NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 7 मेरे बचपन के दिन

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Board CBSE
Textbook NCERT
Class Class 9
Subject Hindi Kshitiz
Chapter Chapter 7
Chapter Name मेरे बचपन के दिन
Number of Questions Solved 19
Category NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 7 मेरे बचपन के दिन

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

Class 9 Hindi Chapter 7 Question Answer
प्रश्न 1.
‘मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है। इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि-
(क) उस समय लड़कियों की दशा कैसी थी?
(ख) लड़कियों के जन्म के संबंध में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं?
उत्तर-
(क) उस समय, अर्थात् सन् 1900 के आसपास भारत में लड़कियों की दशा अच्छी नहीं थी। प्रायः उन्हें जन्म देते ही मार दिया जाता था। उन्हें बोझ समझा जाता था। यदि उनका जन्म हो जाता था तो पूरे घर में मातम छा जाता था। महादेवी वर्मा अपने एक संस्मरण में लिखती हैं-‘बैंड वाले, नौकर-चाकर सब लड़का होने की प्रतीक्षा में खुश बैठे रहते थे। जैसे ही लड़की होने का समाचार मिलता, सब चुपचाप विदा हो जाते।
ऐसे वातावरण में लड़कियों को कम भोजन देना, उन्हें घर के कामों में लगाना, पढ़ाई-लिखाई से दूर रखना आदि बुराइयों का पनपना स्वाभाविक था।।

(ख) आज लड़कियों के जन्म के संबंध में स्थितियाँ थोड़ी बदली हैं। पढ़े-लिखे लोग लड़का-लड़की के अंतर को धीरे-धीरे कम करते जा रहे हैं। बहुत-से जागरूक लोग लड़कियों का भी उसी तरह स्वागत सत्कार करते हैं, जैसे लड़के का। शहरों में लड़कियों को लड़कों की तरह पढ़ाया-लिखाया भी जाता है। परंतु लड़कियों के साथ भेदभाव पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। आज जितनी भी भ्रूण-हत्याएँ हो रही हैं, लड़कियों के जन्म को रोकने के लिए हो रही हैं। देश में लड़के-लड़कियों का अनुपात बिगड़ता जा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि महानगरों में सबसे कम लड़कियाँ चंडीगढ़ में हैं, जो देश का एक उन्नत शहर माना जाता है। वहाँ न शिक्षा कम है, न धन-वैभव। वास्तव में लड़कियों के जन्म को रोकना वहाँ के निवासियों की मानसिकता पर निर्भर करता है।

Mere Bachpan Ke Din Question Answer
प्रश्न 2.
लेख़िका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाईं ?
उत्तर-
लेखिका उर्दू-फ़ारसी इसलिए नहीं सीख पाई क्योंकि लेखिका की रुचि उर्दू-फ़ारसी में नहीं थी। उसे लगता था कि वह उर्दू-फ़ारसी नहीं सीख सकती है। उसे उर्दू-फ़ारसी पढ़ाने के लिए जब मौलवी साहब आते थे तब वह चारपाई के नीचे छिप जाती थी। मौलवी साहब ने पढ़ाने आना बंद कर दिया और वह उर्दू-फ़ारसी नहीं सीख पाई।

Class 9 Hindi Chapter 7
प्रश्न 3.
लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
उत्तर-
लेखिका ने अपनी माँ के हिंदी-प्रेम और लेखन-गायन के शौक का वर्णन किया है। वे हिंदी तथा संस्कृत जानती थीं। इसलिए इन दोनों भाषाओं का प्रभाव महादेवी पर भी पड़ा। महादेवी की माता धार्मिक स्वभाव की महिला थीं। वे पूजा-पाठ किया करती थीं। सवेरे ‘कृपानिधान पंछी बन बोले’ पद गाती थीं। प्रभाती गाती थीं। शाम को मीरा के पद गाती थीं। वे लिखा भी करती थीं।

Mere Bachpan Ke Din Class 9
प्रश्न 4.
जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा है?
उत्तर-
जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्ने जैसा इसलिए कहा है क्योंकि जवारा के नवाब और लेखिका का परिवार अलग-अलग धर्म-के होकर भी आत्मीय संबंध रखते थे। उनमें भाषा और जाति की दीवार बाधक न थी। दोनों परिवार एक-दूसरे के परिवारों को मिल-जुलकर मनाते थे। वे एक-दूसरे को यथोचित संबंधों की डोर से बाँधे हुए थे। वे चाची, ताई, देवर, दुलहन जैसे आत्मीयता भरे रिश्तों से जुड़े थे। ऐसा वर्तमान में दुर्लभ हो गया है।

