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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 10 with Solutions

निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’।
  • खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
  • खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
  • निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
  • दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए। महान

खंड ‘अ’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(1 × 5 = 5)
हर व्यक्ति में एक समूचा ब्रह्माण्ड वैसे ही बसा है जैसे छोटे-से बीज में पूरा वृक्ष छिपा है। आदमी इस ब्रह्माण्ड की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है। इस बात से विज्ञान भी सहमत है। वैज्ञानिक कहते हैं कि विश्व के प्रत्येक जीव की क्रिया और उसका स्वभाव अलग-अलग होता है। किन्हीं भी दो में एकरूपता नहीं होती। विभिन्न प्राणियों का समावेश ही संसार है। इसी प्रकार से करोड़ों कोशिकाओं (सेल्स) से इस शरीर का निर्माण हुआ है। प्रत्येक का स्वभाव तथा कर्म भिन्न है, फिर भी यह मानव शरीर बाहर से एक दिखाई पड़ता है। प्रत्येक कोशिका जीवित है। कुछ सुप्त अवस्था में है, तो कुछ जाग्रत में। जैसे ही कुछ कोशिकाएँ मरती हैं, उनका स्थान दूसरी कोशिकाएँ स्वतः ले लेती हैं। सभी अपने-अपने काम में सतत् लगी हुई हैं। वे कभी विश्राम नहीं करती। यदि इनमें से एक भी कोशिका काम करना बंद कर दे, तो इस शरीर का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। हालाँकि ये कोशिकाएँ कार्य में तथा व्यवहार में एक-दूसरे से भिन्न हैं, परंतु ध्यान की विधि द्वारा इनमें उसी प्रकार सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है जैसे सूर्य की किरणें चारों तरफ फैली होने के बावजूद, वे सौर बैटरी द्वारा एकत्र कर विद्युत तरंगों में बदली जा सकती हैं। जिस प्रकार आप इन्हें एक जगह एकत्र कर, केंद्रित और नियंत्रित कर बड़े-से-बड़ा काम ले सकते हैं
ठीक उसी तरह से आदमी ध्यान के माध्यम से शरीर की सभी कोशिकाओं की ऊर्जा को एकत्र कर ऊर्ध्वगामी कर लेता है। यदि एक क्षण के लिए भी ऐसा कर पाया तो उतने में ही वह नई शक्ति, नए ओज से भर जाता है। जैसे-जैसे ध्यान की अवधि बढ़ने लगती है, ध्यान टिकने लगता है, वैसे-वैसे उसमें परिवर्तन होने लगता है।
(क) गद्यांश के अनुसार संसार क्या है?
(i) विभिन्न प्राणियों का समावेश
(ii) विभिन्न तारों का समावेश
(iii) विभिन्न विचारों का समावेश
(iv) गोलाकार
उत्तर:
(i) विभिन्न प्राणियों का समावेश

(ख) हर व्यक्ति में क्या बसा है?
(i) आत्मा
(ii) प्राण
(iii) ब्रह्माण्ड
(iv) यादें
उत्तर:
(iii) ब्रह्माण्ड

(ग) मनुष्य ब्रह्माण्ड को विकसित कैसे करता है?
(i) उसे फैलाकर
(ii) रचना और कर्म कर
(iii) विनाश कर
(iv) चुप बैठ कर
उत्तर:
(ii) रचना और कर्म कर

(घ) यदि एक भी कोशिका काम करना बंद कर दे तो क्या होगा?
(i) नई कोशिका बन जाएगी
(ii) पुरानी कोशिका नष्ट हो जाएगी
(iii) दूसरी कोशिका आ जाएगी
(iv) शरीर खतरे में पड़ जाएगा
उत्तर:
(iv) शरीर खतरे में पड़ जाएगा

(ङ) व्यक्ति किसके माध्यम से कोशिकाओं में नई ऊर्जा लाता है?
(i) ध्यान के माध्यम से
(ii) विचारों के माध्यम से
(iii) चिंतन के माध्यम से
(iv) शरीर के
उत्तर:

(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : हर व्यक्ति के भीतर पूरा ब्रह्मांड समाया है।
कारण (R) : विभिन्न प्राणियों का समावेश ही संसार है।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही
(iii) कथन (A) कारण (R) भी सही है, किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।
(iv) कथन (A) सही है कारण (R) सही है और कथन (A) का समर्थन कर रहा है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) कारण (R) भी सही है, किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।

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प्रश्न 2.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(1 × 5 = 5)
पर्यावरण में प्रतिवर्ष चार लाख मिलियन टन कार्बन डाइ-ऑक्साइड बढ़ रही है। यदि वृक्षों की संख्या पर्याप्त रहती तो ऐसा न होता। वृक्ष इस गैस. को भोजन के रूप में ग्रहण कर लेते हैं। हरियाली और जलवायु को संतुलित रखने में वन अहम् भूमिका निभाते हैं। वृक्षों की अधिकता से भीषण गरमी और भीषण ठंड से छुटकारा पाया जा सकता है। पर्यावरण में संतुलन के लिए वृक्षों का एक निश्चित अनुपात में रहना आवश्यक होता है। अब वन 33 प्रतिशत के स्थान पर 16 प्रतिशत रह गए हैं। यदि वन इसी प्रकार कम होते गए तो नदियाँ सूख जाएँगी, बाढ़ और सूखे जैसी आपदाएँ बढ़ जाएँगी। हिमालय में बर्फ से ढके पहाड़ों के स्थान पर हवा के गर्म थपेड़ों को सहना पड़ेगा। शिमला, नैनीताल, मसूरी, कुल्लू-मनाली में भयंकर गरमी पड़ने लगेगी। मौसम में अत्यधिक गरमी के कारण ग्लेशियर पिघलने लगेंगे जिससे समुद्र का जल-स्तर बढ़ जाएगा।

