Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 3 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 3 with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और ‘ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘क’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
सब सुखी हों, सब स्वस्थ हों, सबका कल्याण हो, किसी को कोई भी दुःख न हो। ऐसी पुनीत भावनाएँ भारतवर्ष में सदैव प्रवाहित होती रही हैं। वास्तव में दया और परोपकार के समान न कोई दूसरा धर्म है और न पुण्य। मानव का उद्देश्य और मानव-जीवन की सार्थकता इसी में है कि वह दूसरों पर दया करे, उनका कल्याण करे। उसका कर्तव्य है कि वह स्वयं भी उठे और दूसरों को भी उठाए। दीनों की करुणा भरी पुकार और असहाय की याचनापूर्ण करुणा दृष्टि से उसका हृदय द्रवीभूत हो जाए। यदि विद्या है तो वाद-विवाद न करें, विद्या को अशिक्षितों में वितरित करें। तभी वे सच्चे मनुष्य कहलाने के अधिकारी हो सकेंगे। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम दूसरों के आँसुओं का आदर करना सीखें, दीन और असहायों की करुण पुकार सुनकर उनके दु:ख दूर करें। सैकड़ों भूखे लोगों को अन्न देना, तन ढकने के लिए वस्त्र देना, भूख से तड़पते हुए और सर्दी से ठिठुरते हुए बालकों को संरक्षण देना, ऐसे बच्चे जो अनाथ हैं, उन्हें गोद में उठाना, अपने पापी पेट के लिए नारी का सम्मान नीलाम न हो इसके लिए चौकस रहना, रोगी को औषधि देना, अशिक्षितों के लिए शिक्षा की व्यवस्था करना, प्यासे को पानी पिलाना, अंधे को मार्ग दिखाना, भयभीत की रक्षा करना आदि कार्य दया के रूप ही हैं। सबको जीने का समान अधिकार है। ईश्वर ने सबको एक-सा बनाया है। शक्तिशाली का कर्तव्य निर्बलों की सहायता करना है न कि उनको सताना। हमारे पौराणिक इतिहास में भी दयालु व्यक्तियों को ही महापुरुष माना गया है। राजा शिवि को देखिए बाज़ के आक्रमण से भयभीत कबूतर को उन्होंने अपनी गोद में बिठा लिया। बाज़ वहाँ भी आ पहुँचा और उनके सामने दो शर्ते रखीं। पहली आप मेरे शिकार को वापस कर दीजिए, दूसरी, नहीं तो उसके बराबर मुझे अपना माँस दे दीजिए। तब शिवि ने तराजू में कबूतर के बराबर अपने शरीर का माँस दे दिया। धर्म का दूसरा रूप दया ही है। भारतवर्ष में चिरकाल से दया की भावना प्रवाहित होती चली आ रही है। यदि समाज से दया की भावना का लोप हो जाता है तो मानवता रसातल में चली जाएगी।
(क) आँसुओं के बारे में क्या कहा गया है?
(i) दूसरों के आँसुओं की परवाह नहीं करनी चाहिए।
(ii) दूसरों के आँसुओं का आदर करना चाहिए
(iii) दूसरों के आँसुओं को बहने देना चाहिए
(iv) आँसू न निकलें तो सही है
उत्तर:
(ii) दूसरों के आँसुओं का आदर करना चाहिए।
(ख) किसके समान कोई और धर्म नहीं है?
(i) दया और हिंसा
(ii) परोपकार और हिंसा
(iii) पाप और दया
(iv) दया और परोपकार
उत्तर:
(iv) दया और परोपकार।
(ग) राजा शिवि ने कबूतर की रक्षा के लिए अपने शरीर का माँस क्यों दे दिया था?
(i) क्योंकि वे धर्मपरायण व्यक्ति थे।
(ii) क्योंकि वे परोपकारी थे।
(iii) क्योंकि वे हिंसावादी थे।
(iv) क्योंकि वे अपने शरीर को महत्व नहीं देते थे।
उत्तर:
(ii) क्योंकि वे परोपकारी थे।
(घ) संसार में दया की भावना न होने पर क्या होगा?
(i) लोग परोपकारी हो जाएँगे
(ii) लोग अहिंसावादी हो जाएँगे।
(iii) मानवता का अंत हो जाएगा
(iv) लोग दयालु हो जायेंगे।
उत्तर:
(iii) मानवता का अंत हो जाएगा।
(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए
कथन (A): शक्तिशाली का कर्तव्य निर्बलों की सहायता करना है।
कथन (R): मानव जीवन की सार्थकता तभी है जब वह दूसरों की करुण पुकार सुनकर उनकी सहायता करे।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है
उत्तर:
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल!
युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल
प्रियतम का पथ आलोकित कर!
सौरभ फैला विपुल धूप बन
मृदुल मोम-सा घुल रे, मृदु-तन!
दे प्रकाश का सिन्धु अपरिमित,
तेरे जीवन का अणु गल-गल
पुलक-पुलक मेरे दीपक जल!
सारे शीतल कोमल नूतन
माँग रहे तुझसे ज्वाला कण;
विश्व-शलभ सिर धुन कहता मैं
हाय, न जल पाया तुझमें मिल!
सिहर-सिहर मेरे दीपक जल!