रचना और अभिव्यक्ति

Mere Bachpan Ke Din Class 9 Question Answer
प्रश्न 5.
जेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थीं। जेबुन्निसा के स्थान पर यदि आप होतीं होते तो महादेवी से आपकी क्या अपेक्षा होती?
उत्तर-
जेबुन्निसा के स्थान पर अगर मैं महादेवी के लिए कुछ काम करती तो मैं संबंधों के आधार पर उनसे अपेक्षा करती। अगर मैं नौकरानी के रूप में उनकी सहायता करती, तो उनसे मजदूरी के साथ-साथ प्रेम  और आदर की भी अपेक्षा करती। अगर सखी के रूप में उनकी सहायता करती तो बस उनसे प्रेम और स्नेह चाहती। यदि उनकी प्रशंसिका या कनिष्ठ साथिन के रूप में सहायता करती तो कभी-कभी उनसे कविता भी सुन लेती तथा पढ़ाई में सहायता ले लेती।

Class 9 Hindi Mere Bachpan Ke Din Question Answer
प्रश्न 6.
महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे/करेंगी?
उत्तर
मुझे चाँदी के कटोरे जैसा कीमती पुरस्कार मिला हो और देशहित की बात आए तो मैं ऐसे पुरस्कार को खुशी-खुशी देता क्योंकि देश के हित से बड़ा कुछ नहीं। देश के हित में ही देशवासियों का हित निहित होता है। ऐसा करके मुझे दूनी खुशी प्राप्त होती और मैं गौरवान्वित महसूस करती।

Class 9 Hindi Chapter Mere Bachpan Ke Din Question Answer
प्रश्न 7.
लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।
उत्तर-
परीक्षोपयोगी नहीं।

Class 9th Hindi Chapter 7 Question Answer
प्रश्न 8.
महादेवी जी के इस संस्मरण को पढ़ते हुए आपके मानस-पटल पर भी अपने बचपन की कोई स्मृति उभरकर आई होगी, उसे संस्मरण शैली में लिखिए।
उत्तर-
हमारे विद्यालय में गणतंत्र दिवस की पूर्ण संध्या पर ही गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था। उसमें मुझे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता ‘हम जंग न होने देंगे’ का पाठ करना था। मैंने अपने हिंदी अध्यापक की देख-रेख में इसका अभ्यास तो किया था पर मन में भय-सा बना था। वैसे भी विद्यालय के सदस्यों और छात्र-छात्राओं के बीच इस तरह कविता पढ़ने का मेरा पहला अवसर था। कार्यक्रम शुरू होने पर जब उद्घोषक कोई नाम बुलाती तो दिल धड़क उठता। जब मेरा नाम बुलाया गया तो काँपते पैरों से मंच पर गया। पहली दो लाइनें पढ़ते ही आत्मविश्वास जाग उठा। फिर जब कविता पूरी की तो हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मुझे एक सुखद अनुभूति हो रही थी।

Class 9th Hindi Chapter 7
प्रश्न 9.
महादेवी ने कवि सम्मेलनों में कविता पाठ के लिए अपना नाम बुलाए जाने से पहले होने वाली बेचैनी का जिक्र किया है। अपने विद्यालय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते समय आपने जो बेचैनी अनुभव की होगी, उस पर डायरी का एक पृष्ठ लिखिए।
उत्तर-
26 जनवरी, 20–
आज विद्यालय में गणतंत्र दिवस का आयोजन है। सभी छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त सैकड़ों अतिथि भी मंडप में पधारे हैं। सामने मेरे माता-पिता तथा अनेक परिचित जन बैठे हैं। मैं मंच के पीछे अपनी बारी की प्रतीक्षा में बैठी हूँ। मुझे कविता बोलनी है। हालाँकि मैंने पहले भी मंच पर कविता बोली है, परंतु जाने क्यों, आज मेरा दिल धक्-धक् कर रहा है। मेरे शरीर में हरकत हो रही है। जैसे-जैसे मेरे बोलने का समय निकट आ रहा है, मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही है। अब मैं न तो मंच का कोई कार्यक्रम सुन पा रही हूँ, न और किसी की बात सुन रही हूँ। मेरा सारा ध्यान अपना नाम सुनने में लगा है। डर भी लग रहा है कि कहीं मैं कविता भूल न जाऊँ। इसलिए मैंने लिखित कविता हाथ में ले ली है। यदि भूलने लगूंगी तो इसका सहारा ले लूंगी। लो, मेरा नाम बुल चुका है। मैं स्वयं को सँभाल रही हूँ। मेरे कदमों में आत्मविश्वास आ गया है। अब मैं नहीं भूलूंगी।

