Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 4 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 4 with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए। महान
खंड ‘अ’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(1 × 5 = 5)
जितनी अनिच्छा से हम सलाह को स्वीकार करते हैं, उतनी अनिच्छा से किसी अन्य को नहीं। सलाह देने वालों के बारे में हम सोचते हैं कि वह हमारी समझ को अपमान की दृष्टि से देख रहा है अथवा हमें बच्चा या बुद्ध मानकर व्यवहार कर रहा है। हम उसे एक अव्यक्त सेंसर मानते हैं और ऐसे अवसरों पर हमारी भलाई के लिए जो उत्साह दिखाया जाता है, उसे हम एक पूर्व धारणा या धृष्टता मानते हैं। इसकी सच्चाई यह है कि जो सलाह देने का बहाना करता है; वह इसी कारण से हमारे ऊपर अपनी श्रेष्ठता स्थापित करता है। इसके अतिरिक्त कोई और कारण नहीं हो सकता। किन्तु अपने से हमारी तुलना करते हुए, वह हमारे आचरण अथवा समझदारी में कोई दोष देखता है। इन कारणों से, सलाह को स्वीकार्य बनाने से कठिन कोई कला नहीं है और वास्तव में प्राचीन और आधुनिक दोनों युग के लेखकों ने इस कला में जितनी दक्षता प्राप्त की है, उसी आधार पर स्वयं को एक-दूसरे से अधिक विशिष्ट प्रमाणित किया है। इस कटु पक्ष को रोचक बनाने के कितने उपाय काम में लाए गए हैं? कुछ सर्वोत्तम शब्दों में अपनी शिक्षा हम तक पहुंचाते हैं, कुछ अत्यन्त सुसंगत ढंग से, कुछ वाक्चातुर्य से और अन्य छोटे मुहावरों में। पर मैं सोचता हूँ कि सलाह देने के विभिन्न उपायों में जो सबको अधिक प्रसन्नता देता है, वह गल्प है, वह चाहे किसी भी रूप में आए। यदि हम इस रूप में शिक्षा देने अथवा सलाह देने की बात सोचते हैं तो वह अन्य सबसे बेहतर है क्योंकि सबसे कम झटका लगता है। (क) गद्यांश के अनुसार सलाह को किस दृष्टि से देखा जाता है?
(i) अपमान की दृष्टि से
(ii) सम्मान की दृष्टि से
(iii) स्वीकार्य की दृष्टि से
(iv) अस्वीकार्य की दृष्टि से
उत्तर:
(i) अपमान की दृष्टि से।
(ख) किस कला को सबसे कठिन कला कहा गया है?
(i) दूसरों को अपना बनाने की कला को।
(ii) किसी की सलाह को स्वीकार करने की कला को।
(iii) किसी की सच्चाई को स्वीकार करने की कला को।
(iv) किसी की सलाह को स्वीकार न करने की कला को।
उत्तर:
(ii) किसी की सलाह को स्वीकार करने की कला को।
(ग) लेखक किस रूप में सलाह देने को बेहतर मानता है?
(i) मुहावरों के रूप में
(ii) सुसंगत रूप में
(iii) गल्प के रूप में
(iv) सलाह के रूप में
उत्तर:
(iii) गल्प के रूप में।
(घ) प्राचीन और आधुनिक युग के लेखकों ने किस कला में दक्षता प्राप्त की है?
(i) सलाह को स्वीकारने में
(ii) सच्चाई को न स्वीकारने में
(iii) सलाह और सच्चाई को स्वीकार करने में
(iv) सलाह और सच्चाई को न स्वीकार करने में
उत्तर:
(i) सलाह को स्वीकारने में।
(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : हम सलाह को स्वेच्छा से स्वीकार करते हैं।
कारण (R) : सलाह देने वाला हमें अपमान की दृष्टि से देखता प्रतीत होता है।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।
(iv) कथन (A) गलत है कथन (R) सही है।
उत्तर:
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(1 × 5 = 5)
डॉ. कलाम दृढ़ इच्छा-शक्ति वाले वैज्ञानिक थे। वे भारत को विकसित देश बनाने का सपना संजोए हुए थे। उनका मानना था कि भारतवासियों को व्यापक दृष्टि से सोचना चाहिए। हमें सपने देखने चाहिए। सपनों को विचारों में बदलना चाहिए। विचारों को कार्यवाही के माध्यम से हकीकत में बदलना चाहिए। डॉ. कलाम तीसरे ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया। उन्हें ‘पद्मभूषण’ तथा ‘पद्मविभूषण’ से भी सम्मानित किया गया। भारत को उन पर गर्व है। इतनी उपलब्धियाँ प्राप्त करने के बावजूद अहंकार कलाम जी को छू तक नहीं पाया। वे सहज स्वभाव के एक भावुक व्यक्ति थे। उन्हें कविताएँ लिखना, वीणा बजाना तथा बच्चों के साथ रहना पसंद था। वे सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखते थे। कलाम साहब का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। कलाम जी तपस्या और कर्मठता की प्रतिमूर्ति हैं। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते समय दिए गए भाषण में उन्होंने कबीरदास जी के इस दोहे का उल्लेख किया था-‘काल करे सो आज कर, आज करे सो अब’। (क) डॉ. कलाम ने भारत को क्या बनाने का सपना देखा है?
(i) अल्प विकसित देश
(ii) विकसित देश
(iii) निर्मित देश
(iv) विकासशील देश
उत्तर:
(ii) विकसित देश।
(ख) गद्यांश में विचारों की कार्यवाही के माध्यम से किसमें बदलाव की बात कही जा रही है?
