Download Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 4 2019 PDF to understand the pattern of questions asks in the board exam. Know about the important topics and questions to be prepared for CBSE Class 10 Hindi board exam and Score More marks. Here we have given Hindi B Sample Paper for Class 10 Solved Set 4.

Board – Central Board of Secondary Education, cbse.nic.in
Subject – CBSE Class 10 Hindi B
Year of Examination – 2019.

Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 4

हल सहित सामान्य
निर्देश :

• इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ ।।
• चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है ।
• यथासंभव प्रत्येक खण्ड के क्रमशः उत्तर दीजिए |

खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
जितनी अनिच्छा से हम सलाह को स्वीकार करते हैं, उतनी अनिच्छा से किसी अन्य को नहीं। सलाह देने वालों के बारे में हम सोचते हैं कि वह हमारी समझ को अपमान की दृष्टि से देख रहा है अथवा हमें बच्चा या बुद्ध मानकर व्यवहार कर रहा है। हम उसे एक अव्यक्त सेंसर मानते हैं और ऐसे अवसरों पर हमारी भलाई के लिए जो उत्साह दिखाया जाता है, उसे हम एक पूर्व धारणा या धृष्टता मानते हैं। इसकी सच्चाई यह है कि जो सलाह देने का बहाना करता है; वह इसी कारण से हमारे ऊपर अपनी श्रेष्ठता स्थापित करता है। इसके अतिरिक्त कोई और कारण नहीं हो सकता। किन्तु अपने से हमारी । तुलना करते हुए, वह हमारे आचरण अथवा समझदारी में कोई दोष देखता है। इन कारणों से, सलाह को स्वीकार्य बनाने से कठिन कोई कला नहीं हैं और वास्तव में प्राचीन और आधुनिक दोनों युग के लेखकों ने इस कला में जितनी दक्षता प्राप्त की है, उसी आधार पर स्वयं को एक-दूसरे से अधिक विशिष्ट प्रमाणित किया है। इस कटु पक्ष को रोचक बनाने के कितने उपाय काम में लाए गए हैं ? कुछ सर्वोत्तम शब्दों में अपनी शिक्षा हम तक पहुँचाते हैं, कुछ अत्यंत सुसंगत ढंग से, कुछ वाकचातुर्य से और अन्य छोटे मुहावरों में। पर मैं सोचता हूँ कि सलाह देने के विभिन्न उपायों में जो सबको अधिक प्रसन्नता देता है, वह गल्प है, वह चाहे किसी भी रूप में आए। यदि हम इस रूप में शिक्षा देने अथवा सलाह देने की बात सोचते हैं तो वह अन्य सबसे बेहतर है। क्योंकि सबसे कम झटका लगता है।
(क) सबसे बेहतर सलाह देने का तरीका कौन-सा है तथा क्यों ?
(ख) ‘वाकचातुर्य’ शब्द का अर्थ बताइए तथा वह किस काम में आने वाला तत्व होता है ?
(ग) हम किस कार्य में सर्वाधिक अनिच्छा दिखाते हैं और क्यों ?
(घ) व्यक्ति प्राय: अपनी भलाई के लिए अन्य व्यक्ति द्वारा दिखाए गए उत्साह को क्या मान बैठता है और क्यों ?
(ड) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिए। 1
उत्तर-

(क) गल्प-सर्वोत्तम तरीका, इससे कम झटका लगता है।
(ख) ‘वाणी तथा बात प्रस्तुत करने की कला या चतुराई। कडुए तथा अप्रिय प्रसंगों को रोचक बनाने में।
(ग) किसी की सलाह स्वीकार करने में, स्वयं के प्रति हीन भाव से बचने में सलाह देने वाले की बात अच्छी नहीं लगती ।।
(घ) पूर्वधारणा या धृष्टता, कि वह उसे हीन समझ रहा है। सलाह देने वाले द्वारा हीन साबित करने का बहाना।

व्याख्यात्मक हल :
(क) सबसे बेहतर सलाह देने का तरीका ‘गल्प’ है क्योंकि यह सबको प्रसन्नता देता है और इसे सबसे कम झटका लगता है।

(ख) ‘वाक्-चातुर्य’ शब्द का अर्थ है ‘वाणी की कला’ अर्थात् ‘ बातचीत की चतुराई”, यह कटू और अप्रिय पक्ष को रोचक बनाने वाला तत्व होता है।