भाषा-अध्ययन

Class 9 Hindi Ch 7 Question Answer
प्रश्न 10.
पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए-
विद्वान, अनंत, निरपराधी, दंड, शांति।
उत्तर-
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 4 साँवले सपनों की याद Q10

Hindi Class 9 Chapter 7
प्रश्न 11.
निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द बताइए-
निराहारी – निर् + आहार + ई।
सांप्रदायिकता
अप्रसन्नता
अपनापन
किनारीदार
स्वतंत्रता
उत्तर-
                                          उपसर्ग              प्रत्यय              मूल शब्द
निराहारी                  –            निऱ                   ई                    आहार
सांप्रदायिकता           –             x                    इक, ता              संप्रदाय
अप्रसन्नता                –            अ                    ता                     प्रसन्न
अपनापन                –             x                    पन                    अपना
किनारीदार              –             x                   दार                    किनारी
स्वतंत्रता                  –            स्व                  ता                      तंत्र।

Hindi Class 9 Chapter 7 Question Answer
प्रश्न 12.
निम्नलिखित उपसर्ग-प्रत्ययों की सहायता से दो-दो शब्द लिखिए-
उपसर्ग – अन्, अ, सत्, स्व, दुर्
प्रत्यय – दार, हार, वाला, अनीय
उत्तर-
समस्त शब्द                           विग्रह                                    समास का नाम
परमधाम                                ‘परम धाम (घर) है जो (स्वर्ग)       बहुव्रीहि
कुल-देवी                                कुल की देवी                            तत्पुरुष
पहले-पहल                             सबसे पहले                              अव्ययीभाव
पंचतंत्र                                   पंच तंत्रों का समाहार                  द्विगु
उर्दू-फ़ारसी                            उर्दू और फ़ारसी                        द्वंद्व
रोने-धोने                                रोने और धोने                            द्वंद्व
कृपानिधान                             कृपा के निधान                          तत्पुरुष
प्रचार-प्रसार                           प्रचार और प्रसार                        द्वंद्व
कवि-सम्मेलन                        कवियों का सम्मेलन                   तत्पुरुष
सत्याग्रह                                सत्य के लिए आग्रह                   तत्पुरुष
जेब-खर्च                               जेब के लिए खर्च                       तत्पुरुष
छात्रावास                              छात्रों के लिए आवास                 तत्पुरुष
जन्मदिन                               जन्म का दिन                            तत्पुरुष
निराहार                                बिना आहार                             नञ् तत्पुरुष
ताई-चाची                             ताई और चाची                          द्वंद्व

Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7 Question Answer
प्रश्न 13.
पाठ में आए सामासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए-
पूजा-पाठ पूजा और पाठ
उत्तर-
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 4 साँवले सपनों की याद Q13

पाठेतर सक्रियता

Hindi Chapter 7 Class 9
प्रश्न 14.
बचपन पर केंद्रित मैक्सिम गोर्की की रचना ‘मेरा बचपन’ पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।
उत्तर-
छात्र स्वयं पढ़ें।

Hindi Chapter 7 Class 9 Question Answer
प्रश्न 15.
‘मातृभूमि : ए विलेज विदआउट विमेन’ (2005) फ़िल्म देखें। मनीष झा द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में कन्या भ्रूण हत्या की त्रासदी को अत्यंत बारीकी से दिखाया गया है।
उत्तर-
छात्र इस फ़िल्म को स्वयं देखें।

Chapter 7 Hindi Class 9
प्रश्न 16.
कंल्पना के आधार पर बताइए कि लड़कियों की संख्या कम होने पर भारतीय समाज का रूप कैसा हो?
उत्तर-
लड़कियों की संख्या कम होने पर भारतीय समाज का स्वरूप विकृत होगा। उससे सामाजिक संतुलन बिगड़ जाएगा। लड़कों के लिए बहुओं की समस्या बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में महिलाओं की खरीद-फरोख्त की घटनाएँ बढ़ जाएँगी। समाज में अनैतिकता, दुराचार, बलात्कार, अपहरण जैसी घटनाएँ बढ़ जाएंगी। समाज में एक अव्यवस्था का वातावरण होगा जिसमें अशांति होगी। लड़कियों की संख्या यदि और कम हो गई तो एक दिन समाज में ऐसा समय आएगा जब हर लड़की को द्रौपदी बनने पर विवश होना पड़ेगी।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

