Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 1 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 1 with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए। महान
खंड ‘अ’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान देश के विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देता है। भारत एक अनोखा राष्ट्र है, जिसका निर्माण विविध भाषा, संस्कृति, धर्म के तानों-बानों, अहिंसा और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित स्वाधीनता संग्राम तथा सांस्कृतिक विकास के समृद्ध इतिहास द्वारा एकता के सूत्र में बाँधकर हुआ है। हम इतिहास की बात करें या वर्तमान की भारतवर्ष में कला एवं संस्कृति का अनूठा प्रदर्शन हर समय एवं हर स्थान पर हुआ है। नृत्य, संगीत, चित्रकला, मूर्तिकला, वास्तुकला इत्यादि से समृद्ध भारत की पहचान पूरे विश्व में है। भारतीय वास्तुकला एवं मूर्तिकला की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। इस कला की कहानी लगभग पाँच हजार वर्ष सिंधु घाटी की सभ्यता से आरंभ होती है। इसके दो प्रमुख नगरों; मोहनजोदाड़ो और हड़प्पा में अच्छी सड़कें, दो
मंजिले मकान, स्नान-घर, पक्की ईंटों के प्रयोग के सबूत मिले हैं। गुजरात के लोथल नामक स्थान की खुदाई से पता चलता है, कि वहाँ नावों से सामान उतारने के लिए 216 x 37 मीटर लम्बी-चौड़ी तथा 15 फीट गहरी गोदी बनी हुई थी। ये लोग मिट्टी, पत्थर, धातु, हड्डी, काँच आदि की मूर्तियाँ एवं खिलौने बनाने में कुशल थे। धातु से बनी एक मूर्ति में एक नारी को कमर पर हाथ रखे नृत्य मुद्रा में दर्शाया गया है। दूसरी मूर्ति पशुपतिनाथ शिव की तथा तीसरी मूर्ति दाढ़ी वाले व्यक्ति की है। ये तीनों मूर्तियाँ कला के सर्वश्रेष्ठ नमूने हैं। मूर्ति का श्रेष्ठ होना मूर्तिकार के कौशल पर निर्भर करता है। मूर्ति की प्रत्येक भावभंगिमा को दर्शाने में मूर्तिकार जी-जान लगा देता है। भारत के प्रत्येक कोने में इस प्रकार की विभिन्न कलाएँ हमारी संस्कृति में प्रतिबिंबित होती हैं। इस अतुलनीय निधि का बचाव और प्रचार-प्रसार ही ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना है।
(1) भारत को ‘अनोखा राष्ट्र’ कहने से लेखक का तात्पर्य है
(क) बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन
(ख) मूर्तिकला के सर्वश्रेष्ठ नमूने
(ग) संवेदनशील भारतीय नागरिक
(घ) विभिन्नता में एकता का प्रतीक
उत्तर:
(घ) विभिन्नता में एकता का प्रतीक
(2) सिंधु घाटी की सभ्यता प्रतीक है।
(क) मूर्तिकार के कौशल का
(ख) एक भारत श्रेष्ठ भारत का
(ग) प्राचीन सुव्यवस्थित सभ्यता का
(घ) स्वाधीनता संग्राम के नायकों का
उत्तर:
(ग) प्राचीन सुव्यवस्थित सभ्यता का
(3) गद्यांश हमें संदेश देता है।
(क) कलाकार अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्शन करता है।
(ख) भारतीय नृत्य और संगीत की कला विश्व प्रसिद्ध है।
(ग) भारतीय सभ्यता व संस्कृति का संरक्षण आवश्यक है।
(घ) स्वाधीनता संग्राम में क्रांतिकारियों का विशेष योगदान है।
उत्तर:
(ग) भारतीय सभ्यता व संस्कृति का संरक्षण आवश्यक
(4) गद्यांश में मूर्तियों का सविस्तार वर्णन दर्शाता है।
(क) सूक्ष्म अवलोकन एवं कला-प्रेम
(ख) प्राचीन मूर्तियों की भावभंगिमा
(ग) स्थूल अवलोकन एवं कला-प्रेम
(घ) सांस्कृतिक एकता एवं सौहार्द्र
उत्तर:
(क) सूक्ष्म अवलोकन एवं कला-प्रेम
(5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A): भारतवर्ष में कला एवं संस्कृति का अनूठा प्रदर्शन हर समय हुआ है।
कारण (R) : भारतीय वास्तुकला एवं मूर्तिकला की परंपरा अत्यंत प्राचीन है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
परिश्रम यानी मेहनत अपना जवाब आप ही है। उसका अन्य कोई जवाब न है, न हो सकता है अर्थात् जिस काम के लिए परिश्रम करना आवश्यक हो, हम चाहें कि वह अन्य किसी उपाय से पूरा हो जाए, ऐसा हो पाना कतई संभव नहीं। वह तो लगातार और मन लगाकर परिश्रम करने से ही होगा। इसी कारण कहा जाता है कि ‘उद्योगिनं पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मी’ अर्थात् उद्योग या परिश्रम करने वाले पुरुष सिंहों को ही लक्ष्मी वरण करती है। सभी प्रकार की धन-संपत्तियाँ और सफलताएँ लगातार परिश्रम से ही प्राप्त होती हैं। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है, यह परीक्षण की कसौटी पर कसा गया सत्य है। निरंतर प्रगति और विकास की मंजिलें तय करते हुए हमारा संसार आज जिस स्तर और स्थिति तक पहुँच पाया है, वह सब हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से नहीं हुआ। कई प्रकार के विचार बनाने, अनुसंधान करने, उनके अनुसार लगातार योजनाएँ बनाकर तथा कई तरह के अभावों और कठिनाइयों को सहते हुए निरंतर परिश्रम करते रहने से ही संभव हो पाया है। आज जो लोग सफलता के शिखर पर बैठकर दूसरों पर शासन कर रहे हैं, आदेश दे रहे हैं, ऐसी शक्ति और सत्ता प्राप्त करने के लिए पता नहीं किन-किन रास्तों से चलकर, किस-किस तरह के कष्ट और परिश्रमपूर्ण जीवन जीने के बाद उन्हें इस स्थिति में पहुंच पाने में सफलता मिल पाई है। हाथ-पैर हिलाने पर ही कुछ पाया जा सकता है, उदास या निराश होकर बैठ जाने से नहीं। निरंतर परिश्रम व्यक्ति को चुस्त-दुरुस्त रखकर सजग तो बनाता ही है, निराशाओं से दूर रख आशा-उत्साह भरा जीवन जीना भी सिखाया करता है।
