CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions

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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions

निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80

सामान्य निर्देश :

  • इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और ‘ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
  • प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
  • खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

खंड ‘क’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी सिद्धि अपने अहं के सम्पूर्ण त्याग में है। जहाँ वह शुद्ध समर्पण के उदात्त भाव से प्रेरित होकर अपने ‘स्व’ का त्याग करने को प्रस्तुत होता है वहीं उसके व्यक्तित्व की महानता परिलक्षित होती है। साहित्यानुरागी जब उच्च साहित्य का रसास्वादन करते समय स्वयं की सत्ता को भुलाकर पात्रों के मनोभावों के साथ एकत्व स्थापित कर लेता है तभी उसे साहित्यानन्द की दुर्लभ मुक्तामणि प्राप्त होती है। भक्त जब अपने आराध्य देव के चरणों में अपने ‘आप’ को अर्पित कर देता है और पूर्णतः प्रभु की इच्छा में अपनी इच्छा को लय कर देता है तभी उसे प्रभु-भक्ति की अलभ्य पूँजी मिलती है। यह विचित्र विरोधाभास है कि कुछ और प्राप्त करने के लिए स्वयं को भूल जाना ही एकमात्र सरल और सुनिश्चित उपाय है। यह अत्यन्त सरल दिखने वाला उपाय अत्यन्त कठिन भी है। भौतिक जगत में अपनी क्षुद्रता को समझते हुए भी मानव-हृदय अपने अस्तित्व के झूठे अहंकार में डूबा रहता है उसका त्याग कर पाना उसकी सबसे कठिन परीक्षा है। किन्तु यही उसके व्यक्तित्व की चरम उपलब्धि भी है। दूसरे का निःस्वार्थ प्रेम प्राप्त करने के लिए अपनी इच्छा-आकांक्षाओं और लाभ-हानि को भूलकर उसके प्रति सर्वस्व समर्पण ही एकमात्र माध्यम है। इस प्राप्ति का अनिर्वचनीय सुख वही चख सकता है जिसने स्वयं को देना-लुटाना जाना हो। इस सर्वस्व समर्पण से उपजी नैतिक और चारित्रिक दृढ़ता, अपूर्व समृद्धि और परमानन्द का सुख वह अनुरागी चित्त ही समझ सकता है जो-‘ज्यों-ज्यों बड़े श्याम रंग, त्यों-त्यों उज्ज्वल होय।’
(क) मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी सिद्धि किसमें है?
(i) अपने अहं के सम्पूर्ण त्याग में
(ii) अपनी संतुष्टि में
(iii) अपने अहं को अपनाने में
(iv) समृद्धि में
उत्तर:
(i) अपने अहं के सम्पूर्ण त्याग में।

(ख) व्यक्ति के व्यक्तित्व की महानता कब परिलक्षित होती
(i) जब वह महान बनता है।
(ii) जब वह अपने ‘स्व’ का त्याग करता है।
(iii) जब वह दूसरे के ‘स्व’ का त्याग करता है।
(iv) जब वह संतुष्टि को त्याग देता है।
उत्तर:
(ii) जब वह अपने ‘स्व’ का त्याग करता है।

(ग) भक्त जब अपने आराध्य देव के चरणों में स्वयं को अर्पित कर देता है तो उसे क्या प्राप्त होता है?
(i) सर्वस्व की प्राप्ति
(ii) अपनों की प्राप्ति
(iii) प्रभु भक्ति की अलभ्य पूँजी
(iv) लाभ
उत्तर:
(iii) प्रभु भक्ति की अलभ्य पूँजी।

(घ) दूसरे का नि:स्वार्थ प्रेम प्राप्त करने के लिए क्या करना होता है?
(i) उससे प्रेम करना
(ii) उससे नज़रें चुराना
(iii) उसके साथ रहना
(iv) उसके प्रति सर्वस्व समर्पण।
उत्तर:
(iv) उसके प्रति सर्वस्व समर्पण।