(i) वास्तविकता में
(ii) असत्य में
(iii) भावुकता में
(iv) असहजता में
उत्तर:
(i) वास्तविकता में
(ग) डॉ. कलाम एक दृढ़ इच्छा-शक्ति वाले … थे?
(i) वैज्ञानिक
(ii) कलाकार
(iii) साहित्यकार
(iv) दार्शनिक
उत्तर:
(i) वैज्ञानिक।
(घ) डॉ. कलाम को क्या नहीं छू पाया था ?
(i) अहंकार
(ii) विश्वास
(iii) गर्व
(iv) अविश्वास
उत्तर:
(i) अहंकार।
(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) डॉ कलाम भारत को विकासशील देखना चाहते थे।
(II) उपलब्धियाँ प्राप्त करने के कारण डॉ कलाम में अहंकार आ गया था।
(III) डॉ कलाम तपस्या और परिश्रम के साक्षात् उदाहरण थे।
(IV) वह वैज्ञानिक होने के साथ-साथ कवि और वादक भी थे।
गद्यांश के आधार पर कौन-सा कथन/से कथन सही है
(i) केवल II
(ii) केवल III
(iii) III और IV
(iv) I और II
उत्तर:
(iii) III और IV
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों में रेखांकित पदबंधो के भेद पहचानिए और सही विकल्प छाँटकर उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) अपने आत्मीय स्वभाव के कारण वह पूरे गाँव में चर्चित था
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ii) सर्वनाम पदबंध
(ख) बाढ़ के प्रकोप और महामारी से पूरा देश त्रस्त है।
(i) सर्वनाम पदबंध
(ii) संज्ञा पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
(ग) जैसे ही उसने दुर्घटना का समाचार सुना वह मदद के लिए दौड़ गया।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) सर्वनाम पत्र
उत्तर:
(ii) क्रिया पदबंध
(घ) इन फलों की मिठास शब्दों में बयान नहीं की जा सकती।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) संज्ञा पदबंध
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर:
(iii) संज्ञा पदबंध
(ङ) स्वच्छ वातावरण में रहने वाले लोग अधिक स्वस्थ होते हैं।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) संज्ञा पदबंध
उत्तर:
(i) विशेषण पदबंध
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘भाई साहब ने पढ़ाई का एक भयंकर चित्र खींचा। लेखक ने झटपट एक योजना तैयार की।’ इन दो वाक्यों से बना हुआ सरल वाक्य होगा
(i) भाई साहब ने पढ़ाई का एक भयंकर चित्र खींचा और लेखक ने झटपट एक योजना तैयार की।
(ii) जब भाई साहब ने पढ़ाई का एक भयंकर चित्र खींचा तब लेखक ने झटपट एक योजना तैयार की।
(iii) भाई साहब द्वारा पढ़ाई का भयंकर चित्र खींचे जाने पर लेखक ने झटपट एक योजना तैयार की।
(iv) भाई साहब ने पढ़ाई का एक भयंकर चित्र खीचा ही था कि लेखक ने झटपट एक योजना तैयार की।
उत्तर:
(iii) भाई साहब द्वारा. पढ़ाई का भयंकर चित्र खींचे जाने पर लेखक ने झटपट एक योजना तैयार की।
(ख) जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, प्राकृतिक असंतुलन भी बढ़ता जा रहा है। रचना के आधार पर इस वाक्य के भेद है
(i) मिश्र वाक्य
(ii) सरल वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) उपवाक्य
उत्तर:
(i) मिश्र वाक्य
(ग) निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य छाँटिए
(i) हम चाहते हैं कि इस बार नृत्य आयोजन में भाग ले।
(ii) इस बार नृत्य आयोजन में भाग लेना चाहते
(iii) नृत्य आयोजन होने वाला है और इस बार हम उस में भाग लेना चाहते हैं।
(iv) यदि नृत्य आयोजन होगा तो हम उसमें भाग लेंगे।
उत्तर:
(ii) नृत्य आयोजन होने वाला है और इस बार हम उस में भाग लेना चाहते हैं।
(घ) घंटों किताबें लेकर बैठे रहने पर भी बड़े भाई साहब पास तक नहीं हो पाते थे। वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) प्रश्नवाचक वाक्य
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ङ) जापान में चाय पिलाने की एक विशेष विधि है जिसे जापानी भाषा में चा नो यू कहते हैं। वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) मिश्र वाक्य
प्रश्न 5.
समास विषय पर आधारित निम्नलिखित किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) कांतिहीन का समास विग्रह व भेद होगा
(i) कांति से हीन-कर्मधारय समास
(ii) कांति से हीन – तत्पुरुष समास
(iii) कांति है जो हीन -बहुव्रीहि समास
(iv) कांति और हीन-द्वंद्व समास ।
उत्तर:
(ii) कांति से हीन – तत्पुरुष समास
(ख) ‘देशभक्ति, सामासिक शब्द का विग्रह और भेद है
(i) देश और भक्ति-द्वंद्व समास
(ii) देश के लिए भक्ति- कर्मधारय समास
(iii) देश की भक्ति-तत्पुरुष समास
(iv) देश में है जो भक्ति-द्विगु समास
उत्तर:
(iii) देश की भक्ति-तत्पुरुष समास
(ग) ‘दो पहरों का समूह’ का समास विग्रह और समास का भेद होगा
(i) दो पहर हैं जिसकी-बहुव्रीहि समास
(ii) दो का पहर-तत्पुरुष समास
(iii) दो हैं जो पहर-कर्मधारय समास
(iv) दो पहरो का समूह-द्विगु समास
उत्तर:
(iv) दो पहरो का समूह-द्विगु समास
(घ) नहीं है जो संभव – समस्त पद और समास का भेद है
(i) असंभव – नत्र तत्पुरुष समास
(ii) नहीं-संभव- द्वंद्व समास
(iii) असंभव -अव्ययीभाव समास
(iv) नसंभव-बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(i) असंभव-नत्र तत्पुरुष समास
(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
(I) चिंतामग्न-तत्पुरुष समास
(II) जल्दी जल्दी-द्वंद्व समास
(III) परोपकारी-बहुव्रीहि समास
(IV) नवजीवन-द्विगु समास
इनमें से कौन सा/कौन से युग्म नहीं हैं
(i) केवल I
(ii) केवल III
(iii) III और IV
(iv) I और III
उत्तर:
(iv) I और III
प्रश्न 6.
