Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 8 are designed as per the revised syllabus.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 8 with Solutions

निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80

सामान्य निर्देश :

  • इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और ‘ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
  • प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
  • खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

खंड ‘क’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
‘अनुशासन’ शब्द का अर्थ है-शासनानुकूल होना अथवा शासन के पीछे, यानी जिसमें कोई-न-कोई नियंत्रण शक्ति विद्यमान हो। इस दृष्टि से जीवन भी अनुशासन में बँधा है। जीव पैदा होता है, कुछ वर्ष संसार में जीता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जीवन के साथ-साथ संपूर्ण प्रकृति भी अनुशासन में बँधी है। प्रतिदिन प्रात:काल सूर्य उदित होता है और शाम को अस्त हो जाता है। चंद्रमा प्रत्येक मास के पंद्रह दिन ही दिखलाई पड़ता है। तारे रात में दिखलाई पड़ते हैं, दिन में नहीं। दूर सघन वनों में पेड़-पौधे बिना माली के भी फूलते-फलते रहते हैं। मौसम एक नियम से लगातार बदलते रहते हैं। इस जीवन में व्यक्तिगत और समूहगत दोनों स्तरों पर अनुशासन की अपेक्षा की जाती है। व्यक्तिगत स्तर पर मन, वाणी और कर्म का अनुशासन व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाता है। मन का स्वभाव है-चंचलता। जिसने इस चंचलता पर काबू पा लिया, समझ लो, उसने संसार पर काबू पा लिया। जिसने मन जीत लिया, उसने जग जीत लिया। वाणी का अनुशासन सफल जीवन के लिए नितांत आवश्यक है। जो लोग अपनी वाणी पर अंकुश नहीं रख पाते वे लोग संसार में न तो कभी यश प्राप्त कर पाते हैं और न लोकप्रियता। भारतीय चिंतन में कर्म के अनुशासन को भी बहुत महत्त्व दिया गया है। श्रीकृष्ण ने ‘गीता’ में कर्मों की कुशलता को ही योग का नाम दिया है। संसार उन्हीं लोगों को याद रखता है, जिन्होंने अपने कर्मों को अनुशासित ढंग से पूरा किया है। संसार के महान योद्धाओं, महान राजनेताओं, चिंतकों, साहित्यकारों और वैज्ञानिकों के विषय में यह कथन अक्षरशः सत्य सिद्ध होता है। कर्म के अनुशासन के बिना कोई महान नहीं बनता।। व्यक्तिगत अनुशासन के साथ-साथ समूहगत अनुशासन भी ज़रूरी है। आप जिस समाज में, जिस देश के नागरिक हैं, उस समाज और देश के अनुशासन को मान देकर ही आप समाज और देश के प्रति अपना कर्तव्य निभा सकते हैं।
(क) अनुशासन का क्या अर्थ है?
(i) शासन के अनुकूल आचरण करना
(ii) अपनी वाणी पर अंकुश लगाना
(iii) मौसम का लगातार बदलना
(iv) अनु का शासन करना
उत्तरः
(i) शासन के अनुकूल आचरण करना

(ख) जीवन का शाश्वत क्रम क्या है?
(i) अनुशासन में बंधना
(ii) जन्म लेना और मृत्यु को प्राप्त होना
(iii) महान बनना
(iv) जग जीतना
उत्तरः
(ii) जन्म लेना और मृत्यु को प्राप्त होना

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(ग) ‘योग’ किसे कहा गया है?
(i) कर्मों की कुशलता को
(ii) सत्य की कुशलता को
(iii) अनुशासन की कुशलता को
(iv) विचारों की कुशलता को
उत्तरः
(i) कर्मों की कुशलता को

(घ) सघन वनों में क्या होता है?
(i) पेड़-पौधे सूख जाते हैं।
(ii) पेड़-पौधे बिना माली के फलते-फूलते हैं।
(iii) पेड़-पौधे माली के साथ फलते-फूलते हैं।
(iv) पेड़ पौधों को माली के साथ-साथ देखभाल की आवश्यकता होती है।
उत्तरः
(ii) पेड़-पौधे बिना माली के फलते-फूलते हैं।

(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त
विकल्प चुनिए-
कथन (A): सफल जीवन के लिए वाणी का संतुलन आवश्यक है।
कारण (R): वाणी पर अंकुश रखने वाला व्यक्ति ही यश को प्राप्त करता है।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है
उत्तरः
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-I पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवें बना।
काम पड़ने पर करें जो शेर का भी सामना ।
जो कि हँस हँस के चबा लेते हैं लोहे का चना।
“है कठिन कुछ भी नहीं” जिनके है जी में यह ठना॥
कोस कितने ही चलें पर वे कभी थकते नहीं।
कौन सी है गाँठ जिसको खोल वे सकते नहीं।

ठीकरी को वे बना देते हैं सोने की डली।
रेग को करके दिखा देते हैं वे सुन्दर खली॥
वे बबूलों में लगा देते हैं चंपे की कली।
काक को भी वे सिखा देते हैं कोकिल-काकली॥
ऊसरों में हैं खिला देते अनूठे वे कमल।
वे लगा देते हैं उकठे काठ में भी फूल फल॥

काम को आरंभ करके यों नहीं जो छोड़ते।
सामना करके नहीं जो भूल कर मुँह मोड़ते॥
जो गगन के फूल बातों से वृथा नहीं तोड़ते।
संपदा मन से करोड़ों की नहीं जो जोड़ते॥
बन गया हीरा उन्हीं के हाथ से है कारबन।
काँच को करके दिखा देते हैं वे उज्ज्वल रतन॥

(क) कर्मवीर की क्या पहचान बताई गई है?
(i) विघ्न बाधाओं को सरलता से पार कर लेता है।
(ii) विघ्न बाधाओं से घबरा जाता है।
(iii) विषम परिस्थितियों का सामना नहीं करता।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः
(i) विघ्न बाधाओं को सरलता से पार कर लेता है।

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(ख) पद्यांश में कवि ने किससे दूर रहने की सलाह दी है?
(i) विघ्न बाधाओं से
(ii) दुर्बलताओं से
(iii) कठिनाइयों से
(iv) मुसीबतों से
उत्तरः
(ii) दुर्बलताओं से