(1) परीक्षण की कसौटी पर कसे जाने से तात्पर्य है।
(क) सत्य सिद्ध होना
(ख) कथन का प्रामाणिक होना
(ग) आकलन प्रक्रिया तीव्र होना
(घ) योग्यता का मूल्यांकन होना
उत्तर:
(ख) कथन का प्रामाणिक होना।
(2) ‘हाथ-पैर हिलाने से कुछ पाया जा सकता है।’ पंक्ति के माध्यम से लेखक …………… की प्रेरणा दे रहे
(क) तैराकी
(ख) परिश्रम
(ग) परीक्षण
(घ) हस्तशिल्प
उत्तर:
(ख) परिश्रम
(3) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
(i) परिश्रम व्यक्ति को सकारात्मक बनाता है।
(ii) आज संसार पतन की ओर बढ़ रहा है।
(iii) पुरुषार्थ के बल पर ही व्यक्ति धनार्जन करता उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
विकल्प :
(क) केवल (i)
(ख) केवल (ii) :
(ग) (i) और (ii)
(घ) (ii) और (iii)
उत्तर:
(ग) (i) और (ii)
(4) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द गद्यांश में दिए गए ‘अनुसंधान’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाता है।
(क) परीक्षण
(ख) योजनाएँ
(ग) अन्वेषण
(घ) सिंहमुपैति
उत्तर:
(ग) अन्वेषण
(5) निम्नलिखित में से किस कथन को गद्यांश की सीख के आधार पर कहा जा सकता है
(क) अल्पज्ञान खतरनाक होता है।
(ख) गया समय वापस नहीं आता है।
(ग) मेहनत से कल्पना साकार होती है।
(घ) आवश्यकता आविष्कार की जननी है।
उत्तर:
(ग) मेहनत से कल्पना साकार होती है।।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(1) ‘वामीरो फटती हुई धरती के किनारे चीखती हुई दौड़ रही थी।’ रेखांकित पदबंध का भेद है।
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ग) क्रिया पदबंध
(2) ‘निर्भीक और साहसी वजीर अली अपने अधिकार के लिए लड़ रहा था।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध है।
(क) साहसी वजीर अली
(ख) लिए लड़ रहा था
(ग) निर्भीक और साहसी
(घ) अपने अधिकार के लिए
उत्तर:
(ग) निर्भीक और साहसी
(3) क्रिया पदबंध का उदाहरण छाँटिए।
(क) बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया।
(ख) यह काम तो हमेशा आदर्शवादी लोगों ने ही किया है।
(ग) दोनों कबूतर रातभर खामोश और उदास बैठे रहते हैं।
(घ) शैलेंद्र तो फिल्म निर्माता बनने के लिए सर्वथा आयोग्य थे।
उत्तर:
(ग) दोनों कबूतर रातभर खामोश और उदास बैठे रहते
(4) ‘बादशाह सुलेमान मानव जाति के साथ-साथ पशु पक्षियों के भी राजा हैं।’ रेखांकित पदबंध का भेद है।
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तर:
(क) संज्ञा पदबंध
(5) ‘हरिहर काका धीरे-धीरे चलते हुए आँगन तक पहुँचे।’ रेखांकित पदबंध का भेद है।
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तर:
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(1) ‘जब उसने तताँरा को देखा तो वह फूटकर रोने लगी।’ इस वाक्य का सरल वाक्य होगा।
(क) तताँरा को देखते ही वह फूटकर रोने लगी।
(ख) तताँरा को देखकर वामीरो फूटकर रोने लगी।
(ग) वामीरो ने तताँरा को देखा और फूटकर रोने लगी।
(घ) जैसे ही वामीरो ने तताँरा को देखा वह फूटकर रोने लगी।
उत्तर:
(क) ततौरा को देखते ही वह फूटकर रोने लगी।
(2) ‘हम जब अकेले पड़ते हैं तब अपने आप से लगातार बड़बड़ाते रहते हैं।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्रित वाक्य
(घ) सामान्य वाक्य
उत्तर:
(ग) मिश्रित वाक्य
(3) ‘आपके अच्छे कार्यक्रमों को सभी पसंद करते हैं।’ दिए गए वाक्य का मिश्रित वाक्य होगा
(क) आपके अच्छे कार्यक्रम सभी के पसंदीदा होते
(ख) जब कार्यक्रम होते ही अच्छे हैं सभी पसंद करते ही हैं।
(ग) आपके कार्यक्रम इतने अच्छे होते हैं कि सभी पसंद करते हैं।
(घ) आपके कार्यक्रम इतने अच्छे हैं इसलिए सभी को पसंद करते हैं।
उत्तर:
(ग) आपके कार्यक्रम इतने अच्छे होते हैं कि सभी पसंद करते हैं।
(4) निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य है
(क) आपने मुझे कारतूस दिए इसलिए आपकी जान बख्शी करता हूँ।
(ख) उसके अफसाने सुन के रॉबिनहुड के कारनामे याद आ जाते हैं।
(ग) वह एक छह मंजिली इमारत थी जिसकी छत पर एक सुंदर पर्णकुटी थी।
(घ) ग्वालियर से बंबई की दूरी ने संसार को काफी कुछ बदल दिया था।
उत्तर:
(क) आपने मुझे कारतूस दिए इसलिए आपकी जान बख्शी करता हूँ।
(5) ‘सभी लिख चुके हैं लेकिन कनक अभी तक लिख रही है।’ रचना के आधार पर इस वाक्य का भेद होगा
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) विधानवाचक वाक्य
उत्तर:
(ख) संयुक्त वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हींचार प्रश्नों के उत्तरदीजिए (1 × 4 = 4)
(1) ‘महावीर’ शब्द/समस्तपद कौन-से समास का उदाहरण है?