मुहावरों पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर लिखिए। (1 × 4 = 4)
(क) जब छात्रों ने अनुशासन भंग किया तो अध्यापिका ने उन्हें …………… लिया।
(i) काम तमाम करना
(ii) दबे पाँव आना
(iii) आड़े हाथों लेना
(iv) आग बबूला होना
उत्तर:
(iii) आड़े हाथों लेना
(ख) कुछ नौजवान अपने माता-पिता की …. बिना सोचे समझे बर्बाद कर देते हैं।
(i) गाढ़ी कमाई
(ii) प्राण सूखना
(iii) आँखें फेरना
(iv) मत्थे मढना
उत्तर:
(i) गाढ़ी कमाई
(ग) उसने न खास पढ़ाई लिखाई की न कोई अनुभव प्राप्त किया फिर भी इतनी अच्छी नौकरी मिल गई मानो …………… लग गई।
(i) दीवार खड़ी करना ।
(ii) खुशी का ठिकाना न रहना
(iii) अंधे के हाथ बटेर लगना
(iv) सुध बुध खोना
उत्तर:
(iii) अंधे के हाथ बटेर लगना
(घ) विवाह की तैयारियाँ करते-करते हम सबके ……………. आ गया।
(i) दांतों पसीना आना
(ii) हाथ पाँव फूल जाना
(iii) सातवें आसमान पर होना
(iv) किस्सा खत्म होना
उत्तर:
(i) दांतों पसीना आना
(ङ) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) दिल पसीजना-बीमार होना
(ii) साए से भागना-डरकर छिपने का प्रयत्न करना
(iii) तूती बोलना-बहुत बोलना
(iv) रंगे हाथों पकड़े जाना-बहुत मेहनत करना
उत्तर:
(ii) साए से भागना-डरकर छिपने का प्रयत्न करना
(च) ‘असलियत सामने आना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) भूख लगना
(ii) लोहे के चने चबाना
(iii) आटे दाल का भाव मालूम होना
(iv) घाट घाट का पानी पीना
उत्तर:
(iii) आटे दाल का भाव मालूम होना
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए। (1 × 5 = 5)
जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर,
जान देने की रुत रोज आती नहीं।
हुस्न और इश्क दोनों को रुसवा करें,
वो जवानी जो खून में नहाती नहीं।
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।
(क) हुस्न और इश्क को रुसवा कौन करता है?
(i) वह जवानी जो खून में नहीं नहाती
(ii) वह जवानी जो खून में नहा जाती है
(iii) वह जवानी जो इश्क नहीं करती
(iv) वह जवानी जिसमें हुस्न नहीं होता
उत्तर:
(i) वह जवानी जो खून में नहीं नहाती
(ख) ‘जान देने की रुत’ का अर्थ है
(i) जीवन को व्यर्थ गंवा देना
(ii) किसी की जान लेना
(iii) ऋतुओं का बदलना
(iv) देश के लिए कुर्बान होना
उत्तर:
(iv) देश के लिए कुर्बान होना
(ग) इस पद्यांश का संदेश यह है कि हमें
(i) धरती को दुल्हन की तरह सजाना चाहिए
(ii) हुस्न और इश्क को रुसवा करना चाहिए
(iii) देश पर कुर्बान होने के लिए तैयार रहना चाहिए
(iv) देश को दूसरों के हवाले कर देना चाहिए
उत्तर:
(iii) देश पर कुर्बान होने के लिए तैयार रहना चाहिए
(घ) इस पद्यांश के कवि और कविता का नाम है
(i) अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों -निदा फ़ाजली
(ii) कर चले हम फिदा – निदा फ़ाजली
(iii) हो गए हम फिदा – कैफी आजमी
(iv) कर चले हम फिदा – कैफ़ी आजमी
उत्तर:
(iv) कर चले हम फिदा – कैफ़ी आज़मी
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए।
(I) अपने खून से रंगी धरती को देखकर सैनिक घबरा जाते हैं
(II) देश पर कुर्बान होकर वे अपना हुस्न और इश्क व्यर्थ गंवा देते हैं।
(III) सैनिक खुशी-खुशी देश पर अपनी जान कुर्बान करते हैं
(IV) एक सैनिक का जीवन मरते दम तक देश की सेवा करने का संदेश देता है।
पद्यांश से मेल खाते हुए वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(i) II, III
(ii) I, II
(iii) I, III
(iv) III, IV
उत्तर:
(iv) III, IV
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘अखंड आत्मा भाव जो असीम विश्व में भरे’ का भाव है
(i) जो विश्व को खंडित कर दे।
(ii) जो समस्त विश्व अपने अनुसार चलाएँ।
(iii) जो समस्त संसार को एक सूत्र में बाँधने का भाव करे।
(iv) जिसकी आत्मा खंडित हो गई हो।
उत्तर:
(iii) जो समस्त संसार को एक सूत्र में बांधने का भाव करे।
(ख) ‘एकै अषिर पीव का, पढ़े सो पंडित होय’ ऐसा कहा गया है, क्योंकि
(i) प्रेम का भाव अंततः पीड़ा पहुँचाता है।
(ii) प्रेम का एक अक्षर सभी विकारों पर भारी पड़ता है।
(iii) केवल पंडित ही प्रेम करना जानते हैं।
(iv) जिसके हृदय में प्रेम का वास हो वही सच्चा ज्ञानी है।
उत्तर:
(iv) जिसके हृदय में प्रेम का वास हो वही सच्चा ज्ञानी है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प छाँटकर दीजिए। (1 × 5 = 5)
किस्सा क्या हुआ था उस को उसके पद से हटाने के बाद हमने वजीर अली को बनारस पहुँचा दिया और तीन लाख रुपये सालाना वजीफा मुकर्रर कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कोलकाता तलब किया। वजीर अली कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कोलकाता में क्यों तलब करता है। वकील ने शिकायत की परवाह नहीं की उल्टा उसे भला-बुरा सुना दिया। वजीर अली के तो दिल में यूं भी अंग्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूट कर भरी थी। उसने खंजर से वकील का काम तमाम कर दिया।
(क) वजीर अली को पद से हटाने के बाद उसके साथ क्या किया गया?
