Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 8 are designed as per the revised syllabus.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 8 with Solutions

निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’।
  • खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
  • खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
  • निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
  • दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए। महान

खंड ‘अ’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
रात कुछ अँधेरी थी और मुझे पहुँचना था स्टेशन पर। गाड़ी छूटने में केवल पन्द्रह मिनट बाकी रह गए थे, किन्तु मैं अभी सामान के साथ हथकडे ही चला रहा था। बात यह है कि-मनुष्य एक कार्य में भले ही निपुण हो जाए, दूसरे क्षेत्रों में कोरा मूर्ख ही माना जाता है। मेरी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी होंगी किन्तु सामान बाँधने की क्रिया में मैं स्वयं को सचमुच मूर्ख ही समझता हूँ। गाड़ी निकली जा रही है और बिस्तर बाँधने के प्रयास में देखता हूँ कि यहाँ-वहाँ गठरी-पुठरी बिस्तरबंद से बाहर लुढ़क-लुढ़ककर मुझे चिढ़ा रही हैं। मान लिया तो क्या, नौकर तो न मिल सका जो ऐसे टेढ़े समय में हाथ ही बँटा सके। लेखक सचमुच भूखे ही मरते हैं, लोग झूठ नहीं कहते। जैसे-तैसे बिस्तर बाँध मैं इक्के में सामान फेंक स्टेशन की ओर लपका। गाड़ी भक-भक करती मेरी छाती पर मूंग दलती हुई आगे बढ़ी आ रही थी। छोटा-सा स्टेशन, खम्भों पर टिमटिमाते मैले-से लैम्प और उसमें भागा चला आ रहा था; तेज रोशनी वाला इंजन। मैं लपककर खिड़की के पास पहुँचा और प्रथम बार सेकेंड क्लास का टिकट लेने के लिए हाथ बढ़ाया। टिकट बाबू पहचानता था, बोला, “बाबू कहाँ जइहो सेकंड क्लास में? पैसा मार लिया दीखे कहीं से।”

मुझे मजाक बुरा लगा, उसकी बेसिर-पैर की बात बुरी लगी, विशेषकर जबकि गाड़ी स्टेशन पर बढ़ रही थी। मैंने टिकट मुट्ठी में थामा, बिस्तर को कुली ने थाम रखा था और फाटक के ठीक सामने सेकंड क्लास का डिब्बा देखकर मैं अंदर कूद पड़ा। कुली ने बिस्तर अंदर फेंका और मैंने पैसे बाहर। डिब्बे में कोई नहीं था-मेरा अहो भाग्य ! रात काफी बीत चुकी थी और मैं नियम जानता था कि रात्रि के समय सेकंड क्लास का डिब्बा अंदर से बंद कर, बत्ती बुझा मैं बेखटके सो सकता हूँ। मैंने भी वही किया और तकिए के सहारे लेटा रहा। उत्सुकता के मारे नींद कहाँ थी। कल दोपहर मुझे राजस्थान के एक साहित्यिक उत्सव का सभापतित्व करना था, तभी तो सेकंड क्लास में यात्रा करने की मुझसे प्रार्थना की गई। ऐसा अवसर कब-कब और किसको मिलता है? एक बड़ा लेखक होने का यह मेरा सबसे पहला प्रमाण था। गाड़ी तो हिल रही थी, किन्तु गर्व और प्रसन्नता से मैं दायें-बायें झूमने लगा। झूमते ही मुझे झूले का-सा आनन्द आने लगा और मुझे कोई लोरी गाता हुआ सुनाई देने लगा, फलतः न जाने कब नींद आ गई।

(क) लेखक को कहाँ पहुँचना था?
(i) गाँव
(ii) शहर
(iii) स्टेशन
(iv) कानपुर
उत्तर:
(iii) स्टेशन

(ख) लेखक एक क्षेत्र में भले ही निपुण हो जाए पर दूसरे में क्या माना जाता है?
(i) मूर्ख
(ii) निपुण
(iii) कुशल
(iv) कुशलता
उत्तर:
(i) मूर्ख

(ग) लेखक को कहाँ जाना था?
(i) अजमेर
(ii) राजस्थान
(iii) जयपुर
(iv) उत्तर प्रदेश
उत्तर:
(ii) राजस्थान

(घ) लेखक को राजस्थान क्यों बुलाया गया था?
(i) लेख लिखने को
(ii) कविता पाठ करने को
(iii) उत्सव करने को
(iv) साहित्यिक सभा का सभापतित्व करने को
उत्तर:
(iv) साहित्यिक सभा का सभापतित्व करने को