(क) उपर्युक्त पद्यांश में कवयित्री की कौन-सी भावना प्रकट हो रही है?
(i) प्रियतम के प्रति अपार प्रेम
(ii) प्रियतम के प्रति घृणा
(iii) प्रियतम के प्रति वियोग की भावना
(iv) ज्वाला की
उत्तर:
(i) प्रियतम के प्रति अपार प्रेम।
(ख) कवयित्री किसका पथ आलोकित करने को कह रही है?
(i) स्वयं का
(ii) प्रियतम का
(iii) दोनों का
(iv) दीपक का ।
उत्तर:
(ii) प्रियतम का।
(ग) पद्यांश में कौन-से रस की अभिव्यक्ति हो रही है?
(i) भक्ति रस
(ii) करुण रस
(iii) शृंगार रस
(iv) शांत रस
उत्तर:
(iii) शृंगार रस।
(घ) कवयित्री मोम के समान किसे घुलने को कह रही
(i) मोमबत्ती को
(ii) ज्वाला कण को
(iii) दीपक को
(iv) मृदु तन को
उत्तर:
(iv) मृदु तन को।
(ङ) पद्यांश में कवयित्री ने क्या करने की सलाह दी है ?
(I) अच्छे कर्मों से जग को सुगंधित करने की
(II) अहंकार को नष्ट करने की
(III) अपने बारे में सोचने की
(IV) आस्था को बनाए रखने की
विकल्प:
(i) कथन II सही है
(ii) कथन I, II व III सही हैं
(iii) कथन I, II व IV सही हैं
(iv) कथन I, II, III व IV सही हैं
उत्तर:
(iii) कथन I, II व IV सही हैं।
अथवा
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-II पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
जिस राम के गुण आप गाते हैं
जिस अर्जुन पर आप मुग्ध हैं
बताओ तो दोस्तों !
उनके जो-जो चित्र
आपकी आस्था और विश्वास के हैं
वे राजमहलों के हैं
या वनवास के हैं ?
मित्रों ! जब स्वयं रामचंद्र
राजमहलों की रेशमी जूतियाँ उतारकर
नंगे पाँव वन में पधारे थे
तभी से वे महिमावान हो गए।
राजकुमार तो थे ही
अब वे भगवान हो गए द्य
जटाधारी राम हों
या वन-वन भटकते पांडव
सबके गौरवशाली चरित्र वन के हैं
ताड़का का वध हो
या जटायु का संस्कार
केवट का मिलन हो
या शबरी से प्यार
भरत से मिलन का हेतु हो
या लंका का सेतु हो
सब वन के ही श्रृंगार हैं
राम के चौदह वर्ष हों
या पांडवों के तेरह वर्ष
दोनों ने महिमा की पूँजी
वन से ही उगाही थी
सोने की लंका वनवासी राम ने ही ढहाई थी
जुए की खाई में गिरे पांडवों ने
दुर्योधन की जंघा तोड़ने की शक्ति
वनवास से ही पाई थी
(क) काव्यांश में ‘रेशमी जूतियाँ’ और ‘नंगे पाँव’ किन स्थितियों का परिचायक हैं ?
(i) राजा और रंक के
(ii) सुख और खुशी के
(iii) अमीरी और आशा के
(iv) सुख और अमीरी के
उत्तर:
(i) राजा और रंक के।
(ख) किस घटना ने रामचंद्र को भगवान बना दिया ?
(i) लंका पर सेतु निर्माण
(ii) सोने की लंका ढहाना
(iii) राजपाट त्यागकर वन गमन
(iv) वन में नंगे पाँव चलना
उत्तर:
(iii) राजपाट त्यागकर वन गमन।
(ग) रामचंद्र के द्वारा वनवास के समय में कौनसा कार्य नहीं किया गया ?
(i) शबरी प्रेम
(ii) ताड़का वध
(iii) केवट मिलन
(iv) वशिष्ठ के आश्रम में अध्ययन
उत्तर:
(iv) वशिष्ठ के आश्रम में अध्ययन।
(घ) पांडवों ने वनवास से कौनसी शक्ति पाई थी ?