(ग) ‘कौन-सी हैं गाँठ जिनको, खोल वे सकते नहीं’-पंक्ति का भाव होगा
(i) वे हर गाँठ को खोल सकते हैं।
(ii) वे कहीं भी जा सकते हैं।
(iii) कर्मवीरों के लिए कुछ भी असम्भव नहीं होता।
(iv) वे गाँठ नहीं खोलते
उत्तरः
(iii) कर्मवीरों के लिए कुछ भी असम्भव नहीं होता।

(घ) ‘लोहे के चने चबाना’ मुहावरे का अर्थ होगा
(i) लोहे के चने खाना
(ii) चनों को लोहे से दबाना
(iii) मुंह मोड़ना
(iv) कठिन परिश्रम करना
उत्तरः
(iv) कठिन परिश्रम करना

(ङ) पद्यांश में कर्मवीर किसे कहा गया है
(I) विघ्नों से लड़ने वाले को
(II) बाधाओं को दूर करने वाले को
(III) काम को आरंभ कर उसे पूरा करने वाले को
(IV) मुसीबतों से दूर भागने वाले से
विकल्प:
(i) कथन II सही है
(ii) कथन I, II व III सही हैं
(iii) कथन I, II व IV सही हैं
(iv) कथन I, II, III व IV सही हैं
उत्तरः
(ii) कथन I, II व III सही हैं

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अथवा

यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-II पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
भोर हुई पेड़ों की बीन बोलने लगी,
पात-पात हिले, डाल-डाल डोलने लगी।
कहीं दूर किरणों के तार झनझना उठे,
सपनों के स्वर डूबे धरती के गान में।
लाखों-ही-लाख दिए तारों के खो गए,
पूरब के अधरों की हलकी मुस्कान में।
कुछ ऐसे पूरब के गाँव की हवा चली,
खपरैलों की दुनिया आँख खोलने लगी।
जमे हुए धुएँ-सी पहाड़ी है दूर की,
काजल की रेख-सी कतार है खजूर की।
सोने का कलम लिए ऊषा चली आ रही,
माथे पर दमक रही आभा सिंदूर की।

(क) पेड़ों के पत्ते हिलने और किरणें फूटने का क्या कारण है?
(i) हवा चलने के कारण |
(ii) भोर होने के कारण |
(iii) रात होने के कारण |
(iv) दोपहर होने के कारण |
उत्तरः
(ii) भोर होने के कारण |

(ख) काव्यांश के अनुसार प्रात:काल होते ही किसकी दिनचर्या आरम्भ होती है?
(i) सैनिक की
(ii) पुजारी की
(iii) किसान की
(iv) मजदूर की
उत्तरः
(iii) किसान की

(ग) सोने का कलश लिए कौन चली आ रही है?
(i) बालिका
(ii) महिला
(iii) निशा
(iv) ऊषा।
उत्तरः
(iv) ऊषा।

(घ) काव्यांश में किस समय का वर्णन है?
(i) प्रभात की बेला का
(ii) दोपहर की बेला का
(iii) संध्या की बेला का
(iv) रात्रि की बेला का
उत्तरः
(i) प्रभात की बेला का

(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए
कथन (A): असंख्य तारे कहीं खो से गए हैं और पेड़ों के पत्ते हिलने लगे हैं।
कारण (R) : प्रात:काल होने पर आकाश ऊष्मा की लालिमा से भर जाता है।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है
उत्तरः
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) मैं अस्वस्थ थी इसलिए काम न कर सकी। वाक्य का सरल वाक्य में रूप होगा
(i) मैं अस्वस्थ होने के कारण काम न कर सकी।
(ii) मैं अस्वस्थ थी तभी तो काम न कर सकी।
(iii) मैं काम न कर सकी क्योंकि मैं अस्वस्थ थी।
(iv) काम न कर सकी मैं, अस्वस्थ थी।
उत्तरः
((i) मैं अस्वस्थ होने के कारण काम न कर सकी।
व्याख्यात्मक हल: सरल वाक्य में एक उद्देश्य और एक क्रिया होते हैं। अतः यही सही उत्तर है।

(ख) माता-पिता अपने बच्चों को ईमानदार बनाना चाहते हैं। वाक्य का मिश्र वाक्य में रूप होगा
(i) बच्चों को ईमानदार बनाना चाहते हैं माता-पिता।
(ii) माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे ईमानदार बनें।
(iii) अपने बच्चों को माता-पिता ईमानदार बनाना चाहते हैं।
(iv) ईमानदार बनाते हैं माता-पिता बच्चों को।
उत्तरः
(ii) माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे ईमानदार बनें।
व्याख्यात्मक हल: मिश्र वाक्य में एक वाक्य दूसरे पर आश्रित होता है प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य समुच्चयबोधक अव्यय द्वारा जुड़े हुए होते हैं।

(ग) बच्चे नाच रहे हैं और गा रहे हैं। वाक्य का सरल वाक्य में रूप होगा
(i) बच्चे गा रहे हैं इसलिए नाच रहे हैं।
(ii) बच्चों को नाचना है इसलिए गा रहे हैं।
(iii) बच्चे नाच-गा रहे हैं।
(iv) बच्चों को गाना है इसलिए नाच रहे हैं।
उत्तरः
(iii) बच्चे नाच-गा रहे हैं।
व्याख्यात्मक हल: सरल वाक्य में एक उद्देश्य और एक क्रिया होते हैं। अतः यही सही उत्तर है।

(घ) जो परिश्रम करता है वही सफल होता है। वाक्य का सरल वाक्य में रूप होगा
(i) परिश्रम करने वाला सफल होता है।
(ii) जो परिश्रम करता है सफल भी वही होता है।
(iii) सफल भी वही होता है जो परिश्रम करता
(iv) सफल होता है परिश्रम करता है जो।
उत्तरः
(i) परिश्रम करने वाला सफल होता है। .
व्याख्यात्मक हल: सरल वाक्य में एक उद्देश्य और एक क्रिया होते हैं। अतः यही सही उत्तर है।

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(ङ) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए

कॉलम 1 कॉलम 2
1. यद्यपि वह मंत्री बन गया है, फिर भी उसका व्यवहार पूर्ववत् है। (i) सरल वाक्य
2. वह ज्वर से पीड़ित होने के कारण स्कूल नहीं आया। (ii) संयुक्त वाक्य
3. पिताजी की इच्छा थी इसलिए मैं आपसे मिलने चला आया। (iii) मिश्र वाक्य

विकल्प:
(i) 1 (III), 2 (I), 3 (II)
(ii) 1 (II), 2 (III), 3 (1)
(iii) 1 (I), 2 (II), 3 (III)
(iv) 1 (III), 2 (II), 3 (1)
उत्तरः
(i) (1) (III) (2) (I), (3) (II)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) माली पौधों को पानी दे रहा है- वाक्य का कर्मवाच्य में रूप होगा
(i) माली के द्वारा पौधों को पानी दिया जा रहा है।
(ii) पौधों को पानी दिया जा रहा है माली के द्वारा।
(iii) पानी दे रहा है माली पौधों को।
(iv) पानी दिया जा रहा है, माली से पौधों को।
उत्तरः
(i) माली के द्वारा पौधों को पानी दिया जा रहा है।

(ख) छात्रों ने नमस्कार किया-वाक्य का भाववाच्य में रूप होगा
(i) नमस्कार किया छात्रों ने।
(ii) छात्रों से नमस्कार किया गया।
(iii) नमस्कार किया गया छात्रों से।
(iv) किया गया नमस्कार छात्रों से।
उत्तरः
(ii) छात्रों से नमस्कार किया गया।

(ग) पुलिस द्वारा लाठियाँ बरसाई गईं-वाक्य का कर्तृवाच्य में रूप होगा
(i) पुलिस से लाठियाँ बरसाई गईं।
(ii) लाठियाँ बरसाई गईं पुलिस द्वारा।
(iii) पुलिस ने लाठियाँ बरसाईं।
(iv) लाठियाँ बरसाईं पुलिस ने।
उत्तरः
(iii) पुलिस ने लाठियाँ बरसाईं।

(घ) बुद्ध द्वारा करुणा का संदेश दिया गया-वाक्य का कर्तृवाच्य का रूप होगा
(i) करुणा का संदेश दिया गया बुद्ध द्वारा।
(ii) बुद्ध से करुणा का संदेश दिया गया।
(iii) करुणा का संदेश दिया गया बुद्ध से।
(iv) बुद्ध ने करुणा का संदेश दिया।
उत्तरः
(iv) बुद्ध ने करुणा का संदेश दिया।

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(ङ) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए

कॉलम 1 कॉलम 2
1. राजा के द्वारा प्रजा का पालन किया जाता है| (i) कर्तृवाच्य
2. आपने सुंदर लेख लिखा। (ii) भाववाच्य
3. अमित से दौड़ा नहीं जाता। (iii) कर्मवाच्य

विकल्प:
(i) (1) (III), (2) (I), (3) (II)
(ii) (1) (II), (2) (III), (3) (1)
(iii) (1) (I), (2) (II), (3) (III)
(iv) (1) (III), (2) (II), (3) (I)
उत्तरः
(i) (1) (III), (2) (I), (3) (II)

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) कोमल विद्यालय जाती है – वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा-
(i) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक।
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक।
(iii) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक।
(iv) समूहवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक।
उत्तरः
(i) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक।

(ख) तुम क्या खाते हो – वाक्य में रेखांकित पद के लिए उचित पद परिचय होगा-
(i) संबंधवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक।
(ii) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक।
(iii) संख्यावाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक।
(iv) निजवाचकवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
उत्तरः
(iii) संख्यावाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक।

(ग) रचित ने कक्षा में प्रथम स्थान पाया – वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा-
(i) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक।
(ii) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक।
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक।
(iv) समूहवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्म कारक।
उत्तरः
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक।

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(घ) अरे वाह! तुम्हें नृत्य भी आता है – वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा-
(i) क्रियाविशेषण अव्यय
(ii) समुच्चयबोधक अव्यय
(iii) सम्बन्धबोधक अव्यय
(iv) विस्मयादिबोधक अव्यय
उत्तरः
(iv) विस्मयादिबोधक अव्यय

(ङ) घर के पास मन्दिर है – वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा
(i) क्रियाविशेषण अव्यय
(ii) समुच्चयबोधक अव्यय
(iii) सम्बन्धबोधक अव्यय
(iv) विस्मयादिबोधक अव्यय
उत्तरः
(iii) सम्बन्धबोधक अव्यय

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘प्रियतमा बतला दे लाल मेरा कहाँ है’ — पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(i) श्लेष
व्याख्यात्मक हल: यहाँ ‘लाल’ के दो अर्थ है-पहला बेटा और दूसरा रत्न।

(ख) ‘मेरी भव बाधा हरो राधा नागर सोये जा तन की छाई परे स्याम हरित दुत होये – पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है-
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(ख) (i) श्लेष
व्याख्यात्मक हल: यहाँ हरित शब्द के तीन अर्थ हैं-हर लेना, हर्षित होना, हरे रंग का होना। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

(ग) ‘देख सुदामा की दीन दशा करुणा करके करुणानिधि रोए, पानी परात को हाथ छुयो नहिं नैनन के जल सों पग धोए’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(iv) अतिशयोक्ति
व्याख्यात्मक हल: पानी और बर्तन (परात) को छुए बिना कोई भी किसी के पैर नहीं धो सकता है, क्योंकि मनुष्य की आँखों से इतना जल नहीं निकल सकता। ऐसा करना बिल्कुल असंभव है……….
लेकिन सुदामा और कृष्ण की बहुत ही गहरी मित्रता और प्रेम को व्यक्त करने के लिए ऐसा कहा गया। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

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(घ) अति कटु बचन कहत कैकेयी, मनहूँ लोन जरे पर देहि’ – पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(ii) उत्प्रेक्षा
व्याख्यात्मक हल: यहाँ कैकेयी के कटु वचन की पीड़ा को जली हुई देह पर नमक लगने जैसी संभावना की जा रही है अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