(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : समाचार लोकतंत्र के प्रहरी होते हैं।
कारण (R) : अखबार में छपने पर शासन को गतिशीलता मिलती है।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।
(iv) कथन (A) सही है कारण (R) सही है और कथन (A) का समर्थन कर रहा है।
उत्तर:
(iv) कथन (A) सही है कारण (R) सही है और कथन (A) का समर्थन कर रहा है।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
सृष्टि के आदिकाल में मनुष्य प्रकृति का पुजारी बना। प्रकृति की शक्तियों से वह अभिभूत हुआ, विस्मित हुआ। अकारण नहीं है कि संसार का आदिकालीन काव्य प्रायः प्रकृति की विविध शक्तियों की स्तुति का ही गान है। हमारे यहाँ का वैदिक साहित्य इसका प्रमाण है। वेदों का ऋषि अग्नि, मरुत, वरुण, सूर्य, पूषा आदि शक्तियों की उपासना करता है और उनसे वरदान माँगता है। जैसे-जैसे सभ्यता का विकास होता गया, वैसे-वैसे मनुष्य की इस पूजा-भावना, कृतज्ञता एवं स्तुति-भाव में कमी आने लगी। वह इन प्राकृतिक शक्तियों के पीछे छिपी शक्ति के रहस्य को जानने का प्रयत्न करने लगा। मनोविज्ञान और दर्शन द्वारा उसने अंत:प्रकृति को समझने का प्रयास किया तो विज्ञान के विविध घटकों द्वारा उसने बाह्य प्रकृति के रहस्यों को जानने और सुलझाने की कोशिश की। मनुष्य धीरे-धीरे प्रकृति पर विजय पाने लगा। आज उसने धरती से आकाश के बीच विद्यमान प्राकृतिक शक्तियों को अपने वश में करने का अभियान छेड़ा हुआ है। अब वह उनसे मनचाहा काम लेने में समर्थ है। उसने पृथ्वी की कोख में छिपे विविध रत्नों, कोयला, गैस, स्वर्ण आदि को खोज निकाला है। आज वह रेगिस्तान में नदी बना रहा है, नहरें बना रहा है और उसे उपजाऊ बना रहा है। उसके द्वारा बनाए गए विविध प्रकार के यान और उपग्रह आज आकाश को नाप रहे हैं। वह चंद्रमा और मंगल ग्रह पर पहुंच चुका है। अन्य ग्रहों पर पहुँचने के लिए कई सीढ़ियाँ चढ़ चुका है। वायु की तरंगें उसका आदेश सिर-माथे लेकर उसके संदेश को एक स्थान से लेकर दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए विवश हैं, केवल संदेश ही नहीं, उसके चित्रों को भी। उसने आग को तीलियों में बंद कर लिया है। मौसम का ताप उसकी इच्छा के अनुसार उतरता-चढ़ता है। वह बादल बनाकर आकाश में उड़ा ही नहीं सकता, उसे वांछित स्थान पर बरसने के लिए मजबूर भी कर सकता है। विद्युत को उसने तारों में कैद कर लिया है। पनडुब्बियाँ रात-दिन सागर की छाती को चीर रही हैं। भयंकर वनों को काट-काट कर उजाड़ दिया गया है। नदियों को बाँधकर उसके जल का मनचाहा उपयोग कर रहा है। ऊँची-से-ऊँची चोटी एवरेस्ट पर वह विजय पताका लहरा चुका है।
(क) हमारा वैदिक साहित्य किसका प्रमाण है?
(i) मनुष्य के प्रकृति से अभिभूत होने का
(ii) ईश्वर की उत्पत्ति का
(iii) ईश्वर के अस्तित्व का
(iv) सभ्यता के विकास का
उत्तर:
(i) मनुष्य के प्रकृति से अभिभूत होने का

(ख) मनोविज्ञान और दर्शन द्वारा मनुष्य ने किसे समझने का प्रयास किया ?
(i) बाह्य प्रकृति को
(ii) ईश्वर को
(iii) अन्त:प्रकृति को
(iv) स्वयं को
उत्तर:
(iii) अन्तःप्रकृति को

(ग) मनुष्य ने वायु की तरंगों के साथ क्या किया ?
(i) स्वयं उसके साथ चलने लगा
(ii) उन्हें अपने आदेश पर चलने को विवश कर दिया
(iii) उन्हें आज़ाद कर दिया
(iv) उनके आदेश पर चलने लगा।
उत्तर:
(ii) उन्हें अपने आदेश पर चलने को विवश कर दिया

(घ) आज मनुष्य कौन-से ग्रहों तक पहुँच चुका है ?
(i) पृथ्वी और सूरज
(ii) पृथ्वी और मंगल
(iii) चाँद और बुध
(iv) चाँद और मंगल
उत्तर:
(iv) चाँद और मंगल

(ड) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(i) मातृभाषा माँ से मिलने जैसा सुख प्रदान करती है।
(ii) भारत की पहचान यहाँ की शिक्षा व्यवस्था से है।
(iii) हिंदी को सम्मान देने के लिए हिंदी दिवस धूमधाम से मनाना काफी है।
(iv) हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ भारत का सम्मान बढ़ेगा।
गद्यांश के आधार पर कौन-सा कथन/से कथन सही
(i). केवल II
(ii) केवल III
(iii) II और III
(iv) I और IV
उत्तर:
(iv) I और IV

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों में रेखांकित पदबंधो के भेद पहचानिए और सही विकल्प छाँटकर उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई थी।
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(iv) क्रिया पदबंध

(ख) कर्नल अपनी पूरी फौज लिए वज़ीर अली का पीछा कर रहा था।
(i) सर्वनाम पदबंध
(ii) संज्ञा पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध

(ग) अंग्रेजी खेमे की ओर आता हुआ सिपाही सर पर घोड़ा दौड़ा रहा था।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) संज्ञा पदबंध
(iv) सर्वनाम पत्र
उत्तर:
(iii) संज्ञा पदबंध

(घ) सभी लोगों की अपमानजनक बातें सुनकर वह . क्रोध से भर गया।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) संज्ञा पदबंध
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर:
(iv) सर्वनाम पदबंध

(ङ) अत्यंत गंभीर और शांत स्वभाव वाला ततारा अचानक कितना बदल गया था।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) संज्ञा पदबंध
उत्तर:
(i) विशेषण पदबंध

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(क) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे थे। बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे। इन दो वाक्यों से बना हुआ संयुक्त वाक्य होगा
(i) जब खेमे में दो व्यक्ति बैठे थे तब सिपाही … बाहर पहरा दे रहे थे।
(ii) खेमे में दो व्यक्ति बैठे थे और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे।
(iii) बाहर सिपाही पहरा इसलिए दे रहे थे क्योंकि खेमे में दो व्यक्ति बैठे थे।
(iv) खेमे में बैठे दो व्यक्तियों के लिए बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे।
उत्तर:
(ii) खेमे में दो व्यक्ति बैठे थे और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे।