(i) जुए को खेलने की
(ii) जुए को हारने की
(iii) दुर्योधन की जंघा तोड़ने की
(iv) भरत मिलन की
उत्तर:
(ii) दुर्योधन की जंघा तोड़ने की।
(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए
कथन (A): बड़ी कठिनाइयों का सामना करके ही मनुष्य महान बनता है ।
कथन (R) : वन प्रवास के दौरान ही रामचंद्र ने अनेक महँ कर्म किए। पांडवों ने भी कौरवों से जीतने की ताकत वन प्रवास के दौरान ही प्राप्त की।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) सचिन ने ईश्वर का नाम लेकर खेलना शुरू किया। वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूप होगा
(i) सचिन ने ईश्वर का नाम लिया और खेलना शुरू किया।
(ii) ईश्वर का नाम लेकर सचिन ने खेलना शुरू किया।
(iii) जब सचिन ने ईश्वर का नाम लिया तब खेलना शुरू किया।
(iv) ईश्वर का नाम लेते ही सचिन ने खेलना शुरू किया।
उत्तर:
(i) सचिन ने ईश्वर का नाम लिया और खेलना शुरू किया।
व्याख्यात्मक हल:
संयुक्त वाक्य में दो सरल वाक्य होते हैं जो अपनेआप में पूर्ण अर्थ को व्यक्त करते हैं।
(ख) जो ईमानदार है वही सम्मान का सच्चा अधिकारी है। वाक्य का सरल वाक्य में रूप होगा
(i) जो सम्मान का सच्चा अधिकारी है, वही ईमानदारी में भी सबसे आगे है।
(ii) ईमानदार ही सच्चे सम्मान का अधिकारी
(iii) यदि व्यक्ति ईमानदार है तो उसे सच्चा सम्मान मिलता है।
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ii) ईमानदार ही सच्चे सम्मान का अधिकारी है।
व्याख्यात्मक हल:
सरल वाक्य में एक उद्देश्य और एक क्रिया होते हैं। अतः यही सही उत्तर है।
(ग) वर्षा शुरू होते ही बिजली चली गई। वाक्य का मिश्र वाक्य में रूप होगा
(i) वर्षा शुरू हुई और बिजली चली गई।
(ii) बिजली चली गई वर्षा शुरू होते ही।
(iii) जैसे ही वर्षा शुरू हुई वैसे ही बिजली चली गई।
(iv) वर्षा शुरू हुई क्योंकि बिजली चली गई।
उत्तर:
(iii) जैसे ही वर्षा शुरू हुई वैसे ही बिजली चली गई।
व्याख्यात्मक हल:
मिश्र वाक्य में एक वाक्य दूसरे पर आश्रित होता है। प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य समुच्चयबोधक अव्यय द्वारा जुड़े हुए होते हैं।
(घ) उसने कहा कि आज वह नहीं जाएगा। रेखांकित उपवाक्य का भेद होगा
(i) संज्ञा उपवाक्य
(ii) विशेषण उपवाक्य
(iii) क्रियाविशेषण उपवाक्य
(iv) आश्रित उपवाक्य
उत्तर:
(i) संज्ञा उपवाक्य।
व्याख्यात्मक हल:
संज्ञा उपवाक्य की प्रमुख पहचान है कि ये आश्रित उपवाक्य ‘कि’ योजक से आरंभ होते हैं।
(ङ) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया | (i) मिश्र वाक्य |
(2) जब तुम जाओगे तभी मैं जाऊँगा | (ii) सरल उपवाक्य |
(3) वह खाना खाते ही खेलने चला गया | (iii) संयुक्त वाक्य |
विकल्प :
(i) (1) (III) (2) (I), (3) (II)
(ii) (1) (II), (2) (III), (3) (I)
(iii) (1) (I), (2) (II), (3) (III)
(iv) (1) (III), (2) (II), (3) (I)
उत्तर:
(i) (1) (III) (2) (1), (3) (II)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) उससे रोया नहीं जाता। वाक्य का कर्तृवाच्य में रूप होगा
(i) वह नहीं रोता है।
(ii) रोता नहीं है वह।
(iii) रोया नहीं जाता उससे।
(iv) रोता है वह
उत्तर:
(i) वह नहीं रोता है।
(ख) वह धीरे बोलती है। वाक्य का भाववाच्य में रूप होगा
(i) धीरे बोलती है वह।
(ii) उससे धीरे बोला जाता है।
(iii) क्योंकि वह धीरे बोलती है।
(iv) इसलिए उससे धीरे बोला जाता है।
उत्तर:
(ii) उससे धीरे बोला जाता है।
(ग) भारत ने आज उपग्रह छोड़ा। वाक्य का कर्मवाच्य में रूप होगा
(i) उपग्रह छोड़ा भारत ने आज।
(ii) भारत आज उपग्रह छोड़ता है।
(iii) भारत के द्वारा आज उपग्रह छोड़ा गया।
(iv) उपग्रह छोड़ा गया भारत से आज।
उत्तर:
(iii) भारत के द्वारा आज उपग्रह छोड़ा गया।
(घ) मुझसे अब चला नहीं जाता। वाक्य का वाच्य बताइए
(i) कर्तृवाच्य
(ii) कर्मवाच्य
(iii) भाववाच्य
(iv) वाच्य
उत्तर:
(i) कर्तृवाच्य।
(ङ) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. तुम्हारे द्वारा फूल तोड़ा जाएगा | (i) कर्तृवाच्य |
2. हालदार साहब ने पान खाया | (ii) भाववाच्य |
3. बच्चों से लिखा नहीं जाता | (iii) कर्मवाच्य |
विकल्प :
(i) (1) (III) (2) (I), (3) (II)
(ii) (1) (II), (2) (III), (3) (I)
(iii) (1) (I), (2) (II), (3) (III)
(iv) (1) (III), (2) (II), (3) (I)
उत्तर:
(i) (1) (III) (2) (1), (3) (II)
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) वह भावुक व्यक्ति है। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(iii) संज्ञा, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन।
उत्तर:
(i) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ख) द्वार पर कोई भिखारी खड़ा है। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) निश्चयवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
(ii) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
(iii) प्रश्नवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
(iv) सम्बन्धवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग।
उत्तर:
(ii) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग।
(ग) रमेश यहाँ रहता है। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) कालवाचक क्रियाविशेषण