(i) उसे कोलकता भेज दिया गया
(ii) उससे तीन लाख रुपये सालाना जुर्माना लिया गया
(iii) उसे तीन लाख सालाना वजीफा दिया गया
(iv) उसे गवर्नर जनरल बना दिया गया
उत्तर:
(iii) उसे तीन लाख सालाना वजीफा दिया गया
(ख) वजीर अली कंपनी के वकील के पास क्यों गया था?
(i) उससे गवर्नर जनरल की शिकायत करने के लिए
(ii) उससे माफी मांगने के लिए
(iii) उसे भला-बुरा सुनाने के लिए
(iv) उसका कत्ल करने के लिए
उत्तर:
(i) उससे गवर्नर जनरल की शिकायत करने के लिए
(ग) अंग्रेजो के खिलाफ किसके मन में नफरत भरी थी?
(i) वकील के मन में
(ii) गवर्नर जनरल के मन में
(iii) वजीर अली के मन में
(iv) इन तीनों के मन में
उत्तर:
(iii) वजीर अली के मन में
(घ) वजीर अली ने वकील का कत्ल क्यों किया?
(i) वह उससे नफरत करता था
(ii) वह अंग्रेजों से नफरत करता था
(iii) वकील ने उसे भला बुरा सुनाया
(iv) उसने वकील को भला बुरा सुना दिया
उत्तर:
(iii) वकील ने उसे भला-बुरा सुनाया
(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : बस्तियों में अनेक परिंदों से उनका घर छीन लिया है।
कारण (R) : अनेक पक्षियों ने यहाँ वहाँ डेरा डाल लिया है।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) उसकी सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।
(iv) कथन (A) गलत है कथन (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) सही है कारण (R) उसकी सही व्याख्या करता है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) ‘बड़े भाई साहब की रचनाओं को समझना मेरे लिए छोटा मुंह बड़ी बात थीऐसा कहकर लेखक कहना चाहते हैं कि
(i) बड़े भाई साहब उच्च कोटि की रचनाएँ लिखते थे।
(ii) लेखक छोटे थे और भाई साहब की रचनाएँ बहुत बड़ी थीं।
(iii) यह कथन बड़े भाई साहब के स्वभाव पर व्यंग्य कर रहा है।
(iv) यह कथन बड़े भाई साहब के लेखन-कौशल का वर्णन कर रहा है।
उत्तर:
(iii) यह कथन बड़े भाई साहब के स्वभाव पर व्यंग्य कर रहा है।
(ख) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ततांरा के स्वभाव को दर्शाते हैं
(I) प्रेम सबको जोड़ता है, घृणा दूरियाँ बढ़ाती
(II) शक्तिशाली, बलिष्ठ और आत्मीय स्वभाव।
(III) प्रेम को सम्मान मिलना चाहिए।
(IV) अथक परिश्रम के बाद समुद्र के किनारे
टहलना।
(i) II, III
(ii) I, II
(iii) I, IV
(iv) II, IV
उत्तर:
(iv) II, IV
खंड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(क) परिवार का माहौल सब बच्चों को एक जैसा मिलता है, फिर भी सबका स्वभाव अलग हो सकता है। कक्षा में अध्यापक सभी छात्रों को एक समान शिक्षा देते हैं, किंतु प्रत्येक छात्र का विकास समान तरीके से नहीं होता। लेखक का स्वभाव बड़े भाई से कैसे भिन्न था?
