Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 6 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 6 with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और ‘ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘क’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
हर व्यक्ति में एक समूचा ब्रह्माण्ड वैसे ही बसा है जैसे छोटे-से बीज में पूरा वृक्ष छिपा है। आदमी इस ब्रह्माण्ड की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है। इस बात से विज्ञान भी सहमत है। वैज्ञानिक कहते हैं कि विश्व के प्रत्येक जीव की क्रिया और उसका स्वभाव अलग-अलग होता है। किन्हीं भी दो में एकरूपता नहीं होती। विभिन्न प्राणियों का समावेश ही संसार है। . इसी प्रकार से करोड़ों कोशिकाओं (सेल्स) से इस शरीर का निर्माण हुआ है। प्रत्येक का स्वभाव तथा कर्म भिन्न है, फिर भी यह मानव शरीर बाहर से एक दिखाई पड़ता है। प्रत्येक कोशिका जीवित है। कुछ सुप्त अवस्था में है, तो कुछ जाग्रत में। जैसे ही कुछ कोशिकाएँ मरती हैं, उनका स्थान दूसरी कोशिकाएँ स्वतः ले लेती हैं। सभी अपने-अपने काम में सतत् लगी हुई हैं। वे कभी विश्राम नहीं करती। यदि इनमें से एक भी कोशिका काम करना बंद कर दे, तो इस शरीर का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। हालाँकि ये कोशिकाएँ कार्य में तथा व्यवहार में एक-दूसरे से भिन्न हैं, परंतु ध्यान की विधि द्वारा इनमें उसी प्रकार सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है जैसे सूर्य की किरणें चारों तरफ फैली होने के बावजूद, वे सौर बैटरी द्वारा एकत्र कर विद्युत तरंगों में बदली जा सकती हैं। जिस प्रकार आप इन्हें एक जगह एकत्र कर, केंद्रित और नियंत्रित कर बड़े-से-बड़ा काम ले सकते हैं ठीक उसी तरह से आदमी ध्यान के माध्यम से शरीर की सभी कोशिकाओं की ऊर्जा को एकत्र कर ऊर्ध्वगामी कर लेता है। यदि एक क्षण के लिए भी ऐसा कर पाया तो उतने में ही वह नई शक्ति, नए ओज से भर जाता है। जैसे-जैसे ध्यान की अवधि बढ़ने लगती है, ध्यान टिकने लगता है, वैसे-वैसे उसमें परिवर्तन होने लगता है।
(क) गद्यांश के अनुसार संसार क्या है?
(i) विभिन्न प्राणियों का समावेश
(ii) विभिन्न तारों का समावेश
(iii) विभिन्न विचारों का समावेश
(iv) गोलाकार
उत्तरः
(i) विभिन्न प्राणियों का समावेश
(ख) हर व्यक्ति में क्या बसा है?
(i) आत्मा
(ii) प्राण
(iii) ब्रह्माण्ड
(iv) यादें
उत्तरः
(iii) ब्रह्माण्ड
(ग) मनुष्य ब्रह्माण्ड को विकसित कैसे करता है?
(i) उसे फैलाकर
(ii) रचना और कर्म कर
(iii) विनाश कर
(iv) चुप बैठ कर
उत्तरः
(ii) रचना और कर्म कर
(घ) यदि एक भी कोशिका काम करना बंद कर दे तो क्या होगा?
(i) नई कोशिका बन जाएगी
(ii) पुरानी कोशिका नष्ट हो जाएगी
(iii) दूसरी कोशिका आ जाएगी
(iv) शरीर खतरे में पड़ जाएगा
उत्तरः
(iv) शरीर खतरे में पड़ जाएगा
(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त
विकल्प चुनिए-
कथन (A): कोशिकाओं में ध्यान के माध्यम से नई ऊर्जा लाई जा सकती है।
कारण (R) : ध्यान की अवधि बढ़ने पर कोशिकाएँ नई शक्ति और नए ओज से भर जाती हैं।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही हैं।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तरः
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-I पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
सच है मनुज बड़ा पापी है, नर का वध करता है,
पर मत भूलो मानव के हित, मानव ही मरता है।
लोभ, द्रोह, प्रतिशोध, बैर; नरता के विघ्न अमित हैं,
तप, बलिदान, त्याग के संबल, भी न किन्तु परिमित हैं।
प्रेरित करो, इतर प्राणी को, निज चरित्र के बल से,
भरो पुण्य की किरण प्रजा में, अपने तप निर्मल से।
मत सोचो दिन-रात पाप में, मनुज निरत होता है,
हाय ! पाप के बाद वही तो, पछताता रोता है।
यह क्रंदन, यह अश्रु मनुज की आशा बहुत बड़ी है,
बतलाता है यह, मनुष्यता अब तक नहीं भरी है।
सत्य नहीं पातक की ज्वाला में मनुष्य का जलना,
सच है बल समेटकर उसका, फिर आगे को चलना।
(क) मनुष्य मानव जाति को कैसे प्रेरित कर सकता है?