(ii) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(iii) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
(iv) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
उत्तर:
(iii) स्थानवाचक क्रियाविशेषण।
(घ) वे घर पहुंच चुके हैं। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) गुणवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग, बहुवचन।
(iii) पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(iv) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, बहुवचन।
उत्तर:
(iv) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, बहुवचन।
(ङ) वह आज विद्यालय नहीं गया क्योंकि वह बीमार था। वाक्य में रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) क्रियाविशेषण अव्यय।
(ii) विस्मयादिबोधक अव्यय।
(iii) समुच्चयबोधक अव्यय।
(iv) सम्बन्धबोधक अव्यय ।
उत्तर:
(iii) समुच्चयबोधक अव्यय।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘दे रहा हो कोकिल सानंद, सुमन को ज्यों मधुमय सन्देश’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(i) श्लेष
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ ‘सुमन’ के दो अर्थ हैं-पहला सुंदर मन और दूसरा-पुष्प। इसी प्रकार मधुमय के अर्थ हैं-मधुर और वसंत ऋतु।
(ख) ‘पद्मावती सब सखी बुलाई, मनु फुलवारी सबै चलि आई’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ii) उत्प्रेक्षा
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ पद्मावती ने अपनी सखियों को बुलाया और वे सब आईं तो ऐसा लगा, जैसे फुलवारी चली आई हो। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ग) ‘धीरे-धीरे उतर क्षितिज से आ बसंत-रजनी’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ii) मानवीकरण
व्याख्यात्मक हल:
बसंत ऋतु की रात को उतर कर अपने पास आने के लिए कहा है अर्थात यहाँ मानव का संबंध स्थापित किया गया है। अतः मानवीकरण अलंकार है।
(घ) ‘अपनी एक टांग पर खड़ा है यह शहर, अपनी दूसरी टांग से बिलकुल बेखबर’ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ii) मानवीकरण
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ शहर को मनुष्य के रूप में बताया है जो अपनी एक टांग पर खड़ा है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार
(ङ) ‘बाण नहीं पहुँचे शरीर तक, शत्रु गिरे पहले ही भू। पर’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(iv) अतिशयोक्ति
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ बाण लगने से पहले ही शत्रु का धरती पर गिरना अतिशयोक्तिपूर्ण है अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
पंद्रह दिन बाद फिर कस्बे से गुज़रे। कस्बे में घुसने से पहले ही ख्याल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा। …………क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया।………….और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे ही खा लेंगे। लेकिन आदत से मजबूर आँखें चौराहा आते ही मूर्ति की तरफ उठ गईं। कुछ ऐसा देखा कि चीखे, रोको ! जीप स्पीड में थी, ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे। रास्ता चलते लोग देखने लगे। जीप रुकते-न-रुकते हालदार साहब जीप से कूदकर तेज़-तेज़ कदमों से मूर्ति की तरफ लपके और उसके ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा रखा हुआ था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हैं। इतनी-सी बात पर उनकी आँखें भर आईं।
(क) हालदार साहब कितने दिन बाद कस्बे से गुज़रे?
(i) दस दिन बाद
(ii) पंद्रह दिन बाद
(iii) आठ दिन बाद
(iv) ग्यारह दिन बाद
उत्तर:
(ii) पंद्रह दिन बाद।
(ख) कस्बे में घुसने से पहले हालदार साहब के मन में क्या विचार आया?
(i) सुभाष की मूर्ति तो होगी पर उसकी आँखों पर चश्मा नहीं होगा।
(ii) सुभाष की मूर्ति तो होगी और आँखों पर चश्मा भी होगा।
(iii) सुभाष की मूर्ति कस्बे के हृदयस्थली पर नहीं होगी।
(iv) कैप्टन मर गया।
उत्तर:
(i) सुभाष की मूर्ति तो होगी पर उसकी आँखों पर चश्मा नहीं होगा।
(ग) हालदार साहब ने ड्राइवर से क्या कहा?
(i) आज वहाँ रुकना है।
(ii) आज वहाँ पान नहीं खाएंगे।
(iii) आज वहाँ अटेंशन में खड़े हो जाएंगे।
(iv) पान के लिए रुकना।
उत्तर:
(ii) आज वहाँ पान नहीं खाएंगे।
(घ) हालदार साहब किसे देखकर भावुक हो गए?
(i) पानवाले को
(ii) जीप को
(iii) ड्राइवर को
(iv) सरकंडे के चश्मे को
उत्तर:
(iv) सरकंडे के चश्मे को।
(ङ) नेताजी की मूर्ति कहाँ पर लगी हुई थी?
(i) कस्बे की हृदयस्थली पर
(ii) हालदार साहब के शहर में
(iii) पानवाले के पास
(iv) चौक में
उत्तर:
(i) कस्बे की हृदयस्थली पर।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) बालगोबिन भगत का बेटा कैसा था?
(i) सुस्त और बोदा
(ii) परिश्रमी
(iii) आलसी
(iv) कामचोर
उत्तर:
(i) सुस्त और बोदा।
(ख) नवाब साहब ने कितने खीरे खरीदे थे?
(i) एक
(ii) दो
(iii) तीन
(iv) चार
उत्तर:
(ii) दो।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
बादल, गरजो! विकल विकल, उन्मन थे उन्मन विश्व के निदाघ के सकल जन, आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन। तप्त धरा, जल से फिर शीतल कर दो। बादल, गरजो!
(क) पद्यांश में किसे विकल बताया गया है?