(क) द्विगु समास
(ख) कर्मधारय समास
(ग) तत्पुरुष समास
(घ) अव्यीभाव समास
उत्तर:
(ख) कर्मधारय समास
(2) ‘चंद्रखिलौना’ समस्त पद का विग्रह होगा
(क) चंद्र का खिलौना
(ख) चंद्र और खिलौना
(ग) चंद्र रूपी खिलौना
(घ) चंद्र के लिए खिलौना
उत्तर:
(ग) चंद्र रूपी खिलौना
(3) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्त पद | समास |
(i) गृहप्रवेश | (i) द्वद्व समास |
(ii) साफ- साफ | (ii) अव्ययीभाव समास |
(iii) त्रिकोण | (iii) तत्पुरुष समास |
(iv) मृगलोचन | (iv) बहुव्रीहि समास |
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं-
(क) i और ii
(ख) i और iii
(ग) i और iv
(घ) iii और iv
उत्तर:
(ग) i और iv
(4) ‘सत्याग्रह’ शब्द के लिए सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए।
(क) सत्य और ग्रह-द्वंद्व समास
(ख) सत्य का आग्रह-तत्पुरुष समास
(ग) सत्य आग्रह-अव्ययीभाव समास
(घ) सत्य के लिए आग्रह-तत्पुरुष समास
उत्तर:
(घ) सत्य के लिए आग्रह-तत्पुरुष समास
(5) ‘चतुर्मुख’ का समास विग्रह एवं भेद होगा
(क) चतुर है जो-बहुव्रीहि समास
(ख) चार मुख-तत्पुरुष समास
(ग) चार हैं मुख जिसके अर्थात् ब्रह्मा-बहुव्रीहि समास
(घ) चतुराई झलकती है जिसके मुख से अर्थात् व्यक्ति विशेष-बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(ग) चार हैं मुख जिसके अर्थात् ब्रह्मा-बहुव्रीहि समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँचबहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(1) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(क) गिरह बाँधना-मार डालना
(ख) तलवार खींचना-सब कुछ नष्ट करना
(ग) पन्ने रंगना-व्यर्थ में लिखना
(घ) कदम उठाना-सामना करना
उत्तर:
(ग) पन्ने रंगना-व्यर्थ में लिखना ।
(2) ‘अयोग्य को कोई महत्त्वपूर्ण वस्तु मिलना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(क) दाँतों तले उँगली दबाना
(ख) अंधे के हाथ बटेर लगना
(ग) अंधे की लाठी बनना
(घ) मोह-माया के बंधन में पड़ना
उत्तर:
(ख) अंधे के हाथ बटेर लगना
(3) तू मित्र है या शत्रु है? जहाँ भी जाता हूँ, वहीं मेरे सामने…………..। रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
(क) डेरा डालतरा है
(ख) हवा में उड़ता है
(ग) त्यौरियाँ चढ़ा लेता है
(घ) दीवार खड़ी कर देता है
उत्तर:
(घ) दीवार खड़ी कर देता है
(4) पढ़ाई में मेहनत कर मैं…………..हो सकता हूँ। उचित मुहावरे से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
(क) खून का घूट
(ख) एक पंथ दो काज
(ग) पैरों पर खड़ा होना
(घ) अपना हाथ जगन्नाथ
उत्तर:
(ग) पैरों पर खड़ा होना
(5) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा? तुम सारा दिन काम में जुटे रहते हो, कभी आराम भी कर लिया करो।
(क) कोल्हू का बैल
(ख) खेत का बैल
(ग) तीन तेरह होना
(घ) हक्का-बक्का
उत्तर:
(क) कोल्हू का बैल
(6) ‘अत्यधिक दु:खी होना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(क) कड़वे चूंट पीना
(ख) आपे से बाहर होना
(ग) कलेजा मुँह को आना
(घ) अक्ल पर पत्थर पड़ना
उत्तर:
(ग) कलेजा मुंह को आना
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए (1 × 5 = 5)
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए, विपत्ति, विघ्न जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए। घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी, अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी। तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तारे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे
(1) कवि सभी को एक होकर चलने की प्रेरणा देते हैं। इससे ज्ञात होता है कि कवि………….के पक्षधर हैं।
(क) निरन्वय
(ख) समन्वय
(ग) क्रमान्वय
(घ) दूरान्वय
उत्तर:
(ख) समन्वय
(2) अभीष्ट मार्ग से तात्पर्य है
(क) स्वर्गगत मार्ग
(ख) प्रमाणित मार्ग
(ग) क्रीडाक्षेत्रीय मार्ग
(घ) मनोवांछित मार्ग
उत्तर:
(घ) मनोवांछित मार्ग
(3) समर्थ भाव है, दूसरो को
(क) सफल करते हुए स्वयं सफल होना
(ख) ज्ञान मार्ग बताते हुए सफल बनाना
(ग) शक्ति प्रदर्शन द्वारा सफलता दिलाना
(घ) सफल करते हुए अपना स्वार्थ सिद्ध करना
उत्तर:
(क) सफल करते हुए स्वयं सफल होना
(4) ‘भिन्नता ना बढ़े’ का आशय है
(क) मत भिन्नता हो
(ख) मतभेद कम हों
(ग) भेदभाव भिन्न हों
(घ) मतभेद अधिक हों
उत्तर:
(ख) मतभेद कम हों
(5) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए
(i). हमें मृत्यु से कभी नहीं डरना चाहिए।
(ii) बाह्य आडंबरों का विरोध करना चाहिए।
(iii) मार्ग की विपत्तियों को ढकेलते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
(iv) प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए।
(v) हमें अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(क) (i), (ii), (v)
(ख) (i), (iii), (v)
(ग) (i), (iii), (iv)
(घ) (ii), (iv), (v)
उत्तर:
(ख) (i), (ii). (v)
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए। (1 × 2 = 2)
(1) ‘तुम्हीं राम, तुम्ही लक्ष्मण’ कवि ने ऐसा कहा है क्योंकि
(क) देश की रक्षा सभी देशवासियों का कर्तव्य है।
(ख) राम और लक्ष्मण द्वारा सीता की रक्षा की गई
(ग) सैनिक युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं।
(घ) आत्मबलिदान के अवसर निरंतर बने रहते हैं।
उत्तर:
(क) देश की रक्षा सभी देशवासियों का कर्तव्य है।
(2) ‘तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में’ का भाव है
(क) प्रभू की सत्ता पर संदेह न करना।
(ख) प्रत्येक जीव में परमात्मा को देखना।
(ग) ईश्वर के दर्शनों की अभिलाषा रखना।
(घ) सत्मार्ग पर चलकर जीवन-यापन करना।
उत्तर:
(क) प्रभु की सत्ता पर संदेह न करना।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए।(1 × 5 = 5)
‘रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ’ पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति की। उनका ख्याल था कि दर्शक ‘चार दिशाएँ’ तो समझ सकते हैं- ‘दस दिशाएँ नहीं। लेकिन शैलेंद्र परिवर्तन के लिए तैयार नहीं हुए। उनका दृढ़ मंतव्य था कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। कलाकार का यह कर्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रुचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करें और उनका यकीन गलत नहीं था। यही नहीं, वे बहुत अच्छे गीत भी जो उन्होंने लिखे बेहद लोकप्रिय हुए। शैलेंद्र ने झूठे अभिजात्य को कभी नहीं अपनाया। उनके गीत भाव-प्रवण थे-दुरूह नहीं। ‘मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिस्तानी, सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’- यह गीत शैलेंद्र ही लिख सकते थे। शांत नदी का प्रवाह और समुद्र की गहराई लिए हुए। यही विशेषता उनकी जिंदगी की थी और यही उन्होंने अपनी फिल्म के द्वारा भी साबित किया था।