अनेक नगर और देश जलमग्न हो जाएँगे और प्रलय का-सा-दृश्य उत्पन्न हो जाएगा। वृक्षारोपण के कार्यक्रम को जन-आंदोलन का रूप देना होगा। एक वृक्ष अपने जीवनकाल में हमें फल, सब्जियों, ईंधन, दवाइयाँ आदि देता है। एक वृक्ष लगभग 6 लाख रुपये की ऑक्सीजन देता है और 10 लाख रुपये का प्रदूषण रोकता है। एक वृक्ष का योगदान लगभग 32 लाख रुपए माना गया है। स्कूल, कॉलेज, क्लब, कल्याणकारी संस्थाएँ, पंचायतें वृक्षारोपण करके उनकी देखभाल का उत्तरदायित्व लेकर पर्यावरण की सुरक्षा में सहयोग कर सकते हैं। वृक्षों को काटने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए। विद्यालयों और महाविद्यालयों में वृक्षारोपण समारोह मनाए जाने लगे हैं। अनेक गैर-सरकारी संस्थान उपवनों और अन्य स्थानों पर वृक्षारोपण करके उनकी रक्षा करते हैं। सरकारी विभागों की ओर से निःशुल्क पौधे वितरित किए जाते हैं। यह शुभ संकेत है कि समाज में जागृति आई है। इतना सब कुछ होने पर भी अभी भारत में वन-भूमि का प्रतिशत अपेक्षा से बहुत कम है। हमें समझ लेना होगा कि वन-विकास का कार्य मनुष्य के अस्तित्व से जुड़ा है। वन रहेंगे तो मनुष्य रहेगा, वन नष्ट हुए तो मनुष्य भी नष्ट हो जाएगा।
(क) वृक्षों की पर्याप्त संख्या होती तो क्या होता?
(i) पर्यावरण में कार्बन डाइ-ऑक्साइड की मात्रा नियंत्रित रहती।
(ii) पर्यावरण में कार्बन डाइ-ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाएगी।
(iii) पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा घट जाएगी।
(iv) पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।
उत्तर:
(i) पर्यावरण में कार्बन डाइ-ऑक्साइड की मात्रा नियंत्रित रहती

(ख) ग्लेशियर कब पिघलने लगेंगे?
(i) जब वहाँ बर्फ जमेगी
(ii) जब अत्यधिक गर्मी पड़ेगी
(iii) जब हिमालय सूख जाएगा
(iv) जब नदियों में पानी आएगा
उत्तर:
(ii) जब अत्यधिक गर्मी पड़ेगी

(ग) एक वृक्ष अपने जीवन काल में हमें क्या-क्या देता
(i) फल-सब्जियाँ
(ii) ईंधन-दवाइयाँ
(iii) दोनों विकल्प सही हैं
(iv) हानिकारक गैस
उत्तर:
(iii) दोनों विकल्प सही हैं

(घ) वन-विकास का कार्य किससे जुड़ा हुआ है?
(i) देश से
(ii) नदियों से
(iii) पर्वतों से
(iv) मानव अस्तित्व से
उत्तर:
(iv) मानव अस्तित्व से

(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) यदि वृक्षों की संख्या पर्याप्त रहती तो पर्यावरण दूषित न होता।
(II) एक वृक्ष का योगदान लगभग छः लाख रूपय माना गया है।
(III) वृक्षारोपण समारोह मनाना एक उत्तम कार्य
(IV) समाज में वृक्षारोपण के प्रति जागृति नहीं आई है।
गद्यांश के आधार पर कौन सा कथन/से कथन सही
(i) केवल II
(ii) केवल III
(iii) I और III
(iv) I और IV
उत्तर:
(iii) I और III

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों में रेखांकित पदबंधों के भेद पहचानिए और सही विकल्प छाँटकर उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) जैसे ही पुलिस इन्सपैक्टर वहाँ से गुजरा दुकानों में ऊँघते हुए चेहरे बाहर आ गए।
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(i) संज्ञा पदबंध

(ख) अपनी पूरी फौज लिए वह वज़ीर अली का पीछा कर रहा था।
(i) सर्वनाम पदबंध
(ii) संज्ञा पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(i) सर्वनाम पदबंध

(ग) अंग्रेजी खेमे की ओर आता हुआ सिपाही सरपट घोड़ा दौड़ा रहा था। ।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) संज्ञा पदबंध
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर:
(ii) क्रिया पदबंध

(घ) गाँव के लोगों की अपमानजनक बातें सुनकर वह युवक क्रोध से भर गया।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) संज्ञा पदबंध
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर:
(iii) संज्ञा पदबंध

(ङ) वह जानवर तीन टांगों के बल रेंगता चला जा रहा था।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) संज्ञा पदबंध
उत्तर:
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(क) मैंने अभी-अभी एक व्यक्ति को देखा। वह हर समय कोई-न-कोई शरारत करता रहता है। इन दो वाक्यों से बना हुआ मिश्र वाक्य होगा
(i) मैंने देखा कि वह व्यक्ति हर समय कोई-न-कोई शरारत करता रहता है।
(ii) जिस व्यक्ति को मैंने अभी देखा वह हर समय कोई-न-कोई शरारत करता रहता है।
(iii) मैंने अभी-अभी एक व्यक्ति को देखा और वह कोई-न-कोई शरारत करता रहता है।
(iv) मैंने अभी-अभी एक शरारत करते हुए व्यक्ति को देखा।
उत्तर:
(ii) जिस व्यक्ति को मैंने अभी देखा वह हर समय कोई-न-कोई शरारत करता रहता है।

(ख) कर्नल ने अपने सिपाहियों को सवार पर नजर रखने के लिए कहा। रचना के आधार पर इस वाक्य का भेद है
(i) मिश्र वाक्य
(ii) सरल वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) उपवाक्य
उत्तर:
(ii) सरल वाक्य