(i) बादलों को
(ii) लोगों को
(iii) आकाश को
(iv) वर्षा को
उत्तर:
(i) लोगों को।
(ख) गर्मी से लोग कैसे हो उठे थे?
(i) अनमने
(ii) प्रसन्न
(iii) उत्साहित
(iv) सभी विकल्प सही हैं
उत्तर:
(i) अनमने।
(ग) पद्यांश में ‘निदाघ’ का क्या अर्थ है?
(i) कक
(ii) विकल
(iii) उन्मन
(iv) गर्मी
उत्तर:
(iv) गर्मी।
(घ) कवि बादलों को कैसे स्वर में गरजने के लिए कह रहा है?
(i) शीतल स्वर में
(ii) विनम्र स्वर में
(iii) शक्तिशाली स्वर में
(iv) मधुर स्वर में
उत्तर:
(iii) शक्तिशाली स्वर में।
(ङ) पद्यांश में प्रयुक्त रस है
(i) रौद्र रस
(ii) शांत रस
(iii) वीर रस
(iv) अद्भुत रस
उत्तर:
(iii) वीर रस।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए (1 × 2 =2)
(क) अपना स्वर भूलने के पश्चात् संगतकार किसे अपना बचपन याद दिलाना चाहता है ?
(i) मुख्य गायक को
(ii) स्वयं को
(iii) कवि को
(iv) श्रोताओं को
उत्तर:
(i) मुख्य गायक को।
(ख) कवि के अनुसार नूतन कविता कैसी होनी चाहिए?
(i) अच्छी लगने वाली
(ii) सुंदरता लाने वाली
(iii) नवजीवन लाने वाली
(iv) कठोर स्वर वाली
उत्तर:
(iii) नवजीवन लाने वाली।
खंड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) बालगोबिन भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?
उत्तर:
बालगोबिन भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले नहीं छोड़ना चाहती थी, क्योंकि वह जानती थी कि वे किसी के सामने कभी हाथ नहीं फैलाते। उसे चिन्ता थी कि उसके जाने के बाद कौन उनकी देखभाल करेगा, कौन उन्हें खाना देगा और कौन बीमारी में उनकी सेवा करेगा।
(ख) ‘लखनवी अंदाज’ पाठ में नवाब साहब के माध्यम से नवाबी परम्परा पर व्यंग्य है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘लखनवी अंदाज’ पाठ के द्वारा लेखक ने पतनशील सामंती वर्ग पर व्यंग्य किया है। ऐसे लोगों के लिए जीवन की वास्तविकता से दूर रहकर कृत्रिमता को अपनाना बड़े ही गर्व की बात होती है। वास्तव में यह अनुचित है। खीरे की सुगन्ध मात्र से तृप्ति होना दिखावा ही है। इससे उनका सामंती होना नहीं, बल्कि पतनशीलता की ओर अग्रसर होना झलकता है।
(ग) हालदार साहब को पानवाले की कौन-सी बात अच्छी नहीं लगी और क्यों?
उत्तर:
हालदार साहब को पानवाले के द्वारा चश्मेवाले का मजाक उड़ाना अच्छा नहीं लगा, क्योंकि चश्मेवाला सम्मान का पात्र था। उसके मन में देशभक्तों के प्रति आदर और सम्मान का भाव था और इसी कारण वह नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगा देता था। शारीरिक रूप से अक्षम होते हुए भी वह देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत था, जबकि पानवाला सक्षम होते हुए भी इससे वंचित था।
(घ) वर्तमान समाज को ‘संस्कृत’ कहा जा सकता है या ‘सभ्य’? तर्क सहित बताइए।
उत्तर:
वर्तमान समाज को सभ्य कहा जा सकता है क्योंकि हमारे समाज में जो भी उन्नति हुई या हो रही है वे संब हमारे पूर्वजों के द्वारा किए गए आविष्कार और अनुसन्धान के कारण ही संभव हुई है। प्राचीन काल में आग या सुई धागे की खोज या गुरत्वाकर्षण के नियमों का ज्ञान आदि सब आविष्कार का ही परिणाम हैं। उसी के कारण आज हम नई-नई चीजें बना पाए हैं और लगातार उन्नति की ओर अग्रसर हो रहे हैं। अतः हम ‘सभ्य’ हैं ‘संस्कृत’ नहीं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘उत्साह’ कविता में कौन विकल और उन्मन थे और क्यों?
उत्तर:
‘उत्साह’ कविता में अधिक गर्मी से धरती तप्त थी। यहाँ के लोग गर्मी से विकल और अनमने थे क्योंकि यहाँ पर वर्षा नहीं हुई थी। उनका किसी काम में मन नहीं लग रहा था। वे शीतलता चाहते थे। ताप व गर्मी के कारण तप्त प्यासे जनमानस को बादलों का ही सहारा था।
(ख) जयशंकर प्रसाद के जीवन के कौनसे अनुभव उन्हें आत्मकथा लिखने से रोक रहे हैं?