(1) गीत ‘रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति की क्योंकि उनके अनुसार
(क) दस्त दिशाओं का गहन ज्ञान दर्शकों को नहीं होगा।
(ख) इससे दर्शकों की रुचियों का परिष्कार नहीं होगा।
(ग) जागरूक दर्शक ऐसी स्पष्ट बातें पसंद नहीं करते थे।
(घ) दर्शकों की रुचि के लिए उन पर उथलापन नहीं थोपना चाहिए।
उत्तर:
(क) दस दिशाओं का गहन ज्ञान दर्शकों को नहीं होगा।
(2) ‘उनका यह दृढ़ मंतव्य था कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। कलाकार का यह कर्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रुचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करें।’ कथन के माध्यम से ज्ञात होता है कि शैलेंद्र हैं
(क) दृढ़निश्चयी, सफल फिल्म निर्माता व कवि
(ख) सफल फिल्म निर्माता, गीतकार व कवि
(ग) समाज-सुधारक, कर्मयोगी गीतकार व कवि
(घ) आदर्शवादी, उच्चकोटि के गीतकार व कवि
उत्तर:
(घ) आदर्शवादी, उच्चकोटि के गीतकार व कवि
(3) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : उनके गीत भाव-प्रवण थे, दुरुह नहीं
कथन (R) : शैलेंद्र के द्वरा लिखे गीत भावनाओं से ओत-प्रोत थे, उनमें गहराई थी। गीतों की भाषा सहज, सरल थी, क्लिष्ट नहीं थी।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(4) ‘मेरा जूता है जापानी…….’ यह गीत शैलेंद्र ही लिख सकते थे। लेखक द्वारा ऐसा कहा जाना दर्शाता है, शैलेंद्र के प्रति उनका
(क) कर्तव्यबोध
(ख) मैत्रीभाव
(ग) व्यक्तित्व
(घ) अवलोकन
उत्तर:
(घ) अवलोकन
(5) गद्यांश के आधार पर शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप मिलती है कि वे थे
(क) बेहद गंभीर, उदार, दृढ़ इच्छाशक्ति और संकीर्ण हृदय
(ख) बेहद गंभीर, उदार, कृपण और संकीर्णहृदय
(ग) बेहद गंभीर, भावुक, कृपण और दृढ़ इच्छाशक्ति
(घ) बेहद गंभीर, उदार, दृढ़ इच्छाशक्ति और भावुक
उत्तर:
(घ) बेहद गंभीर, उदार, दृढ़ इच्छाशक्ति और भावुक
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए (1 × 2 = 2)
(1) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ‘बड़े भाई साहब’ कहानी से प्राप्त प्रेरणा को दर्शाते हैं
(i) कथनी और करनी का अंतर हमारी स्थिति को हास्यास्पाद बना सकता है।
(ii) पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी छात्र जीवन के आवश्यक अंग है।
(iii) केवल परीक्षा से पहले ध्यान लगाकर पढ़ लेने से प्रथम आ सकते हैं।
(iv) बड़े भाई साहब ज्ञान की बातें लेखक को आसानी से समझा सकते हैं।
(क) केवल (i)
(ख) (i) और (ii)
(ग) केवल (iv)
(घ) (ii), (ii), (iv)
उत्तर:
(ख) (i) और (i)
(2) सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का उद्देश्य था
(क) अपने परम मित्र सआदत अली की हरसंभव सहायता करना
(ख) जॉबाज योद्धा के रूप में मित्र सआदत अली को प्रसिद्ध करना।
(ग) कंपनी के वकील का कत्ल करवाने के लिए मिलकर षडयंत्र रचना
(घ) अप्रत्यक्ष रूप से अवध पर कंपनी का आधिपत्य स्थापित करना।
उत्तर:
(घ) अप्रत्यक्ष रूप से अवध पर कंपनी का आधिपत्य स्थापित करना।
खंड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए- (3 × 2 = 6)
(क) भ्रमण हम सभी के जीवन का अभिन्न अंग है। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या के बीच चैन से भरे कुछ पल शायद हम इसी प्रकार निकाल सकते हैं। शांत वातावरण में अपने तथा अपनों के लिए जीवन व्यतीत करना आवश्यक है। आपके द्वारा इस पाठ्यक्रम में पढ़े गए पाठ में चैन भरे पल बिताने के लिए लेखक ने क्या किया? क्या वास्तव में सभी को इसकी आवश्यकता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
- पाठ-पतझड़ में टूटी पत्तियों पर आधारित
- चाय पीने की परंपरा –
- चानोयू, शांत वातावरण में वर्तमान की समझ
- शिक्षार्थी अपने मतानुसार लिखेंगे.
भ्रमण एक प्रकार का योग है, जो हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि हम नियमित रूप से भ्रमण करें तो हम अनेक बीमारियों से दूर रहते हुए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं। भ्रमण के दौरान एक-एक कदम बढ़ाते हुए हम हर पल को महसूस करते हैं और अपने आप से मुलाकात कर पाते हैं। आज की व्यस्त दिनचर्या में इस प्रकार के चैन भरे पल मिल जाएँ, तो वह हमें ताजगी से भर देते हैं। हमारे पाठ्यक्रम के पाठ ‘झेन की देन’ में लेखक ‘रविंद्र केलेकर’ ने जापान की एक विशेष प्रकार की टी सेरेमनी का अनुभव किया था। वह ध्यान की एक पारंपारिक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से जापान के लोग आज भी अपनी तनाव भरी दिनचर्या में से कुछ चैन भरे पल पा लेते हैं और खुद को फिर से संघर्ष करने के लिए तैयार करते हैं। इस तरह के पल अपने लिए निकालना निस्संदेह आज की बड़ी आवश्यकताओं में से एक है, क्योंकि हमारे पास अनगिनत सुख साधन हों, किंतु मन और मस्तिष्क शांति और सुकून का अनुभव न कर सके, तो हम किसी अन्य साधन का लाभ नहीं उठा सकते।
(ख) ‘डायरी का एक पन्ना’ के माध्यम से अपने गुलाम भारत के स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के विषय में जाना। आज हम आजाद भारत में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। देश के प्रति अपने कर्तव्यों को बताते हुए पाठ से प्राप्त सीख का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- देश की एकता अखंडता बनाए रखने के लिए कटिबद्ध
- देश भक्ति व देश के विकास के लिए प्रयासरत
- पाठ से सीख-क्रांतिकारियों की कुर्बानियों को याद करके एक संगठित समाज ।
- कृत संकल्प संगठित समाज द्वारा सभी कुछ संभव