(i) अपने चरित्र को उत्तम बनाकर
(ii) दूसरे के चरित्र को उत्तम बनाकर
(iii) समाज को सिखाकर
(iv) खुद सीखकर
उत्तरः
(i) अपने चरित्र को उत्तम बनाकर
(ख) मनुष्यता अभी जीवित है- यह बताने वाला कारक है
(i) पापकर्म करके प्रसन्न होना
(ii) पापकर्म करके प्रायश्चित करना
(iii) पापकर्म करके दूसरों को उकसाना
(iv) पापकर्म करके सुखी होना
उत्तरः
(ii) पापकर्म करके प्रायश्चित करना
(ग) पुण्य की किरण किससे भरी जा सकती है?
(i) पाप और अन्याय से।
(ii) पाप और दुःख से
(iii) निर्मल तप और सदाचार से
(iv) सदाचार और पाप से
उत्तरः
(iii) निर्मल तप और सदाचार से
(घ) ‘पातक की ज्वाला’ का अर्थ है
(i) पातक में जलना
(ii) पुण्य में जलना
(iii) पश्चाताप में जलना
(iv) अग्नि
उत्तरः
(iii) पश्चाताप में जलना
(ङ) पद्यांश के अनुसार मनुष्य के लिए क्या आवश्यक है?
(I) सच के साथ आगे बढ़ाना
(II) सदाचार को अपनाना
(III) पुण्यकर्म कर
(IV) क्रंदन कर
विकल्प
(i) कथन II सही है
(ii) कथन I, II व III सही हैं
(iii) कथन I, II, व IV सही हैं
(iv) कथन I, II, III व IV सही हैं
उत्तरः
(ii) कथन I, II व III सही हैं
अथवा
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-II पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
हम मेघ हमें जीवन प्यारा, पर बरसा आग भी सकते हैं।
रस गीत न तुझको भाता हो, तो प्रलय राग भी गा सकते हैं।
हम उस दधीचि के बेटे हैं,
संभव है तुझको याद नहीं।
जिसकी हड्डी से वज्र बना,
मिलता ऐसा फौलाद कहीं ?
इस धरती पर हमने अब तक प्यासा न किसी को लौटाया।
यदि रण की तृषा लिए आए, तो बुझा उसे भी सकते हैं।
हमसे लड़ने को काल चला,
तो नभ निचोड़ गंगा लाए।
सागर गरजा तो बन अगस्त्य,
उसके ज्वारों को पी आए।
(क) पद्यांश में किसका कथन है?
(i) बादलों का
(ii) दधीचि का
(iii) भारतीयों का
(iv) गायकों का
उत्तरः
(iii) भारतीयों का
(ख) कवि किसे बुझाने की बात कर रहे हैं?
(i) घर में लगी आग को
(ii) युद्ध करने की प्यास को
(iii) गीत सुनने की तीव्र इच्छा को
(iv) अगस्त्य ऋषि की प्यास को
उत्तरः
(ii) युद्ध करने की प्यास को
(ग) दधीचि को क्यों याद किया गया है?
(i) आदर के लिए
(ii) बल पराक्रम के लिए
(iii) समझने के लिए
(iv) बलिदान के लिए
उत्तरः
(iv) बलिदान के लिए
(घ) ‘नभ निचोड़ गंगा लाए’ कथन में किस पौराणिक पात्र की ओर संकेत है?
(i) अगस्त्य
(ii) दधीचि
(iii) शंकर
(iv) भागीरथ
उत्तरः
(iii) शंकर
(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए
कथन (A): अपनी हड्डियाँ दान स्वरूप देना त्याग की सबसे बड़ी मिसाल है।
कारण (R) :दधीचि की हड्डियों से बने व्रजास्त्र से इंद्र ने दानवों को पराजित कर दिया था।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत है।
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तरः
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) कॉलम 1 कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. वह जेल गया क्योंकि उसने चोरी की। | (I) संज्ञा उपवाक्य |
2. अनुज ने देखा कि मोर नाच रहे हैं। | (II) क्रियाविशेषण उपवाक्य |
3. जैसे ही मैं स्टेशन | पहुँचा, ट्रेन जा चुकी थी | (III) विशेषण उपवाच्य |
विकल्प-
(i) 1. (III), 2. (I), 3. (II)
(ii) 1. (II), 2. (III), 3. (1)
(iii) 1. (I), 2. (II), 3. (III)
(iv) 1. (III), 2. (II), 3. (I)
उत्तरः
(i) 1. (III), 2. (I), 3. (II)
(ख) उसने चोरी की इसलिए वह जेल गया। वाक्य का सरल वाक्य में रूप होगा
(i) वह जेल गया क्योंकि उसने चोरी की।
(ii) चोरी करने के कारण वह जेल गया।
(iii) चोरी की तभी तो वह जेल गया।
(iv) चोरी की इसलिए जेल गया।
उत्तरः
(ii) चोरी करने के कारण वह जेल गया।
(ग) कष्ट उठाने वाला सुख पाएगा। वाक्य का मिश्र वाक्य में रूप होगा
(i) सुख पाने वाला ही कष्ट उठाएगा।
(ii) उसने कष्ट उठाए होंगे तभी तो वह सुख पा रहा है।
(iii) जो कष्ट उठाएगा वो सुख पाएगा।
(iv) जिसने कष्ट उठाए उसने सुख पाए।
उत्तरः
(iii) जो कष्ट उठाएगा वो सुख पाएगा।
(घ) सुषमा इसलिए स्कूल नहीं गई क्योंकि वह बीमार है। वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूप होगा
(i) बीमार होने के कारण सुषमा स्कूल नहीं गई।
(ii) सुषमा बीमार थी इसलिए स्कूल नहीं गई।
(iii) क्योंकि सुषमा बीमार थी इसलिए वह स्कूल नहीं गई।
(iv) बीमार थी सुषमा, स्कूल नहीं गई।
उत्तरः
(ii) सुषमा बीमार थी इसलिए स्कूल नहीं गई।
(ङ) जैसे ही वर्षा हुई, गर्मी से थोड़ी राहत मिली। वाक्य का सरल वाक्य में रूप होगा
(i) गर्मी से थोड़ी राहत तो मिलनी ही थी क्योंकि वर्षा हो गई।
(ii) क्योंकि वर्षा हुई इसलिए गर्मी से थोड़ी राहत तो मिली।
(iii) इसलिए गर्मी से थोड़ी राहत मिली क्योंकि वर्षा हुई थी।
(iv) वर्षा होने के कारण गर्मी से थोड़ी राहत मिली।
उत्तरः
(iv) वर्षा होने के कारण गर्मी से थोड़ी राहत मिली।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) उसके द्वारा गरीबों को दान दिया जाता है। वाक्य का कर्तृवाच्य में रूप होगा-
(i) वह गरीबों को दान करता है।
(ii) गरीबों को दान करता है वह।
(iii) उसने गरीबों को दान किया।
(iv) दान करता है गरीबों को वह।
उत्तरः
(i) वह गरीबों को दान करता है।
(ख) हिरण भाग नहीं सका। वाक्य का भाववाच्य में रूप होगा
(i) नहीं भागा जा सका हिरण से।