(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए ?
कथन (A) : स्व का त्याग ही व्यक्ति की महानता को परिलक्षित करता है ।
कारण (R) : कुछ प्राप्त करने के लिए स्वयं को भूलना उचित नहीं है।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है
उत्तर:
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5=5)
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-I पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं। कभी जाति-सम्प्रदाय, कभी मज़हब, कभी धर्म तो कभी आरक्षण, कुछ भी मुद्दा मिल जाए, हमें तो बस लड़ना है। शांति हमें नहीं भाती, देश की तरक्की रास नहीं आती, इसलिए लड़ना है। हम देश के युवा हैं, देश हमें कितने अधिकार दिलाता है हमारे ही कारण यह देश युवा व शक्तिशाली कहलाता है हमारे विकास के लिए सोचता व कितनी योजनाएं बनाता पर हमें तो एक-एक ईंट जोड़कर खड़ी की गई, विकास की इमारतों को, बस पल भर में ध्वस्त करना बखूबी आता है। हम उस देश के युवा हैं, जहाँ करुणा, दया शांति के विचार हुए हैं, जहाँ से नानक, बुद्ध, विवेकानन्द ने मानवता के प्रचार किए हैं। हम कब तक देशभक्ति का गान किन्तु देश का अपमान करते जायेंगे। युवा से ही देश का आत्म-सम्मान व विश्वास होता है युवा ही देश का भविष्य व पहचान होता है ये हम कब और कैसे समझ पायेंगे?
(क) पद्यांश में युवाओं पर क्या कटाक्ष किया गया है?
(i) युवाओं को बस लड़ाई-झगड़े की भाषा ही समझ आती है।
(ii) युवा देश के भावी कर्णधार हैं।
(iii) देश का भविष्य युवाओं पर निर्भर है।
(iv) युवा लक्ष्य के प्रति सचेत है।
उत्तर:
(i) युवाओं को बस लड़ाई-झगड़े की भाषा ही समझ आती है।

(ख) पद्यांश के माध्यम से युवाओं को क्या संदेश दिया गया है?
(i) लड़ाई-झगड़ा करने का
(ii) मारकाट करने का
(iii) सन्मार्ग पर चलने का
(iv) असत्य बोलने का
उत्तर:
(ii) सन्मार्ग पर चलने का।

(ग) विश्व को भारत ने किसका पाठ सिखाया है?
(i) शिक्षा का
(ii) हिंसा और करुणा का
(iii) झगड़े और न्याय का
(iv) दया, करुणा और शांति का
उत्तर:
(iv) दया, करुणा और शांति का।

(घ) देश का भविष्य और पहचान किससे है?
(i) वृद्धों से
(ii) युवाओं से
(iii) स्त्रियों से
(iv) पुरुषों से
उत्तर:
(iii) स्त्रियों से

(ङ) पद्यांश में युवा शक्ति की क्या पहचान बताई गई
(I) युवा शक्ति से ही देश शक्तिशाली बनता है
(II) युवा से ही देश का आत्मसम्मान व विश्वास होता है
(III) युवा ही देश का भविष्य व पहचान होता है
(IV) युवा देश को नहीं समझ सकता
विकल्प:
(i) कथन
(ii) सही है
(ii) कथन (i), (ii) व (iii) सही हैं
(iii) कथन (i), (ii) व (iv) सही हैं
(iv) कथन (i), (ii), (iii) व (iv) सही हैं
उत्तर:
(ii) कथन (i), (ii) व (iii) सही हैं

अथवा

यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश-II पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
माँ, ये लहरें भी गाती हैं
कल-कल, छल-छल के मधुर स्वर में
अपना गीत सुनाती हैं।
मैं कब से बुला रही इनको
पर मेरे पास नहीं आती हैं।
कुछ खेल खेलती इसलिए
तट तक आकर फिर भाग जाती
मैं चलूँ, साथ खेलूँ इनके
देखो ये मुझे बुलाती हैं।
माँ, ये लहरें भी गाती हैं।
(क) लहरें क्या और किस प्रकार सुनाती हैं?
(i) कल-कल मधुर गीत
(ii) कटुवचन
(iii) मधुभाषा
(iv) कर्कश ध्वनि
उत्तर:
(i) कल-कल मधुर गीत।

(ख) कौन, किसे बुला रहा है?
(i) माँ बच्चे को
(ii) कवि लहरों को
(iii) गीत हमें
(iv) कवि बच्चे को
उत्तर:
(ii) कवि लहरों को।

(ग) ‘तट’ शब्द का पर्यायवाची लिखिए
(i) किनारा
(ii) अंबर
(iii) नदी
(iv) माँ
उत्तर:
(i) किनारा

(घ) ‘मधुर’ शब्द का विलोम लिखिए।
(i) कटु
(ii) कड़वा
(iii) मधु
(iv) खट्टा
उत्तर:
(i) कटु

(ङ) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए
कथन (A) – छोटी बच्ची लहरों के साथ खेलना चाहती है।
कारण (R) – कल-कल करती लहरें छोटी बच्ची को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
(i) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है
उत्तर:
(iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) छात्र परिश्रम करके जीवन में सफल होते हैं-वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूप होगा
(i) छात्र परिश्रम करते हैं और जीवन में सफल होते हैं।
(ii) जो छात्र परिश्रम करते हैं वही जीवन में सफल होते हैं।
(iii) जो जीवन में सफल होते हैं वही परिश्रम करते हैं।
(iv) परिश्रम करने वाले छात्र ही जीवन में सफल होते हैं।
उत्तर:
(i) छात्र परिश्रम करते हैं और जीवन में सफल होते हैं। व्याख्यात्मक हल-संयुक्त वाक्य में दो सरल वाक्य होते हैं जो अपनेआप में पूर्ण अर्थ को व्यक्त करते हैं।