भारत देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो गए हैं। हर साल हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, किंतु इस वर्ष हमने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया और याद किया कि यह आजादी हमने किस कीमत पर पाई थी, 75 वर्षों में हमने विकास की कितनी सीढ़ियों को पार किया और आज देश के प्रति हमारे क्या कर्तव्य बनते हैं। हमारा सौभाग्य है कि हम एक स्वतंत्र देश के नागरिक हैं। उस स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए तथा अपने देश को नई उपलब्धियों से संवारने के लिए हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। आज जिन सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक बुराइयों ने हमारे देश को कमजोर बनाया हुआ है, उन बुराइयों से अपने देश को आजाद करना होगा। यह सब केवल सरकारी नीतियों से नहीं हम सब के दृढ़ निश्चय और प्रयास से संभव हो पाएगा। जैसा कि पाठ ‘डायरी का एक पन्ना’ ने सिद्ध किया है कि जब समाज कृत संकल्प होकर आगे आता है तो ऐसा कोई कार्य नहीं जो असंभव है। उस समन्वित प्रयास का ही परिणाम ही हमें आजादी के रूप में प्राप्त हुआ है और उस आजादी को बनाए रखने हेतु हमें संकीर्णताओं से आजाद होकर आगे बढ़ना होगा।
(ग) इस वर्ष आपने पाठ्यक्रम में लोककथा पर आधारित एक कहानी पढ़ी है। यह कहानी समाज की विसंगतियों को दूर करने का संदेश देती है। कथन का मूल्यांकन करते हुए अपने विचार कीजिए।
उत्तर:
- तताँरा-वामीरो कथा
- रूढ़ियों का बंधन बोझ बना जाना क
- तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से परिवर्तन
- शिक्षार्थी अपने मतानुसार लिखेंगे।
उसके अंतर्गत यह देखा कि समय-समय पर नियम और कानून बनाए जाते हैं, किंतु समय और आवश्यकता के अनुसार उनमें परिवर्तन लाना भी आवश्यक होता है अन्यथा वही नियम बोझ बनने लगते हैं। अपने पाठ्यक्रम में हमने लोक कथा पर आधारित कहानी ‘ततारा वामीरो कथा’ पढ़ी जिसके अंतर्गत निकोबार द्वीप के दो गांवों के बीच विवाह की निषेध परंपरा के दुष्परिणाम सामने आए। एक युगल को अपने प्रेम का ही नहीं जीवन तक का बलिदान देना पड़ा। यह लोक कथा एक महत्त्वपूर्ण संदेश दे रही है कि हमें समय-समय पर अपने समाज में व्याप्त रीतियों का मूल्यांकन करना चाहिए, आवश्यकता अनुसार उनमें परिवर्तन करने से संकोच नहीं करना चाहिए। अपनी संकुचित विचारधारा को छोड़कर व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए आगे बढ़ना चाहिए।. एक महत्त्वपूर्ण संदेश यह भी मिल रहा है कि घृणा सदा दूरियाँ बढ़ाती है और प्रेम ही है जो सब को जोड़ने की ताकत रखता है। अतः हमें किसी भी भेद आदि से ऊपर उठकर प्रेम भाव को अपनाना चाहिए
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए- (3 × 2 = 6)
(क) आपके द्वारा इस पाठ्यक्रम में पढ़ी गई किस कविता की अंतिम पंक्तियाँ आपको सर्वाधिक प्रभावित करती हैं और क्यों? लगभग 60 शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
अपने पाठ्यक्रम में हमने अनेक कविताएँ पढ़ी जिनमें से देशभक्ति गीत के रूप में प्रसिद्ध कविता ‘कर चले हम फिदा’ की अंतिम पंक्तियाँ हैं’ राम भी तुम-तुम ही लक्ष्मण साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’। इन पंक्तियों ने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है। कवि ‘कैफी आजमी’ ने एक पौराणिक कथा को आधार बनाकर हमें देश की रक्षा करने हेतु प्रेरित किया है। कविता के माध्यम से उस सैनिक की भावनाओं को दर्शाया गया है जो अंतिम सांस तक देश की हिफाजत करता है। अपने जीवन के कुर्बान हो जाने का उसे कोई अफसोस नहीं, उसे चिंता केवल यही है कि उसके न रहने पर देश की रक्षा कौन करेगा। यह जिम्मेदारी वह अन्य देशवासियों अर्थात् हम सबको सौंपता है। कवि का कहना है कि जब कभी कोई शत्रु देश हमारी मातृभूमि की ओर आँख उठाकर देखें तो हमें अपनी शक्ति का प्रदर्शन करके उसे चेतावनी देनी है ताकि उसका साहस न हो कि वह हमारी लक्ष्मण रेखा को पार कर सके और यदि कोई ऐसा करने का साहस करता है तो उसे शक्तिहीन करने का साहस हमारे अंदर होना चाहिए। हमारी मातृभूमि पवित्र सीता माँ है और हमने राम और लक्ष्मण बनकर तन-मन-धन से उसकी सेवा करनी है। (यह मात्र एक उदाहरण है।) छात्र पाठ्यक्रम की जिस कविता से प्रभावित हों, उसकी अंतिम पंक्तियों को आधार बनाकर उत्तर लिख सकते हैं।
(ख) कबीर और मीरा की भक्ति की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- कबीर-निर्गुण भक्ति के प्रवर्तक
- धर्म के बाह्य आडंबरों पर गहरी और तीखी । चोट
- आत्मा परमात्मा के विरह-मिलन के भावपूर्ण गीत
- ईश्वर के निर्विकार, अरूप का वर्णन
- मीरा-दैन्य और माधुर्य भाव की भक्ति
- आराध्य से मनुहार और अवसर आने पर उलाहना भी
- कृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन
- गिरधर गोपाल के अनन्य और एकनिष्ठ प्रेम से अभिभूत
(ग) आपके पाठ्यक्रम में किस कविता में वर्षा के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया गया है? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सुमित्रानंद पंत द्वारा रचित कविता ‘पर्वत प्रदेश में पावस’
प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत वर्णन
पहाड़ों की अपार श्रृंखला, आसपास बहते झरने
पाठक सब कुछ भूल कर उसी में लीन रहना चाहते हैं।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए- (3 × 2 = 6)
(क) लोगों के बीच बहस छिड़ जाती है। उत्तराधिकारी के कानून पर जो जितना जानता है, उससे दस गुना अधिक उगल देता है। फिर भी कोई समाधान नहीं निकलता। रहस्य खत्म नहीं होता, आंशकाएँ बनी ही रहती हैं। लेकिन लोग आशंकाओं को नजरअंदाज कर अपनी पक्षधरता शुरू कर देते हैं। हरिहर काका सभी के लिए चर्चा का केंद्र बने हुए थे। हरिहर काका मामले में गाँव वालों की राय तर्कसहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गाँव वालों की अलग-अलग राय
दो दल बन गए थे।
गाँव में एक तरफ चटोरे किस्म के लोग थे जो ठाकुरबारी में प्रसाद के बहाने तर माल खाते थे। वे महंत के पक्षधर थे। वे चाहते थे कि हरिहर काका को अपनी जमीन ठाकुरबारी के नाम लिख देनी चाहिए। इससे उन्हें पुण्य मिलेगा तथा उनकी कीर्ति स्थायी रहेगी।
दूसरा दल ठाकुरबारी के धार्मिक पाखंड को भली-भाँति जानने वालों का था। वे भाइयों के परिवार के समर्थक थे। उनकी राय थी कि हरिहर काका को अपनी जमीन भाइयों के नाम लिख देनी चाहिए। उन्हें यही राय न्यायपूर्ण प्रतीत होती थी।
(ख) स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को महत्त्वपूर्ण ‘आदमी’ फौजी जवान समझने लगता था। कथन के आलोक में अपने विचार प्रकट करते हुए बताइए कि विद्यालय जीवन में प्रशिक्षण व गतिविधियों की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