(ख) कर्नल ने अपने सिपाहियों को कहा कि इस सवार पर नजर रखो। रचना के आधार पर इस वाक्य का भेद है
(i) मिश्र वाक्य
(ii) सरल वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) उपवाक्य
उत्तर:
(i) मिश्र वाक्य

(ग) निम्नलिखित वाक्यों में से सरल वाक्य छाँटिए…
(i) गाँव की उस रीति के कारण ततांरा और वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।
(ii) गाँव की रीत ऐसी थी कि ततांरा और वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।
(iii) जो गाँव की रीति थी उसके कारण ततारा वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।
(iv) गाँव की पुरानी रीति थी और उसके कारण. ततांरा वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।
उत्तर:
(i) गाँव की उस रीति के कारण ततांरा और वामीरो को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ा।

(घ) कर्नल पूरी फौज लिए वज़ीर अली का पीछा कर रहा था और अकेला वज़ीर अली सबकी आँखों में धूल झोंक रहा था। वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) प्रश्नवाचक वाक्य
उत्तर:
(ii) संयुक्त वाक्य

(ङ) वज़ीर अली वकील का कत्ल करके आजमगढ़ की ओर भाग गया। रचना के आधार पर वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) उपवाक्य
उत्तर:
(i) सरल वाक्य

प्रश्न 5.
समास विषय पर आधारित निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) ‘अन्न-जल’ का समास विग्रह व भेद होगा
(i) अन्न रूपी जल-कर्मधारय समास
(ii) अन्न का जल -तत्पुरुष समास
(iii) अन्न और जल -द्विगु समास
(iv) अन्न और जल -द्वंद्व समास
उत्तर:
(iv) अन्न और जल -द्वंद्व समास

(ख) ‘जनता का सेवक’ समस्त पद और भेद है
(i) जनसेवक – तत्पुरुष समास
(ii) जनासेवी-अव्ययी भाव समास
(iii) जनसेवी -बहुव्रीहि समास
(iv) जनसेवक-कर्मधारय समास
उत्तर:
(i) जनसेवक – तत्पुरुष समास

(ग) ‘बड़े-बड़े’ का समास विग्रह और समास का भेद होगा
(i) बड़े ही बड़े हैं जो- बहुव्रीहि समास
(ii) बहुत बड़े – तत्पुरुष समास
(iii) बड़ों से बड़े- कर्मधारय समास
(iv) बहुत बड़े -अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(iv) बहुत बड़े-अव्ययीभाव समास

(घ) मंदबुद्धि’ समास विग्रह और समास का भेद
(i) मंद की बुद्धि -तत्पुरुष समास
(ii) मंद और बुद्धि-द्वंद्व समास
(iii) मंदबुद्धि वाला -अव्ययीभाव समास
(iv) मंद है बुद्धि जिसकी-बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(iv) मंद है बुद्धि जिसकी-बहुव्रीहि समास

(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
(I) शरणागत – अव्ययीभाव समास
(II) अन्धकूप – कर्मधारय समास
(III) दर-दर – द्वंद्व समास
(IV) चौराहा – द्विगु समास
इनमें से कौन-सा/कौन-से युग्म सही हैं?
(i) केवल I
(ii) केवल III
(iii) II और IV
(iv) I और III मुहावरों पर आधारित
उत्तर:
(iii) II और IV

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(क) जब नारी ने अन्याय के विरुद्ध । ……….. तब वह सबकी आँखों में खटकने लगी।
(i) कूट-कूट कर भरना
(ii) आवाज़ उठाना
(iii) निगाहें उठना
(iv) हवा में उड़ना
उत्तर:
(ii) आवाज़ उठाना

(ख) उस अलौकिक दृश्य को देखकर हम अपनी …………… लगे।
(i) त्योरियाँ चढ़ाना
(ii) हक्का-बक्का रह जाना
(iii) सुध-बुध खोना
(iv) आँखें फेरना
उत्तर:
(iii) सुध-बुध खोना

(ग) जब अपने बच्चों की असलियत सामने आई तो पिता ………….. गए।
(i) आग बबूला होना
(ii) राई का पहाड़ बनाना
(iii) सिर पर कफन बाँधना
(iv) काम तमाम करना
उत्तर:
(i) आग बबूला होना

(घ) अपने उस मित्र पर मैंने इतना विश्वास किया था और वही ………… निकला।
(i) आँखों का तारा
(ii) जिगर का टुकड़ा
(iii) आस्तीन का सांप
(iv) अँधेरे घर का उजाला
उत्तर:
(iii) आस्तीन का सांप

(ङ) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) सस्ता सौदा-आसान काम
(ii) बरस पड़ना-बहुत मेहनत करना
(iii) दिल पसीजना-धोखा देना
(iv) बाल भी बांका न होना-घायन होना
उत्तर:
(i) सस्ता सौदा – आसान काम

(च) ‘दांतों पसीना आना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) साहस टूट जाना
(ii) बहुत मुश्किल में फँसना
(iii) पीछे मुड़ जाना
(iv) आँख बचाना
उत्तर:
(ii) बहुत मुश्किल में फँसना

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 4 = 4)
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती, उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती, उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती, तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती। अखंड आत्म भाव जो असीम विश्व में भरे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।
(क) कवि ने किसे उदार माना है?
(i) जो समस्त विश्व को ज्ञान देता है
(ii) जो समस्त विश्व में भ्रमण करता है
(iii) जो समस्त विश्व को एक सूत्र में बाँध देता
(iv) जो असीम शक्तिशाली होता है
उत्तर:
(iii) जो समस्त विश्व को एक सूत्र में बाँध देता है

(ख) धरा किसे जन्म देकर धन्य हो जाती है?
(i) सरस्वती जिसका वर्णन करती है
(ii) जो पूरे विश्व में अपनापन व्याप्त कर देता है
(iii) चारों ओर जिसकी कीर्ति गूंजती है
(iv) जिसे समस्त सृष्टि पूजती है
उत्तर:
(ii) जो पूरे विश्व में अपनापन व्याप्त कर देता है