उत्तर:
जयशंकर प्रसाद का मानना है कि अपने जीवन में उन्होंने कोई भी ऐसा महान कार्य नहीं किया जिसके बारे में पढ़कर लोग उनसे प्रेरणा ले सकें। अपने जीवन में घटित छल और कपट से भरे हुए व्यवहार के बारे में वे किसी को भी बताना नहीं चाहते। उन्हें लगता है कि उनके खाली जीवन को पढ़कर लोग उनकी हंसी उड़ायेंगे। उनके जीवन के ये अनुभव ही उन्हें आत्मकथा लिखने से रोक रहे हैं
(ग) गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है?
उत्तर:
गोपियों के अनुसार श्रीकृष्ण के समीप रहकर भी प्रेम के महत्त्व को न समझना उद्धव का दुर्भाग्य है, परन्तु वे अपने यहाँ पर आए हुए अतिथि के सम्मानवश उसे कटु वचन नहीं कहती हैं और व्यंग्यपूर्वक वे उसे उलाहना देती हैं। इस प्रकार भाग्यवान कहकर वे उद्धव को अप्रत्यक्ष रूप से भाग्यहीन कह रही हैं। गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यहीन कहने में यही व्यंग्य निहित है।
(घ) कवि नागार्जुन ने छोटे बच्चे की मुस्कान को देखकर क्या कल्पना की है?
उत्तर:
कवि ने छोटे बच्चे की मुस्कान को देखकर कल्पना की है कि उसकी मुस्कान मृतक प्राणी में भी जीवन का संचालन कर देती है। उसे देखकर पाषाण हृदय वाला व्यक्ति भी कठोरता का त्याग कर जल के समान कोमल और निर्मल बन जाता है
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) जापान में अज्ञेय ने एक जले हुए पत्थर पर एक उजली छाया देखकर क्या सोचा?
उत्तर:
लेखक सच्चिदानन्दजी जापान यात्रा के समय हिरोशिमा भी गए थे। जहाँ पर विश्व युद्ध में अणु बम बरसाए गए थे। लेखक ने वहाँ के लोगों की त्रासदी को देखा। उसे अनुभव भी हुआ कि लोग रेडियम पदार्थ से किस प्रकार प्रभावित थे। पर अनुभव पर्याप्त नहीं होता, अनुभूति कहीं गहरी संवेदना होती है जो कल्पना के सहारे सत्य का भोग लेती है। तब लेखक ने अनुमान लगाया कि विस्फोट के समय कोई आदमी वहाँ खड़ा होगा और विस्फोट से बिखरे हुए रेडियमधर्मी पदार्थ की किरणें उसमें रुद्ध गयी होंगी, जिन्होंने आगे बढ़कर पत्थर को झुलसा दिया और आदमी को भाप बनाकर उड़ा दिया होगा।
(ख) गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया है?
उत्तर:
गंतोक एक ऐसा पर्वतीय प्रदेश है जिसे मेहनतकश लोगों ने अपनी मेहनत से अधिक सुन्दर और सुरम्य बना दिया है। वहाँ के निवासी बहुत ही परिश्रमी हैं। पुरुषों और महिलाओं के साथ-साथ वहाँ के बच्चे भी मेहनती हैं। विद्यालय से आकर वे भी अपनी माँ के साथ काम करते हैं इसलिए गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ कहा गया है।
(ग) बच्चों द्वारा की गई कौन-सी शरारत उन्हें महँगी पड़ी? ‘माता का अंचल’ पाठ के आधार परलिखिए।
उत्तर:
एक दिन वर्षा के बाद भोलानाथ और उसके सभी साथी खेतों में खेलने के लिए चले गए। वहाँ उन्होंने चूहों के बिलों में पानी उलीचना शुरू कर दिया। चूहों को पानी के डर से बाहर आते देखकर वे सब बड़े ही खुश हो रहे थे। अचानक एक बिल में से चूहे के स्थान पर सांप निकल आता है। उसे देखकर सभी डर जाते हैं और वहाँ से सर पर पैर रखकर भागने लगते हैं। भागते-भागते कोई काँटेदार झाड़ियों में गिर रहा था तो किसी के सर पर चोट लगी, पर वे तो बस बेतहाशा भागने में लगे हुए थे। सबने घर पहुँचकर ही चैन की साँस ली।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6)
(क) बेरोजगारी
- प्रस्तावना
- बेरोजगारी का अर्थ
- बेरोजगारी के कारण
- दूर करने के उपाय
अथवा
(ख) दैव-दैव आलसी पुकारा
- प्रस्तावना
- आलस्य के दुष्प्रभाव
- कर्म का महत्त्व
अथवा
(ग) दहेज प्रथा-समाज पर एक कलंक
- प्रस्तावना
- दहेज प्रथा का अर्थ
- वृद्धि के कारण और समाधान
उत्तर:
(क) बेरोज़गारी
बेरोज़मारी का शाब्दिक अर्थ है-रोजगार न मिलना। जब कोई व्यक्ति अपनी क्षमतानुसार कार्य न मिलने पर कम वेतन पर अपनी क्षमता से अलग कार्य करने को तैयार हो और उसे तब भी कार्य नहीं मिले तो वह बेरोजगारी कहलाती है। बेरोजगारी समाज के लिए एक बहुत बड़े अभिशाप के समान है जिसे आसानी से दूर नहीं किया जा सकता। इसके कारण समाज में अपराध प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। जीविकोपार्जन हेतु लोग अनैतिक कृत्य करने से भी पीछे नहीं हटते। इससे समाज में अशान्ति फैलती है। बेरोज़गारी का प्रमुख कारण है-जनसंख्या में वृद्धि। जिस हिसाब से जनसंख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से संसाधनों में वृद्धि नहीं हो रही है