- धोबी की धुली वर्दी, पॉलिश किए जूतों को पहनकर फौजी जवान मास्टर प्रीतमचंद द्वारा लेफ्ट-राइट कहते हुए परेड करवाना बूटों की एड़ियों को दाएँ-बाएँ मोड़कर ठक-ठक करके चलना।
- विद्यालय जीवन में प्रशिक्षण व गतिविधियों की अत्यधिक उपयोगिता है। गतिविधियों द्वारा बच्चे खेल-खेल में महत्त्वपूर्ण तथ्यों को भली-भाँति समझते हैं तथा आनंदपूर्ण वातावरण में शिक्षा ग्रहण करते हैं। उनमें सहयोग, सहनशीलता, परोपकार की भावना जाग्रत होती है।
(ग) बालमन किस स्वार्थ या हिसाब से चलायमान नहीं होता। बचपन प्रेम के रिश्ते के अलावा किसी और रिश्ते को कुबूल नहीं करता। ‘टोपी शुक्ला’ पाठ में टोपी अपने परिवार के एक सदस्य को बदलने की बात करता है। उसकी सोच के आधार पर उसकी मनोदशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रेम केवल अपनापन देखता है, जाति या धर्म नहीं
टोपी शुक्ला को अपनेपन की तलाश थी जो उसने इफ्फन की दादी में देखी
टोपी को इफ्फन की दादी बहुत अच्छी लगती थीं और अपनी दादी से नफरत थी इसीलिए
टोपी ने अपनी दादी को इफ्फन की दादी से बदलना चाहा।
इफ्फन की दादी के प्यार व अपनापन से वह बहुत प्रभावित
स्वयं की दादी सदैव डाँटती रहती और कभी भी उसके मनोभावों को समझने का प्रयास नहीं करती।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय का लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए-(5 × 1 = 5)
(क) विद्यार्थी जीवन और चरित्र निर्माण
संकेत-बिंदु
- संपूर्ण जीवन की आधारशिला
- चरित्र निर्माण की आवश्यकता
- देश समाज के लिए उपयोगी
(ख) ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट का रोमांच
संकेत-बिंदु
- मैच कब और कहाँ
- टीमों का संघर्ष
- दर्शकों की प्रतिक्रिया
(ग) दौड़ती हुई जिंदगी
संकेत-बिंदु
- 10 कैसे
- कारण
- आवश्यकताओं में वृद्धि
- क्यों करें?
उत्तर:
- विषयवस्तु – 3 अंक
- भाषा – 1 अंक
- प्रस्तुति – 2 अंक
(क) विद्यार्थी जीवन और चरित्र जीवन विद्यार्थी जीवन मनुष्य की आधारशिला है। यह व्यवस्था है जब व्यक्ति के चरित्र को सुंदर आकार देना संभव होता है। विद्यार्थी कच्ची मिट्टी के समान होते हैं, उसे जिस आकार में ढाला जाए, ढल जाते हैं। यह अवस्था निकल जाने पर उस आकार में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता जैसे मिट्टी का बर्तन पक जाने पर उसके आकार को बदला नहीं जा सकता। चरित्र निर्माण मनुष्य जीवन की सफलता के लिए अत्यधिक आवश्यक है और इसमें शिक्षक, अभिभावक तथा विद्यालय का वातावरण महत्त्वपूण f भूमिका निभाते हैं। यदि कोई भी कड़ी कमजोर रह गई, तो व्यक्तित्व रूपी इमारत मजबूत और खूबसूरत नहीं बन सकती। सच्चाई, ईमानदारी, दृढ़ विश्वास, परिश्रम एवं कर्मठता जैसे मानवीय मूल्यों की स्थापना एक व्यक्तित्व को निखार देती है और ऐसा व्यक्ति न केवल परिवार अपितु समाज व देश के लिए बहुमूल्य सौगात बन जाता है। अतः एक स्वस्थ देश के निर्माण के लिए शिक्षा की ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जो छात्रों में नैतिक मूल्यों का विकास कर सके। छात्र सुनकर नहीं, देखकर अधि क सीखते हैं। अध्यापकों तथा अभिभावकों को छात्रों के समक्ष आदर्श प्रस्तुत करने चाहिए जिनसे प्रेरित होकर छात्रों का चरित्र निर्माण स्वयः होगा तथा समाज व देश का भविष्य उज्ज्वल बनेगा।
(ख) ट्वेंटी ट्वेंटी क्रिकेट का रोमांच क्रिकेट मैच लगभग प्रत्येक व्यक्ति के लिए आकर्षण का विषय हमेशा से रहा है। क्रिकेट के भी नए-नए रूप सामने आए हैं। इनमें से 20-20 क्रिकेट मैच का अपना विशेष आर्कषण है। यह टेस्ट मैच की भांति पांच दिवस तक चलने वाला न होकर कुछ ही घंटों में समाप्त हो जाता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति इसे देखना पसंद करता है। हाल ही में मुंबई में हुआ 20-20 मैच अत्यधिक रोमांचक रहा। यह मैच भारत और पाकिस्तान के बीच था। शनिवार शाम को सड़कें बिलकुल सूनी हो गई थीं। कोई घर पर तो कोई रेस्त्रा में बड़ी स्क्रीन पर मैच का आनंद ले रहा था। भारत ने पहले गेंदबाजी करके 183 रन बनाए। पाकिस्तान ने जब बल्लेबाजी शुरू की तो पहले 10 ओवर में ही 100 रन बनाकर भारत को चिंता में डाल दिया। किंतु अगले 10 ओवर में भारत की गेंदबाजी से विरोधी दल के पसीने छूट गए। अंतिम ओवर में पाकिस्तान को छ: गेंदों पर 7 रन बनाने थे। सबकी साँसें रुकी हुई थीं, रोमांच बढ़ता ही जा रहा था। अंतिम ओवर की पहली गेंद पर 1 रन, दूसरी पर 2 रन, तीसरी और चौथी गेंद खाली गई। पांचवीं गेंद पर 1 रन अब पाकिस्तान को जीतने के लिए अंतिम गेंद पर चौका लगा लगाना था। अच्छी गेंदबाजी करते हुए हमारे कप्तान आगे बढ़े, पाकिस्तान के खिलाड़ी ने भी जोरदार बल्ला घुमाया। गेंद सीमा पर हो जाती किंत हमारे अन्य खिलाड़ी ने उसे लपक लिया और इस तरह भारत इस मैच का विजेता बना। जीत का जश्न मनाते हुए दोनों दल के खिलाड़ी गले मिले। यह मैच शायद हम वर्षों तक नहीं भूल पाएंगे।
(ग) दौड़ती हुई जिंदगी
समय की रफ्तार न कभी कम होती है न ज्यादा किंतु आज ऐसा लगता है कि समय रेत की तरह हाथों से फिसलता ही जा रहा है। जिंदगी दौड़ रही है। जिसको देखो वह तेजी में है। हर जगह रफ्तार देखने को मिलती है। सड़कों पर यातायात दौड़ रहा है, कारखानों में मशीनें दौड़ रही हैं, घड़ी की सुइयाँ भी भागती सी नजर आती है। दौड़ के पीछे आखिर कारण क्या है? हम इतना भाग कर क्या हासिल करना चाहिए हैं ? यह सोचने का भी किसी के पास वक्त नहीं है। रफ्तार का मूल कारण जिम्मेदारियाँ नहीं बल्कि बढ़ती हुई इच्छाएँ हैं। आवश्यकताएँ तो धीमी रफ्तार से चलते हुए भी पूरी हो सकती हैं, किंतु यह दौड़ इच्छाओं की है। तेज दौड़ कर एक इच्छा पूरी होती है तो अगली सामने खड़ी होती है। उसके लिए और तेज दौड़ना पड़ता है और इस प्रकार दौड़ने की रफ्तार बढ़ती जा रही है और उसी अनुपात में इच्छाएँ भी बढ़ती ही जा रही हैं। इस दौड़ पर कहीं न कहीं रोक लगानी पड़ेगी अन्यथा जीवन के अंत में यह अफसोस अवश्य होगा कि हमने क्या पाने के लिए और क्या-क्या खो दिया। हमें संतुलन बनाना आना चाहिए। अनगिनत इच्छाओं को पूरा करने के लिए हम सब कुछ दाँव पर लगा देते हैं और एक समय ऐसा आता है कि बहुत कुछ होता है किंतु स्वास्थ्य और संबंधों को खो देते हैं और बड़े से बड़े सुख साधन भी हमारे किसी काम के नहीं रह जाते। फिर पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत। अतः समय रहते हम अपने जीवन की रफ्तार को कम कर लें, इच्छाओं को सीमित कर लें, इसी में सबसे बड़ा सुख और संतोष है।
प्रश्न 15.
