Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 2 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 2 with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और ‘ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘क’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
साहित्य और समाज दोनों एक-दूसरे पर आश्रित हैं। साहित्य के बिना समाज निष्प्राण और जड़ है तो समाज के बिना साहित्य की रचना ही असंभव है। यदि साहित्य-रचना किसी प्रकार कर भी ली जाए तो वह केवल अरण्य-रोदन मात्र होगी, उसे सुनने वाला, उससे प्रभावित होने वाला कोई नहीं होगा। स्वयं ‘साहित्य’ शब्द में समाज छिपा हुआ है। यदि ‘स+हित’ शब्द से साहित्य की व्युत्पत्ति स्वीकार करें तो प्रश्न उठेगा कि हित किसका? कहा जा सकता है कि हित तो एक व्यक्ति का भी हो सकता है या केवल रचनाकार का भी हो सकता है। किंतु व्यक्ति के हित अथवा रचनाकार के हित का महत्व भी समाज की सापेक्षता में ही है। यदि ‘सहितस्य भाव साहित्यम्’ वाली व्युत्पत्ति को स्वीकार किया जाए तो वहाँ तो साथ रहने का भाव स्पष्ट ही है। इसी प्रकार शब्द-अर्थ के सहभाव को साहित्य मानें तब भी, रसात्मक वाक्य को साहित्य मानें तब भी और जीवन की व्याख्या को साहित्य मानें तब भी साहित्य समाज का पूरक ही ठहरता है।
आचार्य विश्वनाथ ने साहित्य को धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष की प्राप्ति का साधन बतलाया है। मम्मट ने काव्य को यश, अर्थ, व्यवहार का ज्ञान, अशिव की क्षति, कांतिसम्मत उपदेश और ‘स्व’, ‘पर’ की भावना से मुक्त करने वाला बतलाया है। तुलसीदास ने लिखा है- कीरति, भणिति भूति भल सोई। सुरसरि सम सब कहँ हित कोई।।
अर्थात्-यश, कविता, ऐश्वर्य वही अच्छा है जो गंगा के समान सबका कल्याण कर सके। तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ को ‘स्वांतः सुखाय तुलसी रघुनाथ गाथा’ अवश्य कहा था किंतु चार-पाँच सौ वर्षों बाद भी रामचरितमानस आज बहुत सारे लोगों को आनंद दे रहा है, उनका कल्याण कर रहा है। विश्वनाथ और मम्मट द्वारा गिनाए गए प्रयोजनों की सिद्धि भी समाज में रहकर ही संभव है।
कोई भी साहित्यकार शून्य में रचना नहीं करता। शून्य में रचा जाने वाला साहित्य अरण्य रोदन होता है। उसके अनुभव और उसके विचार निविड़ एकांत में जन्म नहीं लेते। जीवन और समाज के व्यापक परिप्रेक्ष्य में ही उनका जन्म होता है और उसी में व्यक्त होकर उन्हें सार्थकता प्राप्त होती है। साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है। इस कथन में इतना ही सत्य है कि प्रत्येक युग के जीवन की छाप उस युग के साहित्य पर पड़ती है। (क) साहित्य को समाज का दर्पण क्यों कहा जाता है?
(i) क्योंकि किसी भी युग की झलक उस युग के साहित्य से मिल जाती है।
(ii) क्योंकि साहित्य सबसे पुराना होता है।
(iii) क्योंकि साहित्य में प्राचीन परम्पराओं का निवास होता है।
(iv) क्योंकि साहित्य सभी गुणों से युक्त है।
उत्तरः
(i) क्योंकि किसी भी युग की झलक उस युग के साहित्य से मिल जाती है।
(ख) आज रामचरितमानस क्या कार्य कर रहा है?
(i) उन्हें कथा सुना रहा है
(ii) उनका कल्याण कर रहा है
(iii) उन पर आश्रित है
(iv) उनका दर्पण है
उत्तरः
(ii) उनका कल्याण कर रहा है।
(ग) किस प्रकार का साहित्य अरण्य रोदन मात्र कहलाता है?
(i) सच्चा साहित्य
(ii) पुराना साहित्य
(iii) शून्य में रचा हुआ साहित्य
(iv) कविता से मुक्त
उत्तरः
(iii) शून्य में रचा हुआ साहित्य।
(घ) ‘साहित्य’ शब्द में क्या छिपा हुआ है?
(i) समाज
(ii) साहित्य
(iii) कल्याण
(iv) सत्
उत्तरः
(i) समाज।
(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A): साहित्यकार के अनुभव और विचार साहित्य को जन्म देते हैं।
कारण (R): किसी भी समाज की छाप उसके साहित्य में मिलती है।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही हैं।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन हैं। (A) की सही व्याख्या है
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है
उत्तरः
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
योग कला है योग साधना,
योग मिलन की है आराधना,
जीव को जो उस प्रभु से मिला दे,
ऐसी अद्भुत राह योग है।
मनोरुग्ण है जीव जगत में,
शारीरिक रोगों से ग्रस्त है,
प्रतिरोधक क्षमता जो जगा दे,
ऐसा अमृत कलश योग है।
अंतर्मन व बाह्य जगत में,
धैर्य, विवेक है क्षीण हो रहे,
हर मन में विश्वास जगा दे,
वह अतुल्य सद्ज्ञान योग है।
सुप्त शक्तियों को जो जगा दे,
खुद को खुद से ही जो मिला दे,
समता का मन में भाव जगा दे,
उस दिव्य दृष्टि का नाम योग है।
(क) योग को किससे मिलने की आराधना बताया गया है?