Class 9 Hindi Ch 7
प्रश्न 1.
लेखिका महादेवी वर्मा के बचपन के समय लड़कियों के प्रति समाज की सोच कैसी थी? ‘मेरे बचपन के दिन पाठ’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
लेखिका महादेवी के बचपन अर्थात् बीसवीं शताब्दी के आसपास लड़कियों के प्रति समाज की सोच अच्छी नहीं थी। लोग लड़कियों को बोझ समझकर उनसे जल्द से जल्द छुटकारा पा लेना चाहते थे। वे लड़कियों के पैदा होते ही उन्हें मार देते थे।

Ch 7 Hindi Class 9
प्रश्न 2.
महादेवी को अपने बचपन में वह सब नहीं सहना पड़ा ज अन्य लड़कियों को सहना पड़ता था। ऐसा क्यों?
उत्तर-
महादेवी के परिवार में दो सौ वर्षों तक कोई लड़की पैदा ही नहीं हुई थी। उसके पहले लोग. लड़कियों को पैदा होते ही परमधाम भेज देते थे। लेखिका महादेवी के बाबा ने कुल-देवी दुर्गा की पूजा की तब महादेवी का जन्म हुआ। इतनी मन्नते माँगने के बाद जन्म होने के कारण महादेवी को वह सब नहीं सहना पड़ा।

Class 9 Chapter 7 Hindi
प्रश्न 3.
महादेवी के बाबा की सोच समाज के अन्य पुरुषों से किस तरह अलग थी?
उत्तर-
महादेवी के बाबा की सोच समाज के अन्य पुरुषों से बिल्कुल अलग थी। अन्य लोग जहाँ कन्या के पैदा होते ही उसे मार देते थे वहीं महादेवी के बाबा ने उसके पालन-पोषण पर ध्यान दिया और पढ़ा-लिखाकर विदुषी बनाना चाहा।

Class 9 Chapter 7 Hindi Question Answer
प्रश्न 4.
महादेवी के परिवार में कौन-कौन सी भाषाएँ बोली जाती थीं? महादेवी पर किस भाषा का असर हुआ?
उत्तर-
महादेवी के परिवार में उसके बाबा फ़ारसी और उर्दू के ज्ञाता थे जबकि उसके पिता ने अंग्रेजी पढ़ी थी। हिंदी का वातावरण तो तब बना जब उसकी माँ जबलपुर से आई। वे हिंदी-संस्कृत की जानकारी थी। उनके सान्निध्य के कारण महादेवी पर हिंदी का असर हुआ और वे पंचतंत्र सीखने लगी।

Class 9 Kshitij Chapter 7 Question Answer
प्रश्न 5.
महादेवी की शिक्षा-दीक्षा में उनकी माता का क्या योगदान रहा?
उत्तर-
महादेवी की शिक्षा-दीक्षा में उनकी माता का विशेष योगदान रहा। वे हिंदी भाषी घर से आई थीं। उन्होंने महादेवी को ‘पंचतंत्र’ पढ़ना सिखाया। वे धार्मिक विचारों वाली महिला थीं। उनके साथ बैठते-बैठते महादेवी ने संस्कृत सुनाना समझना शुरू कर दिया। इस तरह उनकी पढ़ाई की शुरुआत माँ ने ही कराई।

Ncert Solutions For Class 9 Hindi Chapter 7
प्रश्न 6.
क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज का वातावरण पढ़ाई के लिए आदर्श था। पठित पाठ के आलोक में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज का वातावरण बहुत अच्छा था। वहाँ विभिन्न स्थानों से लड़कियाँ पढ़ने आती थी। उनमें कुछ हिंदू भी तो कुछ ईसाई यहाँ धर्म या क्षेत्र के स्थान पर कोई भेदभाव नहीं था। सब एक ही मेस में खाती थीं, जिसमें प्याज तक नहीं प्रयोग की जाती थी। इस तरह वहाँ का वातावरण पढ़ाई के लिए आदर्श था।

Hindi Ch 7 Class 9
प्रश्न 7.
महादेवी की रुचि लेखन में उत्पन्न करने में उनकी माँ का योगदान था, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
महादेवी की माँ हिंदी-संस्कृत की जानकार थी। वे पूजा-पाठ करने वाली धार्मिक विचारों की महिला थी। महादेवी उनके साथ पूजा पर बैठती और ध्यान से सुनती। उनकी माँ मीरा के पद गाती थी। इसे सुन-सुनकर महादेवी ने भी ब्रजभाषा में लिखना शुरू कर दिया। इस तरह उनकी माँ का विशेष योगदान था।