(ङ) है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर, रबि बटोर लेता है उसको सदा सवेरा होने पर’ – पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(ङ) (iii) मानवीकरण
व्याख्यात्मक हल: यहाँ वसुंधरा द्वारा मोती बिखेरने और सूर्य द्वारा उसे सवेरे एकत्र कर लेने में मानवीय क्रियाओं का आरोप है। अतः यहाँ मानवीकरण अंलकार है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
हालदार साहब को पान वाले द्वारा एक देशभक्त का इस तरह मज़ाक उड़ाया जाना अच्छा नहीं लगा। मुड़कर देखा तो अवाक् रह गए। एक बेहद बूढ़ा, मरियल-सा लँगड़ा आदमी सिर पर गाँधी टोपी और आँखों पर काला चश्मा लगाए, एक हाथ में एक छोटी-सी संदूकची और दूसरे हाथ में एक बाँस पर आगे बहुत से चश्मे लिए अभी-अभी एक गली से निकला था और अब एक बंद दुकान के सहारे अपना बाँस टिका रखा था। तो इस बेचारे की दुकान भी नहीं। फेरी लगाता है।

(क) हालदार साहब को क्या अच्छा नहीं लगा?
(i) एक देशभक्त का मजाक उड़ाया जाना।
(ii) पानवाले के द्वारा पान खिलाना।
(iii) कस्बे से गुजरना।
(iv) जीप में बैठना।
उत्तरः
(i) एक देशभक्त का मजाक उड़ाया जाना।

(ख) हालदार साहब किसे देखकर अवाक् रह गए?
(i) पानवाले को
(ii) चश्मेवाले को
(iii) बंद दुकान को
(iv) मूर्ति को
उत्तरः
(ii) चश्मेवाले को

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(ग) चश्मेवाले ने अपना चश्मे का बाँस कहाँ टिका रखा था?
(i) कंधे पर
(ii) पानवाले के पास
(iii) बंद दुकान के सहारे
(iv) पेड़ के सहारे
उत्तरः
(iii) बंद दुकान के सहारे

(घ) गद्यांश में से एक उपसर्गयुक्त शब्द होगा
(i) पानवाला
(ii) हालदार
(iii) चश्मेवाला
(iv) दुकान
उत्तरः
(iv) दुकान

(ङ) गद्यांश के लेखक का नाम है
(i) बालगोबिन भगत
(ii) स्वयंप्रकाश
(iii) रामवृक्ष बेनीपुरी
(iv) यशपाल
उत्तरः
(ii) स्वयंप्रकाश

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) मूर्ति की आँखों पर कौन-सा चश्मा लगा हुआ था?
(i) पत्थर का
(ii) प्लास्टिक का
(iii) सरकंडे का
(iv) काँच का
उत्तरः
(iii) सरकंडे का

(ख) भगत किसे साहब मानते थे?
(i) खुद को
(ii) ईश्वर को
(iii) कबीर को
(iv) बेटे को
उत्तरः
(iii) कबीर को

प्रश्न 9.
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
कहिए जान कौन पै ऊधौ, नाही परत कही। अवधि अधार आस आवन की, तन-मन बिथा सही। अब इन जोग संदेसनी सुनि-सुनि बिरहिनी बिरह दही। चाहति हुर्ती गुहारि जितहिं तै, उत तें धार बही। ‘सूरदास’ अब धीर धरहिं क्यों, मरजादा न लही।

(क) किसके मन की बात मन में ही रह गई?
(i) गोपियों की
(ii) कृष्ण की
(iii) उद्धव की
(iv) कवि को
उत्तरः
(i) गोपियों की

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(ख) गोपियाँ कौन-सी व्यथा सहन कर रही थी?
(i) कृष्ण वियोग की
(ii) उद्धव के आने की
(iii) प्रेम में डूबने की
(iv) प्रेम न करने की
उत्तरः
(i) कृष्ण वियोग की

(ग) किसे सुनकर गोपियों की विरहाग्नि बढ़ गई?
(i) भ्रमर के गुंजन को सुनकर
(ii) सूरदास के गीतों को सुनकर
(iii) कृष्ण के योग संदेश को सुनकर
(iv) प्रेम का संदेश सुनकर
उत्तरः
(iii) कृष्ण के योग संदेश को सुनकर

(घ) गोपियाँ किस आशा में तन-मन की व्यथा को सहन कर रही थीं?
(i) उद्धव के संदेश को सुनने की
(ii) कृष्ण के आगमन की
(iii) दोनों सही हैं
(iv) कवि के आने की
उत्तरः
(ii) कृष्ण के आगमन की

(ङ) काव्यांश में गोपियाँ कृष्ण को क्या उलाहना दे रही हैं?
(i) योग संदेश भेजने का
(ii) स्वयं न आने का
(iii) प्रेम की मर्यादा का पालन न करने का
(iv) प्रेम करने का
उत्तरः
(iii) प्रेम की मर्यादा का पालन न करने का

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) परशुराम के क्रोधित होने का क्या कारण था?
(i) राम का जनक सभा में आना
(ii) शिवधनुष का टूटना
(iii) लक्ष्मण का परशुराम से बात करना
(iv) राम का चुप रहना
उत्तरः
(ii) शिवधनुष का टूटना

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(ख) ‘भानुबंस राकेस कलंकु’ में कौनसा अलंकार है?
(i) अनुप्रास
(ii) उपमा
(iii) रूपक
(iv) उत्प्रेक्षा
उत्तरः
(iii) रूपक

खंड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) भगत प्रचलित मान्यताओं को नहीं मानते थे। किस घटना के आधार पर यह सिद्ध होता है?
उत्तरः
भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। परानी परम्पराओं का विरोध करते हुए उन्होंने अपने पुत्र की चिता को अग्नि देने का कार्य अपनी पुत्रवधू से करवाया। इसके साथ ही उन्होंने पुत्रवधू को उसके भाई के साथ उसके पुनर्विवाह का आदेश देते हुए भेज दिया। अपने बेटे की मृत्यु पर उन्होंने मृत शरीर के पास बैठक भक्ति के पद गाए और आत्मा-परमात्मा के मिलन पर उत्सव मनाने को कहा। उपरोक्त घटनाओं के आधार पर यह सिद्ध होता है कि भगत प्रचलित मान्यताओं को नहीं मानते थे।