(ii) हिरण से भागा नहीं जा सका।
(iii) हिरण नहीं भागा।
(iv) भाग नहीं हिरण
उत्तरः
(ii) हिरण से भागा नहीं जा सका।
(ग) केवट नाव ले आया। वाक्य का कर्मवाच्य में रूप होगा
(i) नाव ले आया केवट।
(ii) ले आया केवट नाव।
(iii) केवट के द्वारा नाव लाई गई।
(iv) इनमें से कोई नही।
उत्तरः
(iii) केवट के द्वारा नाव लाई गई।
(घ) क्या वे आएँगे। वाक्य का भाववाच्य में रूप होगा
(i) क्या उनसे आया जाएगा?
(ii) क्या आया जाएगा उनसे?
(iii) क्या आएँगे वे?
(iv) आएँगे क्या वे?
उत्तरः
(i) क्या उनसे आया जाएगा?
(ङ) कॉलम 1 कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. रोहित द्वारा शानदार पारी खेली गई। | (I) कर्तृवाच्य |
2. नेताजी की मूर्ति पर चश्मा नहीं था। | (II) भाववाच्य |
3. पक्षियों से आकाश में उड़ा जा सकता है। | (III) कर्मवाच्य |
विकल्प-
(i) 1. (III), 2. (I), 3. (II)
(ii) 1. (II), 2. (III), 3. (I)
(iii) 1. (I), 2. (II), 3. (III)
(iv) 1. (III), 2. (II), 3. (I)
उत्तरः
(i) 1. (III), 2. (I), 3. (II)
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली छा जाती है। रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(ii) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(iv) समूहवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
उत्तरः
(i) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(ख) उस पौधे पर सुंदर फूल खिले थे। रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, भूतकाल।
(ii) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, भूतकाल।
(iii) द्विकर्मक क्रिया, बहुवचन, भूतकाल।
(iv) एककर्मक क्रिया, बहुवचन, भूतकाल।
उत्तरः
(ii) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, भूतकाल।
(ग) उसने जी तोड़ मेहनत की इसलिए परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) क्रियाविशेषण
(ii) संबंधबोधक अव्यय
(iii) समुच्चयबोधक अव्यय
(iv) विस्मयादिबोधक अव्यय
उत्तरः
(iii) समुच्चयबोधक अव्यय
(घ) कोई बहुत देर से दरवाज़ा खटखटा रहा है। रेखांकित पद का परिचय होगा-
(i) निश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन।
(iii) सम्बन्धवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन।
उत्तरः
(iv) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन।
(ङ) विद्यालय में आज प्रार्थना सभा है। रेखांकित पद का परिचय होगा
(i) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(ii) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(iv) समूहवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
उत्तरः
(ii) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘जो घनीभूत पीड़ा थी मस्तक में स्मृत्ति-सी छाई। दुर्दिन में आँसू बनकर आज बरसने बाई॥-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है-
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(i) श्लेष।
व्याख्यात्मक हल: यहाँ घनीभूत’ के अर्थ हैं-इकट्ठी और मेघ बनी हुई। ‘दुर्दिन’ के अर्थ हैं-बुरे दिन और मेघाच्छन्न दिन।
अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ख) ‘सखर सुकोमल मंजु, दोषरहित दूषण सहित’ – पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है-
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(i) श्लेष।
व्याख्यात्मक हल: यहाँ ‘सखर’ का अर्थ कठोर और दूसरा अर्थ दूषण के साथ है।
अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ग) ले चला साथ मैं तुझे कनक, ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण’-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है-
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(ii) उत्प्रेक्षा।
व्याख्यात्मक हल: यहाँ कनक ‘धतूरे’ में स्वर्ण के होने की कल्पना हो रही है।
अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(घ) ‘हनुमान की पूँछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गई, गए निसाचर भाग’पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(iv) अतिशयोक्ति।
व्याख्यात्मक हल: हनमान की पँछ में आगे लगने से पहले ही सारी लंका का जलना अतिशयोक्तिपूर्ण है।
अतः अतिश्योक्ति अलंकार है।
(ङ) ‘बाँधा था विधु को किसने, इन काली जंजीरों से मणिवाले फणियों का मुख, क्यों भरा हुआ हीरों से’ – पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है।
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तरः
(iv) अतिशयोक्ति।
व्याख्यात्मक हल: यहाँ मोतियों से भरी हुई प्रिया की माँग का कवि ने वर्णन किया है। विधु से मुख का, काली जंजीरों से केश का और मणिवाले फणियों से मोती भरी माँग का बोध होता है।
अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
अपने ऊहापोहों से बचने के लिए हम स्वयं किसी शरण, किसी गुफा को खोजते हैं जहाँ अपनी दुश्चिताओं, दुर्बलताओं को छोड़ सकें और वहाँ से फिर अपने लिए एक नया तिलिस्म गढ़ सकें। हिरन अपनी ही महक से परेशान पूरे जंगल में उस वरदान को खोजता है जिसकी गमक उसी में समाई है। अस्सी बरस से बिस्मिल्ला खाँ यही सोचते आए हैं कि सातों सुरों को बरतने की तमीज़ उन्हें सलीके से अभी तक क्यों नहीं आई?