(ग) किसी की सलाह स्वीकार करने में हम सर्वाधिक अनिच्छा दिखाते हैं। ऐसा हम स्वयं के प्रति हीन भाव से बचने के कारण व सलाह देने वाले की बात अच्छी नहीं लगने के कारण करते हैं।

(घ) व्यक्ति प्राय: अपनी भलाई के लिए अन्य व्यक्ति द्वारा दिखाए गए। उत्साह को उस व्यक्ति की अपने प्रति पूर्व धारणा या धृष्टता मान बैठता है। उसे लगता है कि वह उसे हीन समझ रहा है। उसके उत्साह को वह हीन साबित करने का बहाना मान बैठता है।

(ड) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक है-सलाह देने के उपाय।

2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
इक्क्ट-दुक्कट की पाँव पैंजनी
अब भी सुनता है मन
डग भरते पल की धूप-छाँव में
पीछे छूट गया बचपन
चार बजे की घन-घन घंटी
बस्ता काँधे ज्यों छूटा बंदी
सरपट दौड़ लगाते घर को
दालान बुलाना, सारी सखियाँ जुटतीं,
हँसी ठहाके गिट्टी, कौड़ी के
आँखों छाये रसभीने वे दाँव
वर्तमान की दोपहरी में
हाथ बढ़ाते बरगद से वे छाँव।
निस्तब्ध वादियाँ गुंजित होती
कान अभी भी सुनते वे स्पंदन
पीछे छूट गया बचपन।
(क) ‘पीछे छूट गया बचपन’ का क्या आशय है ?
(ख) ‘ज्यों छूटा बंदी’ की स्थिति कब होती थी ? तब बच्चे क्या करते हैं ?
(ग) वर्तमान को दोपहरी क्यों कहा है ? आज बरगद की छाँव की तरह क्या याद आता है ?
उत्तर-
(क) • अ
ब बड़े हो गए
• बचपन की स्मृतियाँ रह गईं

(ख)
• स्कूल की छुट्टी होने पर
• घर को दौड़

(ग)
• कष्टपूर्ण-श्रमपूर्ण जीवन
• बरगद ।
व्याख्यात्मक हल :
(क) ‘पीछे छूट गया बचपन’ का आशय यह है कि अब हम बड़े हो गए हैं और बचपन की स्मृतियाँ मात्र ही शेष रह गई हैं।
(ख) ‘ज्यों छूटा बंदी’ की स्थिति स्कूल की छुट्टी होने पर होती थी। विद्यालय की छुट्टी होते ही बच्चे घर की ओर दौड़ पड़ते हैं।
(ग) वर्तमान को कष्टपूर्ण और श्रमपूर्ण जीवन के कारण दोपहरी के समान कहा गया है। इसलिए बरगद की छाँव की तरह बचपन याद आता है।

खण्ड ‘ख’ : व्याकरण
3. शब्द और पद में क्या अंतर है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ध्वनियों की सार्थक, स्वतंत्र इकाई शब्द कहलाती है और जब शब्द व्याकरणिक नियमों में बँधकर वाक्य में प्रयुक्त
होता है, तब वह पद बन जाता है।
उदाहरण
पेड़ (शब्द)
पेड़ पर फल लगे हैं। (पद)

4. निर्देशानुसार वाक्य रूपांतरण कीजिए –
(क) चाय तैयार हुई, उसने वह प्यालों में भरी। ( संयुक्त वाक्य में )
(ख) बाहर बेढ़ब-सा एक मिट्टी का बरतन था। उसमें पानी भरा हुआ था। (मिश्र वाक्य में)
(ग) औगीठी सुलगाई और उस पर चायदानी रखी। (सरल वाक्य में)
उत्तर-

(क) चाय तैयार हुई और उसने वह प्यालों में भरी।
(ख) बाहर जो बेढब-सा मिट्टी का एक बरतन था उसमें पानी भरा हुआ था।
(ग) अँगीठी सुलगाकर उस पर चायदानी रखी।