(ख) लेखक ने नवाब द्वारा खीरा खाने के निमंत्रण देने में कौन-सी आशंका देखी?
उत्तरः
लेखक ने नवाब साहब द्वारा खीरा खाने के निमंत्रण में यह आशंका देखी कि उन्होंने सोचा यह नवाब स्वयं को श्रेष्ठ मानता है और अपनी रईसी प्रकट करने के लिए उन्हें निमंत्रण दे रहा है जबकि दिल से तो वह उनसे बात करना भी उचित नहीं समझता।

(ग) ‘एक कहानी यह भी’ से पता चलता है कि लेखिका मन्नू भंडारी के पिता अंतर्विरोधों में जीवन गुजर रहे थे। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
लेखिका के पिता अत्यंत महत्वाकांक्षी थे। वे स्वयं भी ‘विशिष्ट’ बने रहना चाहते थे और अपनी बेटी को भी वैसा ही बनाना चाहते थे। दूसरी ओर वह यह भी चाहते थे कि उनकी बेटी घर की चारदीवारी से बाहर न तो सड़कों पर निकले और न ही नारेबाजी या भाषणबाजी करें ताकि उनकी छवि साफ-सुथरी बनी रहे। लेखिका के विचार इसके सर्वथा विपरीत थे। उनके अनुसार घर पर रहते हुए विशिष्ट नहीं बना जा सकता। अर्थात् पिताजी की अपनी बेटी के लिए महत्त्वाकांक्षा तो थी पर अपने ही विचारों से उत्पन्न बाधाएँ भी थीं। इसी कारण वे अंतर्विरोधों में जी रहे थे।

(घ) कबीर पर बालगोबिन भगत की श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट होती थी?
उत्तरः
बालगोबिन भगत की वेश-भूषा, जीवन-शैली, कबीर के आदर्श अपनाने, कबीर के गीत गाने आदि से उनकी कबीर पर श्रद्धा प्रकट होती है। बालगोबिन अपने खेत की उपज को पहले कबीर मठ में ले जाते थे। वहाँ भेंट चढ़ाकर शेष अपने घर लाते थे।

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प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर । लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) बादलों की गर्जना का आह्वान कवि क्यों करना चाहता है? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तरः
बादलों की गर्जना का आह्वान कवि इसलिए करना चाहता है क्योंकि जोरदार वर्षा से ही लोगों का मन शांत और धरती शीतल हो जाएगी और लोग परिवर्तन की ओर अग्रसर हो जाएँगे। कवि समाज में क्रांति लाना चाहता है और स्वस्थ समाज की स्थापना करना चाहता है।

(ख) परशुराम द्वारा लक्ष्मण से उनके फरसे की ओर देख लेने की बात कहने के पीछे उनका क्या – उद्देश्य था?
उत्तरः
परशुराम द्वारा लक्ष्मण से अपने फरसे की ओर देख लेने की बात कहने के पीछे का उद्देश्य उनका भयभीत करना था कि लक्ष्मण उनकी वीरता को भली प्रकार जान-समझ लें। उनका फरसा लक्ष्मण का कुछ भी कर सकता था।

(ग) ‘आत्मकथा’ कविता के आधार पर बताइए कि कवि ‘खाली करने वाले’ किसे कह रहा है और क्यों?
उत्तरः
कवि ने अपने उन मित्रों को ‘खाली करने वाले’ कहा है जो उसे आत्मकथा लिखने को कह रहे हैं। कवि के निजी अनुभव बहुत कटु रहे हैं। शायद कभी कवि के साथ ऐसा हुआ हो कि उसके साहित्यिक मित्रों ने ही उनकी खुशी और उन्नति में बाधा डाली हो। उन मित्रों ने कवि के काव्य रस को सोखकर स्वयं को उन्नत बना लिया हो। इस प्रकार उन्होंने उसके जीवन को वंचित करने की कोशिश की हो।

(घ) तारसप्तक और संगतकार शब्दों का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
गायक द्वारा ऊँचे स्वर में गाए जाने वाले सरगम को तारसप्तक कहा जाता है। मुख्य गायक की गायकी को सफल बनाने में सहयोग करने वाले लोगों को संगतकार कहा जाता है। जब भी मुख्य गायक अपनी गायन की प्रस्तुति करता है तो उस समय संगतकार अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संगतकार के बिना मुख्य गायक न तो सफल हो सकता है और न ही उसका गाना प्रभावशाली बन सकता है। हालांकि ऐसे लोग कभी-कभार ही जनता के सामने या चर्चा में आते हैं।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है? इसे रोकने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तरः
आज की पीढ़ी प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रही है। वह प्रकृति के सौन्दर्य को नष्ट करने पर तुली है। अन्धाधुन्ध वृक्ष काटे जा रहे हैं, इससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है, मौसम चक्र गड़बड़ा गया है। प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो रही है। इसी प्रकार आज की पीढ़ी नदियों के पानी को प्रदूषित कर रही है। अब तो गंगा भी अपनी पवित्रता खो बैठी है। नदियों में नालों का गन्दा पानी डाला जाता है, कारखानों का अपशिष्ट बहाया जाता है। पॉलीथिन के प्रयोग ने प्रकृति के स्वरूप को बहुत अधिक बिगाड़ दिया है। युवा वर्ग को समझना होगा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आगे आना होगा, क्योंकि युवावस्था में वह जोश और ताकत होती है जो क्रान्ति लाने में सक्षम है। अतः उन्हें तो खुद समझना व दूसरों को समझाना है। प्रकृति का शोषण बन्द करें, नदियों को स्वच्छ बनायें, अधिकाधिक वृक्ष लगायें तो पर्यावरण को नष्ट होने से बचाया जा सकता है।