(i) प्रभु से
(ii) स्वयं से
(iii) कवि से
(iv) जग से
उत्तरः
(i) प्रभु से।
(ख) जगत् में जीव कैसा है?
(i) प्रसन्न
(ii) मनोरुग्ण
(iii) अद्भुत
(iv) आनंदित
उत्तरः
(ii) मनोरुग्ण।
(ग) योग हर मन में क्या जगाता है?
(i) अविश्वास
(ii) असत्य
(iii) विश्वास
(iv) नींद
उत्तरः
(iii) विश्वास।
(घ) योग को क्या कहा गया है?
(i) आराधना
(ii) अंतर्मन
(iii) समता
(iv) अमृत कलश
उत्तरः
(iv) अमृत कलश।
(ङ) पद्यांश के अनुसार योग को परिभाषित किया जा सकता है
(I) शारीरिक रोगों को दूर करने के साधन के रूप में
(II) प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले साधन के रूप में
(III) दूसरों को सुलाने वाले साधन के रूप में
(IV) सुप्त शक्तियों को जगाने वाले साधन के रूप में
विकल्प:
(i) काथन II सही है
(ii) कथन I, II व III सही हैं
(iii) कथन I, II व IV सही हैं
(iv) कथन I, II, III व IV सही हैं
उत्तरः
(ङ) (iv) कथन I, II, III व IV सही हैं।
अथवा
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-II पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
भई सूरज
जरा इस आदमी को जगाओ।
भई पवन
जरा इस आदमी को हिलाओ।
यह आदमी जो सोया पड़ा है,
जो सच से बेखबर
सपनों में खोया पड़ा है।
भई पंछी इसके कानों परचिल्लाओ।
भई सूरज, जरा इस आदमी को जगाओ।
वक्त पर जगाओ
नहीं तो जब बेवक्त जगेगा यह
तो जो आगे निकल गए हैं
उन्हें पाने दृश्य
घबरा के भागेगा यह !
घबरा के भागना अलग है,
क्षिप्र गति अलग है,
क्षिप्र तो वह है
जो सही क्षण में सजग है। सूरज इसे जगाओ
पवन इसे हिलाओ
पंछी इसके कानों पर चिल्लाओ !
(क) कवि किसे जगाने की गुहार नहीं कर रहा है?
(i) सूरज
(ii) चाँद
(iii) पवन
(iv) पंछी
उत्तरः
(i) चाँद।
(ख) ‘सोया पड़ा आदमी………………. से बेखबर है।’ रिक्त स्थान के लिए उचित विकल्प होगा
(i) खुद
(ii) घर-परिवार
(iii) सच
(iv) समाचार
उत्तरः
(iii) सच।
(ग) बेवक्त जागने का क्या दुष्परिणाम होगा
(i) व्यक्ति परेशान हो जाएगा।
(ii) इधर-उधर भागेगा
(iii) निराश हो जाएगा
(iv) आगे जाने वालों को पाने के लिए भागेगा
उत्तरः
(iv) आगे जाने वालों को पाने के लिए भागेगा।
(घ) क्षिप्र गति का क्या अर्थ है?
(i) तेज़ दौड़ना
(ii) समय पर सोना
(iii) तुरंत काम करना
(iv) सही समय पर जागरूक होना
उत्तरः
(iv) सही समय पर जागरूक होना।
(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A): सच से बेखबर मनुष्य का जागना आवश्यक है।
कारण (R): सच को जानने वाला मनुष्य ही अपने जीवन को सार्थक व उन्नत बना सकता है।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत है।
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है
उत्तरः
(ङ) (iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) बादल बिना बरसे ही चले गए। वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूप होगा-
(i) बादल आए और बिना बरसे ही चले गए।
(ii) बादल बरसे भी नहीं और चले भी गए।
(iii) बिना बरसे ही बादल चले गए।
(iv) बादल चले भी गए और बरसे भी नहीं।
उत्तरः
(i) बादल आए और बिना बरसे ही चले गए।
व्याख्यात्मक हल: संयुक्त वाक्य में दो. सरल वाक्य होते हैं जो अपनेआप में पूर्ण अर्थ को व्यक्त करते हैं।
(ख) आप द्वार पर बैठे और उसकी प्रतीक्षा करें। वाक्य का सरल वाक्य में रूप होगा
(i) आप उसकी प्रतीक्षा करने के लिए द्वार पर बैठे।
(ii) आप द्वार पर बैठकर उसकी प्रतीक्षा करें।
(iii) आपको उसकी प्रतीक्षा करनी है इसलिए द्वार पर बैठे।
(iv) प्रतीक्षा करो उसकी घर के द्वार पर
उत्तरः
(ii) आप द्वार पर बैठकर उसकी प्रतीक्षा करें।
व्याख्यात्मक हल: सरल वाक्य में एक उद्देश्य और एक क्रिया होते हैं। अतः यही सही उत्तर है।
(ग) कमल आया और उसके मित्र चले गए। वाक्य का मिश्र वाक्य में रूप होगा
(i) कमल के आने पर उसके मित्र चले गए।
(ii) कमल के मित्र जैसे ही चले गए वैसे ही कमल आया।
(iii) जैसे ही कमल आया वैसे ही उसके मित्र चले गए।
(iv) कमल के मित्र चले गए और वह घर आया।
उत्तरः
(iii) जैसे ही कमल आया वैसे ही उसके मित्र चले गए।
व्याख्यात्मक हल: मिश्र वाक्य में एक वाक्य दूसरे पर आश्रित होता है। प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य समुच्चयबोधक अव्यय द्वारा जुड़े हुए होते
(घ) अध्यापक ने कहा कि वह विद्वान है। रेखांकित उपवाक्य का भेद बताइए।
(i) संज्ञा उपवाक्य
(ii) विशेषण उपवाक्य
(iii) क्रियाविशेषण उपवाक्य
(iv) प्रधान उपवाक्य
उत्तरः
(i) संज्ञा उपवाक्य।
व्याख्यात्मक हल: संज्ञा उपवाक्य की प्रमुख पहचान है कि ये आश्रित उपवाक्य ‘कि’ योजक से आरंभ होते हैं।