(ख) पीली कमीज़ वाले छात्र को यह पुस्तक दे दो-वाक्य का मिश्र वाक्य में रूप होगा
(i) जिस छात्र ने पीली कमीज़ पहनी है उसे यह पुस्तक दे दो।
(ii) पीली कमीज़ जिस छात्र ने पहनी है उसे यह पुस्तक दे दो।
(iii) उस छात्र को यह पुस्तक दे दो जिसने पीली कमीज़ पहनी है।
(iv) यह पुस्तक दो उसे पीली कमीज पहनी है जिसने
उत्तर:
(i) जिस छात्र ने पीली कमीज़ पहनी है उसे यह पुस्तक दे दो।

व्याख्यात्मक हल:
मिश्र वाक्य में एक वाक्य दूसरे पर आश्रित होता है प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य समुच्चयबोधक अव्यय द्वारा जुड़े हुए होते हैं।

(ग) रवि ने खाना खाया और चला गया-वाक्य का सरल वाक्य में रूप होगा
(i) रवि को घर जाना था इसलिए खाना खा लिया।
(ii) घर जाने के लिए रवि ने खाना खाया।
(iii) रवि खाना खाकर चला गया।
(iv) खाना खाकर रवि चला गया।
उत्तर:
(iii) रवि खाना खाकर चला गया।

व्याख्यात्मक हल:
सरल वाक्य में एक उद्देश्य और एक क्रिया होते हैं। अतः यही सही उत्तर है।

(घ) जब उसने बस्ता उठाया , वह स्कूल चला गया-रेखांकित उपवाक्य का भेद होगा
(i) संज्ञा उपवाक्य
(ii) विशेषण उपवाक्य
(iii) क्रियाविशेषण उपवाक्य
(iv) आश्रित उपवाक्य
उत्तर:
(ii) विशेषण उपवाक्य।

(ङ) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए

कॉलम (1)  कॉलम (2)
1. यह तुम्हें भ्रम है कि वह अमीर है। (I) क्रियाविशेषण उपवाक्य
2. जब तुम जाओगे तभी मैं जाऊँगा। (II) विशेषण उपवाक्य
3. मैं उन सभी को जानता हूँ, जिन्हें शक के दायरे में रखा गया (III) संज्ञा उपवाक्य

विकल्प:
(i) 1 (III), 2 (I), 3 (II)
(ii) 1 (II), 2 (III), 3 (I)
(iii) 1 (1), 2 (II), 3 (III)
(iv) 1 (III), 2 (II), 3 (I)
उत्तर:
(i) 1 (III), 2 (1), 3 (II)

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) वह चुपचाप नहीं रह सकता-वाक्य का भाववाच्य में रूप होगा
(i) उससे चुप नहीं रहा जा सकता।
(ii) वह चुप नहीं रहता।।
(iii) चुप नहीं रह सकता वह।
(iv) चुप नहीं रहा जा सकता उससे।
उत्तर:
(i) उससे चुप नहीं रहा जा सकता।

(ख) तुम्हारे द्वारा देश के विकास के लिए क्या किया जा रहा है- वाक्य का कर्तृवाच्य में रूप होगा
(i) क्या किया जा रहा है तुम्हारे द्वारा देश के विकास के लिए।
(ii) देश के विकास के लिए तुम्हारे द्वारा क्या किया जा रहा है?
(iii) तुम देश के विकास के लिए क्या कर रहे हो?
(iv) देश के लिए विकास के लिए तुमसे क्या किया जा रहा है?
उत्तर:
(iii) तुम देश के विकास के लिए क्या कर रहे हो?

(ग) छात्रों ने देशप्रेम का एक मार्मिक गीत सुनाया-वाक्य का कर्मवाच्य में रूप होगा
(i) छात्रों ने एक मार्मिक गीत सुनाया देशप्रेम का।
(ii) छात्रों के द्वारा देशप्रेम का एक मार्मिक गीत सुनाया गया।
(iii) छात्रों ने गीत सुनाया एक मार्मिक देशप्रेम का।
(iv) मार्मिक गीत गाया छात्रों ने।
उत्तर:
(ii) छात्रों के द्वारा देशप्रेम का एक मार्मिक गीत सुनाया गया।

(घ) उसकी कलम मेज़ से चुरा ली गई है वाच्य का भेद बताइए।
(i) कर्तृवाच्य
(ii) कर्मवाच्य
(iii) भाववाच्य
(iv) वाच्य
उत्तर:
(ii) कर्मवाच्य।

(ङ) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ समेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए

कॉलम (1) कॉलम (2)
1. हमारे द्वारा इतने कष्ट सहन नहीं किए जाएंगे। (I) कर्तृवाच्य
2. मजदूर पत्थर नहीं तोड़ पा रहे हैं। (II) भाववाच्य
3. चोट के कारण उससे बैठा नहीं जाता। (III) कर्मवाच्य

विकल्प :
(i) 1 (III), 2 (I), 3 (II)
(ii) 1 (II), 2 (III), 3 (1)
(iii) 1 (1), 2 (II), 3 (III)
(iv) 1 (III), 2 (II), 3 (1)
उत्तर:
(i) 1 (III), 2 (1), 3 (II)

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1×4 = 4)
(क) सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा
(i) जातिवाचक संज्ञा , बहुवचन , स्त्रीलिंग , सम्बन्ध कारक।
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा , बहुवचन , स्त्रीलिंग , सम्बन्ध कारक।
(iii) भाववाचक संज्ञा , बहुवचन , स्त्रीलिंग , सम्बन्ध कारक।
(iv) समूहवाचक संज्ञा , बहुवचन , स्त्रीलिंग , सम्बन्ध कारक।
उत्तर:
(i) जातिवाचक संज्ञा , बहुवचन , स्त्रीलिंग , सम्बन्ध कारक।

(ख) वह व्यक्ति कठोर परिश्रम कर रहा है। वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा
(i) सम्बन्धवाचक विशेषण , एकवचन , पुल्लिग , विशेष्य-‘परिश्रम’।
(ii) गुणवाचक विशेषण , एकवचन , पुल्लिग , विशेष्य-‘परिश्रम’।
(iii) निजवाचक विशेषण , एकवचन , पुल्लिग, विशेष्य-‘परिश्रम’।
(iv) प्रश्नवाचक विशेषण , एकवचन , पुल्लिग, विशेष्य-‘परिश्रम’।
उत्तर:
(ii) गुणवाचक विशेषण , एकवचन , पुल्लिग, विशेष्य-‘परिश्रम’।

(ग) आप चुप रहिए। वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा
(i) प्रथम पुरुषवाचक सर्वनाम , एकवचन , पुल्लिग , कर्ता कारक।
(ii) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम , एकवचन , पुल्लिग , कर्ता कारक।
(iii) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम , एकवचन , पुल्लिग , कर्ता कारक।
(iv) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम , एकवचन , पुल्लिग , कर्ता कारक।
उत्तर:
(ii) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम , एकवचन , पुल्लिंग , कर्ता कारक।

(घ) पाप से घृणा करो , पापी से नहीं। वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा
(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा , एकवचन , पुल्लिग अपादान कारक।
(ii) समूहवाचक संज्ञा , एकवचन , पुल्लिग अपादान कारक।
(iii) द्रव्यवाचक संज्ञा , एकवचन , पुल्लिग अपादान कारक।
(iv) भाववाचक संज्ञा , एकवचन , पुल्लिग अपादान कारक।
उत्तर:
(iv) भाववाचक संज्ञा , एकवचन , पुल्लिग अपादान कारक।

(ङ) राम और श्याम दौड़ रहे हैं। वाक्य में रेखांकित पद का उचित पद परिचय होगा
(i) अकर्मक क्रिया , वर्तमान काल , पुल्लिग , बहुवचन।
(ii) सकर्मक क्रिया , वर्तमान काल , पुल्लिंग , बहुवचन।
(iii) द्विकर्मक क्रिया , वर्तमान काल , पुल्लिंग , बहुवचन।
(iv) प्रेरणार्थक क्रिया , वर्तमान काल , पुल्लिग, बहुवचन।
उत्तर:
(i) अकर्मक क्रिया , वर्तमान काल , पुल्लिंग , बहुवचन।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘चिरजीवो जोरी जुरे, क्यों न सनेह गंभीर । को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर ॥ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(i) श्लेष

व्याख्यात्मक हल:
यहाँ ‘वृषभानुजा’ के दो अर्थ है- पहला वृषभानु की पुत्री राधा और दूसरा वृषभ की अनुजा गाय। इसी प्रकार हलधर के अर्थ हैं-बलराम और हल को धारण करने वाला।

(ख) खुले बाल, खिले बाल चन्दन को टीको लाल’ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(i) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(i) श्लेष

व्याख्यात्मक हल:
यहाँ बाल शब्द के दो अर्थ हैं । केश और बालक। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।

(ग) ‘मानो कठिन आँगन चली, ताते राते पाएँ। पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ii) उत्प्रेक्षा

व्याख्यात्मक हल:
यहाँ पर स्त्री के पैर लाल हो गए हैं, कवि संभावना जता रहे हैं कि वह कठोर आँगन में पैदल चली है। इसी कारण उसकी ये दशा हुई है परंतु यह सिर्फ संभावना है और स्पष्ट कारण नहीं मिल रहा अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