5. (क) निम्नलिखित शब्दों का विग्रह करके समास का नाम लिखिए:
(i) वाद्य यंत्र
(ii) न्यायालय
(ख) निम्नलिखित शब्दों को समास पद बनाकर समास का नाम लिखिए:
(i) नत है जो मस्तक
(ii) दूसरों पर उपकार
उत्तर-
(क)
(i) वाह्य है जो यंत्र – कर्मधारय समास ।
(ii) न्याय के लिए आलस – तत्पुरूष समास
(ख)
(i) नतमस्तक – बहूत्रीहि समास
(ii) परोपकार – तत्पुरूष समास

6. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए-
(क) आप कहाँ रहते हो?
(ख) कुसंगति से बुरे-बुरे कुविचार मन में उठते हैं।
(ग) उसने कोई बात नहीं माना।
(घ) अरे, तुमने ये क्या करा।
उत्तर-

(क) आप कहाँ रहते हैं?
(ख) कुसंगति से कुविचार / बुरे-बुरे विचार मन में उठते हैं।
(ग) उसने कोई बात नहीं मानी।
(घ) अरे, तुमने ये क्या किया।

7. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य प्रयोग इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए:
आड़े हाथों लेना, हाथ मलना।
उत्तर-
अर्थ स्पष्ट करने वाले वाक्यों पर पूरे अंक दिए जाएँ।
व्याख्यात्मक हल :
आड़े हाथों लेना – पुत्र की गलती पर पिता ने उसे आड़े हाथों लिया।
हाथ मलना – माधुरी जैसी अच्छी सहेली से झगड़कर मधु हाथ मल रही हैं।

खण्ड ‘ग’ : पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्य पुस्तक
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) वामीरो और तताँरा परस्पर मिलने पर नि:शब्द क्यों रह गए?
(ख) सुभाष बाबू के जुलूस में ‘स्त्री-समाज’ भी पुरुषों से पीछे नहीं रहा। ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
(ग) बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय क्या सवाल करते थे? 1
उत्तर-
(क) वामीरो और तताँरा परस्पर मिलने पर नि:शब्द इसलिए रह गये, क्योंकि उनका प्रेम बहुत गहरा था, व अकथनीय था। उनके पास कोई ऐसा शब्द नहीं था जिससे वे अपने मन के भावों को प्रकट कर पाते। अत: वे मन की तरंगों को अपने भीतर आने-जाने की आज्ञा देते रहे। उनके दिलों ने ही एक-दूसरे को प्रेम की सच्चाई का विश्वास दिलाया।

(ख) सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्रियों का विशेष सहयोग था। गुजराती सेविका संघ के जुलूस में पुलिस ने बहुत-सी लड़कियों को गिरफ्तार किया। मारवाड़ी बालिका विद्यालय ने झण्डा उत्सव मनाया। स्त्रियाँ जुलूस निकालकर ठीक स्थान पर पहुँचने की कोशिश कर रही थीं। लाठी चार्ज की परवाह किए बिना स्त्रियाँ बड़ी तादाद में मोन्युमेंट में पहुँचीं और उसकी सीढ़ियों पर चढ़कर झण्डा फहराया और घोषणा पढ़ी। पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लाल बाजार भेजने पर भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ। लगभग 105 स्त्रियों – को गिरफ्तार किया। गया।

(ग) बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय एक ही सवाल करते थे-कहाँ थे?

9. ‘बड़े भाई साहब’ पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-
‘बड़े भाई साहब’ पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के उन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है-क्योंकि छात्रों को गणित में ज्योमिट्टी में कठिन । प्रमेय, सवाल पढ़ाये जाते हैं जो आगे भविष्य में उपयोगी नहीं होते। इतिहास में बादशाहों के नाम याद रखने पड़ते हैं यदि कुछ का कुछलिख दिया तो सवाल का जवाब गलत कर दिया जाता है। परीक्षक कॉपी जाँचते समय निर्दयी हो जाते हैं, वे व्यर्थ की बातों के लिए छात्रों को फेल कर देते हैं। वे पुस्तक में जो लिखा है, उस रटेरटाये अक्षरों को सही मानकर रटत विद्या को शिक्षा का नाम देते हैं। हम उनके विचार से सहमत हैं, छात्रों को वही ज्ञान दिया जाये, जो व्यावहारिक एवं भविष्योपयोगी हो। बालकों की शक्ति, क्षमता एवं आयु का ध्यान रखकर अध्ययन कराया जाये।