प्रश्न 8.
सुभद्रा कुमारी ने महादेवी की काव्य प्रतिभा को निखारने में कैसे मदद की?
उत्तर-
सुभद्रा कुमारी और महादेवी वर्मा छात्रावास के एक ही कमरे में रहती थीं। सुभद्रा उनसे दो साल बड़ी थी जो कविता लेखन में प्रसिद्ध थी। महादेवी जो अब तक ब्रजभाषा में लिखती थी, सुभद्रा कुमारी को देखकर खड़ी बोली में लिखने लगी। दोनों एक साथ कविताएँ रचतीं, इससे महादेवी की काव्य प्रतिभा निखरती गई।

प्रश्न 9.
जेबुन्निसा कौन थी? वह महादेवी की मदद कैसे करती थी?
उत्तर-
जेबुन्निसा कोल्हापुर से आई मराठी लड़की थी जो महादेवी के कमरे में रहने आई क्योंकि सुभद्रा छात्रावास से जा चुकी थीं। जेबुन महादेवी की डेस्क साफ़ कर देती, उनकी पुस्तकें ढंग से रख देती थी। इससे महादेवी को कविता लेखन के लिए कुछ और समय मिल जाता था। इस तरह वह महादेवी की मदद करती थी।

प्रश्न 10.
उस समय विद्यालयों का वातावरण आज के वातावरण से किस तरह अलग था? ‘मेरे बचपन के दिन’- पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
उस समय विद्यालयों में सांप्रदायिकता नहीं थी। विभिन्न धर्मों के छात्र-छात्राएँ साथ-साथ पढ़ते थे। वे अपनी-अपनी भाषा में बात करते थे। एक ही मेस में खाते थे, एक ही प्रार्थना में शामिल होते थे, पर आज विद्यालयों का वातावरण वैसा नहीं रहा। अब यहाँ जाति-धर्म, संप्रदाय, भाषा, क्षेत्र आदि के आधार पर अलगाव देखा जा सकता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
महादेवी और सुभद्रा कुमारी की मुलाकात और मित्रता का वर्णने अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर-
जब महादेवी का दाखिला क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में करवाया गया तो वहाँ हॉस्टल में जो कमरा मिला, उसमें सुभद्रा कुमारी पहले से ही रह रही थीं। वे महादेवी से दो साल सीनियर थी जो कविता लिखा करती थीं। महादेवी को भी बचपन से लिखने का शौक था पर वह छिप-छिपाकर लिखती थी। उसने सुभद्रा के पूछने पर लिखने से तो मना कर दिया पर सुभद्रा द्वारा तलाशी लेने पर बहुत कुछ निकल आया। यह देखकर सुभद्रा ने महादेवी के बारे में सबको छात्रावास में बता दिया। इसके बाद दोनों में मित्रता हो गई।

प्रश्न 2.
महादेवी को काव्य रचना में प्रसिद्धि दिलाने में काव्य-सम्मेलनों ने किस तरह बढ़ावा दिया? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में पढ़ते हुए महादेवी और सुभद्रा कुमारी कविताएँ लिखा करती थीं। उस समय कवि सम्मेलन हुआ करते थे। इन कवि सम्मेलनों में इन्हें लेकर क्रास्थवेट से मैडम जाया करती थी। जहाँ महादेवी कविताएँ सुनाती। इनके अध्यक्ष अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध’, श्रीधर पाठक और रत्नाकर जैसे प्रसिद्ध कवि हुआ करते थे। इनमें कविता सुनाने पर लेखिका महादेवी को पुरस्कृत किया जाता था। ये पुरस्कार उनके लिए प्रेरणादायी सिद्ध हुए और उनकी प्रसिद्ध बढ़ती गई।

प्रश्न 3.
जवारा के नवाब की बेगम ने सांप्रदायिक सौहार्द फैलाने की दिशा में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया, कैसे? मेरे बचपन के दिन पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जवारा के नवाब की बेगम उसी कंपाउंड के एक बँगले में रहती थी जिसमें लेखिका का परिवार रहता था। वे हिंदू-मुसलमान
का भेद माने बिना बच्चों से स्वयं को ताई कहने के लिए कहती। उनके बच्चे लेखिका की माँ को ‘चची जान’ कहते थे। वे अपने इकलौते लडके के हाथ पर रक्षाबंधन को राखी बँधवातीं और लेखिक को ‘लरिया’ या कुछ उपहार देती। इसी तरह वे हिंदू त्योहारों को भी उतनी ही खुशी से मिल-जुलकर मनाती,जितना कि ईद या मुहर्रम को। उनका व्यवहार सांप्रदायिकता के मुँह पर तमाचा था। इस तरह उन्होंने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

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