(ङ) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. होरी गरीब किसान है और उसके पास बैल नहीं है। | (I) मिश्र वाक्य |
2. यह परिधान बहुत सुंदर है परंतु महँगा है। | (II) सरल वाक्य । |
3. पंख वाले चींटे वर्षा के दिनों में निकलते हैं। | (III) संयुक्त वाक्य |
विकल्प:
(i) (1) (III), (2) (I), (3) (II)
(ii) (1) (II), (2) (III), (3) (I)
(iii) (1) (I), (2) (II), (3) (III)
(iv) (1) (III), (2) (II), (3) (I)
उत्तरः
(i) 1 (III), 2 (1), 3 (II)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) माली के द्वारा पौधों में पानी दिया जा रहा है। वाक्य का कर्तृवाच्य में रूप होगा-
(i) माली पौधों में पानी दे रहा है।
(ii) पौधों में पानी दे रहा है माली।
(iii) माली से पौधों में पानी दिया जा रहा है।
(iv) पौधों में पानी दिया जा रहा है माली के द्वारा।
उत्तरः
(i) माली पौधों में पानी दे रहा है।
(ख) अब चलते हैं। वाक्य का भाववाच्य में रूप होगा-
(i) अब चलो
(ii) अब चला जाए
(iii) चलते हैं अब
(iv) चलो, चलें
उत्तरः
(ii) अब चला जाए।
(ग) मैंने पत्र लिखा। वाक्य का कर्मवाच्य में रूप होगा-
(i) पत्र लिखा है मैंने
(ii) लिखा है पत्र मैंने
(iii) मेरे द्वारा पत्र लिखा गया
(iv) लिख गया पत्र मेरे द्वारा
उत्तरः
(iii) मेरे द्वारा पत्र लिखा गया।
(घ) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. उसके द्वारा कालीन बुना जाता है। | (I) कर्तृवाच्य |
2. वह उठ- बैठ नहीं सकता। | (II) भाववाच्य |
3. रातभर कैसे जागा जाएगा? | (III) कर्मवाच्य |
विकल्प:
(i) 1 (III), 2 (I), 3 (II)
(ii) 1 (II), 2 (III), 3 (I)
(iii) 1 (1), 2 (II), 3 (III)
(iv) 1 (III), 2 (II), 3 (I)
उत्तरः
(i) 1 (III), 2 (I), 3 (II)
(ङ) उसके द्वारा आज बाज़ार नहीं जाया गया। वाक्य का कर्तृवाच्य में रूप होगा
(i) बाज़ार जाया नहीं गया उससे आज
(ii) नहीं जाया गया उससे आज बाज़ार
(iii) बाज़ार उससे आज नहीं जाया गया
(iv) वह आज बाज़ार नहीं गया
उत्तरः
(ङ) (iv) वह आज बाज़ार नहीं गया।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) इस बालक ने हिंदी में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा-
(i) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
(ii) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
(iii) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक।
(iv) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अपादान कारक।
उत्तरः
(i) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
(ख) पिता जी अखबार पढ़ रहे हैं। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा-
(i) अकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिंग।
(ii) सकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिंग।
(iii) द्विकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिंग।
(iv) अकर्मक क्रिया,भूतकाल, पुल्लिंग।
उत्तरः
(ii) सकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिंग।
(ग) मैच देखने के लिए बच्चे खुशी-खुशी स्टेडियम पहुँचे। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) कालवाचक क्रियाविशेषण
(ii) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
(iii) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(iv) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
उत्तरः
(iii) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(घ) मौसम बहुत सुहावना है। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन ।
(ii) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(iii) संज्ञा, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन।
उत्तरः
(i) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन ।
(ङ) कोई आया है। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) निश्चयवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
(ii) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
(iii) प्रश्नवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
(iv) सम्बन्धवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
उत्तरः
(ii) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘रावण सर सरोज बनचारी’ चलि रघुबीर सिलीमुख धारी’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(i) श्लेष
व्याख्यात्मक हल: यहाँ ‘सिलीमुख’ के दो अर्थ है- पहला बाण और दूसरा-भ्रमर। अतः यहाँ श्लेष अलंकार
(ख) ‘दादुर धुनि चहुँ ओर सुहाई, वेद पढ़त जनु बटु समुदाई’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(ii) उत्प्रेक्षा