और लोगों को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। हमारी शिक्षा प्रणाली भी इसके लिए जिम्मेदार है, क्योंकि इसमें व्यावहारिक ज्ञान की अपेक्षा सैद्धान्तिक ज्ञान पर अधिक बल दिया गया है, जिसके कारण व्यक्ति किताबी कीड़ा बनकर रह गया है। प्रशिक्षण के अभाव में व्यक्ति को उचित काम नहीं मिल पाता। इसके अतिरिक्त मशीनीकरण, आर्थिक मन्दी भी बेरोजगारी में वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। बेरोज़गारी को दूर करने के लिए सबसे पहले जनसंख्या पर नियंत्रण करना होगा और इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा। लघु उद्योगों का विकास करके भी इस समस्या से काफी हद तक निजात पा सकते हैं। युवकों को प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जायें।
अथवा
(ख) दैव-दैव आलसी पुकारा
‘दैव-दैव आलसी पुकारा’ अर्थात् आलसी व्यक्ति ही भाग्य को पुकारता रहता है और संघर्ष करना नहीं चाहता, उसकी सारी इच्छाएँ दिवास्वप्न की भाँति होती हैं, जिन्हें पाने के लिए वह बिल्कुल भी प्रयास नहीं करता। इसके विपरीत कर्मशील व्यक्ति अपना भाग्य स्वयं लिखते हैं। अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम। दास मलूका कह गए, सबके दाता राम।। सन्त मलूका ने भी आलस्य का उपहास किया है।
आलसी व्यक्ति को समाज में कहीं भी सम्मान नहीं मिलता, क्योंकि वह अपने सभी काम भाग्य के भरोसे छोड़ देता है। आलस्य अवगुणों की खान है। आलसी व्यक्ति के अन्दर ईर्ष्या, उदासीनता और निराशा घर कर जाती है और वह विद्या तथा ज्ञान से कोसों दूर हो जाता है। भाग्यवादी मनुष्य शेखचिल्ली की भाँति कल्पनाएँ करता रहता है। इस प्रकार के मनुष्य सदैव भाग्य का रोना ही रोते रहते हैं और समय को खो देते हैं। कर्मवीर लाख कठिनाइयों के वाबजूद कभी संघर्ष के मार्ग को नहीं छोड़ते हैं। उनका एकमात्र लक्ष्य जीवन-पथ पर सतत् चलते रहना है। सच्चा कर्मवीर तो फल की चिन्ता किए बिना अपने कर्त्तव्य-पथ पर सदा आगे बढ़ने का प्रयास करता रहता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में आलस्य, निराशा आदि के लिए कोई स्थान नहीं होता। नेपोलियन, महाराजा रणजीतसिंह, रानी लक्ष्मीबाई, वीर शिवाजी आदि अपने पुरुषार्थ के ही कारण विश्व-प्रसिद्ध हैं। सारांशतः पुरुषार्थ की दिशा जितनी सही होगी, पुरुष उतना ही उन्नत होगा। भाग्यवादी मनुष्य केवल कायरता का ही प्रदर्शन करता है। इस प्रकार का मनुष्य निष्क्रिय रहता हुआ पतन के गर्त में चला जाता है। आलस्य जीवित व्यक्ति की कब्र है इसलिए कर्मशील बनो।
अथवा
(ग) दहेज प्रथा-समाज पर एक कलंक
एक समय था जब दहेज प्रथा एक सात्विक प्रथा थी और इसे शुभ-शगुन के रूप में माना जाता था, परन्तु समय के बदलाव के साथ आज यही परम्परा समाज के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। आज दहेज के कारण ऐसी-ऐसी अप्रत्याशित घटनाएँ प्रतिदिन अखबार में पढ़ने को मिलती हैं, जिनसे सम्पूर्ण मानवता का सिर शर्म से झुक जाता है। दहेज का अर्थ उस वस्तु या सम्पत्ति से है जो विवाह के समय वर-पक्ष को वधू-पक्ष की ओर से स्वेच्छा से दिया जाता है, परन्तु आज इसका अर्थ नितान्त भिन्न है। आज वर-पक्ष के लोग दहेज से अपने रहन-सहन का स्तर नापते हैं। आज हमारे समाज में दहेज एक ऐसी झूठी प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गयी है जिसे बनाए रखने के लिए वधू-पक्ष वाले विवाह से पूर्व वर-पक्ष की शर्तों के शिकंजे में फंसे रहते हैं। प्रत्येक परिवार यही चाहता है कि उसकी बेटी का सम्बन्ध सम्पन्न परिवार में हो, इसलिए धीरे-धीरे दहेज की माँग बढ़ने लगी। अधिकांश वर-पक्ष वाले वधू-पक्ष की इस कमजोरी का फायदा उठाते हैं। इस प्रकार दहेज प्रथा सुरसा के समान मुँह खोले खड़ी हुई है। दहेज प्रथा को दूर करने के लिए आज के युवा वर्ग को आगे आना होगा और लोगों को जागरूक करना होगा। नारी को जागरूक कर इस समस्या से निजात पायी जा सकती है। आज ज़रूरी है कि इस कुप्रथा को हटाने के लिए युवा वर्ग आगे आए। स्त्रियों को शिक्षित किया जाए, जिससे वे अपने साथ होने वाले अत्याचारों का सामना करने में सफल हो सकें और दहेज जैसी
कुप्रथा को रोक सकें।
प्रश्न 15.