(ख) माता का अंचल’ पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक लगाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपके विचार से इसका क्या कारण हो सकता है?
उत्तरः
बच्चे का अपने पिता से अधिक लगाव था। वह पिता के साथ ही बाहर की बैठक में सोया करता था। पिता अपने साथ ही उसे उठाते और साथ ही नहला-धुलाकर पूजा पर बिठा लेते थे। वे उसे भभूत का तिलक भी लगा देते थे। पिताजी उसे प्रेमपूर्वक भोलानाथ कहकर पुकारते थे। माता के साथ तो केवल दूध पीने तक का नाता था। इसके बावजूद भी जब कहानी के अन्त में बच्चे पर विपदा आयी और साँप निकल आने के कारण बच्चा बेतहाशा भागता चला गया व सारी देह लहूलुहान हो गयी थी, तब वह पिता की पुकार को अनसुनी करके माँ की शरण में चला गया। माँ ने ही घावों पर हल्दी पीसकर लगायी। वह ‘मैया’ (माँ) के आँचल में छिपता चला गया। वह पिता की गोद में नहीं गया। इसका कारण यही है कि बच्चे की आत्मा माँ से ही बँधी होती है, उसे कष्ट के समय अनायास ही माँ याद आती है और उसी की गोद में वह सुकून पाता

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(ग) हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंतः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है। यह आप कैसे कह सकते हैं?
उत्तरः
लेखक जापान घूमने गया था तो हिरोशिमा में उस विस्फोट से पीड़ित लोगों को देखकर उसे थोड़ी पीड़ा हुई, परन्तु उसका मन लिखने के लिए उसे प्रेरित नहीं कर पा रहा था। हिरोशिमा के पीड़ितों को देखकर लेखक को पहले ही अनुभव हो चुका था, परन्तु जले पत्थर पर किसी व्यक्ति की उजली छाया को देखकर उसको हिरोशिमा में विस्फोट से प्रभावित लोगों को दर्द की अनुभूति कराई, लेखक को लिखने के लिए प्रेरित किया। इस तरह हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अन्तः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) जीवन में खेलकूद का महत्व

  • मानव स्वभाव
  • खेलकूद का प्रभाव
  • आदर्श स्थिति

उत्तरः
जीवन में खेलकूद का महत्व
यह कथन अक्षरशः सही है कि ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।’ यदि शरीर ही रोगग्रस्त होगा तो मस्तिष्क को अनेक दुर्बलताएँ घेर लेंगी। हम सुचारु रूप से कार्य नहीं कर पायेंगे, असफलता व निराशा ही हाथ लगेगी। हीन भावना, द्वेष, घृणा, क्रोध आदि दुर्गुण पैदा होते जायेंगे और सम्पूर्ण व्यक्तित्व को खराब कर देंगे। अतः स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है और यह हमारे हाथ में ही है। व्यायाम, कसरत, खान-पान आदि के साथ-साथ खेलकूद का शरीर व मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान होता है।

खेलकूद से जहाँ एक ओर हमारा शरीर चुस्त-तन्दुरुस्त बनता है तो वहीं दूसरी ओर हमारा मन-मस्तिष्क भी अधिक सक्रिय रहता है। जितना समय हम खेलकूद में व्यतीत करते हैं, उतने समय हम वर्तमान में जीते हैं, अपनी गतिविधियों व क्रियाओं को बेहतरीन बनाने का प्रयास करते हैं और इस बहाने हमारी सक्रियता, कार्यकुशलता बढ़ती है एवं हम अतीत व भविष्य को भूलकर वर्तमान को जीने व भरपूर जीने का प्रयास करने लगते हैं जो कि जीवन भर के तप व साधनाओं से भी मुश्किल से सम्भव हो पाता है। खेल हमारे अन्दर जोश, उत्साह व सामूहिकता की भावना पैदा करते हैं जो जीवन को निरन्तर गतिशील बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। यही नहीं, वर्तमान समय में तो खेलों को अपने व्यवसाय के रूप में अपनाने की भी भरपूर व्यवस्था है। इन्हीं के माध्यम से हमारे देश के युवा राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर यश प्राप्त कर रहे हैं व देश का सिर ऊँचा उठा रहे हैं।

अथवा

(ख) समाचार-पत्रों का महत्व

  • नवीनतम गतिविधियाँ
  • शिक्षा
  • व्यवसाय और विज्ञापन

उत्तरः
समाचार-पत्रों का महत्व
आधुनिक तकनीकी युग में प्रत्येक व्यक्ति और देश, विश्व के प्रत्येक कोने में निर्माण या ध्वंस, सुख या दु:ख आदि से सम्बन्धित प्रत्येक घटना से तत्काल परिचित होना चाहता है। यही कारण है कि प्रत्येक सुबह नींद से जागते ही उसे यदि सबसे बढ़कर कुछ देखने-सुनने की उत्सुकता एवं प्रतीक्षा रहती है, तो वह है समाचार-पत्र। एक नगर, कस्बे, गाँव से लेकर राष्ट्र और विश्व तक की गतिविधियों का चित्र इनके माध्यम से हमारे सम्मुख आता है, अतः समाचार-पत्र जानकारी के स्रोत माने जाते हैं
निज विचारधारा के पोषक, हैं प्रचार के दूत महान।
समाचार-पत्रों का करते, इसीलिए तो सब सम्मान।
समाचार-पत्र दैनिक,साप्ताहिक, पाक्षिक, त्रैमासिक, षड्मासिक, वार्षिक, द्विवार्षिक और त्रिवार्षिक अनेक प्रकार के होते हैं। इनमें से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण दैनिक समाचार-पत्र को ही माना गया है। इनमें विश्व के कोने-कोने में घटित घटनाओं से सम्बन्धित प्रतिदिन के ताजे समाचार तो रहते ही हैं, उनमें से महत्त्वपूर्ण विषयों पर टीका-टिप्पणियाँ, सम्पादक का विवेचन-विश्लेषण तथा विशेषज्ञों के विवेचन भी होते हैं। प्रतिदिन के समाचारों को जन-जन तक पहुँचाना तथा लोगों को जागरूक बनाना समाचार-पत्र प्रकाशित करने का मुख्य उद्देश्य होता है। आज का युग राजनीति प्रधान और अलग-अलग विचार रखने वाला है। वैचारिक या सैद्धान्तिक स्तर पर वह अलग-अलग वर्गों में बँटा हुआ है। इस कारण प्रतिदिन प्राप्त होने वाले समाचारों और प्रमुख घटनाओं को अपने विचारों-सिद्धान्तों का रंग-रूप देकर जनता तक पहुँचाना; उसी प्रकार उनकी व्याख्या, विवेचन-विश्लेषण करके अपने पाठकों को अपनी विचारधारा या सिद्धान्त से प्रभावित करने का प्रयास करना भी समाचार-पत्रों का प्रमुख प्रयोजन बन गया है। यही कारण है कि विश्व में घटने वाली हर महत्त्वपूर्ण घटना के बारे में प्रत्येक समाचार-पत्र का विवेचनात्मक रवैया प्रायः अलग हुआ करता है। जब अलग प्रभाव की सृष्टि करने का प्रयास करते हैं तब पाठक को पत्र की विषय-सामग्री पढ़कर स्वयं ही निर्णायक की भूमिका निभानी चाहिए।