आप वेणु राजगोपाल/वेणी राजगोपाल हैं। हिंदुस्तान टाइम्स दिल्ली के संपादक के नाम एक पत्र लिखकर सामाजिक जीवन में बढ़ रही हिंसा पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। (शब्द सीमा लगभग 100 शब्द) (5 × 1 = 5)
उत्तर:
- आरंभ व अंत की औपचारिकताएँ – 1 अंक
- विषयवस्तु – 2 अंक
- भाषा – 1 अंक
- प्रस्तुति – 1 अंक
संपादक महोदय
हिंदुस्तान टाइम्स
नई दिल्ली
विषय-बढ़ते सामाजिक अपराध व हिंसाएँ आदरणीय महोदय,
मैं पश्चिमी दिल्ली की निवासी आपके समाचार-पत्र की ‘नियमित पाठिका रही हूँ। आपका समाचार-पत्र अनेक सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक समस्याओं को जनता के सामने लाने के लिए जाना जाता है।
आज मैं आपके पत्र के माध्यम से समाज में बढ़ रही हिंसात्मक गतिविधियों को उजागर करना चाहती हूँ। हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है किंतु अफसोस की बात है कि समाज में असुरक्षा बढ़ती जा रही है, जिसके कारण आए दिन भयंकर अपराध व हिंसा की घटनाएँ देखने और सुनने को मिलती हैं। समाज में विभिन्न वर्ग और जातियों के बीच हिंसात्मक वारदातें होती रहती हैं। पारिवारिक स्तर पर भी हिंसाएँ कम होने की बजाय बढ़ रही है। अशिक्षा, बेरोजगारी और गलत आदतें इसका कारण हैं। इनका सीधा प्रभाव बच्चों की मानसिकता, महिला वर्ग तथा समाज पर विभिन्न रूप से पड़ता है। समाज के रक्षक ही जब भक्षक बन जाते हैं, तब ऐसे हालात सामने आते हैं।
मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप अपने प्रतिष्ठित पत्र के माध्यम से हिंसा अपराध करने वालों का पर्दाफाश करें ताकि अन्य लोगों को भी सब उनके साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी मिसाल कायम हो सके।
धन्यवाद
भवदीया
वेणी राजगोपाल
अथवा
आपके विद्यालय में खेल की उपयुक्त सामग्री है तथा समय-समय पर सभी स्तरों पर मैच का आयोजन भी किया जाता है। विद्यालय के खेल कप्तान होने के नाते प्रधानाचार्य के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
श्रीमान प्रधानाचार्य जी
ख
क ख ग विद्यालय
नई दिल्ली
विषय- उपयुक्त खेल सामग्री तथा आयोजनों हेतु आभार
आदरणीय महोदय
मैं आपके प्रतिष्ठित विद्यालय में कक्षा दसवीं का छात्र हूँ। गत दो वर्षों से विद्यालय के खेल कप्तान होने का सुवअवसर मुझे प्रोप्त है।
इस पत्र के माध्यम से मैं आपको धन्यवाद कहना चाहता हूँ कि आपने उचित मात्रा में, उपयुक्त खेल सामग्री प्रदान की है जिसके फलस्वरूप हम सभी छात्रों का अच्छा अभ्यास हो पाता है। खेल में छात्रों की रुचि विकसित होती है। अंतर्विद्यालय व जोन के स्तर पर हम उत्तम प्रदर्शन करते आए हैं। इससे हमारा आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है, साथ ही विद्यालय को प्रतिष्ठा प्रदान करके हम गर्व का अनुभव भी करते हैं। अतः आपके सहयोग तथा प्रोत्साहन के लिए हम सब आपके आभारी हैं। आशा करते हैं भविष्य में भी इसी प्रकार आपका सहयोग तथा आशीष हमें मिलता रहेगा।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
क ख ग
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80 शब्दों में सूचना लिखिए- (4 × 1 = 4)
आप विद्यालय के सांस्कृतिक सचिव हैं। बाल दिवस समारोह के अवसर पर विद्यालय में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के विवरण सहित सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर :
- विषयवस्तु – 2 अंक
- प्रस्तुति – 1 अंक
- भाषा – 1 अंक
क ख ग विद्यालय
दिनांक……………..सूचना
बालदिवस का आयोजन
सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि आगामी माह विद्यालय में हर बार की तरह बालदिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होने वाला है। कार्यक्रम के विषय में अभी तक प्राप्त जानकारी इस प्रकार है
तिथि-12 नवंबर
समय-प्रातः 11 : 00
बजे अवधि-लगभग 2 घंटे
स्थान-तीसरी मंजिल का सभागार
मुख्य आकर्षण-नृत्य नाटिका, गीत-संगीत, भाषण सभी छात्रों से अनुशासन बनाए रखते हुए ,अपनी कक्षा अध्यापिका के साथ समय पर सभागार में पहुँचने की अपेक्षा की जाती है।
याद करेंगे चाचा नेहरू के जीवन उपदेश, प्राप्त करेंगे अमूल्य संदेश।
धन्यवाद
सांस्कृतिक अध्यक्ष
क ख ग
अथवा
आप रजत चट्टोपाध्याय/रजनी रस्तोगी, मोहल्ला सुधार समिति के सचिव हैं। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ कार्यक्रमों में भाग लेने के इच्छुक लोगों के लिए एक सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
मुहल्ला सुधार समिति
दिनांक……………………सूचना
स्वच्छता पखवाड़ा आयोजन
‘स्वच्छता स्वास्थ्य की जननी है’
सभी निवासियों को सूचित किया जाता है कि आगामी सप्ताह हमारे क्षेत्र में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन होने वाला है। आयोजन से संबंधित जानकारी इस प्रकार है
तिथि – 20 सितंबर
समय – प्रात : 10 : 00 बजे से 12 बजे
स्थान – मोहल्ले का मैदान
मुख्य अतिथि – स्वच्छता अधिकारी
सभी से आयोजन में पूरे उत्साह के साथ भाग लेने की अपेक्षा की जा रही है। यह आयोजन हम सबका अपना है। मिलकर इसे सफल बनाना है।