(घ) धनुष उठाया ज्यों ही उसने, और चढ़ाया उस पर बाण। धरा सिन्धु नभ काँपे सहसा, विकल हुए जीवों के प्राण’॥ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(iv) अतिशयोक्ति

व्याख्यात्मक हल:
जैसे ही अर्जुन ने धनुष उठाया और उस पर बाण चढ़ाया तभी धरती, आसमान एवं नदियाँ कांपने लगी और सभी जीवों के प्राण निकलने को हो गए। यह बात बिलकुल असंभव है, क्योंकि बिना बाण चलाये ऐसा हो ही नहीं सकता है अत: यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

(ङ) ‘लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा धुंघरू पर ताल बजाते हैं’ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(iii) मानवीकरण

व्याख्यात्मक हल:
यहाँ चने पर होली गाने, सज-धजकर इतराने और ताल बजाने में मानवीय क्रियाओं का आरोप है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
जीप क़स्बा छोड़कर आगे बढ़ गई तब हालदार साहब इस मूर्ति के बारे में ही सोचते रहे और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर कस्बे के नागरिकों का यह प्रयास सराहनीय ही कहा जाना चाहिए। महत्व मूर्ति के रंग-रूप का या कद का नहीं, उस भावना का है। वर्ना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज़ होती जा रही है। दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुज़रे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। ध्यान से देखा तो पाया कि चश्मा दूसरा है।
(क) आगे बढ़ने पर हालदार साहब किस बारे में सोच रहे थे?
(i) मूर्ति के बारे में
(ii) कस्बे के बारे में
(iii) देशभक्ति के बारे में
(iv) पानवाले के बारे में
उत्तर:
(i) मूर्ति के बारे में।

(ख) हालदार साहब को कौन-सा प्रयास सराहनीय लगा?
(i) मूर्ति के बारे में सोचना
(ii) चौराहे पर मूर्ति का लगना
(iii) पानवाले का पान खिलाना
(iv) चश्मा बदलना
उत्तर:
(i) चौराहे पर मूर्ति का लगना।

(ग) कस्बे या चौराहे पर मूर्ति लगाने का क्या उद्देश्य हो सकता है?
(i) उनके आदर्शों को स्मरण करना।
(ii) देशभक्ति की भावना को जाग्रत करना।
(iii) दोनों विकल्प सही हैं।
(iv) अपना यश कमाना
उत्तर:
(ii) दोनों विकल्प सही हैं।

(घ) हालदार साहब के अनुसार देशभक्ति आजकल क्या होती जा रही है?
(i) प्रेम की भावना
(ii) लगाव की भावना
(iii) मजाक की भावना
(iv) पूजा की भावना
उत्तर:
(iii) मजाक की भावना।

(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है
(i) बालगोबिन भगत
(ii) लखनवी अंदाज़
(iii) नेताजी का चश्मा
(iv) संगतकार
उत्तर:
(iii) नेताजी का चश्मा।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) नेताजी का ओरिजिनल चश्मा कहाँ था?
(i) उनकी नाक पर
(ii) उनके कान पर
(iii) मूर्तिकार के पास
(iv) बना नहीं था
उत्तर:
(iv) बना नहीं था।

(ख) श्राद्ध की अवधि पूर्ण होने पर भगत ने क्या किया?
(i) क्रियाकर्म का कार्य पूर्ण किया
(ii) बेटे की मृत्यु का उत्सव मनाया
(iii) पुत्रवधू को उसके भाई के साथ भेज दिया
(iv) स्वयं घर से चले गए
उत्तर:
(iii) पुत्रवधू को उसके भाई के साथ भेज दिया।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 5 = 5)
कौसिक सुनहु मंद येहू बालक। कुटिल काल बस निज कुलघालक।
भानुबंस राकेस कलंकू। निपट निरंकुसु अबुधु असंकू। कालकवलु होइहि छन माहीं। कहों पुकारि खोरि मोहि नाहीं।
तुम्ह हटकहु जो चहहु उबारा। कहि प्रतापु बलु रोषु हमारा।
लखन कहेहु मुनि सुजस तुम्हारा। तुम्हहि अछत को बरने पारा।
अपने मुह तुम्ह आपनि करनी। बार अनेक भांति बहु बरनी।
नहिं संतोषु त पुनि कछु कहहु। जनि रिस रोकि दुसह दुःख सहहू।
बीरब्रती तुम्ह धीर अछोभा। गारी देत न पावहु सोभा।
(क) परशुराम ने लक्ष्मण को कैसा बालक बताया है?
(i) मंदबुद्धि
(ii) सफल
(iii) होशियार
(iv) कुटिल
उत्तर:
(i) मंदबुद्धि।

(ख) भानुबंस राकेस कलंकू’ में कौन-सा अलंकार है?
(i) अनुप्रास
(ii) उपमा
(iii) रूपक
(iv) उत्प्रेक्षा
उत्तर:
(iii) रूपक।