(क) गद्यांश में आए ‘ऊहापोहों’ का अभिप्राय है
(i) उलझन
(ii) तर्क-वितर्क
(iii) सोच-विचार
(iv) समस्या
उत्तरः
(ii) तर्क-वितर्क
(ख) हम किसी की शरण और एकांत को क्यों खोजते
(i) परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए
(ii) अपनी इच्छा पूर्ति हेतु
(iii) सांसारिक कठिनाइयों से मुक्ति पाकर, नई राह खोजने के लिए
(iv) दुनिया से मुँह छिपाने के लिए
उत्तरः
(iii) सांसारिक कठिनाइयों से मुक्ति पाकर, नई राह खोजने के लिए
(ग) हिरन कौन-सी महक से परेशान होता है?
(i) जंगल से आ रही सुंगध से
(ii) अपनी नाभि में स्थित सुगन्धित वस्तु से
(iii) विशेष प्रकार की औषधि की गंध से।
(iv) अपने पास के फूलों की सुगंध से
उत्तरः
(ii) अपनी नाभि में स्थित सुगन्धित वस्तु से
(घ) हिरन जंगल में किस वरदान को खोजता है?
(i) जो उसके पास नहीं है
(ii) जो उसके पास है
(iii) जो उसे मिल सका है
(iv) जो उसे नहीं मिल सकता
उत्तरः
(ii) जो उसके पास है
(ङ) अस्सी बरस से बिस्मिल्ला खाँ क्या सोचते आए
(i) शहनाई की मधुर ध्वनि के बारे में
(ii) सच्चे स्वरों को शहनाई में उतारने के बारे में
(iii) सातों स्वरों के प्रयोग की तमीज के बारे में
(iv) प्रभावकारी सुरों के बारे में
उत्तरः
(iii) सातों स्वरों के प्रयोग की तमीज के बारे में
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ में किस पर व्यंग्य किया गया है ?
(i) नवाब साहब पर
(ii) लेखक पर
(iii) लखनऊ पर
(iv) खीरों पर
उत्तरः
(i) नवाब साहब पर
(ख) लेखिका मन्नू भंडारी के विषय में कौन-सा/कौन-से कथन सत्य है?
(I) वे बहुत कृपण और गुस्सैल थीं
(II) वे अशिक्षित एवं व्यक्तित्वहीन थीं
(III) वे अपनी संतानों से प्यार करती थीं
(IV) वे पति की आज्ञाकारी थीं।
विकल्प-
(i) कथन II सही है
(ii) कथन I, II व III सही हैं
(iii) कथन II, III, व IV सही हैं
(iv) कथन I, II, III व IV सही हैं
उत्तरः
(iii) कथन II, III, व IV सही हैं
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
मन की मन ही माँझ रही।।
कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।
अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।
अब इन जोग सँदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनी बिरह दही।
चाहति हुती गुहारि जितहिं तें, उत तें धार बही।
‘सूरदास अब धीर धरहिं क्यों, मरजादा न लही।
(क) किसके मन की बात मन में ही रह गई ?
(i) उद्धव के
(ii) गोपियों के
(iii) सूरदास के
(iv) श्रीकृष्ण के
उत्तरः
(ii) गोपियों के
(ख) गोपियाँ कौन-सी व्यथा सहन कर रही थी ?
(i) कृष्ण वियोग की
(ii) उद्धव के आने की
(iii) प्रेम में डूबने की
(iv) प्रेम न करने की
उत्तरः
(i) कृष्ण वियोग की
(ग) किसे सुनकर गोपियों की विरहाग्नि बढ़ गई ?