धन्यवाद
सचिव
रजनी रस्तोगी
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए- (3 × 1 = 3)
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा योग दिवस के अवसर के प्रचार-प्रसार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 60 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तर:
- विषयवस्तु – 1 अंक
- प्रस्तुति – 1 अंक
- भाषा – 1 अंक
योग कला है, योग साधना,
योग मिलन की है आराधना,
जीव को जो उस प्रभु से मिला दे,
ऐसी अद्भुत राह योग है।
चित्र
योग को अपनी दिनचर्या का महत्त्वपूर्ण अंग बनाएँ, द्वारका नई दिल्ली में आयोजित योग शिविर का हिस्सा बने योग सीखें और सिखाएँ स्वस्थ तन और मन पाएँ। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा योग दिवस के अवसर पर जनहित में जारी
अथवा
लोकल फॉर वोकल (स्थानीय उत्पादों का प्रयोग) के प्रचार-प्रसार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 60 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तर:
लोकल फॉर वोकल
विदेशी नहीं स्वदेशी अपनाएँ
देश के विकास में हाथ बढ़ाएँ
स्थानीय उत्पादकों द्वारा निर्मित
घरेलू उपयोग की व सजावट की वस्तुएँ
हम आपकी जरूरत को समझते हैं,
जो और जैसा आप चाहते हैं, वैसा हम रचते हैं
विभिन्न वस्तुओं के चित्र
कम दाम में उपलब्ध
दिवाली के शुभ अवसर का लाभ उठाएँ।
सभी वस्तुओं पर विशेष छूट है
आएँ और कम दामों में अधिक पाएँ।
प्रश्न 18.
‘जैसा करोगे वैसा भरोगे’ विषय पर लघु कथा लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5 × 1 = 5)
उत्तर:
- औपचारिकताएँ – 1 अंक
- विषयवस्तु – 2 अंक
- प्रस्तुति – 1 अंक
- भाषा – 1 अंक
यह कोई विश्वास, अंधविश्वास या मात्र कहावत नहीं है बल्कि तार्किक सत्य है जैसा हम करते हैं वैसा ही हमें मिलता है। जीवन में अक्सर छोटी-बड़ी ऐसी घटनाएँ होती रहती हैं जो हम बार-बार इस बात का एहसास कराती है ऐसी ही एक घटना लगभग 1 वर्ष पहले घटी। हम सपरिवार घूमने जार रहे थे। मेरे पिताजी कार चला रहे थे हम तीन बच्चे पीछे, मम्मी पापा आगे बैठे थे। अक्सर पिताजी कार चलाते समय गति को नियंत्रण में नहीं रखते हैं जिसके लिए माँ और हम उन्हें समय-समय पर कहते भी हैं किंतु वह अपनी धुन में तेज गति से कार चलाना चलाने में ही आनंद लेते हैं। हमने अपनी मंजिल पर 11 : 00 बजे पहुँचना था। घर से निकलने में कुछ देर हो गई माँ ने बैठते ही कहा कि भले ही देर से पहुँचे, पर गाड़ी ध्यान से चलाइएगा। पिताजी ने रफ्तार पकड़ी और कहीं-कहीं तो यातायात के नियमों का उल्लंघन करते हुए चलते गए, इस विचार से कि कोई फर्क नहीं पड़ता। किंतु वास्तव में फर्क पड़ता है। पर इस बात उन्हें तब समझ आई जब आगे चलकर हमारे साथ भयंकर दुर्घटना घटी। 120 की रफ्तार से कार चल रही थी अचानक सड़क पर न जाने कहाँ से एक गाय आ गई। पिताजी रफ्तार को नियंत्रित नहीं कर सके और तेज ब्रेक लगाने के कारण गाय को तो चोट आई ही, हमारी गाड़ी भी तेज ब्रेक लगाने के कारण पलट गई हम तीनों बच्चों को चोटें आई, माँ गंभीर रूप से घायल हो गई और पिताजी की भी हाथ और पैर की हड्डी टूट गई। यदि यातायात के नियमों का पालन किया गया होता, तो ऐसी दुर्घटना न घटती, हम अपनी मंजिल समय से पहुँच जाते। किंतु हमने नियम तोड़े, अपने लिए स्वयं ही असुरक्षा के इंतजाम किए, तो हमें दंड भोगना पड़ा। मगर हमेशा के लिए एक बड़ा सबक सीख लिया-जैसो करोगे, वैसा भरोगे।
अथवा
आप श्वेता कपूर/शैलेश कपूर हैं। आप वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिंदी की उपयोगिता जानते हैं इसीलिए ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय के साथ भी हिंदी अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ना चाहते हैं। अपने प्रधानाचार्य को विद्यालय के ईमेल पते पर ईमेल लिखकर अनुमति प्राप्त कीजिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)
उत्तर:
मेल कर्ता[email protected]
प्राप्तकर्त्ता-rkschool.gmail.com
विषय-विज्ञान विषय के साथ हिंदी विषय दिए जाने की प्रार्थना।
20 सितंबर, 2022
सायं 6 बजे
आदरणीय प्रधानाचार्य जी,
मैं श्वेता कपूर, आपके विद्यालय की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा हूँ। मैंने अपनी तथा अपने अभिभावकों की इच्छा से विज्ञान विषय का चुनाव किया है। किंतु आज के परिप्रेक्ष्य में हिंदी के बढ़ते प्रभाव तथा आवश्यकता को समझते हुए, मैं हिंदी विषय भी पढ़ना चाहती हूँ। अभी हमारे विद्यालय में विज्ञान विषय के साथ हिंदी विषय पढ़ने का कोई प्रावधान नहीं है। मेरी आपसे प्रार्थना है कि एक अतिरिक्त विषय के रूप में मुझे हिंदी विषय पढ़ने की अनुमति दी जाए ताकि मैं भविष्य में जहाँ भी कार्यरत हूँ, हिंदी का प्रयोग भी पूरे विश्वास व गौरव के साथ कर सकूँ। मुझे आशा है आप मेरी प्रार्थना पर गंभीरता से विचार करेंगे तथा मेरे व अन्य हिंदी पढ़ने के इच्छुक छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेंगे। कृपया मेल स्वीकार करें।
धन्यवाद
श्वेता कपूर
कक्षा ग्यारहवीं