(ग) इस पद्यांश के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि
(i) हमें संपूर्ण विश्व के लिए आत्म भाव रखना चाहिए
(ii) हमें प्रसिद्ध होने के लिए कार्य करना चाहिए
(iii) हमें धरती का धन्य होना चाहिए
(iv) हमें सृष्टि की पूजा करनी चाहिए
उत्तर:
(i) हमें संपूर्ण विश्व के लिए आत्म भाव रखना चाहिए

(घ) इस पद्यांश के कवि और कविता का नाम है
(i) मनुष्यता-सुमित्रानंदन पंत
(ii) कर चले हम फिदा-सुमित्रानंदन पंत
(iii) पर्वत प्रदेश में पावस-सुमित्रानंदन पंत
(iv) मनुष्यता-मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर:
(iv) मनुष्यता- मैथिलीशरण गुप्त

(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए
(I) सरस्वती की पूजा करने वाला ही उदार होता
(II) उदार व्यक्ति संपूर्ण विश्व के प्रति समदृष्टि रखता है।
(III) महान लोग धरा के प्रति कृतार्थ भाव रखते
(IV) जिसके व्यवहार में इंसानियत हो वही मनुष्य कहलाने योग्य है।
पद्यांश से मेल खाते हुए वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(i) II, IV
(ii) I, II
(iii) III, IV
(iv) IV
उत्तर:
(i) II, IV

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) ‘उड़ा दिए थे मैंने अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे’ -यह पंक्ति क्या दर्शा रही है।
(i) तोप की वर्तमान स्थिति।
(ii) तोप का शक्तिहीन अतीत ।
(iii) ईस्ट इंडिया कंपनी की ताकत।
(iv) तोप का शक्तिशाली इतिहास।
उत्तर:
(iv) तोप का शक्तिशाली इतिहास।

(ख) निम्नलिखित में से कौन-सी पंक्ति कविता ‘कर चले हम फिदा’ के संदेश को दर्शा रही है?
(i) अधिकांश सैनिक बहुत बहादुर होते हैं।
(ii) सभी देशवासियों को मिलजुलकर देश की हिफाजत करनी चाहिए।
(iii) शत्रु को हराने के लिए हमें राम और लक्ष्मण का रूप धारण करना पड़ेगा।
(iv) सैनिक अपने जीवन में बहुत से उत्सव मनाते हैं।
उत्तर:
(ii) सभी देशवासियों को मिलजुलकर देश की हिफाजत करनी चाहिए।

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प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 5 = 5)
सदियों पूर्व जब लिटिल अंडमान और कार निकोबार आपस में जुड़े हुए थे, तब वहाँ एक सुंदर-सा गाँव था। पास में एक सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। उसका नाम था ततारा। निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। ततारा एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहता। अपने गाँव वालों को ही नहीं अपितु समूचे द्वीप वासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते, वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में भी पर्व त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता था। उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते थे। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता।
(क) निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता ततांरा के स्वभाव में नहीं थी?
(i) स्वाभिमानी
(ii) शक्तिशाली
(iii) आत्मीय स्वभाव
(iv) आकर्षक व्यक्तित्व
उत्तर:
(i) स्वाभिमानी

(ख) अन्य गाँवों में ततांरा को कब आमंत्रित किया जाता था?
(i) लड़ाई-झगड़ों के समय
(ii) पर्व-त्योहारों के समय
(iii) पशुओं की सुरक्षा के लिए
(iv) खेती और रोजगार के लिए
उत्तर:
(ii) पर्व त्योहारों के समय

(ग) सभी लोग ततांरा के करीब क्यों रहना चाहते थे?
(i) उसके आत्मीय स्वभाव के कारण
(ii) उसके आकर्षक व्यक्तित्व के कारण
(iii) उसकी सेवा भाव के कारण
(iv) उसकी सुंदरता और शक्ति के कारण
उत्तर:
(i) उसके आत्मीय स्वभाव के कारण

(घ) गद्यांश में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा शब्द उपसर्ग के मेल से बना है?
(i) आत्मीय
(ii) पारंपरिक
(iii) शक्तिशाली
(iv) स्वभाव
उत्तर:
(iv) स्वभाव

(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांटकर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : निकोबारी ततांरा को बहुत प्रेम करते थे।
कारण (R) : सदियों पूर्व कार निकोबार और लिटिल अंडमान आपस में जुड़े हुए थे।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) उसकी सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (R) कथन (A) से मेल नहीं खाता।
(iv) कथन (A) गलत है कारण (R) सही है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (R) कथन (A) से मेल नहीं खाता।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) ‘आज तो जो कुछ हुआ, वह अपूर्व हुआ’- यह कथन किस घटना की ओर संकेत कर रहा है?
(i) भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति की ओर।
(ii) गुलाम भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाने की ओर।
(iii) ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों की ओर।
(iv) कोलकता में गुलामी के दौरान स्वतंत्रता दिवस की पुनरावृत्ति मनाने की ओर ।
उत्तर:
(iv) कोलकता में गुलामी के दौरान स्वतंत्रता दिवस की पुनरावृत्ति मनाने की ओर।

(ख) निम्नलिखित में से कौन-से/सा वाक्य पाठ ‘अब कहाँ दूसरों के दुःख से दु:खी होने वाले’ के संदेश को दर्शाते हैं
(I) यदि समास संगठित होकर प्रयास करे, तो कोई कार्य अंसभव नहीं है।
(II) एक सच्चा कलाकार झूठे अभिजात्य को कभी नहीं अपनाता।
(III) हमें प्रकृति तथा अन्य सभी जीवधारियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
(IV) अपने आजाद देश की रक्षा करना हम सब का कर्तव्य है।
(i) III
(ii) I, II
(iii) I
(iv) III, IV
उत्तर:
(i) III