10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) मीरा के पदों में दैन्य और माधुर्य भाव की भक्ति का समन्वय है। संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
(ख) पन्त जी की कविता मानो प्रकृति को अपनी आँखों से देखने की अनुभूति देती है, कविता के आधार पर अपने विचार कीजिए|
(ग) ‘आत्मप्राण’ कविता में कोई सहायता न मिलने पर कवि की क्या प्रार्थना है? 1
उत्तर-
(क) मीरा के पदों में दैन्य भाव है, क्योंकि वह स्वयं को भगवान कृष्ण की दासी के रूप में देखती हैं और उनकी चाकरी करना चाहती हैं और असहाय भाव से उनसे सहायता करने के लिए निवेदन करती हैं। साथ ही वह कृष्ण से बहुत प्रेम करती हैं, उनकी भक्ति करती हैं इसीलिए उनके पद माधुर्य गुण से परिपूर्ण हैं। यही कारण है कि मीरा के पदों में दैन्य और माधुर्य भाव की भक्ति का समन्वय
है।

(ख) ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में पन्त जी ने पहाड, ताल, झरने, बादल एवं पेड़ों का इतना सजीव व सरस वर्णन किया है कि ऐसा लगता है कि हम उन दृश्यों को स्वयं देख रहे हों, उन पहाड़ों पर सशरीर उपस्थित हों इसीलिए उनकी कविता पढ़कर यह अनुभूति होती है मानो हम प्रकृति के इन दृश्यों को अपनी आँखों से देख रहे हों।

(ग)
• आत्मविश्वास और पराक्रम बना रहे।
• हानि होने पर भी दुख सहने की क्षमता बनी रहे।
व्याख्यात्मक हल :
कवि सहायक के न मिलने पर प्रार्थना करता है कि उसका बल पौरुष न हिले, वह सदा बना रहे और कोई भी कष्ट वह धैर्य से सह ले।।

11. ‘कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढे वन माँहि’ के द्वारा कवि ने किन लोगों पर व्यंग्य किया है? ‘साखी’ के सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
हैं, जबकि ईश्वर
न होता है। कवि
‘कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढे वन माँहि’ के द्वारा कवि उन लोगों पर व्यंग्य करता है जो ईश्वर को मंदिर-मस्जिद में ढूँढ़ते हैं, जबकि ईश्वर का निवास तो मनुष्य के अन्तर्मन में होता है। कवि ऐसे लोगों की तुलना उस मृग से करते हैं। जो नाभि में कस्तूरी धारण करने के बाद भी कस्तूरी की तलाश में वन-वन
भटकता रहता है।

12. पढ़ाई में तेज होने पर भी कक्षा में दो बार फेल हो जाने पर टोपी के साथ घर पर या विद्यालय में जो व्यवहार हुआ उस पर मानवीय मूल्यों की दृष्टि से टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
विद्यार्थियों के उपयुक्त उत्तर स्वीकार्य। व्याख्यात्मक हल :
टोपी पढ़ाई में बहुत तेज था। बहुत से ऐसे कारण जिनके कारण वह कक्षा में फेल हो गया। यदि देखा जाए, तो इसमें टोपी की भी कोई गलती नहीं थी। मगर घर तथा विद्यालय में उसके साथ तीन बार फेल हो जाने पर बुरा व्यवहार किया जाने लगा। यह उचित नहीं था। मास्टरों द्वारा उसे अनदेखा किया जाने लगा। यदि वह किसी प्रश्न का उत्तर देना चाहता तो मास्टर जी उसे यही कहते कि तुम्हें इसी कक्षा में तीन साल हो गए हैं। इन्हें नई कक्षा में जाना है। अत: तुमसे बाद में पूछ लेंगा। यह बहुत अपमानजनक थी। मास्टर जी को उसे पूरा सहयोग देना चाहिए। यह जानने का प्रयास करना चाहिए था कि ऐसा क्या हुआ, जो बुद्धिमान बालक कमजोर हो गया। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उसके साथ के बच्चों ने उसका अपमान किया। उस पर हँसते थे। इससे उसका दिल दुखता था। यह उचित नहीं था। घरवाले भी ऐसे ही थे। उन्होंने भी उसका साथ देने के स्थान पर उसका मजाक उड़ाया। यह कहँ का न्याय है। हमारे जीवन मूल्य हमें साथ देना और प्यार करना सिखाते हैं। ऐसे बच्चों को तो हमें बहुत प्यार और साथ देने की आवश्यकता है।