(i) भ्रमर के गुंजन को सुनकर
(ii) सूरदास के गीतों को सुनकर
(iii) कृष्ण के योग संदेश को सुनकर
(iv) सभी विकल्प सही हैं
उत्तरः
(iii) कृष्ण के योग संदेश को सुनकर
(घ) गोपियाँ किस आशा में तन-मन की व्यथा को सहन कर रही थीं ?
(i) उद्धव के संदेश को सुनने की
(ii) कृष्ण के आगमन की
(iii) दोनों सही हैं
(iv) मथुरा जाने की
उत्तरः
(ii) कृष्ण के आगमन की
(ङ) काव्यांश में गोपियाँ कृष्ण को क्या उलाहना दे रही
(i) योग संदेश भेजने का
(ii) स्वयं न आने का
(iii) प्रेम की मर्यादा का पालन न करने का
(iv) प्रेम करने का
उत्तरः
(iii) प्रेम की मर्यादा का पालन न करने का
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘हारिल की लकड़ी’ किसे कहा गया है ?
(i) कृष्ण को
(ii) गोपियों को
(iii) उद्धव को
(iv) कवि को
उत्तरः
(i) कृष्ण को
(ख) शिवधनुष तोड़ने वाले को परशुराम ने किसके समान अपना शत्रु बताया है?
(i) काल के समान
(ii) सहस्त्रबाहु के समान
(iii) शत्रु के समान
(iv) लक्ष्मण के
उत्तरः
(ii) सहस्त्रबाहु के समान
खंड ‘ब’
दर्णनाल्कक प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) कैप्टन नेताजी की मूर्ति पर चश्मा क्यों लगा देता था ?
उत्तरः
कैप्टन को सम्भवतया नेताजी की चश्मविहीन मूर्ति अच्छी नहीं लगती होगी और उसके मन में नेताजी के प्रति श्रद्धा और सम्मान के भाव होंगे और उन्हीं भावों के कारण वह नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगा देता होगा।
(ख) मन्नू भंडारी की माँ त्याग और धर्म की पराकाष्ठा थीं-फिर भी लेखिका के लिए आदर्श न बन सकी।’ क्यों ?
उत्तरः
लेखिका की माँ में कई विशेषताएँ थीं फिर भी उन्होंने अपनी माँ को अपना आदर्श नहीं माना, क्योंकि लेखिका स्वयं स्वतंत्र विचारों की थीं, वे अपने अधिकार और कर्तव्य समझती थीं। माँ पिताजी की हर ज्यादती को अपना प्राप्य समझकर सहन करती थीं। माँ की असहाय मजबूरी में लिपटा उनका त्याग और सहनशीलता के कारण उन्होंने कभी भी माँ को अपना आदर्श नहीं माना।
(ग) बालगोबिन सद्गृहस्थ थे, यह आप कैसे कह सकते हैं ?
उत्तरः
बालगोबिन सद्गृहस्थ थे, यह इस आधार पर कहा जा सकता है कि उनकी घर-गृहस्थी थी, परिवार में एक बेटा और उसकी बहु थे। भगत खेतीबारी करके अपनी और अपने परिवार की जीविका चलाते थे। वे न तो कभी किसी की बुराई सुनते थे और न ही किसी से बुराई करते थे। कबीर के आदेशों पर चलकर वे किसी से दो टूक कहने में भी पीछे नहीं रहते थे।
(घ) बालगोबिन भगत की सुबह की दिनचर्या पर प्रकाश डालिए।
उत्तरः
बालगोबिन भगत रोज सूर्य निकलने से पहले नदी पर स्नान के लिए जाते थे। नदी उनके घर से दो मील दूर थी। स्नान ध्यान के पश्चात् वे गाँव के बाहर पोखरे के ऊँचे भिंडे पर बैठकर खंजड़ी बजाते हुए ऊँचे स्वर में कबीर के पदों को गाते थे। यह उनकी सुबह की दिनचर्या का नियम था जिसका पालन करने में उन्होंने कभी भी कोई रुकावट नहीं आने दी।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) गोपियाँ योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने को कहती हैं ?
उत्तरः
गोपियाँ योग की शिक्षा उन लोगों को देने के लिए कहती हैं जिनका मन किसी एक के प्रति समर्पित नहीं है अर्थात् जिनका मन चंचल है। उनका मन तो कृष्ण के प्रति निष्ठावान है।
(ख) लक्ष्मण ने अपने कुल की क्या परम्परा बताई है ?
उत्तरः
लक्ष्मण ने अपने कुल की यह परम्परा बताई है कि हम ईश्वरभक्त, गाय, ब्राह्मण और देव पर अस्त्र नहीं उठाते। ये यदि हमें मारेंगे तो भी हम । इनके पैरों पर ही पड़ेंगे।
(ग) दंतुरित मुसकान का कवि पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तरः
बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है? बच्चे की दंतुरित मुसकान को देखकर कवि का मन अत्यंत प्रसन्न हो उठा। प्रवास पर रहने के कारण वह शिशु को पहली बार देखता है तो उसकी दंतुरित मुसकान पर मुग्ध हो जाता है। इससे कवि के मन की सारी निराशा और उदासी दूर हो जाती है।
(घ) ‘आत्मकथ्य’ कविता में कवि ने संसार की नीरसता और असारता को कैसे प्रकट किया है?
उत्तरः
कवि ने कविता में संसार की नीरसता और असारता को प्रकृति में समाई नीरसता और जीवन में व्याप्त दुःख एवं वेदना के माध्यम से प्रकट किया है। पत्तियों के झड़कर नष्ट होने में कवि को जीवन समाप्त होने के भाव नजर आते हैं। अपने जीवन में कुछ भी विशेष या सुखद न होने के कारण वे अपनी कथा नहीं कहना चाहते। जीवन के बनने और बिगड़ने के क्रम को देखकर भी जब लोग एक-दूसरे के दुःखों को न समझकर मजाक उड़ाते हैं तो कवि अपनी कथा को दबाकर
ही रखना चाहते हैं।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) जापान में अज्ञेय ने एक जले हुए पत्थर पर एक उजली छाया देखकर क्या सोचा।
उत्तरः
‘लेखक जापान यात्रा के समय हिरोशिमा भी गए थे। जहाँ पर विश्व युद्ध में अणु बम बरसाए गए थे। लेखक ने वहाँ के लोगों की त्रासदी को देखा। उसे अनुभव भी हुआ कि लोग रेडियम पदार्थ से किस प्रकार प्रभावित थे। पर अनुभव पर्याप्त नहीं होता, अनुभूति कहीं गहरी संवेदना होती है जो कल्पना के सहारे सत्य का भोग लेती है। तब लेखक ने अनुमान लगाया कि विस्फोट के समय कोई आदमी वहाँ खड़ा होगा और विस्फोट से बिखरे हुए रेडियमधर्मी पदार्थ की किरणें उसमें रुद्ध गयी होंगी, जिन्होंने आगे बढ़कर पत्थर को झुलसा दिया और आदमी को भाप बनाकर उड़ा दिया होगा।
(ख) रानी एलिज़ाबेथ के दरज़ की परेशानी का क्या कारण था ? उसकी परेशानी को आप किस तरह तर्कसंगत ठहरायेंगे ?
उत्तरः
रानी एलिज़ाबेथ के दरजी की परेशानी का कारण यह था कि रानी भारत, पाक और नेपाल का दौरा करेंगी तो उस समय रानी की वेशभूषा कैसी होगी? इस बात की दरजी को कोई जानकारी नहीं थी और न ही उसे किसी ने बताया। उसकी चिन्ता बिल्कुल सही थी। उसका सोचना था कि यदि वह अच्छे कपड़े बनायेगा तो उसका नाम होगा और रानी भी प्रसन्न होंगी।
(ग) ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर लेखक के पिता की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तरः
‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर कहा जा सकता है कि लेखक के पिता ईश्वर के परमभक्त, परम स्नेही तथा सीधे सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। वे प्रतिदिन सुबह-सवेरे उठकर शौच आदि से निपट कर स्नान करते तथा फिर पूजा करने बैठ जाते थे। वह प्रतिदिन अपनी रामनामा बही पर हजार बार राम राम लिखा करते थे तथा कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों पर राम नाम लिखकर उन्हें आटे की गोलियों में लपेट लेते थे और नदी की मछलियों को खिलाते थे। वह अक्सर लेखक की बाल क्रीड़ा में शिशुओं की भांति शामिल हो जाते थे। उनकी हंसी उन्मुक्त होती थी। वह लेखक से अधिक प्यार करते थे। यही कारण था कि वह एक एक माँ की भांति अपने बच्चे का भरण पोषण करने में संकोच नहीं करते थे।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) मधुर वचन हैं औषधि
- उक्ति का अर्थ
- मधुर बोलने का प्रभाव
- उपसंहार।
उत्तरः
मधुर वचन हैं औषधि
यह उक्ति अक्षरशः उचित है कि ‘मधुर वचन हैं औषधि, कटु वचन हैं तीर’ अर्थात् जहाँ कठोर व कड़वे वचन चोट पहुंचाते हैं, कष्ट देते हैं, वहीं मीठे वचन, मधुर वाणी मरहम या उपचार का काम करती है। हर कोई दूसरे से मीठे वचनों की ही अपेक्षा करता है। कौए का कर्कश स्वर कोई सुनना पसंद नहीं करता जबकि रंग-रूप में समान होने पर भी कोयल को केवल उसकी मधुर वाणी के कारण ही सब पसंद करते हैं। मीठा बोलकर हम किसी का भी दिल जीत सकते हैं, शत्रु को भी मित्र बना सकते हैं, जबकि कठोर वचन अपनों को भी पराया कर देते हैं। छोटे बच्चों को जो बात प्यार से समझाई जा सकती है, वह डाँट व मार से कभी नहीं समझाई जा सकती। बड़े लोगों का, कठोर-से-कठोर स्वभाव वालों का दिल भी मीठे वचन सुनकर पिघल जाता है। अतः यदि हम सुखी व शांत जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, यदि हम सबसे अच्छे व्यवहार की अपेक्षा करते हैं, तो सबसे पहले हमें अपने स्वभाव में नम्रता, बोली में मिठास लानी होगी। संत कबीर ने मीठी वाणी का समर्थन करते हुए कहा हैऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोए। औरन को शीतल करै, आपहुँ शीतल होए।
अथवा
(ख) मेरी प्रथम हवाई यात्रा
- हवाई यात्रा के लाभ
- अपना अनुभव
- रोमांचक यात्रा
उत्तरः
मेरी प्रथम हवाई यात्रा