व्याख्यात्मक हल: यहाँ मेंढकों की आवाज को वेदपाठियों के वेद पढ़ने की ध्वनि के जैसा होने की संभावना व्यक्त की गई है। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ग) ‘कलियाँ दरवाजे खोल-खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(iii) मानवीकरण
व्याख्यात्मक हल: यहाँ कलियों को मानव के समान मुस्काते हुए बताया गया है। अतः मानवीकरण अलंकार खंड वर्णनात्मक
(घ) ‘परवल पाक, फाट हिय गोहूँ’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(iv) अतिशयोक्ति
व्याख्यात्मक हल: यहाँ विरह के कारण परवल का पकना और गेंहू का हृदय फटना अतिशयोक्तिपूर्ण है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
(ङ) ‘मैं बरजी कैबार तू, इतकत लेती करौंट। पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(iv) अतिशयोक्ति
व्याख्यात्मक हल: यहाँ गुलाब की कोमल पंखुरियों से चोट लगाना अतिशयोक्तिपूर्ण है अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5) काशी में संगीत आयोजन की एक प्राचीन एंव अद्भुत परंपरा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से संकटमोचन मंदिर में होता आया है। यह मंदिर शहर के दक्षिण में लंका पर स्थित है व हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ पाँच दिनों तक शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन-वादन की उत्कृष्ट सभा होती है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है। वे जब भी काशी से बाहर रहते हैं तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा की ओर मुँह करके बैठते हैं, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला घुमा दिया जाता है और भीतर की आस्था रीड के माध्यम से बजती है। खाँ साहब की एक रीड 15 से 20 मिनट के अंदर गीली हो जाती है तब वे दूसरी रीड का इस्तेमाल कर लिया करते हैं।
(क) काशी में कौनसी परंपरा प्राचीन है?
(i) संगीत आयोजन की
(ii) बिस्मिल्ला खाँ की
(iii) रीड की
(iv) बैठने की
उत्तरः
(i) संगीत आयोजन की
(ख) संकटमोचन मंदिर कहाँ स्थित है?
(i) काशी में
(ii) लंका में
(iii) बनारस में
(iv) दिल्ली में
उत्तरः
(ii) लंका में
(ग) किस अवसर पर संकटमोचन मंदिर में गायन वादन की सभा होती है?
(i) हनुमान जयंती पर
(ii) शिवरात्रि पर
(iii) संकट चतुर्थी पर
(iv) दीवाली पर
उत्तरः
(i) हनुमान जयंती पर
(घ) बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा किस पर प्रकट होती थी?
(i) काशी के प्रति
(ii) विश्वनाथ व बालाजी मंदिर के प्रति
(iii) केवल विश्वनाथ के प्रति
(iv) केवल बालाजी मंदिर के प्रति
उत्तरः
(ii) विश्वनाथ व बालाजी मंदिर के प्रति
(ङ) गद्यांश किस पाठ से उद्धृत है?
(i) इबादत में नौबतखाना
(ii) बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई
(iii) नौबतखाने में इबादत
(iv) मंगलध्वनि के प्रतीक
उत्तरः
(iii) नौबतखाने में इबादत
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) लेखक को डिब्बे में अचानक आया देखकर नवाब साहब के चेहरे पर कौन-से भाव नज़र आए?
(i) असंतोष के
(ii) प्रसन्नता के
(iii) निराशा के
(iv) सुख के
उत्तरः
(i) असंतोष के
(ख) इसी बालसुलभ हँसी में कई यादें बंद हैं- यहाँ किसकी बालसुलभ हँसी की बात कही जा रही है?
(i) बिस्मिल्ला खाँ की
(ii) मन्नू भंडारी की
(iii) नेताजी की
(iv) बालगोबिन भगत की
उत्तरः
(i) बिस्मिल्ला खाँ की
प्रश्न 9.
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ? क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ?
सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्म-कथा?
अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा।
(क) कवि की नहीं लिखना चाहता?
(i) आत्मकथा
(ii) कविता
(iii) कहानी
(iv) सन्देश
उत्तरः
(i) आत्मकथा
(ख) अपनी आत्मकथा को कवि ने भोली क्यों कहा
(i) क्योंकि उससे किसी का मार्गदर्शन नहीं हो सकता
(ii) क्योंकि वह बहुत छोटी है
(iii) क्योंकि वह दूसरों की बात सुनता है
(iv) क्योंकि वह लक्ष्यहीन है
उत्तरः
(i) क्योंकि उससे किसी का मार्गदर्शन नहीं हो सकता
(ग) कवि अपनी कथा कहने के बजाय क्या करना चाहता है?
(i) कविता लिखना
(ii) दूसरों को प्रेरणा देना
(iii) दूसरों की आत्मकथा सुनना
(iv) अपनी आत्मकथा सुनाना
उत्तरः
(iii) दूसरों की आत्मकथा सुनना
(घ) कवि स्वयं मौन रहना क्यों चाहता है?
(i) क्योंकि उसे बोलना नहीं है
(ii) क्योंकि उसे आत्मकथा नहीं सुनानी है
(iii) क्योंकि वह अपने कष्टों को कुरेदना नहीं चाहता
(iv) क्योंकि लोगों से उसे बोलने को मना किया
उत्तरः
(iii) क्योंकि वह अपने कष्टों को कुरेदना नहीं चाहता
(ङ) यहाँ किस कवि की ओर संकेत किया गया है?