खण्ड ‘घ’ : लेखन
13. दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए –
(क) चुनाव का दिन
• बस्ती में हलचल
• मतदान केन्द्र का दृश्य
• विशेष अनुभव

(ख) मेरा मनपसंद रियल्टी शो
• रियल्टी शोज का अर्थ
• विविध प्रकार के शोज के नाम
• मनपसंद शो का नाम

(ग) राष्ट्र ध्वज
• देश के लिए तिरंगे ध्वज का चुनाव
• गौरव का प्रतीक इसका रंगरूप –
• उत्साह और शौर्य की प्रेरणा
• इसका सम्मान करना सबका कर्तव्य
उत्तर-
(क)  चुनाव का दिन
• विषय-वस्तु
• शब्द-चयन
• भाषा विन्यास
व्याख्यात्मक हल:
रविवार के दिन प्रात:काल से हमारी बस्ती में अजीब सी हलचल थी। सभी सुबह जल्दी उठ गए और अपने-अपने कार्यों को निपटा रहे थे, कारण था चुनाव। वह चुनाव का दिन था। सभी अपना मतदान करने के लिए बहुत उत्साहित थे। चारों ओर चुनावी बातचीत और उम्मीदवारों के गुणों के विषय में बातचीत का शोरगुल था। सभी अपने-अपने उम्मीदवारों की बड़ाई कर रहे थे और उन्हें वोट देने की बात कर रहे थे। जब मैं अपना मतदान देने के लिए मतदान केन्द्र जा रहा था तो लोगों के समूह के समूह अपने मतदान के अधिकार काप्रयोग करने जा रहे थे और जो लोग वोट डाल चुके थे, वे भी राजनीतिक बातें करते हुए मतदान केन्द्र से लौट रहे थे। मतदान केन्द्र पर जाकर मैंने देखा कि वहाँ बवाल, हिंसा और तनाव की घटनाओं को रोकने के लिए व सुरक्षा प्रदान करने की भावना से बहुत बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात था। मतदान केन्द्र के अन्दर महिला व पुरुषों की अलग-अलग पक्तियाँ थीं। मतदान केन्द्र में हिडिन कैमरे लगे हुए थे। जिससे दूर बैठकर मतदान केन्द्र में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। सभी अपनी बारी का इन्तजार कर रहे थे। अन्दर बैठे व्यक्ति मतदान करने हेतु आने वाले की मतदान पचीं मिला रहे थे और उसकी ऊँगली पर एक प्रकार की अमिट स्याही लगा रहे थे जिससे कोई धोखे से दुबारा मतदान करने नहीं आ सके। उसके बाद मतदान केन्द्र में रखी इलेक्ट्रॉनिक मशीन का बटन दबाकर लोग अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट डाल रहे थे। यह प्रक्रिया शाम 5 बजे तक चली। लोग मतदान केन्द्र पर आते और जाते रहे। इस बार मैंने भी पहली बार अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग किया और ऐसा करके मुझे बड़ा गर्व हुआ।

(ख) मेरा मनपसंद रियल्टी शो
• विषय-वस्तु
• शब्द-चयन
• भाषा विन्यास
व्याख्यात्मक हल:
रियल्टी शो का तात्पर्य होता है-टी.वी पर प्रस्तुत होने वाले ऐसे कार्यक्रम जिनमें प्रतिभागी भाग लेते हैं और इस प्रक्रिया में वे बारी-बारी से हारने पर बाहर होते हैं ‘अंत में मात्र विजेता ही शेष रहता है। अन्य सभी प्रतिभागी कार्यक्रम से बाहर होते जाते हैं। आजकल टेलीविजन पर अनेक चैनलों पर इस प्रकार के कार्यक्रमों की होड़-सी लगी हुई है। प्रत्येक चैनल पर कोई-न-कोई रियल्टी शो प्रदर्शित होता ही रहता है। इंडियन आइडल, डॉस इंडिया डॉस, बिग बॉस, झलक दिखला जा, मास्टर शेफ आदि अनेक रियल्टी शो हैं जो टेलीविजन पर दिखाए जाते हैं और दर्शक भी उत्सुकता और उत्साहपूर्वक इन शो को देखते हैं। वे सभी अपने मनपसंद प्रतिभागी को जीतते हुए देखना चाहते हैं। इसी प्रकार ‘डॉस इंडिया डाँस’ मेरा मनपसंद रियल्टी शो है। इसमें प्रतिभागी अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन करते है। मुझे भी नृत्य करना पसंद है। मैं भी एक कलाकार बनना चाहती हूँ और इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को सभी के समक्ष प्रस्तुत करना चाहती हैं। इसलिए यह मेरा मनपसंद रियल्टी शो है।

(ग) राष्ट्रध्वज
• विषय-वस्तु
• शब्द-चयन
• भाषा विन्यास
व्याख्यात्मक हल :
प्रत्येक देश अथवा प्रत्येक पार्टी का ध्वज होता है। इसको फहराते रहना हमारी शान है। उसका नीचे की ओर झुक जाना उसकी मृत्यु मानी जाती है। जब महात्मा गाँधी के नेतृत्व में देश की जनता ने स्वतन्त्रता का युद्ध आरम्भ किया, तब एक ऐसे ध्वज की आवश्यकता प्रतीत हुई जो सारे देश के लिए मान्य हो। देश के नेताओं ने इस प्रकार का तिरंगा ध्वज देश के लिए स्वीकार किया जिसमें तीन रंग और बीच में अशोक का चक्र है। यह ध्वज हमारे देश की शान है और हमारे देश का प्राण है। हमारा ध्वज तीन पट्टियों का बना हुआ है। सबसे ऊपर की पट्टी केसरिया रंग की है। बीच की पट्टी सफेद है। सबसे नीचे की पट्टी हरी है। तीन रंगों की पट्टियों से बने होने के कारण यह तिरंगा कहा जाता है। बीच में चक्र बना है जो सम्राट अशोक के धर्म चक्र का प्रतीक है। झण्डे में सबसे ऊपर जो केसरिया रंग है वह त्याग और बलिदान का प्रतीक है। सफेद रंग सादगी, सच्चाई, ईमानदारी और सहनशीलता का प्रतीक है। हरा रंग देश की हरियाली अर्थात् खुशहाली का प्रतीक है। ये तीनों रंग मिलकर देशवासियों को बताते हैं कि देश की स्वतन्त्रता, उसकी रक्षा और उज्ज्वल भविष्य के लिए देशवासियों को त्याग, बलिदान, ईमानदारी, सादगी और सहनशीलता के गुण अपनाने चाहिए। इन्हीं गुणों के रहने पर देश का भविष्य उज्ज्वल होगा। सन् 1947 में देश के स्वतन्त्र होने पर चरखे के स्थान पर अशोक का धर्म चक्र रखा गया। इस चक्र के साथ राष्ट्रध्वज स्वीकार किया गया है और चरखे से युक्त झण्डा काँग्रेस पार्टी का झण्डा माना गया।

झण्डे को लेकर और ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झण्डा ऊँचा रहे हमारा” गाते देश के बच्चे से बूढ़े तक प्रभात फेरी निकालते थे और आजादी की अलख जगाते थे। कितने ही वीर झण्डा फहराते हुए अँग्रेजी शासन की गोलियों के शिकार हो गए थे। अँग्रेजी शासन के लोग बालकों से झण्डा छीनते, किन्तु वे झण्डा न देकर अपने प्राण दे देते थे। राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश का प्राण है। अत: हमें प्राण देकर भी इसके सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। यदि हम चाहते हैं कि हमारे देश की स्वतन्त्रता पर किसी प्रकार की आँच न आए तो हमें उन लोगों के त्याग-तपस्या और बलिदान का अनुकरण करना चाहिए जिन्होंने झण्डे की रक्षा के लिए हँसतेहँसते अपने प्राण दे दिए थे।