उत्तर:
पाठ ‘बड़े भाई साहब’ में लेखक का स्वभाव अपने बड़े भाई से सर्वथा भिन्न दिखाया गया है। लेखक अपना अधिकांश समय खेलकूद में बिताते थे। पढ़ने में उनका बिल्कुल मन नहीं लगता था। मौका पाते ही मैदान में आकर कंकरियाँ उछालना, कागज की तितलियाँ उड़ाना, चारदीवारी पर चढ़कर कूदना घण्टों होता था, किन्तु एक घण्टे भी किताब खोलकर बैठना पहाड़ पर चढ़ने के समान कठिन लगता था। दूसरी ओर उनके बड़े भाई साहब बहत अध्ययनशील (व्यंग्य) थे, सारा दिन किताबें खोलकर बैठे रहते थे। उनकी सहज बुद्धि बहुत तीव्र थी व उपदेश देने की कला में तो वे निपुण थे।
(ख) जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है मानव जाति की आवश्यकताएँ और इच्छाएँ बढ़ रही हैं वैसे-वैसे सृष्टि और पर्यावरण को नष्ट होते हुए देखा जा रहा है। मुंबई से ग्वालियर के बीच लेखक ने जो परिवर्तन देखा, वह इसी का एक उदाहरण है। उस परिवर्तन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लेखक निदा फ़ाजली ने वक्त के साथ बदलती लोगों की मानसिकता, पर्यावरण के प्रति निष्ठुरता को तथा इसके दुष्प्रभावों को बखूबी दर्शाया है। मुम्बई से ग्वालियर के बीच पहले दूर तक जंगल हुआ करता था, वहाँ अब (लेखक ने बताया) बस्ती बन चुकी थी, जिसने पशु-पक्षियों को बेघर कर दिया था। इनमें से कुछ तो दूर चले गए हैं और कुछ ने आस-पास के घरों में ही डेरा डाल लिया है।
(ग) किसी रचना का शीर्षक उसके मुख्य पात्र घटना या भाव पर आधारित होता है अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले पाठ के आधार पर इस शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
लेखक ‘निदा फाजली’ का मानना है कि इस सम्पूर्ण धरती पर, प्रकृति पर सभी जीवधारियों का समान अधिकार है, किन्तु मनुष्य ने अपने बुद्धि-बल से प्रकृति पर अपना हक जमा लिया है, वह अपनी असीम इच्छाएँ व आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ही नहीं, उसे नष्ट करता रहता है। इच्छाएँ व जरूरतें बढ़ती ही जा रही हैं, मनुष्य दिन-पर-दिन स्वार्थी होता जा रहा है। किसी समय में सुलेमान जैसे लोग थे जो चींटी जैसे छोटे जीव का दर्द भी समझते थे, शेख अयाज के पिता जैसे लोग थे जो अनजाने में भी किसी को तकलीफ नहीं देना चाहते थे, नूह नामक पैगम्बर थे जो किसी पशु के दिल दुखने की आवाज भी सुन सकते थे। किसी समय में लेखक की माँ जैसे प्रकृति व अन्य जीव-जन्तुओं के प्रति प्रेम व सहानुभूति रखने वाले लोग थे, किन्तु आज हमें ऐसे लोग देखने को नहीं मिलते। लेखक की पत्नी की तरह हम केवल अपने आराम व सुख की परवाह करते हैं। अपने स्वार्थ के लिए किसी दूसरे को तकलीफ पहुँचाने में भी संकोच नहीं करते। अतः पाठ का शीर्षक ‘अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले’ पूरी तरह सार्थक है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) प्रभु अपने भक्तों की सदा रक्षा करते हैं और भक्त पूरे अधिकार से प्रभु से शिकायत भी करते हैं। मीरा ने कृष्ण को उनके कर्तव्य किस प्रकार याद दिलाए हैं?
उत्तर:
मीरा कृष्ण के एकनिष्ठ प्रेम से अभिभूत थीं। उनकी सांसारिक इच्छाएँ समाप्त हो चुकी थीं, केवल यही कामना थी कि कृष्ण उन्हें अपनी दासी के रूप में स्वीकार कर लें अर्थात् उन्हें अपना लें। कृष्ण को उनके कर्त्तव्य याद दिलाते हुए वे कहती हैं कि जिस प्रकार कृष्ण ने द्रौपदी के वस्त्र बढ़ाकर उसकी लाज रखी थी, भक्त प्रहलाद की सच्ची भक्ति को प्रमाणित किया था व डूबते हुए हाथी को बचाया था, उसी प्रकार वे मीरा की भक्ति, प्रेम को स्वीकार करके अपने लोकरक्षक रूप को, अपनी भक्त वत्सलता को सिद्ध करें।
(ख) पाठ्यक्रम की किस कविता ने आपको प्रकृति के सौंदर्य का अनुभव कराया है? अपने शब्दों में उसका वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हमारे पाठ्यक्रम की कविता ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ हमें पर्वतीय क्षेत्र में प्रकृति के सुंदर नजारों को अपनी आँखों निरखने की अनुभूति देती है। पर्वतीय क्षेत्र में वर्षा ऋतु का आगमन बेहद खूबसूरत होता है। पल-पल में प्राकृतिक नजारे ऐसे बदलते हैं, मानो आँखों के सामने कोई फिल्म के दृश्य बदल रहे हों। बड़े-बड़े वृक्ष, पर्वत, तालाब, झरनों का सौंदर्य मन को लुभाता है। जब बादल इन्हें ढक लेते हैं तो ऐसा लगता है, मानो वे बादलों के पंख लगा कर कहीं उड़ गए हैं। वर्षा शुरु होने पर तो संपूर्ण दृश्य ऐसा गंभीर हो जाता है, जैसे भयानक वर्षा ने सब को भयभीत कर दिया हो। यह अलौकिक दृश्य स्वयं इंद्र देवता द्वारा खेला जा रहा कोई जादू का खेल-सा नजर आता है। इस प्रकार कवि सुमित्रानंदन पंत में पावस ऋतु को जीवंत बनाकर हमें रोमांचित कर दिया है।
(ग) कवि ‘वीरेन डंगवाल’ ने किस तोप को भारत की धरोहर माना है और क्यों?
उत्तर:
विरासत में मिली वस्तुएं हमें अपने गौरवशाली इतिहास की याद दिलाती हैं या हमें भविष्य के लिए सचेत करती हैं। जिस तोप का वर्णन कवि ‘वीरेन डंगवाल’ ने किया है, वह अंग्रेजों की निशानी है। उसे धरोहर कहा गया है क्योंकि वह हमेशा हमें याद दिलाती रहेगी कि हमारे पूर्वजों की गलतियों के कारण पूरे देश को दारुण दुख झेलने पड़े थे। हमें किसी भी कीमत पर उस इतिहास को दोहराना नहीं है। यही कारण है संभाल कर रखा गया है और समय-समय पर इसकी साफ- सफाई भी की जाती है भले ही यह निश्चित हो चुकी हो किंतु हमें अपने गौरव को बनाए रखने के लिए उकसाती है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (6)
(क) जनसंख्या विस्फोट
संकेत बिन्दु
- अर्थ
- कारण
- दुष्प्रभाव
- उपाय।
अथवा
(ख) साहित्य समाज का दर्पण
संकेत बिन्दु
- साहित्य व समाज का सम्बन्ध
- एक-दूसरे पर प्रभाव
- आदर्श स्थिति।
अथवा
(ग) गुरु-शिष्य सम्बन्ध
संकेत बिन्दु
- प्राचीन भारत में गुरु-शिष्य सम्बन्ध
- वर्तमान स्थिति
- कारण, निवारण।
उत्तर:
(क) जनसंख्या विस्फोट जनसंख्या प्रत्येक देश की मानवीय सम्पदा होती है, किन्तु तभी तक जब तक वह नियन्त्रण में हो, अन्य संसाधनों के उचित अनुपात में हो, अन्यथा यही आर्थिक विकास में बाधा बन जाती है, सामाजिक समस्याओं की जड़ बन जाती है व वरदान की जगह अभिशाप-सी लगने लगती है। भारत में जिस तेजी से जनसंख्या में वृद्धि हुई, उसे ‘जनसंख्या विस्फोट’ नाम दिया गया। इसके प्रमुख कारण हैं छोटी उम्र में विवाह होना, अशिक्षा, अन्धविश्वास, लिंगभेद आदि। इस जनसंख्या विस्फोट के अनगिनत दुष्परिणाम सामने आये, जैसे-बेरोजगारी, प्राकृतिक शोषण, अपराधों में वृद्धि, गरीबी, आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में उथल-पुथल। जनसंख्या वृद्धि की एक समस्या अन्य अनेक समस्याओं को जन्म देती है। अतः इसे नियन्त्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे-सरकार द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाना, अनेक योजनाएँ बनाकर लिंग-भेद को मिटाना, शिक्षा के प्रति लोगों को सचेत करना, गर्भ निरोध के विभिन्न उपायों का प्रचार आदि। किन्तु दुःख की बात है कि विशेष सुधार देखने में नहीं आया है। आशा है, हमारी युवा पीढ़ी इस समस्या के प्रति सचेत हो चुकी है और अगले दशकों में इसके सकारात्मक परिणाम अवश्य देखने को मिलेंगे।
अथवा
(ख) साहित्य समाज का दर्पण प्रत्येक देश का अपना साहित्य होता है। वही देश की असली पहचान, संस्कृति को जीवित रखने का माध्यम, देश का गौरव और स्वाभिमान होता है। इस दृष्टि से देखें तो कह सकते हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, यानि साहित्यकार वही रचता है जो वह समाज में देखता है। किन्तु इसका दूसरा पहलू यह कहता है कि साहित्य समाज का निर्माता होता है। यानि हम अपने देश व समाज को जैसा देखना चाहते हैं, साहित्य के माध्यम से वह आदर्श रूप प्रस्तुत किया जाता है ताकि लोग उससे प्रेरित व प्रोत्साहित होकर तदनुरूप व्यवहार करें, अपने समाज को वैसा आदर्शवादी रूप देने की, सँवारने की कोशिश करें। यदि साहित्य केवल दर्पण का काम करेगा, तो उसका उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पायेगा। कलम में तो बहुत ताकत होती है। व्यक्ति, समाज व देश को जगाने व बदलने की, उचित मार्गदर्शन करने की क्षमता होती है। अतः साहित्य अपने इस उद्देश्य को पूर्ण करे, तभी वह सार्थक हो सकता है।
अथवा
(ग) गुरु-शिष्य सम्बन्ध गुरु को भारत में सदा से ही अत्यधिक सम्माननीय माना गया है। यहाँ तक कि अनेक सन्त-कवियों ने तो गुरु को ईश्वर का या उससे भी श्रेष्ठ दर्जा दे दिया है। किन्तु केवल गुरु का योग्य या शिक्षा देने में इच्छुक होना पर्याप्त नहीं है, शिष्य को भी शिक्षा प्राप्ति के लिए उतना ही उत्सुक व योग्य होना आवश्यक है और इन दोनों से भी ऊपर है गुरु व शिष्य के सम्बन्धों का मधुर, पवित्र व विश्वसनीय होना। गुरु निःस्वार्थ भाव से, दृढ़ता व लगन से शिक्षा दे व शिष्य पूर्ण निष्ठा, विश्वास, मेहनत व लगन से शिक्षा ग्रहण करे, तभी यह प्रक्रिया सफल हो सकती है। वर्तमान स्थिति इस सम्बन्ध में सन्तोषजनक नहीं है। गुरु वेतनभोगी हो गये हैं और शिष्य अनुशासनहीन, हठी व आचरण हीन होते जा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा प्रक्रिया अपना उद्देश्य पूर्ण नहीं कर पाती, बल्कि अनेक प्रकार के अपराधों को जन्म देती है। आवश्यकता इस बात की है कि अध्यापक निःस्वार्थ भाव से, पूरी तन्मयता से अपना ज्ञान व अनुभव छात्रों तक पहुँचायें व छात्र सम्मानपूर्वक ज्ञान ग्रहण करने में आनन्द लें, तभी यह ज्ञानयज्ञ सफल हो पायेगा।
प्रश्न 14.