(ग) काव्यांश में वीर की क्या पहचान बताई है?
(i) अपनी वीरता का बखान करते हैं।
(ii) युद्ध भूमि में डटे नहीं रहते।
(iii) अपनी वीरता युद्धक्षेत्र में ही दिखाते हैं।
(iv) वह असभ्य बोलता है।
उत्तर:
(iii) अपनी वीरता युद्धक्षेत्र में ही दिखाते हैं।

(घ) परशुराम के यश के विषय में लक्ष्मण ने क्या कहा?
(i) तुम यश की वीरता का बखान करते हो।
(ii) तुम अपने मुँह से कई बार अपने यश का बखान करते हो।
(iii) दोनों सही हैं।
(iv) आप महाबलशाली हैं।
उत्तर:
(ii) तुम अपने मुँह से कई बार अपने यश का बखान करते हो।

(ङ) ‘कुटिल कालबस निज कुलघालक’ में कौन-सा अलंकार है?
(i) अनुप्रास
(ii) रूपक
(iii) उपमा
(iv) उत्प्रेक्षा
उत्तर:
(i) अनुप्रास।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के लिए उचित विकल्प चुनिए। (1 × 2 = 2)
(क) गोपियों के अनुसार किसने अपने पैरों को नहीं डुबोया?
(i) सूरदास ने
(ii) श्रीकृष्ण ने
(iii) गोपियों ने
(iv) उद्धव ने
उत्तर:
(iv) उद्धव ने।

(ख) ‘उत्साह’ कविता में बादल किसका प्रतीक है?
(i) नवसृजन का
(ii) विनाश का
(iii) वर्षा का
(iv) बच्चों का
उत्तर:
(i) नवसृजन का।

खंड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘संस्कृति’ पाठ में लेखक ने मनीषी किन्हें कहा है ? उनसे मिलने वाला ज्ञान किसका परिचायक है ?
उत्तर:
मनीषी ऐसे संस्कृत आविष्कारकों को कहा गया है जो भौतिक आवश्यकताओं के लिए नहीं, अपितु मन की जिज्ञासा को तृप्त करने के लिए प्रकृति के रहस्यों को जानना चाहते हैं। सूक्ष्म और अज्ञात रहस्यों को जानना जिनका स्वभावगत गुण रहा है। मनीषियों से मिलने वाला ज्ञान उनकी सहज संस्कृति के कारण ही हमें प्राप्त होता है। मनीषी सदैव ज्ञान की खोज में लगे रहते हैं। वे कभी भी संतुष्ट होकर नहीं बैठते।

(ख) मन्नू भंडारी के पिता की कौन-कौन सी विशेषताएँ अनुकरणीय हैं ?
उत्तर:
मन्नू भंडारी के पिता एक विरोधाभासी व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। उनकी अनेक विशेषताएँ अनुकरणीय हो सकती है। वे बेहद कोमल और संवेदनशील व्यक्ति थे तथा अपने बच्चों की भावनाओं को समझते थे। वे शिक्षा के प्रति अत्यंत जागरूक थे और इसके प्रसार के लिए घर में आठ-दस बच्चों को शिक्षित करने का दायित्व खुशी से उठाते थे। उनकी देशप्रेम की भावना अनुकरणीय है। मन्नू भंडारी में देशप्रेम की भावना के बीज उन्हीं से अंकुरित हुए । यश पाने के इच्छुक थे, वे विशिष्ट बनकर जीना चाहते थे और उसके लिए प्रयासरत रहते थे।

(ग) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ से क्या संदेश मिलता है?
उत्तर:
लेखक स्वयं प्रकाश जी ने ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के माध्यम से देशभक्ति का सम्बन्ध मन से दिखाया है। इस पाठ के माध्यम से लेखक जनता में देश व समाज के प्रति जागृति लाना चाहते हैं। उनके अनुसार देशभक्ति प्रकट करने के लिए जरूरी नहीं कि फौजी बनें, न ही शक्तिशाली होना जरूरी है। ऐसे लोग जो देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्य निभाते हैं, वे कोई भी हों, गरीब-अमीर, बच्चा-बूढ़ा, वे सच्चे देश-प्रेमी हैं। इस कहानी में ‘कैप्टन’ पात्र के माध्यम से यही दर्शाया गया है। उसने नेताजी की बिना चश्मे की मूर्ति पर अपनी ओर से रोज नया-नया फ्रेम लगा. कर अपनी देशभक्ति का प्रमाण दिया। वह निर्धन और अपंग होने के बावजूद देश के प्रति अपनी भक्ति को, नेताजी की मर्ति पर चश्मा लगाकर प्रदर्शित करता रहा।

(घ) खीरे पर जीरा और नमक बुरकते हुए नवाब साहब को कैसा लग रहा था?
उत्तर:
खीरे की फांकों पर जब नवाब साहब जीरा और नमक बुरक रहे थे तो उनके चेहरे की भाव-भंगिमा और जबड़े के स्फुरण से स्पष्ट हो रहा था कि वे मन-ही-मन खीरे का रसास्वादन कर रहे हैं। उन्होंने तो खीरे का पूरा स्वाद कल्पना में ही ले लिया था। इस पूरी प्रक्रिया में उनके मुँह में पानी भर आया था और वे खीरे खाने को बड़े ही उतावले से लग रहे थे।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों?
उत्तर:
कवि ने बादलों से उनका पौरुष बल दिखाने को कहा है। वह चाहता है कि बादल जोर से गर्जना करें और बरसे ताकि भीषण गर्मी से तप्त धरती शीतल हो और उदास व अनमने लोगों का दुःख दूर हो। लोगों के मन में उत्साह का संचार हो जिससे वे पुरानी रुढ़ियों और विषमता से समाज को मुक्त करने में सहायक हो।

(ख) ‘आत्मकथ्य’ कविता में कवि जयशंकर प्रसाद ने जीवन के यथार्थ एवं अभाव पक्ष की जो मार्मिक अभिव्यक्ति की है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कवि जयशंकर प्रसाद ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के यथार्थ को प्रकट नहीं करना चा. हता है, अपनी भूलों और प्रवंचनाओं को व्यक्त करने में हीनता की अनुभूति होती है। उज्ज्वल गाथा तो सभी कह लेते हैं, परन्तु मेरे जीवन सुख के क्षण मुझसे सदा दूर ही रहे, मेरी प्रिया भी मुझसे शीघ्र बिछुड़ गयी थीं, अब तो केवल स्मृतियाँ शेष हैं और मेरी व्यथा-कथा भी मन्द पड़ गयी है।

(ग) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर परशुराम के स्वभाव की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
पाठ के आधार पर परशुराम के स्वभाव की दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं परशुराम अतिक्रोधी हैं। उन्हें बात-बात पर क्रोध आ जाता है। जनक सभा में भी वह बार-बार अपना फरसा दिखाकर अपना क्रोध प्रकट कर रहे थे। परशुराम अत्यंत अहंकारी हैं। उन्हें अपनी वीरता पर बड़ा ही घमंड है। उनके द्वारा बार-बार अपनी वीरता का बखान करना ही इस बात का प्रमाण है।

(घ) सांसारिक जीवन में संगतकार जैसे व्यक्ति की सार्थकता पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सांसारिक जीवन में संगतकार जैसे व्यक्तियों की बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं सार्थक भूमिका होती है। ऐसे व्यक्ति समाज के हर छोटे-बड़े कार्य में सहायक की भूमिका का निर्वाह करते हैं और ऐसा करके वे दूसरों को ऊँचाइयों तक पहुँचा देते हैं। उनके मन में मानवता की भावना कूट-कूटकर भरी होती है। ये कभी किसी को पीछे धकेलकर आगे बढ़ना पसंद नहीं करते, बल्कि सदैव अपने त्याग से दूसरों को आगे बढ़ाने में सहायक बनते हैं। खेल-जगत, सिनेमा, राजनीति आदि जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में मानवता के उत्थान के लिए समर्पित ऐसे लोग देखे जा सकते हैं।

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प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) किसी रचनाकार के प्रेरणास्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते
उत्तर:
यह बात काफी हद तक सही है कि किसी को कुछ भी रचने के लिए दूसरों के प्रेरणास्रोत काफी उत्साहित करते हैं। जापान के हिरोशिमा नामक स्थान पर अणुबम गिराने वाले ने भी अपना दुष्कर्म करके लेखक को लिखने के लिए प्रेरित किया। कभी-कभी व्यक्ति संपादकों, प्रकाशकों और आर्थिक लाभ से उत्साहित होकर भी लेखन का कार्य करता है किंतु यह कारण जरूरी नहीं है। वास्तविकता एवं सच्चा कारण तो यही है कि लेखक के भीतर उत्पन्न आकुलता या विवशता ही होती है जो उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है।

(ख) ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक लगाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपके विचार से इसका क्या कारण हो सकता है?
उत्तर:
बच्चे का अपने पिता से अधिक लगाव था। वह पिता के साथ ही बाहर की बैठक में सोया करता था। पिता अपने साथ ही उसे उठाते और साथ ही नहला-धुलाकर पूजा पर बिठा लेते थे। वे उसे भभूत का तिलक भी लगा देते थे। पिताजी उसे प्रेमपूर्वक भोलानाथ कहकर पुकारते थे। माता के साथ तो केवल दूध पीने तक का नाता था। इसके बावजूद भी जब कहानी के अंत में बच्चे पर विपदा आयी और साँप निकल आने के कारण बच्चा बेतहाशा भागता चला गया व सारी देह लहूलुहान हो गई थी तब वह पिता की पुकार को अनसुनी करके माँ की शरण में चला गया। माँ ने ही घावों पर हल्दी पीसकर लगायी। वह ‘मइयाँ’ (माँ) के आँचल में छिपता चला गया। वह पिता की गोद में नहीं गया। इसका कारण यही है कि बच्चे की आत्मा माँ से ही बँधी होती है, उसे कष्ट के समय अनायास ही माँ याद आती है और उसी की गोद में वह सुकून पाता है।