(i) जयशंकर प्रसाद की
(ii) नागार्जुन की
(iii) मंगलेश डबराल की
(iv) ऋतुराज की
उत्तरः
(i) जयशंकर प्रसाद की
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘अट नहीं रही है’ कविता में किसकी शोभा समा नहीं पा रही है?
(i) फागुन की
(ii) फूलों की
(iii) वृक्षों की
(iv) पत्तियों की
(ख) परशुराम का क्रोध बढ़ता हुआ देख लक्ष्मण को किसने संकेत से बोलने को मना किया?
(i) विश्वामित्र ने
(ii) जनक ने।
(iii) राम ने
(iv) सभासद ने
खंड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न (अंक: 40)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?
उत्तरः
मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि भले ही कैप्टन की मृत्यु हो गई हो, पर देशभक्तों के प्रति मन में आदर और सम्मान रखने वाले लोग अभी भी हैं। हो सकता है कि सरकंडे का चश्मा किसी बच्चे के दिमाग की उपज हो, परन्तु इससे यह तो स्पष्ट हो जाता है कि भावी पीढ़ी के मन में भी देशभक्तों के प्रति श्रद्धा के भाव हैं।
(ख) देश के स्वतंत्रता आंदोलन में मन्नू भंडारी की भागीदारी के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तरः
देश के स्वतंत्रता आंदोलन में मन्नू भंडारी ने सक्रिय भागीदारी निभाई
(i) जब देश में आजादी से पहले हर स्थान पर प्रभात फेरियाँ निकाली जा रही थीं, हड़तालें हो रही थी और जुलूस निकाले जा रहे थे तो मन्नू भंडारी ने उनमें बढ़-चढ़कर भाग लिया।
(ii) स्कूल, कॉलेज की कक्षाएँ छोड़कर लेखक विद्यार्थियों को इकट्ठा कर देशप्रेम के नारे लगाती। उन्होंने मुख्य बाजार के चौराहे पर जोशीला भाषण दिया, जो सराहनीय है।
(ग) ‘लखनऊ के नवाबी नस्ल के सफेदपोश सज्जन’ में क्या व्यंग्य किया गया है?
उत्तरः
लेखक ने यहाँ लखनऊ के नवाबों के दिखावटी स्वभाव पर व्यंग्य किया है। ये नवाब अत्यंत ही नफासती और शिष्ट होते हैं। अपनी इन विशेषताओं को ये इतना बढ़ा-चढ़ा कर दिखाते हैं कि समाज में उपहास का पात्र बन जाते हैं। उनकी इन्हीं विशेषताओं को प्रदर्शित करने के लिए लेखक ने ‘नस्ल’ शब्द का प्रयोग किया है। उनके अनुसार ये आम मानव प्रजाति के न होकर अन्य मानव प्रजाति के हैं।
(घ) बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा जाता है?
उत्तरः
शहनाई एक ऐसा वाद्ययंत्र है जो मांगलिक अवसरों पर बजाया जाता है। शहनाई वादन हमारी एक प्राचीन परंपरा रही है। बिस्मिल्ला खां को शहनाई बजाने में महारत हासिल थी। उनकी जैसी मधुर शहनाई कोई नहीं बजा सकता था। वे संगीत के नायक रहे हैं, यही कारण है कि उन्हें शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा जाता है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) परशुराम के क्रोध का मूल कारण लिखिए।
उत्तरः
परशुराम के क्रोध का मूल कारण शिव-धनुष का टूटना था क्योंकि वह धनुष परशुराम जी ने ही राजा जनक को दिया था। परशुराम जब धनुष तोड़ने वाले का नाम पूछते हैं तो लक्ष्मण उनसे जबानदराजी करने लगते हैं। इस पर उनका क्रोध और अधिक बढ़ जाता है।
(ख) ‘उत्साह’ कविता में कवि बादलों से क्या आग्रह करता है और क्यों?
उत्तरः
‘उत्साह’ कविता में कवि बादलों से जोर से गरजकर बरसने का आग्रह करता है क्योंकि वह बादलों को नवजीवन और क्रान्ति का प्रतीक मानता है। उसके अनुसार बादलों के जोर से बरसने पर लोगों का मन प्रफुल्लित हो जाता है और उनमें नवीन उत्साह का संचार होने लगता है।
(ग) ‘यह दंतुरित मुस्कान’ कविता के आधार पर शिशु की मुस्कान के प्रभाव का वर्णन कीजिए?
उत्तरः
(ग) शिशु की दंतुरित मुस्कान मृतक में भी जान डाल देने वाली होती है। कवि कहता है कि तुम्हारे नए दाँतों से युक्त मुस्कान को देखकर लगता है कि कमल स्वयं मेरी झोपड़ी में आकर खिला है और बाँस तथा बबूल से भी शेफालिका के फूल झड़नेलगे हैं।
(घ) ‘फसल’ कविता में फसल उपजाने के लिए जिन आवश्यक तत्वों की बात कही गई है, वे कौन-कौन से हैं?