(ग) निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य छाँटिए
(i) गाँव की उस पुरानी रीति के कारण ततांरा और वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।
(ii) गाँव की रीत ऐसी थी कि ततांरा और वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।
(iii) जो गाँव की रीति थी उसके कारण ततांरा वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।
(iv) गाँव की पुरानी रीति थी और उसके कारण ततांरा वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।
उत्तर:
(iv) गाँव की पुरानी रीति थी और उसके कारण ततारा वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।

(घ) कर्नल पूरी फौज लिए जिसका पीछा कर रहा था वह वजीर अली अकेला सबकी आँखों में धूल झोंक रहा था। वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) प्रश्नवाचक वाक्य
उत्तर:
(iii) मिश्र वाक्य

(ङ) सिपाही ने चोर को कहा कि ठहर तुझे अभी मजा चखाता हूँ। रचना के आधार पर वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य .
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) उपवाक्य
उत्तर:
(iii) मिश्र वाक्य

प्रश्न 5.
समास विषय पर आधारित निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) ‘कलामर्मज्ञ’ का समास विग्रह व भेद होगा
(i) कला का मर्मज्ञ-कर्मधारय समास
(ii) कला का मर्मज्ञ-तत्पुरुष समास
(iii) कला और मर्मज्ञ-द्विगु समास
(iv) कला और मर्मज्ञ-द्वंद्व समास
उत्तर:
(ii) कला का मर्मज्ञ-तत्पुरुष समास

(ख) ‘राष्ट्र का पति’-समस्त पद और भेद है
(i) राष्ट्रपति- तत्पुरुष समास
(ii) राष्ट्र-पति-अव्ययी भाव समास
(iii) राष्ट्रपति-बहुव्रीहि समास
(iv) राष्ट्र-पति-कर्मधारय समास
उत्तर:
(i) राष्ट्रपति-तत्पुरुष समास

(ग) ‘बेवजह’ का समास विग्रह और समास का भेद होगा
(i) बिना वजह के-बहुव्रीहि समास
(ii) बिना वजह होने वाला-तत्पुरुष समास
(iii) बिना वजह है जो-कर्मधारय समास
(iv) बिना वजह के-अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(iv) बिना वजह के-अव्ययीभाव समास

(घ) ‘आत्म-संतुष्टि’-समास विग्रह और समास का भेद है
(i) आत्मा द्वारा संतुष्टि-तत्पुरुष समास
(ii) आत्मा और संतुष्टि-द्वंद्व समास
(iii) आत्मा की संतुष्टि-तत्पुरुष समास
(iv) आत्मा है संतुष्ट जिसकी-बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(iii) आत्मा की संतुष्टि-तत्पुरुष समास

(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए।
(I) शोकाकुल – अव्ययीभाव समास
(II) दिनोंदिन – कर्मधारय समास
(III) भीमार्जुन – द्वंद्व समास
(IV) त्रिवेणी – द्विगु समास
इनमें से कौन सा/कौन से युग्म नहीं हैं
(i) केवल I
(ii) केवल III
(iii) III और IV
(iv) I और III
उत्तर:
(iii) III और IV

प्रश्न 6.
मुहावरों पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(क) वह विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना ………….. बोलती है।
(i). आँखों से बोलना
(ii) आवाज़ उठाना
(iii) निगाहें उठना
(iv) नजरें मिलना
उत्तर:
(i) आँखों से बोलना

(ख) उस दुर्घटना को देखकर हम सबके … गए।
(i) त्योरियाँ चढ़ाना
(ii) हक्का बक्का रह जाना
(iii) सुध-बुध खोना
(iv) चेहरा मुरझाना
उत्तर:
(iv) चेहरा मुरझाना

(ग) अधिकांश व्यापारी …………… बनाने में लगे रहते हैं और भाव शून्य हो जाते हैं।
(i) आग बबूला होना
(ii) राई का पहाड़ बनामा
(iii) दो से चार बनाना
(iv) आँखें बिछाना
उत्तर:
(iii) दो से चार बनाना

(घ) अपने उस मित्र का यह नया रूप देखकर मैं ……………. गया।
(i) चक्कर खाना
(ii) जिगर का टुकड़ा
(iii) हाथ मलना
(iv) माथा ठनकना
उत्तर:
(i) चक्कर खाना

(ङ) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) तलवार खींचना – कुर्बान होना
(ii) डेरा डालना – अधिकार जमाना
(iii) आँखें फेरना – शर्मा जाना
(iv) मत्थे मढ़ना – दोषी ठहराना
उत्तर:
(iv) मत्थे मढ़ना – दोषी ठहराना

(च) ‘दु:खी को और दु:खी करना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है।
(i) साहस टूट जाना
(ii) बहुत मुश्किल में फँसना
(iii) घाव का नमक छिड़कना
(iv) आँख बचाना
उत्तर:
(iii) घाव पर नमक छिड़कना

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 5 = 5)
पावस ऋतु थी पर्वत प्रदेश, पल-पल परिवर्तित प्रकृति वेश, मेखलाकार पर्वत अपार, अपने सहस्र दृग सुमन फाड़, अवलोक रहा है बार-बार, नीचे जल में निज महाकार। जिसके चरणों में पला ताल, दर्पण-सा फैला है विशाल।
(क) कवि ने किस समय और स्थान का वर्णन किया है?
(i) ग्रीष्म ऋतु-पर्वतों का क्षेत्र
(ii) वर्षा ऋतु-महानगर
(iii) वर्षा ऋतु-पर्वतीय क्षेत्र
(iv) शीत ऋतु-पर्वतीय क्षेत्र
उत्तर:
(iii) वर्षा ऋतु-पर्वतीय क्षेत्र

(ख) पर्वतों के लिए मेखलाकार शब्द का प्रयोग किया गया है क्योंकि वह
(i) बहुत विशाल है
(ii) दूर तक फैले हुए हैं
(iii) गहरे नीले रंग के हैं
(iv) गोल आकार में फैले हुए हैं
उत्तर:
(iv) गोल आकार में फैले हुए हैं