खंड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर 60 शब्दों में दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) वजीर अली ने वकील का कत्ल क्यों किया और फिर अपनी सुरक्षा कैसे की?
उत्तर:
वजीर अली को अपने देश से लगाव तथा अंग्रेजों से नफ़रत थी। वह किसी भी तरह भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद करना चाहता था। जब उसे अवध के तख्त से बेदखल करके बनारस भेज दिया गया, तब उसने गुस्से में अंग्रेज़ी वकील का कत्ल कर दिया और उसके बाद से घाघरा के जंगलों में छिपता हुआ अंग्रेजों की आँखों में धूल झोंक रहा था और अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अपनी ताकत को बढ़ाने की कोशिश कर रहा था।

(ख) सुलेमान ने चींटियों को रास्ता देते हुए क्या कहा? ‘अब कहाँ दूसरों के…..’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
लेखक ‘निदा फाजली’ ने विभिन्न उदाहरण देकर यह स्पष्ट किया है कि आज के समय में प्रकृति व अन्य जीवों की कद्र करने वाले लोग नहीं रहे। इसी प्रसंग में उन्होंने बादशाह सुलेमान का उदाहरण दिया है कि एक बार वे अपनी सेना के साथ काफिले में गुजर रहे थे। रास्ते में चींटियों को देखकर उन्होंने अपने घोडों को रोक दिया, और चींटियों को जाने का रास्ता दिया जो घोड़ों की टाप सुनकर घबरा गई थीं। सुलेमान ने चींटियों से कहा, “घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ।”

(ग) पाठ ‘बड़े भाई साहब’ में शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया गया है? क्या आप इससे सहमत
उत्तर:
पाठ ‘बड़े भाई साहब’ के अन्तर्गत लेखक के बड़े भाई उम्र में तो उनसे पाँच साल बड़े थे किन्तु फेल होते-होते बेचारे लेखक से केवल एक ही दर्जे आगे रह गए थे। लेखक दिनभर खेलकूद करके भी उत्तीर्ण हो जाते थे, जबकि भाई साहब सारा समय पुस्तकों को लेकर बैठने पर भी अनुत्तीर्ण रह जाते। इसका वास्तविक कारण तो यही रहा होगा कि लेखक जितना पढ़ते, एकाग्रचित्त होकर पढ़ते या उनकी बुद्धि ही तेज थी कि एक बार पढ़कर ही दिमाग में बैठ जाता था तथा बड़े भाई साहब केवल लेखक के सामने आदर्श प्रस्तुत करने के लिए अपना मन मारकर किताबें लिए बैठे रहते थे। लेखक के बढ़ते आत्म-सम्मान व स्वच्छन्दता को देखकर अपनी असफलता का दोष शिक्षा व्यवस्था पर डालते हुए भाई साहब ने कहा कि शिक्षा के नाम पर बेमतलब की बातें पढ़ाई जाती हैं जिनका भविष्य में कोई उपयोग नहीं होता। पुस्तकों में जो कुछ लिखा है उसको रट लेना ही शिक्षित होना माना जाता है। परीक्षकों का उत्तर-पुस्तिकाओं को जाँचने का तरीका भी दोषपूर्ण है, जिसके कारण योग्य छात्र पीछे रह जाते हैं और अयोग्य आगे निकल जाते हैं। उनके अनुसार ऐसी शिक्षा प्रणाली केवल समय की बर्बादी है।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 50 से 60 शब्दों में दीजिए। (3 × 2 = 6)
(क) कबीर के दोहों को साखी क्यों कहा गया?
उत्तर:
कबीर के दोहों में व्याप्त ज्ञान उनके अनुभव पर आधारित है इसलिए उन्हें ‘साखी’ अर्थात् प्रत्यक्ष ज्ञान कहा गया है। कबीर ने अपने जीवन में निरन्तर भ्रमण करते हुए जो ज्ञान अनुभव से प्राप्त किया उसे ही अपने दोहों के माध्यम से हम तक पहुँचाया है। अतः वे इस ज्ञान के स्वयं साक्षी रहे हैं और उनके दोहों को साखी कहना सर्वथा उचित है।

(ख) प्रतीक और धरोहर कितने प्रकार के होते हैं और उनका हमारे जीवन में क्या महत्त्व होता है? ‘तोप कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
प्रतीक अर्थात् निशानियाँ और धरोहर अर्थात् विरासत दो किस्म के हुआ करती हैं। एक वह जिन्हें देखकर हमें खुशी होती है, हमें याद आता है कि हमारा अतीत कितना सुंदर था। हम अपने अतीत पर गर्व कर पाते हैं। ऐसी चीजों को हम संभाल कर रखना चाहते हैं क्योंकि वह हमेशा हमें आनंदित करती हैं, किंतु अतीत की वे यादें भी संभाल कर रखी जाती हैं. जो हमें भले ही खुशी न दें किंतु यह सीख अवश्य दें कि जो गलती कभी हमने की थी वह दोहराई नहीं जानी चाहिए। तोप कविता में जिस तोप को धरोहर के रूप में दिखाया गया है वह भी हमारे लिए गौरव का विषय नहीं है, किंतु हमें संचेत करती है कि भविष्य में हमसे कोई ऐसी गलती न हो जिसके कारण हम अपनी बहुमूल्य आजादी से हाथ धो बैठे। देश के मान-सम्मान और आत्मविश्वास को ठेस पहुँचाने वाला कोई भी कार्य हमें भूलकर भी नहीं करना है।