उत्तरः
कविता में फसल उपजाने के लिए जिन आवश्यक तत्वों की बात कही गई है, वे निम्नलिखित हैं
- विभिन्न नदियों का जल
- खेतों की भूरी काली मिट्टी
- सूर्य की किरणें
- हवा
- असंख्य मनुष्यों के हाथों का स्पर्श और परिश्रम
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) लेखक भोलानाथ को उनके पिताजी द्वारा अपने साथ पूजा में बैठाने के पीछे क्या उद्देश्य रहा होगा?
उत्तरः
लेखक के अनुसार भोलानाथ के पिताजी धार्मिक प्रवृत्ति वाले थे। वे अपने बेटे में अच्छे संस्कार डालना चाहते थे। उनके मन में ईश्वर के प्रति आस्था, विश्वास और श्रद्धा के भाव वे बचपन से ही जगाना चाहते थे। इसलिए वह उन्हें नहला-धुलाकर अपने साथ पूजा में बिठा लेते थे और फिर उन्हें साथ लेकर मछलियों को दाना डालने ले जाते थे।
(ख) “एक दिन मैंने हिरोशिमा पर कविता लिखी।” लेखक की अनुभूति अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः
लेखक ने हिरोशिमा की सड़क पर घूमते हुए एक पत्थर पर मानवाकार छाया देखी . और अनुभव किया कि यह परमाणु बम की किरणों से झुलसा मानव था, तो लेखक के हृदय में भावनात्मक आकुलता का दबाव बना, उसे संवेदनात्मक प्रत्यक्ष अनुभूति हुई कि मानो वहाँ कोई व्यक्ति खड़ा रहा होगा जो रेडियोधर्मी किरणों का शिकार हुआ। जिसने पत्थर तक को झुलसा दिया और उस व्यक्ति को भाप बनाकर उड़ा दिया और तब उसने सहसा ‘हिरोशिमा’ कविता लिखी।
(ग) लायुंग पहुँचकर लेखिका ने क्या अनुभव किया ?
उत्तरः
लायुंग सिक्किम का एक छोटा सा पहाडी कस्बा है। यहाँ पहुँचकर तीस्ता नदी के किनारे बैठकर लेखिका ने अपूर्व शांति का अनुभव किया। उन्हें लगा कि वह प्रकृति की अखंड सम्पूर्णता के बीच बैठी हैं। पेड़-पौधे, पशु-इन्सान सबमें वे एक लय और गति को अनुभव कर रही हैं। उनका मानना है कि यही लय और गति सबके मूल स्वभाव में बनी रहे, इसी में सबकी भलाई है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) पर उपदेश कुशल बहुतेरे
- उक्ति का अर्थ
- प्रभाव
- आदर्श स्थिति।
उत्तरः
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
उपदेश देना भी एक कला है और इस उक्ति के अनुसार इस कला में बहुत-से लोग या कहना चाहिए कि अधिकांश लोग कुशल होते हैं। दूसरों को उपदेश देना जितना सरल है उतना ही कठिन है उस पर स्वयं अमल करना। दूसरों को दुविधा में देखकर सभी लोग अपनी-अपनी समझ से उपदेश देने लगते हैं, परन्तु विचारणीय है कि वे स्वयं उसका कितना पालन करते हैं। दूसरों को ज्ञान देना जितना आसान है उतना ही कठिन है उस ज्ञान को व्यवहार में लाना। यदि देखा जाए तो हमारा उपदेश भी तभी काम करता है जब हमने उसे व्यवहार में लिया हो। जिस बात का हम खुद अनुभव नहीं कर सकते, उसे दूसरों को कैसे कह सकते हैं और यदि कह भी दिया तो उस बात का कोई वजन नहीं। उपदेश देने के लिए तो सब तैयार रहते हैं, परन्तु जब तक वह जीवन के अनुभवों से नहीं जुड़ता है तब तक वह प्रभावहीन रहता है। उदाहरण के लिए, मेघनाद वध के समय रावण ने जो कुछ कहा वह निरर्थक था, क्योंकि रावण ने उसे स्वयं अपने जीवन में नहीं उतारा था। ऐसा अक्सर होता है कि किसी को परेशानी में देखकर बजाए उसका दुःख बाँटने के हम उसे उपदेश देने लगते हैं। किसी की छोटी-सी गलती भी हमें अक्षम्य होती है और हमारी बड़ी-से-बड़ी गलती पर कोई हमें कुछ कह दे, तो वह हमें मंजूर नहीं। दूसरों को उपदेश देना हर कोई चाहता है, परन्तु दूसरों की सहायता के लिए कोई आगे नहीं आता। सामान्यतः उपदेशों को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाता है, किन्तु मेरा मानना है कि जब हम स्वयं दुविधा में हों या पथभ्रष्ट होते हों तब हमारा विवेक तो नष्ट हो चका होता है। ऐसे में कोई दूसरा हमें समझाता है या उपदेश देकर सही मार्ग दिखाता है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। अतः उपदेश का सम्मान करना चाहिए, किन्तु जो हम नहीं कर सके, दूसरे से वह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
अथवा
(ख) मेरी कल्पना का भारत
- प्राचीन भारत
- भारत की काल्पनिक तस्वीर
- कल्पना को साकार करने के उपाय।
उत्तरः
मेरी कल्पना का भारत
एक बच्चे की सभी जरूरतें परिवार पूरी करता है, उसे प्यार-दुलार देता है, सारी सुख-सुविधाएँ देने का प्रयत्न करता है तो बच्चे को परिवार से बहुत लगाव हो जाता है और फिर बड़ा होकर वह भी उनके सुख-दुःख में शामिल होता है। इसी प्रकार का सम्बन्ध हमारा देश से भी होता है। देश हमें अनगिनत अधिकार देकर, विकास के अवसर प्रदान करके हमें जीवनयापन में सहयोग देता है तो हमें भी उसके विकास, उसकी गरिमा को देखकर कितनी प्रसन्नता होती है। हम देश को ऊँचाइयों पर देखना चाहते हैं। अन्य विकसित देशों की उपलब्धियों के बारे में जब सुनते हैं तो कामना करते हैं कि हमारा देश भी उन्हें पार करे। आज हमारा देश भारत अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है। एक ओर प्राकृतिक आपदाएँ तो दूसरी ओर आतंकवाद, कहीं राजनैतिक तो कहीं सामाजिक बुराइयाँ देश के विकास में बाधा बनकर खड़ी हैं। मेरा सपना है कि सभी भारतवासी आपसी मतभेदों को भुलाकर, विभिन्न क्षेत्रों में देश को तेजी से विकास की ओर लेकर जाएँ ताकि हम गर्व से एक बार फिर कह सकें-
‘सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा।’
भारत की सभ्यता और संस्कृति विश्व में सबसे प्राचीन है। संसार की सभी सभ्यताएँ नष्ट हो चुकी है, परन्तु हमारी संस्कृति अक्षुण्ण है, अखण्ड है। एक ओर हिमालय इसका मुकुट है तो दूसरी ओर गंगा इसके पाँव पखारती है। मेरे सपनों का भारत एक नया ही भारत होगा, जहाँ पर जाति-पाँति को लेकर कोई भेदभाव नहीं होगा। सभी धर्मों के लोग आपस में मिल-जुलकर रहेंगे। यहाँ सबको अपने विचार प्रकट करने की स्वतन्त्रता होगी। भारत विश्वगुरु रहा है। किसी भी प्रकार की ऊँच-नीच को लेकर लोगों में जहाँ मन-मुटाव न हो, ऐसा होगा मेरा भारत। एक समय वह भी आएगा जब मेरा भारत हर क्षेत्र में विश्व में सबसे आगे होगा।
अथवा
(ग) सैनिक की आत्मकथा
- सैनिक का जीवन
- मुश्किलें
- चुनौतियाँ
- हमारे लिए संदेश।
उत्तरः
सैनिक की आत्मकथा
जब से मैंने देश की रक्षा की शपथ ली है, मेरी हर साँस देश के लिए धड़कती है। मुझे अपनी जान की परवाह नहीं है, लेकिन देश पर आँच आए, यह मुझे मंजूर नहीं। युद्धभूमि में शत्रु का सामना करते हुए भले ही मेरा सीना छलनी हो जाए, मेरी साँसें रुकने लगें, किन्तु मेरे कदम नहीं रुकते। मैं अन्तिम साँस तक अपनी मातृभूमि की हिफाजत करने का अपना वचन निभाता हूँ। मैं अपना घर, परिवार सब छोड़कर सीमा पर तैनात रहता हूँ, ताकि मेरा देश और देशवासी सुरक्षित रह सकें। मेरी होली, दीवाली, हँसी-खुशी, सुख-दुःख सब देश पर कुर्बान है। जिस धरती ने मुझे अपना अन्न-जल देकर बड़ा किया है, उसकी सुरक्षा मेरा प्रथम दायित्व है। यदि मुझे इसकी खातिर जान भी कुर्बान करनी पड़े तो कुछ गम नहीं, क्योंकि ऐसे जीवन का क्या लाभ जो देश के काम ही न आ सके। मेरा सभी देशवासियों से यही अनुरोध है कि वे किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हों, पर अपने देश व समाज विरोधी कोई कार्य न करें, क्योंकि-
जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं,
वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।
मैं देश के सजग प्रहरी के रूप में अपने कर्तव्य का पालन बड़ी ही निष्ठा और ईमानदारी से करता हूँ। भारत माँ की रक्षा के लिए ईश्वर ने मुझे जो अवसर प्रदान किया है, उसके लिए मैं ईश्वर को सदा धन्यवाद देता हूँ और स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता हूँ कि मुझे अपनी धरती माँ की सेवा का अवसर मिला। हम सभी सैनिक मिल-जुलकर धरती माँ की रक्षा करते हैं। काश! सभी देशवासी भी ऐसा ही करें, तो भारत-भूमि एक बार फिर से अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त कर सकेगी। हम सभी सैनिकों के अनुभव अलग-अलग हैं, पर लक्ष्य एक है-“देश की
रक्षा के लिए आत्म-समर्पण।”
प्रश्न 15.