(ग) पर्वतों के लिए दर्पण की भूमिका कौन निभा रहा
(i) विशाल तालाब
(ii) सहस्त्र सुमन
(iii) ऊँचे ऊँचे वृक्ष
(iv) पावस ऋतु
उत्तर:
(i) विशाल तालाब

(घ) इस पद्यांश के कवि और कविता का नाम है
(i) मनुष्यता-सुमित्रानंदन पंत
(ii) कर चले हम फिदा-सुमित्रानंदन पंत
(iii) पर्वत प्रदेश में पावस-सुमित्रानंदन पंत
(iv) पर्वत प्रदेश में पावस-मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर:
(iii) पर्वत प्रदेश में पावस–सुमित्रानंदन पंत

(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए।
(I) पर्वत निरंतर आकाश की ओर देख रहे थे।
(II) तालाब को पर्वतों की परछाई कहा गया है।
(III) पर्वतों पर लगे हजारों पुष्पों को उनके नेत्र कहा गया है।
(IV) पर्वतों के बीचो-बीच विशाल तालाब सदियों से स्थित है।
पद्यांश से मेल खाते हुए वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(i) II, IV
(ii) I, II
(iii) III, IV
(iv) IV
उत्तर:
(iii) III, IV

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) ‘हुस्न और इश्क दोनों को रुसवा करें’-यह पंक्ति क्या संदेश दे रही है
(i) सैनिक अपने हुस्न और इश्क को रुसवा कर देते हैं।
(ii) एक आम भारतीय इश्क करना नहीं जानता।
(iii) जो जवानी देश के काम न आए वह व्यर्थ
(iv) इश्क और हुस्र से दूर रहना चाहिए।
उत्तर:
(iii) जो जवानी देश के काम न आए वह व्यर्थ

(ख) निम्नलिखित में से कौन-सी पंक्ति कवि रवींद्र नाथ ठाकुर के ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास को दर्शा रही
(i) तरने की हो शक्ति अनामय।
(ii) तुम पर करूँ नहीं कुछ संशय ।
(iii) अपना बल पौरुष न हिले।
(iv) मन में न मानूँ क्षय।
उत्तर:
(ii) तुम पर करूं नहीं कुछ संशय।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 5 = 5)
ग्वालियर में हमारा एक मकान था। उस मकान के दालान में दो रोशनदान थे। उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था। एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। मेरी माँ ने देखा तो उसे दुःख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आँखों में दुःख देखकर मेरी माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस गुनाह को खुदा से माफ कराने के लिए उसने पूरे दिन का रोजा रखा। दिनभर कुछ खाया-पिया नहीं, सिर्फ रोती रही और बार-बार नमाज पढ़-पढ़कर खुदा से इस गलती को माफ करने की दुआ माँगती रही।
(क) लेखक की माँ किस बात से दुःखी थी?
(i) उनके घर में कबूतर ने घोंसला बना लिया था
(ii) बिल्ली ने कबूतर का एक अंडा तोड़ दिया था
(iii) कबूतर अंडों को छोड़कर चले गए थे
(iv) बिल्ली अंडों को खा गई थी
उत्तर:
(ii) बिल्ली ने कबूतर का एक अंडा तोड़ दिया था

(ख) लेखक की माँ खुदा से किस गुनाह को माफ कराना चाहती थी?
(i) रोजा रखने का गुनाह
(ii) बिल्ली को मारने का गुनाह
(iii) दूसरा अंडा टूट जाने का गुनाह
(iv) कबूतर का घोंसला तोड़ने का गुनाह
उत्तर:
(iii) दूसरा अंडा टूट जाने का गुनाह

(ग) प्रस्तुत गद्यांश से पता चलता है कि लेखक की माँ
(i) अत्यधिक संवेदनशील थी
(ii) बहुत स्वार्थी थी
(iii) मानसिक रूप से कमजोर थी
(iv) भगवान से बहुत डरती थी
उत्तर:
(i) अत्यधिक संवेदनशील थी

(घ) गद्यांश में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा शब्द प्रत्यय के मेल से नहीं बना है?
(i) गुनाह
(ii) रोशनदान
(iii) परेशानी
(iv) दिनभर
उत्तर:
(i) गुनाह

(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : बिल्ली के अंडे टूट जाने पर लेखक की माँ को बहुत दुःख हुआ।
कारण (R) : लेखक का मकान ग्वालियर में था।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) उसकी सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) कारण (R) दोनों सही हैं, किन्त कारण (R) कथन (A) से मेल नहीं खाता।
(iv) कथन (A) गलत है, कथन (R) सही है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (R) कथन (A) से मेल नहीं खाता।

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प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित – विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) ‘तीसरी कसम ने साहित्य रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है’-यह कथन किस ओर संकेत कर रहा है।
(i) राज कपूर के महिमामय व्यक्तित्व की ओर।
(ii) गीता शैलेंद्र की भावुकता की ओर।
(iii) फिल्म तीसरी कसम की सरलता और सहजता की ओर।
(iv) फिल्म तीसरी कसम के गीतों की ओर।
उत्तर:
(iv) फिल्म तीसरी कसम की सरलता और सहजता की ओर।

(ख) निम्नलिखित में से कौन-से/सा वाक्य पाठ ‘झेन की
देन’ के संदेश को दर्शाते हैं
(I वर्तमान ही एक मात्र सत्य है।
(II) एक सच्चा कलाकार झूठे अभिजात्य को कभी नहीं अपनाता।
(III) हमें प्रकृति तथा अन्य सभी जीवधारियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
(IV) अपने आजाद देश की रक्षा करना हम सब का कर्तव्य है।
(i) III
(ii) I, II
(iii) I
(iv) III, IV
उत्तर:
(iii) I