चरित्र प्रमाण-पत्र लेने हेतु प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए। (5)
अथवा
अपने क्षेत्र के विद्युत अधिकारी को अपने मोहल्ले में हो रही बिजली की परेशानी से अवगत कराते हुए प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रधानाचार्य महोदय,
क ख ग विद्यालय
शास्त्रीनगर, नई दिल्ली।
विषय-चरित्र प्रमाण-पत्र लेने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
नम्र निवेदन है कि मैंने इस वर्ष आपके विद्यालय से दसर्वी की परीक्षा उत्तीर्ण की है। मेरे पिताजी का स्थानान्तरण अजमेर शहर में हो गया है। मेरा पूरा परिवार वहीं जा रहा है। वहाँ ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश लेने के लिए मुझे चरित्र प्रमाण-पत्र की आवश्यकता है। अतः आपसे निवेदन है कि आप मुझे चरित्र प्रमाण-पत्र देने की कृपा करें। इसमें मेरी शैक्षिक उपलब्धियों के साथ-साथ खेल सह-शैक्षिक गतिविधियों का भी उल्लेख करने की कृपा करें। धन्यवाद सहित।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अ ब स
दिनांक……………
अथवा
ब 4, महेश नगर
जोधपुर।
दिनांक…………….
विद्युत अधिकारी,
आर. एस. ई. बी.
महेश नगर, जोधपुर।
विषय-बिजली की समस्या से अवगत कराने हेतु पत्र।
महोदय,
मैं आपके क्षेत्र का निवासी हूँ। इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने क्षेत्र में होने वाली बिजली की अनियमितता की ओर दिलाना चाहता हूँ। हमारे यहाँ बिजली कई-कई घण्टे गायब रहती है, इसलिए रात में अधिकतर लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। गर्मी के बढ़ने के कारण हालात और भी खराब हो रहे हैं। इसका सबसे बुरा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है और मरीजों की तकलीफ़ बढ़ रही है।
आशा है आप इस ओर उचित कदम उठायेंगे।
धन्यवाद सहित।
भवदीय,
अ ब स।
प्रश्न 16.
बिजली विभाग में इंजीनियर का पद रिक्त है। इस हेतु लगभग 80 शब्दों में एक स्ववृत्त तैयार कीजिये। (5)
अथवा
आपके विद्यालय में पर्यावरण सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री को आमंत्रित करने हेतु ई मेल लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रबंधक महोदय
बिजली विभाग,
जयपुर।
विषय-इंजीनियर पद के लिए आवेदन पत्र।
महोदय
दिनांक 3 जनवरी 20XX के नवभारत टाइम्स में प्रकाशित विज्ञापन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि आपके बिजली विभाग में इंजीनियर का पद रिक्त है। इस पद हेतु मैं अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस पद हेतु सभी योग्यताओं को मैं पूरा करता हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
अतः श्रीमान से निवेदन है कि मुझे उचित पद पर नियुक्त करने की कृपा करें।
धन्यवाद
निवेदक
सौम्य कुमार
बड़ा बाजार
कुरुक्षेत्र
5 जनवरी 20XX
मेरा स्ववृत्त आवेदन पत्र के साथ संलग्न है।
स्ववृत्त
नाम : सौम्य कुमार
पिता का नाम : ओजस्व कुमार
माता का नाम : सुगंधा कुमार
जन्मतिथि : 06 अगस्त, 1994
वर्तमान पता : 3, गांधीनगर
मोबाइल : 23X0000546
ईमेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यता
अन्य योग्यताएँ व अनुभव
- कंप्यूटर में 1 वर्ष का डिप्लोमा
- हिंदी, अंग्रेजी भाषा की जानकारी।
उपलब्धियाँ
- विद्यालय स्तर पर लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार।
- राष्ट्रीय स्तर पर निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार
कार्येत्तर गतिविधियाँ और अभिरुचियाँ :
हिंदी लेखन में विशेष रुचि।
हस्ताक्षर
सौम्य कुमार
दिनांक : X/XX/XXXX
अथवा
आपके विद्यालय में पर्यावरण सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री को आमंत्रित करने हेतु ई मेल लिखिए।
From : [email protected]
To : [email protected]
Cc: ……
Bcc : ….
विषय-मंत्री जी को आमंत्रित करने हेतु
महोदय
निवेदन है कि हमारे विद्यालय में पर्यावरण सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर विद्यालय की एक टीम सड़क के किनारे-किनारे हरे-भरे पेड़ लगा रही है। मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि आप इस सुअवसर पर पधार कर हमें कृतार्थ करें।
आशा करता हूँ कि आप उचित समय पर विद्यालय में पधार कर विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
सूर्यांश गुप्ता
प्रश्न 17.
अपने विद्यालय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए लगभग 60 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (4)
अथवा
आपकी कंपनी के मैनेजर की माताजी की मृत्यु के अवसर पर लगभग 80 शब्दों में एक शोक सन्देश लिखिए।
उत्तर: