लिखकर कोई नौकरी या व्यापार करना चाहता है इसलिए वह पाठशाला जाने को तड़पता था।
रवण्ड’ब’ : वर्णनात्मक प्रश्न
7. दिए गए चार अप्रत्याशित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए- (6 × 1 = 6)
(क) ऋतुराज वसन्त
(ख) महानगरों में असुरक्षित नारी
(ग) सांप्रदायिक एकता
(घ) जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि
उत्तर:
(क) ऋतुराज वसन्त
भारत देश में बारह महीनों में छह ऋतुओं का आगमन होता है, वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त और शिशिर। प्रत्येक ऋतु का लगभग दो माह का समय होता है। प्रत्येक ऋतु से मानव-जीवन प्रभावित होता है। वसन्त ऋतु सब ऋतुओं में सुन्दर, मनमोहक और प्रिय होती है, इसलिए इसे सब ऋतुओं का राजा कहा जाता है। वसन्त ऋतु में प्रकृति की अनुपम छटा देखने को मिलती है। प्रकृति अपने रूप को नए ढंग से सजाती है। चारों ओर हर्षोल्लास का वातावरण छा जाता है। जीवन में नवीनता आ जाती है और शरीर में स्फूर्ति आ जाती है।
वसन्त प्रेम और उल्लास का पर्व है। इसका आगमन फाल्गुन मास में होता है। मौसम सुहावना होता है। शीतल मंद सुगंधित समीर चारों ओर बहती है और हमें भरपूर आनंद देती है। पेड़ों पर नए-नए पत्ते, चारों ओर हरियाली छा जाती है और फूलों से उपवन की शोभा बढ़ जाती है। फूलों की सुगंध से चारों ओर का वातावरण महक उठता है। खेतों में सरसों के पीले फूलों का लहलहाना, आम की डालियों पर कोयल का कूकना वातावरण में मधुरता एवं उल्लास भर देता है।
लोग बाहर घूमने जाते हैं और प्रकृति की छटा का आनंद उठाते हैं। यह ऋतु स्वास्थ्यदायक होती है, अतः सभी लोग इस ऋतु का स्वागत करते हैं। जितनी सुन्दर छटा इस ऋतु में देखने को मिलती है, उतनी किसी अन्य ऋतु में नहीं मिलती। जड़ एवं चेतन एक नई चेतना एवं स्फूर्ति का अनुभव करते हैं। भ्रमर आम के बौर पर गुंजार करने लगते हैं। प्रकृति के इस मनमोहक रूप को देखकर नेत्रों को सुख मिलता है। चंद्रमा की शीतल किरणें अमृत की-सी वर्षा कर इस ऋतु के वातावरण को अति मनोरम बना देती हैं।
इस ऋतु का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि इसमें वसन्त पंचमी और होली के त्योहार मनाए जाते हैं। इस ऋतु में बहने वाली शुद्ध वायु मस्तिष्क में नवीन चेतना का संचार करती है।
(ख) महानगरों में असुरक्षित नारी
आज देश के महानगरों में एक ओर तो जनसंख्या बेतहाशा बढ़ रही है तो दूसरी ओर इन महानगरों में नारियाँ स्वयं को असुरक्षित अनुभव कर रही हैं। कामकाजी महिलाओं के साथ होने वाले यौन अत्याचार, छेड़छाड़ की घटनाएँ एवं वृद्ध दम्पतियों के साथ घर में ही लूटपाट की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं।
किशोरियों एवं युवतियों का अकेले बाहर जाना चिंताजनक हो गया है। सच तो यह है कि जब तक महिलाएँ सुरक्षित घर वापस नहीं आ जाती तब तक घर वाले चिंतित रहते हैं। ऐसे असुरक्षा के माहौल में रहने से तनाव बढ़ता है जो अनेक बीमारियों को जन्म देता है।
महिलाओं के साथ छेड़छाड़, बलात्कार, गैंगरेप की जो घटनाएं हो रही हैं उसके कई कारण हैं। यथा-आधुनिक जीवनशैली, महिलाओं का उत्तेजक साज-शृंगार, पुलिस की अव्यवस्था, जनता का मूक दर्शक बने रहना। बसों में युवतियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएँ सरेआम होती हैं। लड़कियाँ उनका विरोध नहीं कर पाती और बस के मुसाफिर भी उसमें हस्तक्षेप नहीं करते । इससे उन शैतानों का दुस्साहस बढ़ जाता है जब तक आम जनता ऐसे लोगों को सबक नहीं सिखाती और लड़कियाँ हिम्मत दिखाकर उन शोहदों का आक्रामक विरोध नहीं करती तब तक इस समस्या पर काबू नहीं पाया जा सकता।
किशोर उम्र के उन अपराधियों को जिन्होंने जघन्य अपराध (बलात्कार, हत्या) आदि में भाग लिया है, कड़ा दण्ड मिलना चाहिए अन्यथा वे जुवेनाइल कोर्ट के द्वारा कम सजा पाते हैं और उनका सुधार नहीं हो पाता। आज दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई एवं बेंगलुरू जैसे महानगर महिलाओं के लिए असुरक्षित माने जा रहे हैं। हमें अपने देश की प्रतिष्ठा बचाने के लिए प्रभावी कार्यवाही करनी होगी जिससे इस कलंक से हमें मुक्ति मिल सके।
(ग) सांप्रदायिक एकता
प्रसिद्ध शायर ने अपनी एक देश प्रेम की कविता में लिखा है-“मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम, वतन है, हिंदोस्ताँ हमारा।” इन शब्दों में ऐसा जादू था कि प्रत्येक मज़हब के लोग स्वयं को भारतीय मानते हुए भारत को स्वतंत्र कराने के कार्य में जुट गए। भगवान बुद्ध और महावीर स्वामी ने भ्रातृ-भाव पर बल दिया है।
भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहाँ विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों, राजनीतिक विचारधाराओं के एवं विभिन्न भाषा-भाषी लोग रहते हैं जिनकी पूजा-पद्धति, रहन-सहन, आचार-विचार, मान्यताएँ, भाषा-बोली अलग-अलग हैं फिर भी भारत की सबसे बड़ी विशेषता है-अनेकता में एकता अर्थात् Unity in Diversity. भारत में जो प्रमुख धर्मावलम्बी रहते हैं वे हैं-हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन। भारत एक लोकतंत्र है जिसमें सभी धर्मावलम्बियों को समान अधिकार प्राप्त हैं किसी को भी विशेष अधिकार नहीं है।
हर व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार अपने धर्म पालन का, अपने पूजा-पाठ को जारी रखने का पूरा अधिकार है फिर भी हमारे देश में समय-समय पर सांप्रदायिक दंगे भड़क उठते हैं। सांप्रदायिक एकता का तात्पर्य है सभी धर्मावलम्बियों का परस्पर मिल-जुलकर एक साथ रहना और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना। यह तभी संभव है जब हम सभी धर्मों का आदर करें और अपने धर्म को श्रेष्ठ तथा दूसरों के धर्म को हेय (निकृष्ट) न समझें। सर्वधर्म समभाव की भावना ही सांप्रदायिक एकता को जन्म देती है। यदि हम देश को विकास के पथ पर ले जाना चाहते हैं तो सभी निवासियों को सांप्रदायिक एकता पर बल देकर देश का सांप्रदायिक माहौल ठीक रखना होगा।
(घ) जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि
कहते हैं कि सूर्य की किरणें जहाँ नहीं पहुँच पातीं वहाँ कवि की कल्पना पहुँच जाती है। वह अपनी कल्पना-शक्ति का प्रयोग करके ऐसे स्थानों पर पहुँच जाता है जहाँ मनुष्य का पहुँचना असंभव है। कल्पना व्यक्ति की सोचने की शक्ति का विकास करती है इसलिए व्यक्ति को सदैव कल्पनाशील रहना चाहिए।
हम अपने शरीर के द्वारा जहाँ नहीं पहुंच पाते हैं, वहाँ पलभर में ही कल्पना के पंख लगाकर पहुँच जाते हैं। परन्तु कल्पना वही कर सकता है जिसमें जिजीविषा हो, जो दृढ़ निश्चयी हो और जो सदैव क्रियाशील रहता हो। हमारी रचनात्मकता हमें कल्पना करने के लिए प्रेरित करती है। एक कवि की कलम में इतनी शक्ति होती है कि वह समाज में परिवर्तन एवं क्रांति दोनों ला सकता है। प्राचीन समय में महाकवि कालिदास ने मेघों को दूत बनाकर अपनी प्रिया के पास भेजा था, यह कवि की कल्पना-शक्ति का ही परिचायक है।
आधुनिक कवियों में कवि निराला का प्रिय विषय ‘बादल’ ही रहा है। कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने तो मेघों को अतिथि मानकर ‘मेघ आए’ कविता की रचना कर डाली। आकाश में विद्यमान सूर्य की किरणें समस्त संसार को प्रकाशित एवं आलोकित करती हैं पर कवि की कल्पना सूर्य की किरणों को पार करके आकाश की उस अंतिम सीमा को स्पर्श करती हैं जहाँ सूर्य का पहुँचना असंभव है अतः हमें सदैव कल्पनाशील रहना चाहिए। प्रत्येक इंसान में एक कवि छिपा होता है बस उस कवि हृदय को जाग्रत करने की आवश्यकता है।
8. किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(क) कहानी को नाटक में किस प्रकार रूपान्तरित कर सकते हैं?
उत्तर:
कहानी को नाटक में रूपान्तरित करते समय अनेक महत्त्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं-
- कहानी की कथावस्तु को समय और स्थान के आधार पर विभाजित करके।
- कहानी में घटित घटनाओं के आधार पर दृश्यों का निर्माण करके।
- कथावस्तु से सम्बन्धित वातावरण की व्यवस्था करके।
- ध्वनि और प्रकाश की व्यवस्था करके।
- कथावस्तु के अनुरूप मंच सज्जा और संगीत का निर्माण करके।
- पात्रों एवं संवादों को अभिनय के अनुरूप स्वरूप प्रदान करके।
(ख) रेडियो नाटक की कहानी में किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर:
रेडियो नाटक में कहानी संवादों तथा ध्वनि प्रभावों पर ही आधारित होती है। इसमें कहानी का चयन करते समय ध्यान रखने वाली बातों का विवरण इस प्रकार है-
(i) कहानी एक घटना प्रधान न हो-रेडियो नाटक की कहानी केवल एक ही घटना पर आधारित नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसी कहानी श्रोताओं को थोड़ी ही देर में उबाऊ बना देती हैं, इसलिए रेडियो नाटक की कहानी में अनेक घटनाएँ होनी चाहिए ताकि श्रोता ऊबे नहीं और सुनना पसन्द करे।
(ii) अवधि सीमा-सामान्य रूप से रेडियो नाटक की अवधि 15 से 30 मिनट तक होनी चाहिए, इससे अधिक नहीं क्योंकि रेडियो नाटक को सुनने हेतु मनुष्य की एकाग्रता की अवधि 15 से 30 मिनट तक मानी जाती है, इससे ज़्यादा नहीं।
(iii) पात्रों की सीमित संख्या-रेडियो नाटक में पात्रों की संख्या सीमित होनी चाहिए। इसमें पात्रों की संख्या 5-6 से अधिक नहीं होनी चाहिए, क्योंकि श्रोता ध्वनि के सहारे ही पात्रों को याद रख पाता है। यदि रेडियो नाटक में अधिक पात्र होंगे तो श्रोता उन्हें याद नहीं रख पाएगा।
(ग) कहानी की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर:
- कहानी एक ऐसी गद्य विधा है जिसमें जीवन के किसी अंक विशेष का मनोरंजन पूर्ण चित्रण किया जाता है।
- कहानी का सम्बन्ध लेखक और पाठकों से होता है।
- कहानी कही या पढ़ी जा सकती है।
- कहानी को आरम्भ, मध्य और अंत के आधार पर बाँटा जाता है।
- कहानी में मंच सज्जा, संगी तथा प्रकाश का महत्त्व नहीं होता है।
9. निम्नलिखित तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 80 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(क) इन्टरनेट पत्रकारिता सूचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराता है, परन्तु इसके साथ ही उसके कुछ दुष्परिणाम भी हैं। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इन्टरनेट आज की पत्रकारिता का मुख्य आधार बन गया है, पर वह समाज के सारे वर्गों को अनेक आधारों पर विकृत भी कर रहा है। इसमें दुनिया भर के सभी अच्छे-बुरे कार्य साफ़ स्पष्ट और विस्तारपूर्वक देखे, सुने जा सकते हैं। इसके कारण कच्ची बुद्धि का युवा वर्ग तेज़ी से अश्लीलता और नग्नता की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उसके संस्कार विकृत होने लगे हैं। इससे अपराध जगत को नई दिशा प्राप्त हो रही है। अपराधी और आतंकवादी सरलता से सलाह-मशवरा कर दुनिया के किसी भी कोने में आतंक फैलाने व धोखाधड़ी का कार्य कर रहे हैं। कालेधन का लेन-देन सरल हो गया है। पुस्तकीय ज्ञान की भी चोरी होने लगी है।
अतः उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि जहाँ इन्टरनेट पत्रकारिता के अनेक लाभ हैं तो वहीं इसके दुष्परिणाम भी हैं।
(ख) पत्रकारीय लेखन क्या है? पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समाचार-पत्र अथवा जनसंचार माध्यमों में काम करने वाले पत्रकार अपने पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाते हैं। पाठकों को जागरूक और शिक्षित बनाने और उनका मनोरंजन करने के लिए लेखन के जिन विभिन्न रूपों का प्रयोग किया जाता है उन्हें पत्रकारीय लेखन कहते हैं। पत्रकार मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
पूर्णकालिक पत्रकार-पूर्णकालिक पत्रकार से तात्पर्य किसी समाचार संगठन में काम करने वाले नियमित वेतन-भोगी कर्मचारी से है।
अंशकालिक पत्रकार-अंशकालिक पत्रकार वह होता है जो किसी समाचार संगठन के लिए निश्चित मानदेय पर कार्य करता है।
फ्रीलांसर अथवा स्वतन्त्र पत्रकार-फ्रीलांसर या स्वतन्त्र पत्रकार किसी महत्त्वपूर्ण समाचार-पत्र से सम्बन्धित नहीं होता है बल्कि वह समाचार-पत्रों में भुगतान के आधार पर लेख लिखता है।
(ग) विशेष रिपोर्ट कैसे लिखी जाती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पत्र-पत्रिकाओं और अखबारों में प्रायः विशेष रिपोर्ट दिखाई देती है, जो गहरी छानबीन, विश्लेषण और व्याख्या का परिणाम होता है। इन्हें किसी विशेष समस्या, मुद्दे या घटना की छानबीन के बाद लिखा जाता है। यह लेखन-कार्य तथ्यों पर पूर्णत: आधारित होता है। खोजी रिपोर्ट, विश्लेषणात्मक रिपोर्ट और विवरणात्मक रिपोर्ट में विशेष तथ्यों को सामने लाया जाता है, जो पहले उपलब्ध नहीं थे। विशेष रिपोर्ट के लेखन में निम्नलिखित बातों की ओर ध्यान दिया जाता है, जो इस प्रकार है-
- विशेष प्रकार का लेखन कार्य उल्टा पिरामिड शैली में किया जाता है।
- कभी-कभी रिपोर्ट को फ़ीचर-शैली में भी लिखा जाता है।
- बहुत विस्तृत रिपोर्ट में उल्टा पिरामिड और फ़ीचर शैली को कभी-कभी आपस में मिला लिया जाता है।
- कई बार लम्बी रिपोर्ट को शृंखलाबद्ध करके कई दिन छापा जाता है।
- रिपोर्ट की भाषा सरल, सहज और आम बोलचाल की होती है।
10. काव्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए- (3 × 2 = 6)
(क) फ़िराक की संकलित रुबाइयों में कवि ने जो वात्सल्य का चित्र उकेरा है, उस पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
‘रुबाइयाँ’ कविता में कवि फ़िराक गोरखपुरी ने वात्सल्य रस का अनूठा चित्रण प्रस्तुत किया है। माँ अपने चाँद के टुकड़े (पुत्र) को अपने आँगन में खड़ी होकर अपने हाथों से प्यार से झुला रही है। वह अपने बच्चे को आँचल में भरकर बार-बार हवा में उछाल देती है जिससे नन्हें बच्चे की किलकारी सारे वातावरण को मनोरम बना देती है। माँ अपने बच्चे को निर्मल जल से नहलाती है और उसके उलझे बालों को कंघी से सँवारती है। बच्चा भी माँ को प्यार से देखता है। बच्चा अपने आँगन में ठिनकता हुआ चाँद को देखकर मचल जाता है और उसको पाने की हठ करता है तो माँ चाँद को दर्पण में उतारकर बच्चे को दिखाती है।
(ख) ‘छोटा मेरा खेत’ कविता का उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
कवि ने रूपक के माध्यम से कवि-कर्म को कृषक के समान बताया है। किसान अपने खेत में बीज बोता है, वह बीज अंकुरित होकर पौधा बनता है तथा पकने पर उससे फल मिलता है जिससे लोगों की भूख मिटती है। इसी तरह कवि ने कागज को अपना खेत माना है। इस खेत में भावों की आँधी से कोई बीज बोया जाता है। फिर वह कल्पना के सहारे विकसित होता है। शब्दों के अंकुर निकलते ही रचना स्वरूप ग्रहण करने लगती है तथा इससे अलौकिक रस उत्पन्न होता है। यह रस अनंतकाल तक पाठकों को अपने में डुबोए रखता है। कवि ने कवि-कर्म को कृषि-कर्म से महान् बताया है क्योंकि कृषि-कर्म का उत्पादन निश्चित समय तक रस देता है, परन्तु कवि-कर्म का उत्पादन अनंतकाल तक रस प्रदान करता है।
(ग) ‘आत्मपरिचय’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
उत्तर:
‘आत्मपरिचय’ कविता के रचयिता का मानना है कि स्वयं को जानना दुनिया को जानने से ज़्यादा कठिन है। समाज से व्यक्ति का नाता खट्टा-मीठा तो होता ही है। लेकिन संसार से पूरी तरह निरपेक्ष रहना सम्भव नहीं। दुनिया अपने व्यंग्य बाण तथा शासन-प्रशासन से चाहे जितना कष्ट दें, पर दुनिया से कटकर मनुष्य रह भी नहीं पाता। फिर भी उसकी अपनी अस्मिता, अपनी पहचान का उत्स, उसका परिवेश ही उसकी दुनिया है। वह अपना परिचय देते हुए लगातार दुनिया से अपने दुविधात्मक और द्वंद्वात्मक सम्बन्धों का मर्म उद्घाटित करता चलता है।
11. काव्य खंड पर आधारित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए- (2 × 2 = 4)
(क) “दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ कविता में कवि स्वयं से क्या प्रश्न करता है और क्यों ?
उत्तर:
कवि स्वयं से प्रश्न करता है कि उससे मिलने को कौन चिंतित होगा तथा वह किससे मिलने के लिए चंचल हो? वास्तव में कवि के अनुसार उसका कोई नहीं है। वह, अकेलेपन से ग्रस्त होने के कारण ऐसा सोचता है।
(ख) चिड़िया कविता की उड़ान को क्यों नहीं समझ सकती?
उत्तर:
कविता की उड़ान विचारों व कल्पना की उड़ान है। कविता में भावों व विचारों की परिपक्वता होती है। उसकी उड़ान असीम (देशकाल और परिस्थितियों से बाहर संभव) होती है जबकि चिड़िया की उड़ान सीमित होती है।
(ग) सामाजिक उद्देश्य से युक्त ऐसे कार्यक्रम को देखकर आपको कैसा लगेगा ?
उत्तर:
सामाजिक उद्देश्य से युक्त ऐसे कार्यक्रम को देखकर मेरे मन में आयोजकों के प्रति घृणा होगी तथा पीड़ित लोगों की मनोदशा के बारे में सोचकर दुःख का अनुभव होगा।
12. गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए- (3 × 2 = 6)
(क) भक्तिन की बेटी के मामले में पंचायत के फैसले पर टिप्पणी कीजिए। ऐसे रवैये से कैसे निपटा जा सकता है?
अथवा
भक्तिन की बेटी का संदर्भ लेकर बताइए कि लड़कियों को समाज में क्या-क्या कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती हैं?
उत्तर:
भक्तिन की बेटी पर पंचायत ने जबरन पति थोपा। पंचायत द्वारा लिया गया इस प्रकार का निर्णय स्त्रियों के अधिकारों पर आघात है। नारी पर प्राचीन काल से ही हर फैसला जबरदस्ती लागू किया जाता रहा है। विवाह के बारे में भी वह निर्णय नहीं ले सकती थी। विवाह के मामले में माता-पिता व समाज की इच्छा ही सर्वोपरि थी। यदि लड़की इसका विरोध करती तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता। उसे अपनी ज़रूरत तथा इच्छा बताने का अधिकार बिलकुल नहीं था।
(ख) ‘काले मेघा पानी दे’ में लेखक ने लोक मान्यताओं के पीछे छिपे किस तर्क को उभारा है? आप भी अपने जीवन के अनुभव से किसी अंधविश्वास के पीछे छिपे तर्क को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
काले मेघा पानी दे’ में लेखक ने लोक मान्यताओं के पीछे दिए इस तर्क को उभारा है कि पाने के लिए कुछ देना (दान, त्याग करना) पड़ता है। बिना दिए कुछ नहीं पाया जा सकता। अंधे, अपाहिज की सहायता करके मन को असीम संतुष्टि और आनंद की अनुभूति होती है। देने से मन को जो संतोष मिलता है वह अंधविश्वास न होकर एक भावनात्मक वास्तविकता है।
(ग) डॉ. आम्बेडकर ने जाति-प्रथा को श्रम-विभाजन का ही एक रूप क्यों माना है?
उत्तर:
डॉ. आम्बेडकर ने जाति-प्रथा को श्रम विभाजन का ही एक रूप माना है क्योंकि यह श्रम-विभाजन के साथ-साथ श्रमिकों का विभिन्न वर्गों में अस्वाभाविक विभाजन करती है। ऐसा विभाजन मनुष्य की रुचि पर आधारित नहीं होता। साथ ही यह श्रमिकों के विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी बताता है। जाति-प्रथा का सिद्धांत इसलिए भी दूषित है क्योंकि इसमें मनुष्य के प्रशिक्षण अथवा उसकी निजी क्षमता पर विचार किए बिना ही कार्य निर्धारित कर दिया जाता है। दूसरे शब्दों में व्यक्ति की कार्य-दक्षता, योग्यता एवं क्षमता का विचार किए बिना माता-पिता के सामाजिक स्तर के अनुसार या जन्म से ही उनका पेशा निर्धारित कर दिया जाता है।
13. गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए। (2 × 2 = 4)
(क) लुट्टन पहलवान ने ढोल को अपना गुरू क्यों कहा ?
उत्तर:
कुश्ती खेलने में लुट्टन का कोई गुरू नहीं, स्वयं ही दांव-पेंच सीखे, ढोल की आवाज़ से उसे लड़ने का जोश मिलता।
व्याख्यात्मक हल : लुट्टन पहलवान ढोल को अपना गुरु इसलिए मानता था क्योंकि चाँद सिंह पहलवान से कुश्ती लड़ते समय ढोल की ताल से ही उसमें प्रेरणा, शक्ति आती थी, ढोल के दांव-पेंच ने ऐसा भाव जगाया कि उसे पछाड़ने में अप्रत्याशित रूप से सफ़ल हो गया। तब से वह ढोलक को अपना गुरु मानने लगा। उसे ढोल की आवाज़ में कुश्ती के दांव-पेंच का आभास होता था।
(ख) ‘गगरी फूटी बैल पियासा’ से लेखक का क्या आशय है ?
उत्तर:
‘गगरी फूटी बैल पियासा’ से लेखक का आशय यह है कि प्यासे बैल खेत में काम नहीं कर पाएंगे। बिना पानी के वे जीवित नहीं बचेंगे और बिना पानी के खेती बर्बाद हो जाएगी क्योंकि बैल ही हमारी कृषि व्यवस्था के आधार हैं इसलिए मेढक मंडली इंद्र से व मेघों से प्रार्थना करती है कि बैलों के लिए पानी दो, तभी हमारा जीवन सुरक्षित रह पाएगा।
(ग) बाज़ार का जादू चढ़ने और उतरने का मनुष्य पर क्या-क्या असर पड़ता है?
उत्तर:
(i) जेब भरी रहने पर बाज़ार अपना जादू दिखाता है। बाज़ार की सभी वस्तुएँ उपयोगी तथा आरामदायक लगती हैं। मनुष्य उन चीजों से आकर्षित होकर उन्हें खरीदने को विवश हो जाता है। चाहे वे उसके लिए अनावश्यक हों।
(ii) जादू उतरने पर वही वस्तु दुःख देती है जो हमने आराम के लिए खरीदी थी।
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