प्रधानाचार्या को पत्र लिखकर चार दिन का अवकाश देने की प्रार्थना कीजिए।
अथवा
आपके बड़े भाई को संगीत प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला है। उसके लिए उन्हें बधाई पत्र लिखिए।
उत्तरः
श्रीमती प्रधानाचार्या जी,
क ख ग विद्यालय,
नई दिल्ली।
विषय-अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र।
आदरणीय महोदया,
मैं आपके विद्यालय का कक्षा दसवीं का छात्र आपसे चार दिन का अवकाश देने की प्रार्थना करना चाहता हूँ। मेरे बड़े भाई का जयपुर के मेडिकल कॉलेज में दाखिला हो गया है। हम परिवार सहित उसे जयपुर के छात्रावास में छोड़ने जायेंगे। अतः मैं 22 जुलाई से 25 जुलाई तक विद्यालय नहीं आ पाऊँगा। कृपया मुझे चार दिन के अवकाश की स्वीकृति दीजिए।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी छात्र,
क ख ग
दिनांक :……………………
अथवा
परीक्षा भवन,
अ ब स विद्यालय,
उदयपुर।
दिनांक : ………………..
आदरणीय भाई साहब,
सादर चरण स्पर्श।
मैं यहाँ कुशल हूँ और आपकी कुशलता की ईश्वर से कामना करता हूँ। पिताजी के पत्र से ज्ञात हुआ कि जिलास्तरीय संगीत प्रतियोगिता में आपने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पुरस्कारस्वरूप आपको मुख्यमन्त्री द्वारा प्रशस्ति पत्र और ₹ 25,000 नकद प्रदान किए गए हैं। आपके लिए वे पल कितने अमूल्य और आनन्दप्रदायिनी होंगे जब आपको मंच पर माननीय मुख्यमन्त्री द्वारा सम्मानित किया गया होगा। मैं आपकी इस सफलता के लिए आपको हृदय से बधाई देता हूँ।
आपकी यह उपलब्धि मेरे लिए सदैव प्रेरणादायक बनी रहेगी। मैं स्वयं को इस काबिल बनाने का पूरा प्रयास करूँगा। पिताजी, माताजी और भाभीजी को मेरा चरण स्पर्श।
आपका अनुज,
क ख ग।
प्रश्न 16.
भारती एयरटेल में कनिष्ठ लेखा सहायक पद के लिए आवेदन पत्र लिखिए।
अथवा
गृह मंत्रालय के सचिव की ओर से मुख्य सचिव, पंजाब राज्य को राज्य की कानून व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति के बारे में सूचित करते हुए ई मेल लिखिए।
उत्तरः
सेवा में
महाप्रबंधक महोदय,
टेलीफोन एक्सचेंज,
भारती एयरटेलए नई दिल्ली
विषय-कनिष्ठ लेखा सहायक पद के लिए आवेदन पत्र।
महोदय
दिनांक 16 अप्रैल, 2022 के दैनिक जागरण में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आपके कार्यालय में कनिष्ठ लेखा सहायक की आवश्यकता है। इस पद के लिए मैं अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा स्ववृत्त इस आवेदन पत्र के साथ संलग्न है। आपके विज्ञापन में वर्णित सभी योग्यताओं को मैं पूरा करता हूँ। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करूँगा। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
नाम : मोहनीश सिंह
पिता का नाम : पी. एस. सिंह
माता का नाम : स्वाति सिंह
जन्मतिथि : 12 नवंबर, 1993
वर्तमान पता : 12, महिंद्रा अपार्टमेंट, नई दिल्ली
मोबाइल : 2XXXX51234
ईमेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यता
अन्य योग्यताएँ व अनुभव:
कम्प्यूटर में द्विवर्षीय डिप्लोमा
हिंदी, अंग्रेजी भाषा की जानकारी।
टंकण की जानकारी
उपलब्धियाँ:
राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार
गूगल निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार
कार्येत्तर गतिविधियाँ और अभिरुचियाँ:
इंटरनेट सर्किंग
आर्थिक गतिविधि से जुड़ी पत्रिकाएँ पढ़ना
आपसे अनुरोध है कि उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मेरे आवेदन पत्र पर सकारात्मक विचार किया जाए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं ईमानदारी से कार्य करूँगा और अपने कार्य व्यवहार से सभी को संतुष्ट रखूगा।
धन्यवाद
भवदीय
हस्ताक्षर
मोहनीश सिंह
दिनांक : X/XX/XXXX
अथवा
From : [email protected]
To : [email protected]
Cc : ………….
Bcc : ………..
विषय: बिगड़ती कानून व्यवस्था की सूचना हेतु महोदय निवेदन है कि हमारे राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति से केंद्र सरकार बहुत चिंतित है। इस सन्दर्भ में सूचित किया जाता है कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। केंद्र सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में हरसंभव सहायता की जाएगी।
आशा करता हूँ कि आप उचित समय पर उचित कार्यवाही करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
सूर्यांश गुप्ता
प्रश्न 17.
पुस्तकों की प्रदर्शनी के लिए लगभग 60 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
ओलम्पिक में चयन होने पर अपने मित्र को लगभग 80 शब्दों में एक बधाई सन्देश लिखिए।
उत्तरः
अथवा
बधाई संदेश
दिनांक……………………
रात्रि 10 बजे
शाम को टीवी में तुम्हें देखा तो तुम्हारी उपलब्धि के विषय में पता चला। तुमने तैराकी में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है और तुम्हारा ओलंपिक में भी चयन हो गया है। तुम्हारी मेहनत सफल हुई। आगे चलकर तुम देश का नाम रोशन करोगे। मेरी शुभकामनाएँ और बधाई स्वीकार करो।
क.ख.ग.