प्रधानाचार्या को पत्र लिखकर विद्यालय से आर्थिक सहायता की माँग करते हुए प्रार्थना कीजिए।
अथवा
अपने क्षेत्र के थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर अपने साथ हुए किसी अपराध की सूचना दीजिए। (5)
उत्तर:
प्रधानाचार्या महोदया,
क ख ग विद्यालय,
नई दिल्ली।
विषय-आर्थिक सहायता हेतु प्रार्थना।
आदरणीय महोदया,
मैं आपके विद्यालय की कक्षा दसवीं का छात्र हूँ। नर्सरी कक्षा से नियमित रूप से इसी विद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर रहा हूँ व प्रतिवर्ष अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होता हूँ। समय-समय पर खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर मैंने विद्यालय का नाम भी रोशन किया है।
महोदया, गत वर्ष से हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है। पिताजी मेरी पढ़ाई का व विद्यालय के अन्य शुल्क चुकाने में समर्थ नहीं हो पा रहे हैं। मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है कि इस वर्ष मेरा शुल्क माफ कर दीजिए ताकि मैं आपके ही विद्यालय में शिक्षा जारी रख सकूँ।
मुझे आशा है कि आप मेरी प्रार्थना पर विचार करेंगी व मुझे इस रूप में आर्थिक सहायता देकर अनुग्रहीत करेंगी।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र,
अ ब स
दिनांक……………
अथवा
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक ………………….
थानाध्यक्ष महोदय,
विकासपुरी थाना,
नई दिल्ली।
विषय-संगीन अपराध की सूचना।
आदरणीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं विकासपुरी क्षेत्र का एक जिम्मेदार नागरिक हूँ व अपने क्षेत्र में गत सप्ताह हुए एक संगीन अपराध की सूचना आपको देना चाहता हूँ। दिनांक 30 मार्च को, सायं 7 बजे के आस-पास मैं बाजार से आ रहा था। अचानक देखा कि एक मोटरसाइकिल पर सवार दो युवकों ने मेरे कुछ आगे चल रही दो महिलाओं से पहले तो छेड़छाड़ की, जब वे घबरा गयीं तो उनका पर्स व गहने लेकर फरार हो गये। वे दोनों महिलाएँ इतना घबरा गयीं और लज्जित महसूस करने लगी कि उन्होंने शायद पुलिस को सूचना भी नहीं दी। किन्तु मुझे लगता है कि इस तरह तो अपराधियों की हिम्मत बढ़ती जायेगी।
आपको जल्दी ही इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। यदि जनता सुरक्षित ही न हो तो नियम-कानूनों का क्या लाभ?
आशा है, आप जल्द ही उचित कदम उठायेंगे।
धन्यवाद
भवदीय,
क ख ग
प्रश्न 15.
‘संजीवनी’ सोसायटी के सचिव होने के नाते सभी सदस्यों से सफाई बनाए रखने की अपील करते हुए 30-40 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
अथवा
‘रामकृष्ण’ विद्यालय की प्रधानाचार्या की ओर से छात्रों को अनुशासन बनाए रखने की सख्त हिदायत देते हुए 30-40 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए। (5)
उत्तर:
संजीवनी सोसायटी |
सूचना दिनांक……………. ‘स्वच्छ रहें, स्वस्थ रहें’ सोसायटी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि अपने क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने में मदद करें। वातावरण को स्वच्छ| रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि सोसायटी में कोई सदस्य गन्दगी फैलाता हुआ नजर आया तो भारी जुर्माने के रूप में दण्ड भुगतना पड़ेगा। धन्यवाद। |
अथवा
रामकृष्ण उच्चतर माध्यमिक विद्यालय |
सूचना दिनांक…………….. अनुशासन की अपील विद्यालय में अनुशासन सर्वोपरि है। सभी अध्यापकों व छात्रों की जिम्मेदारी व कर्त्तव्य है कि विद्यालय में अनुशासित वातावरण बनाए रखने में सहयोग दें। अनुशासन भंग करते हुए पाये गये छात्रों को सख्त सजा दी जायेगी व विद्यालय से निलम्बित किया जा सकता है। सभी नियमों को कृपया अपनी डायरी में पढ़ें। धन्यवाद। |
प्रश्न 16.
एक आध्यात्मिक संस्था/ध्यान केन्द्र के लिए 25-50 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
होली के प्राकृतिक रंगों के लिए 25-50 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (4)
उत्तर:
आध्यात्मिक चर्चा |
यदि आप अध्यात्म में रुचि रखते हैं; यदि आप जीवन-जगत की सच्चाई को जानना चाहते हैं; यदि आप हमेशा खुश रहना व खुशियाँ बाँटना चाहते हैं; तो आइए, 26 मई, प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक होने वाली इस आध्यात्मिक कार्यशाला में भाग लीजिए। अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें – 9810203546 |
अथवा
प्रश्न 17.