(ग) कविता ‘आत्मत्राण’ के आधार पर सिद्ध कीजिए कि कवि रवींद्रनाथ ठाकुर पुरुषार्थी हैं, भाग्यवादी नहीं।
उत्तर:
संसार में दो तरह के लोग हैं- एक भाग्यवादी दूसरे पुरुषार्थी। भाग्यवादी वह होता है जो केवल भाग्य के भरोसे रहता है और कर्म करना नहीं चाहता। यदि सफलता मिल जाए तो वह भाग्य को सराहता है और असफल होने पर भाग्य को दोष देता है। वह हाथ रखकर बैठ जाता है, यह सोच कर कि जो भाग्य में होगा अपने आप मिलेगा। कवि ‘रवींद्रनाथ ठाकुर’ एक पुरुषार्थी व्यक्ति हैं। वे अपने भाग्य के भरोसे नहीं रहना चाहते हैं। उन्हें ईश्वर में विश्वास तो है किंतु वे उनसे सफलताओं, सुखों और खुशियों की कामना नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन मानवीय गुणों की मांग कर रहे हैं जिनके बल पर वे प्रयास करते रहें और जीवन में आगे बढ़ते रहें। जीवन में किसी से सांत्वना यह सहारा न मिलने की स्थिति में भी उनकी यही प्रार्थना है कि उनका अपने पौरुष के बल पर विश्वास बना रहे। वह जानते हैं कि ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’ और वह कभी अपने मन से हारना नहीं चाहते हैं।

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प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80 – 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (6)
(क) जीवन में त्योहारों का महत्व
संकेत बिन्दु

  • मानव जीवन पर प्रकाश
  • त्योहारों के प्रकार
  • जीवन पर प्रभाव
  • सीख।

अथवा

(ख) परिश्रम का महत्व
संकेत बिन्दु

  • परिश्रम का अर्थ
  • लाभ
  • इसके अभाव में जीवन
  • आदर्श स्थिति।

अथवा

(ग) नारी और नौकरी
संकेत बिन्दु

  • कामकाजी महिला की स्थिति
  • समाज व परिवार पर प्रभाव
  • नारी का व्यक्तित्व।

उत्तर:
(क) जीवन में त्योहारों का महत्व
भारतीय पर्वो के मूल में आनन्द व उल्लास का भाव है। हमारी संस्कृति में जीवन के प्रत्येक पल को उत्सव की तरह जीने का भाव रहा है, अतः विभिन्न प्रकार के त्योहारों का विधान किया गया, जिनके बहाने से हमें जीवन में हर्ष, उल्लास, नवीनता का अहसास होता रहे। आज के व्यस्त जीवन में तो पर्यों का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि अपनी दिनचर्या में हम अपने को, अपने परिवार को समय नहीं दे पाते। मानव जीवन में रोज़ तरह-तरह की कठिनाइयाँ दस्तक देती रहती हैं। ऐसे में तनाव से मुक्ति पाने के लिए परिवार व समाज के साथ समय व्यतीत करना, सामंजस्य पैदा करना बहुत आवश्यक है और यह कार्य पर्वो-त्योहारों के माध्यम से भली-भाँति हो जाता है। त्योहार हमें एक-दूसरे के साथ खुशियाँ बाँटने का अवसर तो देते ही हैं, साथ ही जीवन की एकरसता को समाप्त करके हमें नई ऊर्जा और ताज़गी के साथ अपने दायित्व निभाने को तैयार कर देते हैं। आज की पीढ़ी जो इन पर्व-त्योहारों को दकियानूसी मानने लगी है, उन्हें इनके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है अन्यथा इस मशीनी युग में उनका जीवन भी भावनाशून्य होकर रह जाएगा।

अथवा

(ख) परिश्रम का महत्व
धरती पर जितने भी जीव हैं उन्हें अपना जीवन बनाए रखने के लिए मेहनत या संघर्ष तो करना ही पड़ता है। यदि जीव केवल अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने योग्य ही श्रम करता है तो वह परिश्रम नहीं कहलाएगा, किन्तु जब वह अपने व अन्य लोगों के जीवन को सुखमय बनाने के लिए या अपनी व समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास करता है तो वह परिश्रमी कहलाता है। परिश्रम शारीरिक भी हो सकता है, मानसिक भी। जितना परिश्रम करेंगे, उतना ही हम अपने को स्वस्थ व चुस्त रख सकेंगे। हर कार्य में सफलता के लिए परिश्रम तो करना ही पड़ता है, भले ही उसका स्तर भिन्न हो। कहा भी गया है”परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।” अर्थात् परिश्रम में ही सफलता का मूल मन्त्र छिपा है। जो व्यक्ति परिश्रम से जी चुराता है, वह अपनी व सबकी नजरों में कभी ऊँचा नहीं उठ पाता, आलस्य उसे घेरे रहता है, अन्य लोगों पर उसकी निर्भरता बढ़ती जाती है जो कि एक अभिशाप के समान है। अतः परिश्रम से जी न चुराते हुए उसे जीवन का अभिन्न अंग बना लेना चाहिए।

अथवा

(ग) नारी और नौकरी
समाज के उत्थान, देश के विकास में निःसन्देह नारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्राचीन भारत में नारी को देवी कहना उसके सम्माननीय स्थान का सूचक है। मध्यकाल में नारी की स्थिति दयनीय व शोचनीय हो गई। अनेक सामाजिक कुरीतियों के रूप में उसका शोषण किया गया और यह आधुनिक युग तक जारी रहा, किन्तु अब नारी जागरूक हो रही है, उसके सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वह शिक्षित होकर लगभग हर क्षेत्र में पुरुष के साथ कन्धे-से-कन्धा मिलाकर आगे बढ़ रही है। आज नारी को दोहरी भूमिका निभानी पड़ रही है। भले ही गृहस्थी को चलाने में पुरुष उसे सहयोग देने लगा है, किन्तु गृहस्थी के कार्य, बच्चों का पालन-पोषण जिस कुशलता के साथ स्त्री कर सकती है, पुरुष उसका मुकाबला नहीं कर सकता। अतः अपना स्थान ऊँचा उठाने, पुरुषों को नीचा दिखाने या केवल अपना अहंकार शान्त करने के लिए नौकरी करने के प्रयास में अपनी गृहस्थी को अनदेखा नहीं करना चाहिए। नारी की नौकरी से यदि बच्चों का पालन-पोषण उचित ढंग से न हो पाया तो देश का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। अतः नारी और नौकरी में इस प्रकार सामंजस्य होना चाहिए कि उसका दुष्प्रभाव भावी पीढ़ी पर न पड़े, बल्कि समाज का सर्वांगीण विकास हो सके।