बचपन में जब मैं पक्षियों को आकाश में उड़ते हुए देखती थी तो सोचती थी कि काश, भगवान ने हमें भी पंख दिए होते, हम भी खुले आकाश में विचरण करने का आनन्द ले पाते। पंख न सही, किन्तु राइट ब्रदर्स ने हमें ऐसा आविष्कार करके दिया जिसकी सहायता से हम आकाश में उड़ने का सपना पूरा कर पाए। सचमुच हवाई जहाज़ की यात्रा बहुत ही रोमांचक होती है। दो दिन का सफर दो घंटे में तय हो जाता है। जब मैं पहली बार हवाई जहाज़ से ‘औरंगाबाद’ की यात्रा कर रही थी तो अत्यधिक रोमांचित थी। जहाज़ में कदम रखते ही ऐसा लगा कि मैं किसी दूसरी दुनिया में प्रवेश कर रही हूँ और जब कुछ निर्देशों के बाद उसने उड़ान भरी तो पहले तो मेरा दिल ही बैठ गया, खिड़की से बाहर झाँका, पृथ्वी दूर होती जा रही थी, हरियाली, सड़कें, नदियाँ आदि देखते-ही-देखते अदृश्य हो गया। केवल रुई जैसे बादल ही दूर तक दिखाई दे रहे थे। मुझे परियों की कहानी याद आ गई। लगा मैं परियों के देश में हूँ जहाँ बादलों के घर, बादलों की अलग-अलग आकृतियाँ नज़र आ रही थीं। खाते-पीते कब तीन घण्टे बीत गए और औरंगाबाद आ गया, पता ही नहीं चला।
अथवा
(ग) इण्टरनेट का जीवन पर प्रभाव
- इण्टरनेट का परिचय
- लाभ
- हानियाँ
- सदुपयोग के उपाय।
उत्तरः
इण्टरनेट का जीवन पर प्रभाव
तकनीक और विज्ञान ने मानव को अनेकानेक सुविधायें प्रदान की हैं, उनमें से एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है-‘इण्टरनेट’। कम्प्यूटर के आविष्कार ने पहले ही लोगों को चमत्कृत कर दिया था, उसके बाद आया इण्टरनेट, जिसने मानो असम्भव को सम्भव करके दिखा दिया। दुनिया छोटी हो गई, दूरियाँ समाप्त हो गई हैं। उच्चतर शोध कार्यों से लेकर हमारे प्रतिदिन के कार्यों में संचार के इस साधन ने क्रान्तिकारी परिवर्तन पैदा कर दिए हैं। दुनिया भर की खबरें, अनगिनत सवालों के जवाब, बीमारियों के इलाज, परेशानियों के हल, जो चाहो पल भर में इण्टरनेट के माध्यम से हमारे सामने हाज़िर हो जाता है। यहाँ तक कि क्रय-विक्रय भी घर बैठे-बैठे सम्भव हो गया है। दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे लोग इण्टरनेट के ज़रिए एक साथ, आमने-सामने बातचीत, चर्चा या वाद-विवाद कर सकते हैं। इतने सारे फायदों के साथ इसके नुकसान भी हैं, क्योंकि इसका प्रयोग तो मानव बुद्धि ही करती है, जो नकारात्मक सोच भी रखती है। इण्टरनेट के कारण अश्लीलता का जाल फैलता जा रहा है, तो दूसरी ओर आतंकवादी गतिविधियों को भी इससे मदद मिल रही है। अतः इण्टरनेट की सम्भावनायें तो असीम नज़र आ रही हैं, किन्तु मानव बुद्धि को इसका सकारात्मक प्रयोग करते हुए कल्याणकारी सिद्ध होने देना चाहिए। निश्चित ही इण्टरनेट अपने अन्दर विविध क्षेत्रों का ज्ञान समेटे हुए है। यह सबके लिए ही आज जीवन की प्राथमिक आवश्यकता बन गया है। यह हमारे
लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
प्रश्न 15.
‘नवोदय’ समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखकर अपनी ज्वलंत विषय पर लिखी कविता छापने का आग्रह कीजिए।
अथवा
अपने प्रिय मित्र को अपनी बड़ी बहिन के विवाह के अवसर पर आमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तरः
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक : ………………
सम्पादक महोदय,
नवोदय समाचार-पत्र,
नई दिल्ली-110048
विषय-ज्वलंत विषय पर आधारित कविता के प्रकाशन हेतु।
आदरणीय महोदय,
मैं दिल्ली के एक प्रतिष्ठित विद्यालय की छात्रा हूँ। लेखन में मेरी बेहद रुचि है, विशेष रूप से ज्वलंत विषयों पर मैं लेख व कविताएँ लिखती रहती हूँ।
महोदय, जैसा कि आप जानते हैं कि आतंकवाद ने हमारे ही नहीं, विश्व के विभिन्न देशों को अपना शिकार बनाया हुआ है। इसके भयंकर दुष्परिणामों को हम लम्बे समय से झेल रहे हैं। आप समय-समय पर इस विषय में समाचार व विभिन्न लेख भी प्रकाशित करते रहते हैं। मैंने इस गम्भीर समस्या को लेकर अत्यधिक मार्मिक कविता की रचना की है। मैं चाहती हूँ कि आप इस रचना को अपने समाचार-पत्र में स्थान दें ताकि यह अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचे और उन्हें जागरूक करने का काम करे। इस पत्र के साथ मैं अपनी कविता आपको भेज रही हूँ।
आशा है, आप मेरी इस रचना को अपने पत्र में अवश्य स्थान देंगे।
धन्यवाद।
भवदीया,
क ख ग
अथवा
65ए हिन्द कॉलोनी,
अजमेर।
दिनांक……………..
प्रिय मित्र,
सादर नमस्ते।
मैं यहाँ ठीक हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ ठीक होंगे। मित्र, तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मेरी बड़ी बहिन का विवाह अगले माह की 30 दिनांक को दिल्ली निवासी रोहन जी के साथ होना निश्चित हुआ है। इस शुभ अवसर पर मैं तुम्हें सपरिवार आमन्त्रित कर रहा हूँ और आशा करता हूँ कि तुम हफ्ते भर पहले आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाओगे। आशा है मेरी बात पर गौर करके तुम शीघ्र ही आने का प्रयास करोगे। चाचाजी और चाचीजी को मेरा सादर चरण स्पर्श और प्रिय टून्नू को प्यार।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
क ख ग।
प्रश्न 16.
पारवानी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, बापू नगर, जयपुर में सेल्स एग्जीक्यूटिव की आवश्यकता है। इसके लिए स्ववृत्त बनाइए।
अथवा
नई चेकबुक प्राप्त करने के लिए इंडियन बैंक के महाप्रबंधक को ई-मेल लिखिए
उत्तरः
सेवा में,
महाप्रबंधक महोदय,
पारवानी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड,
बापू नगर, जयपुर
विषय-मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव पद के लिए आवेदन-पत्र
महोदय,
दिनांक 14 जून, 2022 के दैनिक भास्कर में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आपकी कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव की आवश्यकता है। इस पद के लिए मैं अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा स्ववृत्त इस आवेदन-पत्र के साथ संलग्न है। आपके विज्ञापन में वर्णित सभी योग्यताओं को मैं पूरा करता हूँ। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करूँगा। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
नाम: धैर्य शर्मा
पिता का नाम: पुलकित शर्मा
माता का नाम: अंजलि शर्मा
जन्म तिथि: 20 जून, 1991
वर्तमान पता: 13, पत्रकार कॉलोनी, मानसरोवर
मोबाइल: 24XXX51234
ईमेल: [email protected]
शैक्षणिक योग्यता
अन्य योग्यताएँ व अनुभव
- साइबर सुरक्षा में द्विवर्षीय डिप्लोमा।
- हिंदी, अंग्रेजी और जर्मन भाषा की जानकारी
- बालोतरा कागज कंपनी में सेल्स हेड के रूप में कार्य करने का तीन वर्ष का अनुभव।
उपलब्धियाँ-
- राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार
- विद्यालयी स्तर निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार
कार्येत्तर गतिविधियाँ और अभिरुचियाँ
- इन्टरनेट सर्किंग
- आर्थिक गतिविधि से जुड़ी पत्रिकाएँ पढ़ना
आपसे अनुरोध है कि उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मेरे आवेदन-पत्र पर सकारात्मक विचार किया जाए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं ईमानदारी से कार्य करूँगा और अपने कार्य व्यवहार से सभी को संतुष्ट रखूगा।
धन्यवाद
भवदीय
हस्ताक्षर
धैर्य शर्मा
दिनांक-X/XX/XXXX
अथवा
From: [email protected]
To : [email protected]
Cc : …………
Bcc : ………..
विषय-नई चेक बुक प्राप्त करने हेतु
महोदय
आपके बैंक में मेरा बचत खाता है जिसका नंबर 245456784747 है। मेरी चेक बुक भर गई थी इसलिए मैंने नई चेक बुक के लिए आवेदन किया था। आवेदन भेजे हुए मुझे लगभग दो सप्ताह हो गए हैं, पर मुझे अभी तक नई चेक बुक प्राप्त नहीं हुई है।
आपसे निवेदन है कि नई चेक बुक मुझे शीघ्रातिशीघ्र भेजने की कृपा करें।
धन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग
प्रश्न 17.
बच्चों के ग्रीष्म अवकाश में आप बच्चों के लिए योग अभ्यास की कक्षाएं शुरू करने जा रही हैं। इसके लिए लगभग 60 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
रक्षाबंधन के अवसर पर अपने छोटे भाई के लिए संदेश 80 शब्दों में लिखिए।
उत्तरः
ग्रीष्म अवकाश है आया,
बच्चों के चेहरों पर खुशियाँ लाया।
इस खुशी को आप हमेशा बनाकर रखना चाहते हैं?
आप चाहते हैं आपका बच्चा स्वथ व चुस्त रहे?
आप अपने बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाना चाहते हैं?
क्या आप अपने बच्चों का उत्तम शारीरिक व मानसिक विकास चाहते हैं?
तो जल्दी कीजिए, ग्रीष्मावकाश में बच्चों को योग का अभ्यास कराइए।
B-1, जनकपुरी, दूरभाष-9100148165
अथवा
साथ पले और साथ बढ़े हैं, खूब मिला बचपन में प्यार।
भाई-बहन का प्यार बढ़ाने, आया राखी का त्योहार ॥
रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