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अथवा

(ग) मेरे जीवन का लक्ष्य

  • लक्ष्य क्या है?
  • लक्ष्य चुनने का कारण
  • लक्ष्य पूर्ति का प्रयास

उत्तरः
मेरे जीवन का लक्ष्य
मानव जीवन को मनीषियों ने सभी प्राणियों में सर्वोपरि स्थान दिया है। मानव एक बुद्धिशील प्राणी है। उसमें सोचने, समझने, करणीय-अकरणीय को जानने की शक्ति ईश्वर-प्रदत्त है, जबकि अन्य प्राणी ईश्वर की इस देन से विभूषित होने में दूसरे स्थान पर ही आते हैं। मनुष्य यह समझता है कि संसार में आने का उसका कुछ उद्देश्य है। अत: उसे अपना जीवनयापन इस ढंग से करना चाहिए कि अपने अंतिम समय में उसे यह न कहना पड़े कि मेरा जीवन व्यर्थ ही गया या मैं जीवन में कुछ
न कर पाया। कबीरदास जी के शब्दों में-
रात गँवाई सोय कर, दिवस गँवाया खाय।
हीरा जनम अमोल था, कौड़ी बदले जाय।।
मैं भी मानव हूँ और एक सम्मानपूर्ण जिन्दगी जीने की कामना करती हैं, परन्तु मैं सम्मान को साध्य नहीं मानती। सम्मान मेरे कार्यों के फलों में से एक हो सकता है; पर उद्देश्य नहीं। मेरा उद्देश्य समाज की सेवा करना है। मैं भी समाज-सेविका बनना चाहती हूँ। मेरा देश गाँवों का देश है। गाँवों के विकास के लिए हम बड़ी-बड़ी योजनाएँ बनाते हैं, बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और अपनी पंचवर्षीय योजनाओं में करोड़ों की राशि गाँवों के विकास के लिए निर्धारित रखते हैं; पर वास्तविकता कुछ और ही होती है। निर्धारित राशि का 10 प्रतिशत लाभ भी गाँव वालों को नहीं मिल पाता। अधिकारी वर्ग और गाँव के मुख्य लोग ही इन योजनाओं से लाभान्वित होते हैं और अन्य ग्रामीण समाज उन्हीं अभावों, अशिक्षा, बीमारियों, रूढ़ियों, गन्दगी और आपसी कलह की चक्की में पिसता रहता है। मैं समझती हूँ कि एक सच्ची समाज-सेविका के रूप में मैं इन ग्रामीणों की थोड़ी-बहुत सेवा कर सकी तो अपने आपको धन्य मानूँगी। मैं गाँधीजी के उस कार्यक्रम से अत्यन्त प्रभावित हुई हूँ जिसमें उन्होंने युवकों को गाँवों की ओर उन्मुख किया था। शिक्षा प्राप्ति के पश्चात् मैं गाँवों को अपना कर्मक्षेत्र बनाऊँगी और अपने अन्य साथियों को भी इसके लिए प्रेरित करूँगी। गाँवों के विकास के कार्यक्रम में मेरा योगदान यह होगा कि मैं गाँव वालों को शिक्षा की अनिवार्यता के विषय में बताऊँगी तथा उन्हें रूढ़ियों से दूर रहने की ओर प्रेरित करूँगी। जिन स्थानों पर विद्यालय नहीं हैं वहाँ गाँव वालों के लिए सरकार की मदद से विद्यालय खुलवाने का प्रयास करूँगी। मैं उन्हें वे रास्ते बताऊँगी जिनसे वे सरकार से सम्पर्क स्थापित करके उन सुविधाओं को प्राप्त करें जो सुविधाएँ सरकार उन्हें देने की योजना बनाती है; पर दुर्भाग्यवश वे उन्हें प्राप्त नहीं कर पाते। उनका अज्ञान दूर करने और ग्रामोत्थान की ओर उन्हें अग्रसर करने के लिए मैं एक ऐसी भावना उनमें जगाना चाहती हूँ जिससे वे स्वतन्त्र देश के जागरूक या जिम्मेदार नागरिक बनें। वे अपने को पहचानें। मैं उन्हें कृषि के नए-नए ढंग बताऊँगी और अच्छे बीज, खाद तथा आर्थिक
मदद (ऋण) दिलाने में उनकी मदद करूँगी।

प्रश्न 15.
सर्व शिक्षा अभियान के प्रोत्साहन के लिए विद्यालय में शिक्षण की विशेष व्यवस्था करवाने की अनुमति माँगते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए।
अथवा
आपको विद्यालय की ओर से विद्यालय खेलकूद समारोह में भाग लेने के लिए मुम्बई भेजा गया। इस यात्रा व समारोह के अनुभव बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तरः
अ ब स विद्यालय,
नई दिल्ली।

विषय-सर्व शिक्षा अभियान के प्रोत्साहन की व्यवस्था हेतु।
आदरणीय महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हूँ और आपसे प्रार्थना करना चाहता हूँ कि सर्व शिक्षा अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यालय में शिक्षण की उचित व्यवस्था करें।
महोदय, हम सब जानते हैं कि जब तक जन-जन शिक्षित नहीं होगा, तब तक देश का सर्वांगीण विकास सम्भव नहीं है। मैं चाहता हूँ कि हम छात्र मिलकर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए गरीब बस्तियों में जायें तथा विद्यालय में उनके लिए सायंकालीन शिक्षा की व्यवस्था नि:शुल्क करें। यह प्रयास समाज के उत्थान के लिए एक अच्छा प्रयास सिद्ध हो सकता है।
मुझे आशा है, आप इस अनुरोध पर विचार करेंगे व शीघ्र ही इसके लिए उचित व्यवस्था करने में सहयोग देंगे।
धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी छात्र,
क ख ग
दिनांक……………..