प्रश्न 14.
प्रधानाचार्या को पत्र लिखकर छात्रवृत्ति देने के लिए अनुरोध कीजिए।
अथवा
कोरियर कम्पनी के प्रबन्धक को पत्र लिखकर कोरियर खो जाने या गन्तव्य तक न पहुँचने की शिकायत कीजिए। (5)
उत्तर:
श्रीमती प्रधानाचार्या जी,
सर्वोदय विद्यालय,
विकासपुरी, नई दिल्ली-110020
विषय-छात्रवृत्ति के लिए प्रार्थना।
आदरणीया महोदया,
मैं आपके विद्यालय की कक्षा दसवीं का छात्र हूँ। कक्षा पहली से लेकर नौवीं तक की परीक्षाएँ मैंने अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की हैं तथा अनेक प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करके विद्यालय का नाम रोशन किया है। ऐसे में मुझे विद्यालय से छात्रवृत्ति की अपेक्षा है। मेरी आपसे विनती है कि छात्रवृत्ति के रूप में आप मुझे व अन्य योग्य छात्रों को सहयोग दें ताकि हमें आगे भी बेहतर परिणाम लाने का प्रोत्साहन मिले। आशा है आप मेरी प्रार्थना पर विचार करेंगी।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी छात्र,
क ख ग
दिनांक : ………………….

अथवा

परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक :………………….
प्रबन्धक महोदय,
डे-नाइट कोरियर सर्विस,
जनकपुरी, नई दिल्ली।
विषय-कोरियर खो जाने की शिकायत।
आदरणीय महोदय,
मैं दिल्ली के विकासपुरी क्षेत्र की निवासी हूँ। मैंने आपकी कोरियर कम्पनी के द्वारा पिछले महीने की 15 तारीख को जयपुर एक उपहार कोरियर करवाया था। मुझे बताया गया था कि वह दो दिन में वहाँ पहुँच जाएगा, किन्तु अब एक महीने से ज्यादा समय हो गया है, उसका कुछ पता नहीं। इस बीच मैंने कई बार आपकी कम्पनी को फोन किया, किन्तु कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। मैं चाहती हूँ कि या तो उस उपहार की कीमत, जो कि 5 हजार है, मुझे दी जाए या फिर उसका पता लगाकर सही स्थान पर पहुँचाया जाए। आशा है आप जल्द ही पत्र का उत्तर देंगे व उचित कदम उठायेंगे।
धन्यवाद।
भवदीया,
क ख ग

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प्रश्न 15.
विद्यालय में क्रिकेट की कोचिंग के लिए विशेष प्रबन्ध किए गए हैं। इसकी जानकारी सभी छात्रों को देने हेतु प्रबन्धक की ओर से 30-40 शब्दों में सूचना लिखिए।
अथवा
आपके क्षेत्र में मच्छरों को मारने की दवा का छिड़काव लगातार तीन दिन तक होने वाला है। क्षेत्रवासियों को उस समय बाहर न निकलने व सावधान रहने की सलाह देते हुए सचिव की ओर से 30-40 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए। (5)
उत्तर:

संस्कृति विद्यालय

सूचना

दिनांक……………

क्रिकेट कोचिंग की व्यवस्था

सभी छात्रों को जानकर खुशी होगी कि विद्यालय में क्रिकेट की कोचिंग के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मशहूर खिलाड़ी श्री अरविन्द जी द्वारा यह कोचिंग प्रतिदिन सायं 4-7 बजे तक विद्यालय के मैदान में ही दी जाएगी। इच्छुक छात्र 30 जुलाई तक अपना नामांकन हस्ताक्षरकर्ता को करा दें। शुल्क मात्र 1500/- प्रति माह। बलराम यादव

खेल समिति अध्यक्ष

अथवा

निर्मला सोसायटी

सूचना

दिनांक………….

दवा का छिड़काव

सोसायटी के सभी सदस्यों को सूचित किया जाता है कि अगले तीन दिन तक प्रातः 11 बजे व सायं 4 बजे मच्छर मारने की दवा का छिड़काव होगा। कृपया उस समय के आस-पास घर से बाहर न निकलें। यह कार्य सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। सभी का सहयोग अपेक्षित है।

धन्यवाद।
पी. के. जैन
सचिव

प्रश्न 16.
स्टील की पानी की बोतल बनाने वाली एक कम्पनी ‘अंश’ के लिए 25-50 शब्दों में आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप विज्ञान विषय से स्नातक हैं। नौकरी करने की इच्छा से अपना विवरण देते हुए 25-50 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए। (5)
उत्तर:
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 8 with Solutions 1
अथवा

मैं विकासपुरी दिल्ली का निवासी, विज्ञान विषय से स्नातक हूँ। कम्प्यूटर की अच्छी जानकारी रखता हूँ। उम्र 24 साल, 2 साल का अनुभव, अंग्रेजी भाषा पर पूर्ण अधिकार। योग्य पद रिक्त होने पर कृपया सूचित करें।
दूरभाष-8198314263

प्रश्न 17.
निम्न पंक्तियों को पूरा करते हुए लगभग 100-120 शब्दों में लघु कथा का निर्माण कीजिए