निम्न पंक्तियों को पूरा करते हुए लगभग 100 – 120 शब्दों में लघु कथा का निर्माण कीजिएकेशव को नए पेन खरीदने का शौक था जब भी किसी के पास नया पेन देखता तो………
अथवा
‘आजादी’ शीर्षक पर लगभग 100-120 शब्दों में लघुकथा का निर्माण कीजिए। (1 × 3 = 3)
उत्तर:
लालच बुरी बला है
केशव को नए-नए, महँगे पेन खरीदने का बहुत शौक था। जब भी किसी और बच्चे के पास नया महँगा पेन देखता तो उसका जी ललचा जाता था। उसने कई बार मम्मी से महँगा पेन लेने की जिद करी और मम्मी ने उसे समझाया कि पेन लिखने का ही काम करता है, उसके लिए उतने ही पैसे खर्च करो कि ठीक तरह से लिख पाओ। बहुत महँगा पेन खरीदने का कोई लाभ नहीं है। वह पेन खरीद तो नहीं पाया पर उसके मन में पेन पाने की लालसा बनी रही।
एक दिन उसका सहपाठी प्रकाश अपना महँगा पेन बेंच पर ही छोड़ कर पानी पीने चला गया। केशव की नजर कई दिन से उस पेन पर थी। उसने इधर-उधर नजर घुमाई और चुपचाप उठा कर अपने बैग में रख लिया जब प्रखर लौटकर आया तो काम करने के लिए वह अपना पेन ढूँढ़ने लगा। बैंच के नीचे इधर-उधर सब जगह देखा फिर उसने केशव से पूछा क्या उसका पेन देखा है। केशव ने साफ इनकार कर दिया। क्योंकि वह पेन बहुत महँगा था तो प्रखर ने अध्यापिका को जाकर बोल दिया। अब केशव घबरा गया। अध्यापिका ने सभी बच्चों को कहा कि अगर गलती से भी किसी के पास वह आ गया है तो उसे वापस करो। सब अपने आस-पास देखने लगे। एक बार तो केशव के मन में आया कि वह प्रखर को दे दे, पर उसके लालच ने उसे रोक लिया। प्रखर ने केशव की ओर देखा, अध्यापिका को कह दिया कि कोई बात नहीं पेन मिल जाएगा।
केशव मन ही मन अपने आप को कोसने लगा कि उसने ऐसा क्यों किया। घर जाकर भी वह उदास रहा। अगले दिन जाते ही प्रखर से अकेले में माफी माँगी और उसका पैन उसे लौटा दिया। प्रखर बोला मैं जानता था कि तुम मेरा पेन जरूर लौटा दोगे और देखो मैं तुम्हारे लिए वैसा ही पेन लेकर आया हूँ। केशव ने धन्यवाद कहा किन्तु पेन लेने से इनकार कर दिया। अब वह समझ गया था कि माँ ठीक ही कहती थी महँगा पेन लेने की कोई आवश्यकता नहीं है और इस घटना से उसने सबक ले लिया कि ‘लालच बुरी बला है’।
अथवा
आजादी
जब उसकी आँख खुली तो सूरज ऊपर चढ़ आया था। वह घबरा गया, आज उसकी परीक्षा थी। कॉलेज पहुँचने में देर न हो जाए। नहाने का समय नहीं था। यहाँ तक कि नाश्ता करने का भी समय नहीं बचा। कैंटीन वाले भैया ने आवाज दी “भैया, दूध तो पीते जाओ” । पर उसके पास समय कहाँ था। किसी तरह पेपर देने बैठा, भूख प्यास सता रही थी, पेपर के बीच में ही कुछ चक्कर से भी आने लगे पर पीने के लिए पानी तक नहीं था। पेपर अच्छा नहीं हुआ।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ था। जब से वह पीजी में रहने आया था यह चौथी बार यही परिस्थिति उसके सामने आई थी। जब वह घर पर था माँ उसे उठाने के लिए आवाज लगाती या नाश्ता करने पर जोर देती तो वह झुंझला जाता था और पीजी में रहने की जिद करता था। घर पर रहते हुए उसका स्वभाव दिन-पर-दिन चिड़चिड़ा होता जा रहा था। आखिर उसकी जिद के आगे सबने हार मान ली और शायद यह भी सोचा कि कुछ दिन पीजी में रह कर देख लेगा तो फर्क अपने आप समझ आ जाएगा।
अब वही हो रहा था। न वहाँ अच्छा खाने को मिलता था, न ही खाने के लिए समय मिलता था। बे-समय सोना, टाइम पर न उठ पाना इस सब का असर उसकी पढ़ाई पर भी पड़ा रहा था। जिस आज़ादी की चाह में घर से निकला था वही आज़ादी अब उसे बुरी लगने लगी थी। वह समझ गया था कि अपनों की पाबंदियाँ हमारे लिए बंधन नहीं होती बल्कि आगे बढ़ने के लिए सहारा होती हैं। उनका कुछ कहना टोकना नहीं होता बल्कि समझाना होता है जो हमारे चरित्र-निर्माण और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। परीक्षाएँ खत्म होते ही उसने तुरंत पीजी छोड़कर घर लौटने का फैसला माँ को सुना दिया।
प्रश्न 18.
आप सार्थक/सविता हैं। आपने ऑनलाइन खरीदारी की जिसमें कुछ सामान गलत आया है। ‘सहारा’ नामक कंपनी को ईमेल करते हुए इसकी शिकायत कीजिए। (5)
उत्तर:
प्राप्तकर्ता[email protected]
भेजने वाला-saharal.com
दिनांक…………………
समय………………….
विषय-सामान में खराबी की शिकायत।
श्रीमान/श्रीमती जी,
मैं सार्थक पश्चिमी दिल्ली का निवासी, आपकी सहारा कंपनी का नियमित खरीदार रहा हूँ। मेरे पते पर आपके यहाँ से कोई न कोई उत्पाद आता रहता है, किंतु इस बार जो सामान आपने भेजा, वह अत्यधिक निराशाजनक था। बहुत से उत्पाद खराब थे और कुछ वस्तुएँ मेरी मांग के अनुसार नहीं थीं। आपकी जानी मानी-कंपनी से ऐसा व्यापार की आशा बिल्कुल नहीं है। आपसे प्रार्थना है कि आप उस सामान को जल्द से जल्द बदल कर उचित सामान भेजें ताकि आपके उत्पादन के प्रति हमारा विश्वास बना रह सके।
धन्यवाद
सार्थक
अ-205, विकास पुरी, नई दिल्ली।