अथवा

परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।

दिनांक……………..

प्रिय मित्र,
सप्रेम नमस्ते।
मैं कुशलतापूर्वक हूँ और तुम्हारी कुशलता की कामना करता हूँ। तुम्हें याद होगा मुझे खेल प्रतियोगिता हेतु मुम्बई जाना था। मैं कल ही मुम्बई से विद्यालय खेलकूद समारोह में भाग लेकर लौटा हूँ। इस पत्र में तुम्हें अपनी इस यात्रा और समारोह के अनुभवों के बारे में लिख रहा हूँ। आशा है इससे तुम्हें इस समारोह की झलक मिल जाएगी।
हम आठ विद्यार्थियों का एक दल दो सप्ताह पूर्व मुम्बई रवाना हुआ था। यहाँ विद्यालय खेलकूद समारोह का आयोजन किया गया था। हमारे दल में दो मुक्केबाज, एक तीरन्दाज (शूटिंग) तथा दो धावक थे। एक मैनेजर तथा दो कोच भी साथ थे। मुझे शूटिंग प्रतियोगिता के लिए चुनकर भेजा गया था। हम सभी खिलाड़ी बहुत उत्साहित थे। हमारी हवाई यात्रा बहुत सुखद एवं आरामदायक रही। हमें मुम्बई के एक शानदार होटल में ठहराया गया था। इस खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन एवं समापन दोनों समारोह अत्यन्त भव्य रहे। मुझे यह दोनों अवसर सदैव स्मरण रहेंगे। मैं शूटिंग में रजत पदक जीतने में कामयाब रहा। जब मेरे गले में पदक पहनाया जा रहा था तब मैं बहुत रोमांचित था।
मुम्बई का जनजीवन हमने बहुत करीब से देखा। वहाँ की अट्टालिकाएँ और यातायात अनुशासन देखने योग्य है, यातायात सुचारु रूप से चलता रहता है। मैं वहाँ से सुखद स्मृतियाँ लेकर लौटा हूँ। कभी मिलने पर मैं तुम्हें वहाँ खींची गई तस्वीरें दिखाऊँगा।
शेष कुशल।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
क ख ग

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प्रश्न 16.
भारतीय जीवन बीमा निगम की अजमेर शाखा में एल. आई. सी. एजेंट के पद हेतु लगभग 80 शब्दों में स्ववृत्त तैयार कीजिए।
अथवा
आप सौरव कुमार हैं। आपके क्षेत्र में कुछ दिनों से पानी की आपूर्ति बाधित है। इसके संबंध में जल विभाग के अधिकारी को ईमेल लिखिए।
उत्तरः
सेवा में
अधिकारी महोदय
भारतीय जीवन बीमा निगम,
अजेमेरी गेट, अजमेर

विषय-एल. आई. सी. एजेंट के पद हेतु आवेदन-पत्र।

महोदय

आज दिनांक 10 अक्टूबर, 20XX को प्रकाशित नवभारत टाइम्स में प्रकाशित समाचार-पत्र में एल. आई. सी. में एजेंट की आवश्यकता है। इस पद हेतु मैं अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा हूँ। विज्ञापन में वर्णित सभी योग्यताओं को मैं पूरा करता हूँ।
धन्यवाद
निवेदक
सरोज जैन
मंगल विहार
अजमेर
10 अक्टूबर, 20XX
मेरा स्ववृत्त आवेदन-पत्र के साथ संलग्न है।

स्ववृत्त
नाम: सरोज जैन
पिता का नाम: सुरेश कुमार जैन
माता का नाम: मोनिका जैन
जन्मतिथि: 06 जून, 1994
वर्तमान पता: 3, मंगल विहार, अजमेर
मोबाइल: 2XXXX00546
ईमेल: [email protected]

शैक्षणिक योग्यता
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अन्य योग्यताएँ व अनुभव-

  • हिंदी व अंग्रेजी टंकण में 1 वर्ष का डिप्लोमा
  • हिंदी, अंग्रेजी भाषा की जानकारी।

उपलब्धियाँ.

  • विद्यालय स्तर पर लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार।
  • • राष्ट्रीय स्तर पर समाजसेवा हेतु चयन।

कार्येत्तर गतिविधियां और अभिरुचियाँ-

  • हिंदी लेखन में विशेष रुचि।

हस्ताक्षर
सरोज जैन
farlic : XXX/XXXX

अथवा

From : [email protected]
To : [email protected]
Cc :……………
Bcc : ………..
विषय: जल आपूर्ति बहाल करने हेतु।
महोदय
निवेदन है कि मैं गोल मार्किट का निवासी हूँ। मेरे क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से पानी की आपूर्ति बाधित है। इसके संबंध में पहले भी विभाग को सूचित किया जा चुका है पर कोई आवश्यक कार्यवाही नहीं हुई। अतः आपसे अनुरोध है कि आप जल्द-से-जल्द कोई आवश्यक कदम उठाएँ ताकि पानी की आपूर्ति पूरी हो सके।
धन्यवाद
भवदीय
सौरव कुमार

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प्रश्न 17.
देशवासियों से अपने घर पर रात 9 बजे मोमबत्ती या दीपक जलाने का आग्रह करते हुए संदेश 30-40 शब्दों में लिखिए।
अथवा
पिताजी को डॉक्टर के फोन के बारे में बताते हुए संदेश 30-40 शब्दों में लिखिए।
उत्तरः

संदेश
सभी देशवासियों से आग्रह है कि आज रात 9 बजे 10 मिनट के लिए अपने घर की बिजली बंद करके फोन की लाइट, मोमबत्ती या दीपक जलाकर अपनी एकजुटता का परिचय दें।

प्रधानमन्त्री
नरेंद्र मोदी जी

अथवा

संदेश
पिताजी आज वर्मा अंकल का फोन आया था। वह कल अपने क्लिनिक पर नहीं रहेंगे , इसलिए आप वहाँ कल न जाकर परसों जाना। मैं खेलने जा रहा हूँ। शाम छह बजे तक | वापिस आ जाऊँगा।
रोहन
शाम 5 बजे