  • वैश्विक महामारी करोना
  • मेलजोल
  • सद्भावना

अथवा
‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’
दिए गए प्रेरक बिंदु के आधार पर लगभग 100-120 शब्दों में लघु कथा की रचना कीजिए। (5)
उत्तर:
सद्भावना
कोरोना महामारी के चलते सभी अपने-अपने घरों में बंद थे। इतना लंबा समय शायद ही हमने कभी घर में रहकर बिताया हो। हम सब तो अपने-अपने घरों में मोबाइल और लैपटॉप पर कामों में व्यस्त रहते थे। घर के पास में ही एक मकान बन रहा था जिसमें चौकीदार अपने परिवार के साथ रहता था, चार छोटे बच्चे थे जो आते जाते-नमस्ते करते, उदास घूमते रहते थे। मैं कुछ-न-कुछ उन्हें देने की कोशिश करती पर कई बार मैंने महसूस किया उन्हें लेने में संकोच होता था। मैंने सोचा क्यों न उन्हें कोई ऐसा काम दिया जाए ताकि वे व्यस्त भी रहें और कुछ लेने में संकोच भी न करें। हमारी कॉलोनी के बीचों-बीच एक बड़ा पार्क था। माली भैया आ नहीं रहे थे तो पार्क की देखभाल नहीं हो पा रही थी। मैं सुबह पार्क में चक्कर लगाने जाती थी। तब वे बच्चे भी वहीं घूम रहे होते थे। एक दिन मैंने बोला “चलो, मिलकर पार्क की सफाई करते हैं। बच्चे झट से अपने घर से झाडू ले आए और एक बच्चा बाल्टी ले आया, नल से पानी भर-भर कर उसने सभी पेड़-पौधों को पानी दिया। इधर-उधर पड़े कागज, प्लास्टिक उठाकर कूड़ेदान में डाले। हमारा रोज का क्रम बन गया। शाबाशी देते हुए मैं उनसे काम करवाती और उसके बाद घर जाकर उन्हें कभी खाने का सामान, कभी कपड़े दे देती। पार्क के साथ-साथ बच्चों की भी रंगत बदल गई। उन दोनों को ही देखकर मेरे दिल को जो सुकून मिलता उसका तो कहना ही क्या। प्रकृति और एक-दूसरे के प्रति सद्भावना बहुत बड़ा सुखद परिवर्तन ला सकती है।

अथवा

मन के हारे हार है मन के जीते जीत
कक्षा छठी तक मैं सरकारी स्कूल में पढ़ी थी। माता-पिता प्राइवेट स्कूल की पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे, किंतु छठी के बाद दीदी की जिद से मम्मी-पापा ने मुझे प्राइवेट स्कूल में दाखिल करा दिया। सरकारी स्कूल से प्राइवेट स्कूल में जाने पर मुझे जमीन-आसमान का अंतर नजर आया। प्राइवेट स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते थे। मुझे शर्म आने लगी, मैं उनके साथ घुल-मिल नहीं सकी। सभी विषय भी अंग्रेजी में पढ़ाए जाते थे, मैं बहुत घबरा गई। माँ ने मुझे समझाया “अगर तुम इस तरह से हार मान जाओगी, तो तुम्हारी हार निश्चित ही हो जाएगी। कोशिश करो, सहपाठियों के साथ बातचीत शुरू करो, अध्यापिकाओं से बेझिझक सवाल करो।

माँ के प्रोत्साहन से मैं हिम्मत करके स्कूल गई। आत्मविश्वास के साथ कुछ बच्चों से बातचीत हुई। मेरी अंग्रेजी की अध्यापिका शायद मुझे कुछ दिन से देख रही थीं, उन्होंने मुझे अलग से बुलाया और समझाया कि “भाषा तुम्हारे आगे बढ़ने में बाधा नहीं बन सकती। तुम पढ़ाई में ध्यान दो। अंग्रेजी भाषा का डर अपने दिल से निकाल दो। अंग्रेजी की कहानियाँ पढ़ो, छोटे-छोटे वाक्यों बोलना शुरू करो, फिर तुम्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।” मैंने वही किया। अंग्रेजी का समाचार पत्र पढ़ने लगी, दीदी के साथ थोड़ी-थोड़ी अंग्रेजी बोलनी शुरू की और देखते-देखते कुछ दिन में मेरी झिझक दूर हो गई। जब अंग्रेजी बोलने का आत्मविश्वास आया तो सभी विषय भी समझ में आने लगे और मैं कक्षा में जवाब भी देने लगी। अपने डर पर जीत हासिल करके उस कथन को सही सिद्ध किया कि ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’।

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प्रश्न 18.
आप रोहित/रितिका हैं। आप नौकरी की तलाश में हैं। नौकरी के लिए आवेदन देते हुए सी-डाट नामक कंपनी को लगभग 60 शब्दों में ई-मेल कीजिए। (6)
उत्तर:
प्राप्तकर्ता-CDOT.co.in
भेजने वाला[email protected]
दिनांक…………..
समय…………
विषय :
आदरणीय महोदय,
मैं रितिका, दिल्ली की विकासपुरी क्षेत्र की निवासी हूँ। मैंने समाचार पत्र में आपकी कंपनी में ‘कंपनी सेक्रेटरी’ के पद के लिए विज्ञापन देना था। मेरी योग्यता और अनुभव आपकी अपेक्षा के अनुकूल हैं। अपना विस्तृत विवरण मैं ई-मेल के साथ संलग्न कर रही हूँ। आशा है मेरी शैक्षिक योग्यता तथा 5 वर्ष के अनुभव को ध्यान में रखते हुए आप मुझे साक्षात्कार देने का अवसर अवश्य देंगे। यदि संलग्न विवरण के अतिरिक्त कुछ अन्य जानकारी अपेक्षित हो, तो कृपया दिए गए दूरभाष नंबर पर अथवा इस ई-मेल पते पर सूचित अवश्य करने की कृपा करें।
धन्यवाद
आवेदन कर्त्ता
रितिका
दूरभाष-885875456