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 60 शब्दों में दीजिए (3 × 2 = 6)
(क) लेखक ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फायदा उठाया?
उत्तर:
लेखक कम पढ़कर भी उत्तीर्ण होते गए और बड़े भाई साहब दिन भर किताबें लेकर बैठने पर भी लगातार दो बार फेल हो गए। अब उनका व्यवहार थोड़ा नरम पड़ गया जिसका अनुचित लाभ उठाते हुए लेखक स्वच्छन्दता से सारा समय पतंगबाजी और गुल्ली-डण्डे को भेंट करने लगे। किन्तु अब भी यह सब भाई साहब की आँख बचाकर ही होता था क्योंकि लेखक यह नहीं चाहते थे कि भाई साहब अपमानित महसूस करें।

(ख) जापान की टी-सेरेमनी में कितने लोगों को प्रवेशदिया जाता था और क्यों?
उत्तर:
जापान की विशेष टी-सेरेमनी में एक समय में केवल तीन लोगों को प्रवेश दिया जाता था, क्योंकि यह ध्यान की एक प्रक्रिया थी जिसमें शांति बनाए रखना मुख्य बात थी। इसका आयोजन पूर्ण प्राकृतिक वातावरण में किया जाता था और वह स्थान जीवन की भाग-दौड़, शोर-शराबे से दूर होता था। चाय पिलाने के बहाने से लोगों को मानसिक शांति प्रदान की जाती थी। वास्तव में यह टी-सेरेमनी ध्यान की ही एक प्रक्रिया थी।

(ग) वज़ीर अली किस प्रकार कर्नल के हाथों से कारतूस लेने में सफल हुआ? इससे उसके चरित्र की किन विशेषताओं का पता चलता है?
उत्तर:
वज़ीर अली भारत का एक जांबाज़ सिपाही था। उसके दिल में अंग्रेजों के लिए नफरत कूट-कूटकर भरी थी तथा किसी भी कीमत पर अपने देश को अंग्रेजी हुकूमत से आज़ाद कराना चाहता था। जब उसे अवध के तख्त से हटाकर बनारस भेज दिया गया तब उसने अंग्रेज़ वकील से शिकायत की, किन्तु उसने वज़ीर अली को ही भला-बुरा कह दिया। गुस्से में भरकर उसने वकील का कत्ल कर दिया और तब से घागरा के जंगलों में छिपता हुआ, अपनी ताकत बढ़ाकर अंग्रेज़ों को भारत से बाहर करने की कोशिश कर रहा था। यह जानते हुए कि कर्नल उसे गिरफ्तार करने के लिए जंगल में खेमा लगाए बैठा है, वह अकेला उसके खेमे में गया, वज़ीर अली की गिरफ्तारी को बहुत मुश्किल बताया, उन्हीं के हाथों से दस कारतूस लिए और जाते-जाते अपना परिचय भी दे गया। इससे पता चलता है कि वज़ीर अली एक साहसी, निडर, स्वाभिमानी व जांबाज़ देशभक्त था जो देश को स्वतन्त्र कराने के लिए दृढ़ संकल्पित था।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(क) कविता ‘कर चले हम फिदा’ के अन्तर्गत सिर पर कफन बाँधने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर:
कविता ‘कर चले हम फिदा’ एक ऐसा देशभक्ति गीत है जिसमें उस सैनिक की भावनाओं को शब्द दिए गए हैं जो देश पर कुर्बान होने जा रहा है। उसे अपनी मौत की परवाह नहीं है किन्तु यह चिन्ता सता रही है कि उसके बाद देश की रक्षा कौन करेगा? अतः वह अन्य देशवासियों से अर्थात् हमसे ‘सिर पर कफन बाँधने’ अर्थात् देश पर कुर्बान होने के लिए तैयार होने को कह रहा है ताकि हमारे देश को वीर जवानों की कभी कमी महसूस न हो।

(ख) सांवरिया रा दरसण पास्य, पहर कुसुंबी साड़ी’-इस कथन के पीछे मीरा का क्या भाव है?
उत्तर:
मीरा का नाम आते ही हमें कुसुंबी वस्त्र धारण किए हुए एक नारी स्मरण हो आती है। यह रंग जहाँ एक ओर प्रेम का प्रतीक है, तो वहीं दूसरी ओर वैराग्य का भी प्रतीक है। यदि मीरा कृष्ण के प्रेम में कुसुंबी वस्त्र धारण कर रही हैं, तो इसका अर्थ यह है, कि वह कृष्ण के प्रेम में पूरी तरह रंग चुकी हैं। प्रेम के सिवा उनके हृदय में किसी भी अन्य भाव का कोई स्थान नहीं है। कुसुंबी वस्त्र गेरुए वस्त्र की ओर भी संकेत करता है, जिसके अनुसार मीरा संसार से विरक्त होकर कृष्ण के प्रेम में ही जीवन व्यतीत करना चाहती हैं। मीरा द्वारा सदैव कुसुंबी साड़ी धारण करना यही दर्शाता है, कि वह तन और मन से कृष्णमय हो गई हैं। उनके हृदय में कृष्ण प्रेम के अतिरिक्त किसी के लिए स्थान नहीं है। साथ ही साथ संसार के प्रति वैराग्य को दर्शाने के लिए भी वह कुसुंबी वस्त्र धारण करती हैं। यह कुसुंबी वस्त्र ही मीरा की पहचान है।

(ग) ‘मनुष्यता’ कविता में कवि किन-किन मानवीय गुणों का वर्णन करता है? आप इन गुणों को क्यों आवश्यक समझते हैं? तर्क सहित उत्तर लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज से अलग होकर जीवन व्यतीत नहीं कर सकता। समाज में रहते हुए उसे अपनी बहुत-सी जिम्मेदारियाँ निभानी होती हैं। अपने व्यवहार में ऐसे गुण विकसित करने होते हैं, कि वह सबके साथ मेलजोल रख सके और अच्छे संबंध बना सके। इसके लिए कुछ मानवीय गुण हमारे व्यवहार में होने जरूरी हैं। दया, करुणा, परोपकार, सहानुभूति आदि ऐसी विशेषताएँ हैं, जो हमें मनुष्य कहलाने के योग्य बनाती हैं। अपना पेट भरने, खाने, सोने का काम तो पश-पक्षी भी करते हैं। यदि मनुष्य भी ऐसा ही जीवन जीता है, तो उसमें और अन्य जीवों में कोई अंतर नहीं है। किंतु मनुष्य का बुद्धि बल अन्य जीवधारियों से कहीं अधिक श्रेष्ठ है। उसे अपनी क्षमताओं का सदुपयोग करते हुए सभी के हित में जीवन व्यतीत करना चाहिए। यही एक सच्चे मनुष्य की पहचान है।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (6)
(क) पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं

  • उक्ति का अर्थ
  • उदाहरण
  • उपसंहार

अथवा

(ख) इण्टरनेट-एक संचार क्रान्ति

  • इण्टरनेट का परिचय
  • लाभ-हानियाँ
  • सदुपयोग के उपाय

अथवा

(ग) विज्ञापनों का बढ़ता प्रभाव

  • विज्ञापन के उद्देश्य
  • विभिन्न रूप
  • आदर्श विज्ञापन

उत्तर:
(क) पराधीन सपनेहुँ सुख नाहिं
पराधीनता को अभिशाप मानते हुए तुलसीदास जी ने कहा था ‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहिं’ अर्थात् दूसरों के अधीन रहने वाले को, किसी पर निर्भर रहने वाले को सपने में भी सुख नहीं मिलता। जिसके अपने कोई सपने न हों, आशा-आकांक्षा रखने का अधिकार न हो या जो अपनी इच्छायें व ज़रूरतें दूसरों पर निर्भर रहकर पूरी करना चाहता हो, दोनों ही पराधीन की श्रेणी में आते हैं। ऐसी स्थिति में हम अपंग हो जाते हैं। मानव ही नहीं, पशु-पक्षी भी पराधीनता में सुख महसूस नहीं करते। पराधीनता किसी व्यक्ति, समाज अथवा देश के विवेक को कुण्ठित कर देती है, आत्मविश्वास व आत्म-सम्मान छीन लेती है। उसके सर्वांगीण विकास में बाधा बनकर खड़ी हो जाती है। पराधीनता भले ही व्यक्तिगत स्तर पर हो या राष्ट्रीय स्तर पर, वह हमारे व्यक्तित्व को निखरने नहीं देती। अतः पराधीनता को स्वीकार करना कमज़ोरी की निशानी है, यदि हम अपना जीवन अपनी इच्छा से जीना चाहते हैं, उसे सार्थक बनाना चाहते हैं, तो स्वाधीनता की लड़ाई लड़नी ही होगी।

अथवा

(ख) इण्टरनेट-एक संचार क्रान्ति
तकनीक और विज्ञान ने मानव को अनेकानेक सुविधायें प्रदान की हैं, उनमें से एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है-‘इण्टरनेट’। पहले कम्प्यूटर के आविष्कार ने ही लोगों को चमत्कृत कर दिया था, उसके बाद आया इण्टरनेट, जिसने मानो असम्भव को सम्भव करके दिखा दिया। दुनिया छोटी हो गई, दूरियाँ समाप्त हो गई है। उच्चतर शोध कार्यों से लेकर हमारे प्रतिदिन के कार्यों में संचार के इस साधन ने क्रान्तिकारी परिवर्तन पैदा कर दिए हैं। दुनिया भर की खबरें, अनगिनत सवालों के जवाब, बीमारियों के इलाज, परेशानियों के हल, जो चाहो पल भर में इण्टरनेट के माध्यम से हमारे सामने हाज़िर हो जाता है। यहाँ तक कि क्रय-विक्रय भी घर बैठे-बैठे सम्भव हो गया है। दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे लोग इण्टरनेट के ज़रिए एक साथ, आमने-सामने बातचीत, चर्चा या वाद-विवाद कर सकते हैं। इतने सारे फायदों के साथ इसके नुकसान भी हैं, क्योंकि इसका प्रयोग तो मानव बुद्धि ही करती है, जो नकारात्मक सोच भी रखती है। इण्टरनेट के कारण अश्लीलता का जाल फैलता जा रहा है, तो दूसरी ओर आतंकवादी गतिविधियों को भी इससे मदद मिल रही है। अतः इण्टरनेट की सम्भावनायें तो असीम नज़र आ रही हैं, किन्तु मानव बुद्धि को इसका सकारात्मक प्रयोग करते हुए कल्याणकारी सिद्ध होने देना चाहिए।

अथवा

(ग) विज्ञापनों का बढ़ता प्रभाव
आधुनिक युग को विज्ञान का युग कहने के साथ-साथ विज्ञापन का युग भी कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। विभिन्न रूपों में हम विज्ञापनों से घिरे हुए हैं। वस्तुओं के क्रय-विक्रय के अतिरिक्त सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षिक आदि विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों की दूरदर्शन पर, समाचार-पत्रों में, सड़कों के किनारे, बाजारों आदि में भरमार देखने को मिलती है। बच्चे तो क्या, बड़े भी इन विज्ञापनों के आकर्षण से अछूते नहीं रह पाते। एक ओर तो विज्ञापनों के जरिए हमें बहत-से नए उत्पादों या वृद्धि विकास का परिचय मिलता है तो दूसरी ओर ये विज्ञापन हमें भ्रमित भी करते हैं। विज्ञापन का उद्देश्य ही होता है आकर्षित करना। अतः इनमें वैध झूठ’ दिखाया व बोला जाता है। समाज में अनेक छोटे-बड़े उद्योग इन्हीं के सहारे पनप रहे हैं। विज्ञापनों की अपनी एक दुनिया है जो समाज को पर्याप्त रूप से प्रभावित कर रही है। अतः हमें विज्ञापनों के माध्यम से जानकारी बढ़ाने, जागरूक रहने का प्रयास तो करना चाहिए, किन्तु भ्रमित होने से बचना चाहिए।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 10 with Solutions