14. आपके विद्यालय में पीने के पानी की समस्या है। इस ओर ध्यान आकर्षिक कराते हुए प्रधानाचार्य महोदय को पत्र लिखिए।
उत्तर-
• प्रारम्भ व अन्त की औपचारिकताएँ
• प्रस्तुति एवं विषय-वस्तु
• भाषा-विन्यास
व्याख्यात्मक हल :
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
सिटी मांटेसरी पब्लिक स्कफूल,
लखनऊ
विषय : पीने के पानी की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय में पिछले कुछ दिनों से पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। भोजन अवकाश के समय पीने का पानी न होने के कारण सभी विद्यार्थी व्यथित होते हैं। एक-दो नलों में पानी आता भी है तो बहुत कम। जिसके कारण लंबी लाइन लग जाती है।
अत: आपसे निवेदन है कि आप यथाशीघ्र पेयजल उपलबध कराने की समुचित व्यवस्था करें।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
दीषांशु गौतम
कक्षा-दसवीं ‘ब’
दिनांक : 10/07/2017

15. विद्यालय में साहित्यिक क्लब के सचिव के रूप में ‘प्राचीर’ पत्रिका के लिए लेख, कविता, निबंध आदि विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत करने हेतु सूचनापट के लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
सूचना-लेखन
• प्रारूप एवं प्रस्तुति
• विचारों की मौलिकता
• विषयानुकूल भाषा
व्याख्यात्मक हल :

विद्यालय संबंधी सूचना

विद्यालय के समस्त छत्र एवं छात्राओं को सूचित किया जाता है, कि विद्यालय में साहित्यिक क्लब के सचिव के रूप में ‘प्राचीर पात्रिका छापी जानी है। ‘पत्रिका’ के लिए जो भी विद्यार्थी लेख, कविता, निबंध आदि प्रस्तुत करना चाहता है। वह एक सप्ताह के अंदर दिनांक 30-3-xx तक कार्यालय में या अपने कक्षाध्यापक के पास अवश्य प्रस्तुत कर दें।
आज्ञा से
प्रधानाचार्य ,
डी.ए.वी. इण्टर कॉलेज आगरा

16. हिन्दी विषय की कक्षा में छात्र-छात्राओं द्वारा शांतिपूर्वक बैठने के विषय में दो छात्रों में होने वाले परस्पर वार्तालाप को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
• विषय-वस्तु
• प्रस्तुति एवं प्रवाह
• भाषा-शैली
व्याख्यात्मक हल :
दो छात्रों का परस्पर संवाद
नवीन : प्रवीण, मित्र मुझे हिन्दी की कक्षा में पढ़ना बहुत पसंद है, किन्तु
कक्षा में छात्र-छात्राओं द्वारा की जाने वाली बातचीत के कारण
पढ़ने का आनंद नहीं आता है।

प्रवीण : सही कहा मित्र! मुझे भी श्रीमती शर्मा का हिन्दी पढ़ाने का
तरीका, उनका व्याख्यान करने का अंदाज बहुत सजीव लगता है। लेकिन जो छात्र पढ़ने में ध्यान नहीं देते हैं उनके कारण पढ़ने
वाले विद्यार्थी भी ठीक से नहीं पढ़ पाते हैं।

नवीन : हाँ प्रवीण! हमें इस विषय में कक्षा में सभी से बात करनी होगी।
तभी इस समस्या का समाधान सुझाया जा सकता है।

प्रवीण : हाँ नवीन! तभी कक्षा में शांतिपूर्वक पढ़ाई का आनंद आएगा।

नवीन : चलो कल ही इस विषय में सब छात्र-छात्राओं से बात करते हैं।

17. विद्यालय की कार्यानुभव-प्रयोगशाला में बनी मोमबत्तियों तथा उपयोगी वस्तुओं की बिक्री हेतु लगभग 25 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए।
उत्तर-
• प्रस्तुति
• विचारों की मौलिकता
• विषयानुकूल भाषा
व्याख्यात्मक हल :

नारंग विद्यालय हरियाणा
बचों द्वारा कार्यानुभव-प्रयोगशाला में बनी मोमबत्तियाँ तथा
अन्य उपयोगी वस्तुओं की बिक्री शीघ्र

इन्हें खरीदकर बच्चों का उत्साह और अपने घर की शोभा बढ़ाएँ
सुंदर वस्तुएँ तथा मोमबत्तियाँ सस्ते दामों में
500 रुपये तक की खरीदरी में 20 प्रतिशत की आर्कषक छूट
231/432, साकेत नगर, शाहगंज हरियाणा

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