प्रश्न 14.
आपके विद्यालय में पीने का पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता। इसकी शिकायत व सुधार के लिए प्रार्थना करते हुए प्रधानाचार्या को पत्र लिखिए।
अथवा
आपकी कॉलोनी में बाहर के नवयुवक आकर शांति • भंग करते हैं। इसकी सूचना पुलिस आयुक्त को देते हुए पत्र लिखिए। (5)
उत्तर:
श्रीमती प्रधानाचार्या जी,
अ ब स विद्यालय,
विकासपुरी, नई दिल्ली।
दिनांक………
विषय-अपर्याप्त पेयजल की सूचना।
आदरणीय महोदया,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा दसवीं का छात्र, आपको विद्यालय में अपर्याप्त पेयजल की समस्या से अवगत कराना चाहता हूँ। हमारे विद्यालय में पीने के पानी का उचित प्रबन्ध न होने के कारण सभी छात्रों को बहुत परेशानी होती है। घर से लाया हुआ एक बोतल पानी तो प्रथम कालांश में ही खत्म हो जाता है, उसके बाद तो पानी के लिए पूरा दिन तरसते रहते हैं। आप तो जानती ही हैं कि पानी पीना स्वास्थ्य के लिए कितना आवश्यक है और हम छात्रों का लगभग आधा दिन विद्यालय में बिना पानी के ही गुजरता है, जो कि बहुत बुरी बात है।
मेरा आपसे नम्र निवेदन है कि जल्द ही पेयजल की कमी की समस्या को सुलझाने के लिए उचित कदम उठायें। मुझे आशा है आप मेरी प्रार्थना पर अवश्य ध्यान
देंगी।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी छात्र,
क ख ग

अथवा

परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक……………..
पुलिस आयुक्त,
विकासपुरी थाना
नई दिल्ली।
विषय-अनजान नवयुवकों द्वारा अभद्र व्यवहार की शिकायत।
आदरणीय महोदय,
मैं विकासपुरी एम-ब्लॉक का निवासी हूँ और अपने क्षेत्र के सभी निवासियों की ओर से आपको यह पत्र लिख रहा हूँ। हमारे क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से बाहर के कुछ युवक शाम के समय, समूह में आकर खड़े हो जाते हैं। चौकीदार के मना करने के बावजूद वे सोसायटी के अन्दर जबरदस्ती आ जाते हैं और सोसायटी में शोरगुल करते हैं, आते-जाते लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं, छींटाकशी करते हैं। कभी-कभी तो देर रात तक वहाँ खेलने के बहाने से सोसायटी की शांति भंग करते रहते हैं। हमने उनसे बात की, किन्तु वे हमें उल्टा जवाब देकर चुप करा देते हैं। मेरी आपसे प्रार्थना है कि इस समस्या को दूर करने के लिए उचित कार्यवाही करें। उन युवकों को समझाकर उनके अभिभावकों को सूचित करें। मुझे आशा है आप जल्द ही आवश्यकतानुसार कदम उठाकर हमें अनुग्रहित करेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
क ख ग

प्रश्न 15.
‘खेल भारती’ संस्था के सूचना प्रभारी होने के नाते संस्था द्वारा डे-नाइट क्रिकेट मैच की जानकारी देने हेतु 30-40 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
अथवा
गाँधी जयन्ती के अवसर पर विद्यालय में होने वाली विशेष प्रार्थना सभा के लिए हेड बॉय की ओर से 30-40 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए। (5)
उत्तर:

खेल भारतीय संस्था

सूचना

दिनांक……………………

डे-नाइट क्रिकेट मैच का आयोजन

दक्षिणी दिल्ली के क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए 5 अगस्त से 10 अगस्त तक, खेल भारतीय संस्था के मैदान में डे-नाइट मैच का आयोजन होने जा रहा है। इच्छुक खिलाड़ी 25 जुलाई तक, हस्ताक्षरकर्ता के पास नामांकन करवाएँ।

धन्यवाद।
सी. पी. चावला
सूचना प्रभारी

अथवा

संस्कृति विद्यालय

सूचना

सूचना
दिनांक…………………….

गाँधी जयन्ती के अवसर पर विशेष प्रार्थना सभा

अक्टूबर गाँधी जयन्ती के अवसर पर हर वर्ष की तरह विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन होगा। सभी छात्र सफेद वर्दी में उपस्थित होंगे। भजन गायन व एकांकी में भाग लेने के इच्छुक छात्र अपनी कक्षाध्यापिका को 20 सितम्बर तक अपने नाम दे दें। प्रार्थना सभा में अनुशासन बनाए रखना सर्वोपरि है।

धन्यवाद।
नीलम रॉय
हेड गर्ल

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प्रश्न 16.
स्कूल के हल्के व मज़बूत बस्तों की कम्पनी के लिए 25-50 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को नृत्य, संगीत, कला-शिल्प आदि का प्रशिक्षण देने वाले केन्द्र ‘आओ सीखें’ के लिए 25-50 शब्दों में आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 10 with Solutions 1
अथवा

आओ सीखें
छुट्टियाँ ऐसे बिताएँ, समय को यादगार बनाएँ
अपनी रुचि का विषय चुनें, मनचाहे कलाकार बनें……

  • नृत्य – 4 वर्ष से 16 वर्ष के लिए
  • संगीत – 4 वर्ष से 16 वर्ष के लिए
  • चित्रकला – 4 वर्ष से 16 वर्ष के लिए
  • शिल्प कला – 6 वर्ष से 16 वर्ष के लिए
  • पाक कला – 10 वर्ष से 20 वर्ष के लिए

दूरभाष – 9818004848

प्रश्न 17.
दिए गए प्रस्थान बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 120 शब्दों में लघु कथा का निर्माण कीजिए

  • अद्भुत मुलाकात
  • अलौकिक आनंद
  • अविस्मरणीय

अथवा
दिए गए प्रेरक बिंदु को ध्यान में रखते हुए लगभग 100-120 शब्दों में लघु कथा लिखिए- (3)
‘माँ की सीख’
उत्तर:
अविस्मरणीय मुलाकात
इस बार गर्मियों की छुट्टियों में हम फिर से विदेश यात्रा पर जाना चाहते थे किन्तु पापा ने हमें रामनगर ले जाने का फैसला किया जहाँ उनके एक पुराने मित्र रहते थे। उदास मन से 10 जून को हम नैनीताल के लिए रवाना हुए, रात को रेल गाड़ी में बैठे, कुछ देर मस्ती की और सुबह जब आँख खुली तो हम रामनगर में थे। 2 दिन रामनगर में पापा के दोस्त के यहाँ रुकना था। हम से कहीं ज्यादा वे लोग उत्साहित थे, उनके घर हम पहुँचे तो आवभगत उन्होंने की उसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकती थी। छोटी-सी जगह और छोटा-सा घर होने के बावजूद उन्होंने किसी चीज की कोई कमी नहीं होने दी। इतना अपनापन, इतनी सादगी महानगरों में शायद कभी देखने को मिलती हो। एक ही दिन में हम लोग उस परिवार के साथ बहुत घुल-मिल गए थे कि वहीं से सबके साथ नैनीताल के लिए रवाना हो गए, नैनीताल में 2 दिन ठहरे, प्राकृतिक नजारों का आनंद लिया, शुद्ध हवा में साँस ली और लौटते हुए फिर रामनगर वाले उस घर में गए जहाँ अपार अपनापन बिखरा हुआ था। पापा के मित्र ने अपने छोटे से घर के पीछे आँगन में बनाया हुआ बाग दिखाया जिसमें न जाने कितनी ही सब्जियाँ उगी हुई थीं। उन्हें तोड़-तोड़कर खाने का स्वाद ही अलग था। रात में खुले आसमान के नीचे सोना, तारे गिनना और सुबह जल्दी उठने पर भी ताजगी का अनुभव इतना अलौकिक आनंद दे गया जिसे शायद मैं जीवन भर भुला नहीं पाऊँगी। आज तक किसी विदेश यात्रा में भी इतना सुख नहीं मिला था जितना इस परिवार से की गई इस मुलाकात में हमने बटोर लिया।

अथवा

माँ की सीख
कॉलेज के प्रथम वर्ष में मेट्रो से आया-जाया करती थी, पर जब गाड़ी चलानी अच्छे से आ गई तो माँ-पिताजी ने गाड़ी से जाने की इजाजत दे दी। एक दिन भयंकर दुर्घटना हो गई। ईश्वर की कृपा से मुझे तो कुछ नहीं हुआ पर गाड़ी बहुत बुरी तरह से ध्वस्त हो गई। हजारों रुपए खर्च करके गाड़ी तो ठीक हो गई पर मेरे मन में जो डर बैठा, वह निकलने का नाम नहीं ले रहा था। मैं गाड़ी चलाने का आत्मविश्वास पूरी तरह खो चुकी थी। मैंने फिर से मेट्रो से कॉलेज आना-जाना शुरू कर दिया। माँ ने कई बार समझाया कि डरने से काम नहीं चलेगा गाड़ी ले-जाना शुरू करो और धीरे-धीरे चलाओ किन्तु छोड़ो मत। पर मेरी हिम्मत नहीं हुई। एक दिन मैं घर पर थी और माँ बाजार गई हुई थी। अचानक फोन की घंटी बजी किसी अनजान नंबर से फोन था मैंने फोन उठाया तो आवाज आई जो कि मेरी माँ की ही थी। माँ ने बताया कि उन्हें चक्कर आने के कारण वे गिर गईं और अब उठ नहीं पा रही हैं। घर से लगभग 3-4 किलोमीटर दूर उन्होंने अपनी उपस्थिति बताई और मुझे तुरंत वहाँ पहुँच जाने को कहा। मैंने झटपट अपना पर्स और गाड़ी की चाबी उठाई, गाड़ी स्टार्ट की और जहाँ माँ ने बताया था वहाँ पहुँच गई। जाकर देखा तो माँ सड़क के किनारे खड़े मुस्कराती हुई मेरी प्रतीक्षा कर रही थी। माँ को मुस्कराते देख जान में जान आई और यह समझने में भी देर न लगी कि माँ ने मुझे किसी भी परिस्थिति का सामना करने और फिर से गाड़ी चलाने के लिए तैयार करने के लिए यह सब किया होगा। माँ की यह सीख मैं हमेशा याद रखूगी कि ‘डर के आगे ही जीत होती है’।

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प्रश्न 18.
आप नैतिक/नीतिका हैं। अपने जयपुर जाने हेतु जहाज की टिकट बुक की थी, किन्तु उसी दौरान एक आवश्यक परीक्षा तय होने के कारण आप वह टिकट रद्द कराके टिकट राशि वापस पाना चाहते हैं। प्रबंधक को लगभग 60 शब्दों में ई-मेल कीजिए। (5)
उत्तर:
प्राप्तकर्ता-indigo.co.in
भेजने वाला[email protected]
दिनांक………………
समय……………….
विषय :
आदरणीय महोदय,
मैं रीतिका, दिल्ली की विकासपुरी क्षेत्र की निवासी हूँ। 20 सितंबर, 2022 को जयपुर आने-जाने की टिकट बुक कराई थी। जाने की तारीख 20 अक्टूबर तथा लौटने की 28 अक्टूबर थी। किन्तु इसी दौरान, 23 अक्टूबर को मेरी एक आवश्यक परीक्षा की तारीख आ गई है, जिसके कारण मुझे जयपुर जाने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ रहा हैं। मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरी टिकट रद्द करके मुझे टिकट की राशि जल्द से जल्द लौटाने का प्रयास करें।
धन्यवाद
आवेदनकर्ता
नीतिका
दूरभाष-885875456