(ग) जितेन नार्गे ने खेदुम के बारे में लेखिका को क्या बताया?
उत्तर:
जितेन नार्गे ने लेखिका को खेदुम दिखाते हुए बताया कि यह पूरा लगभग एक किलोमीटर का क्षेत्र है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ देवी-देवता का निवास है। अतः यहाँ कोई भी गंदगी नहीं फैलाता क्योंकि यहाँ के लोगों का मानना है कि जो भी यहाँ गंदगी फैलाएगा वह मर जाएगा।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) समय अमूल्य धन

  • समय का चक्र रुकता नहीं
  • समय बर्बाद न करें
  • आलस्य त्यागें
  • अवसरवादी न बनें।

अथवा

(ख) इण्टरनेट-एक संचार क्रान्ति

  • इण्टरनेट का परिचय
  • लाभ-हानियाँ
  • सदुपयोग के उपाय।

अथवा

(ग) दिव्यांगों की समस्याएँ

  • दिव्यांग कौन हैं?
  • उनकी समस्याएँ क्या हैं?
  • उनके लिए सरकार के प्रयास
  • समाज का दायित्व
  • उपसंहार।

उत्तर:
(क) समय अमूल्य धन समय कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। वह तो बस नदी की भाँति बहता जाता है। आप चाहें तो समय को व्यर्थ की बातों में नष्ट कर सकते हैं और चाहें तो उसका सदुपयोग कर सकते हैं, जिससे वह आपकी उन्नति में चार चाँद लगा सकता है। समय के सदुपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्य निहित है अन्यथा समय को बर्बाद करने वाला स्वयं बर्बाद हो जाता है। समय का सदुपयोग करने का अधिकार सभी को समान रूप से मिला है। समय का सदुपयोग न करने वाला मुनष्य जीवन में प्रगति के मार्ग पर अग्रसर नहीं हो सकता। उसे आलसी और निठल्ले बैठे रहने की आदत पड़ जाती है। खाली बैठे वह कुछ का कुछ सोचता रहता है। वैसे भी खाली दिमाग शैतान का घर होता है। वह आलस्य के कारण अन्य अनेक दुर्गुणों का शिकार हो जाता है। आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। कहा भी गया हैसमय का हमेशा सदुपयोग करना चाहिए। समय का सदुपयोग करने व अवसरवादी होने में फर्क है। यह नहीं कि हमें अवसर की ताक में रहना चाहिए और अवसर मिलते ही उचित-अनुचित ढंग से लाभ कमाना चाहिए। समय के सदुपयोग का ऐसा अर्थ लगाना अनर्थ है। अनैतिक कार्यों में लगे व्यक्ति ही ऐसी व्याख्या कर सकते हैं। अवस रवादिता देश, जाति, राष्ट्र, सभ्यता और संस्कृति के साथ-साथ मानवता के साथ विश्वासघात है। समय का पाबन्द होना, उसका बेहतरीन उपयोग करना भावी जीवन को सफल बनाने की एक सुखद तथा महत्त्वपूर्ण योजना है। याद रहे ‘समय व लहरें किसी की प्रतीक्षा नहीं करती।

अथवा

(ख) इण्टरनेट-एक संचार क्रांति कम्प्यूटर और इण्टरनेट के सहयोग से आज का मानव विश्व के किसी भी भाग से किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त कर सकता है। आज की सूचना प्रौद्योगिकी कम्प्यूटर और इण्टरनेट पर आधारित है। अब दफ्तरों में फाइलों का ढेर रखने की आवश्यकता नहीं रह गई है, इसके लिए एक छोटी-सी फ्लॉपी ही पर्याप्त है। अब संदर्भ ग्रन्थों से भरी आलमारियों की आवश्यकता नहीं है। कहीं की टिकट बुक करानी हो, कोई बिल जमा करवाना हो, बैंक से लेन-देन करना हो अथवा मनचाही सूचना पानी हो तो इण्टरनेट का सहारा लेना ही काफी होता है। यह मात्र तकनीक होते हुए भी जीवन्त शक्ति, मित्र व सहयोगी प्रतीत होती है। हम इसके माध्यम से सूचना, मनोरंजन, ज्ञान और व्यक्तिगत तथा सामाजिक विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। अब इण्टरनेट पत्रकारिता का युग है। इण्टरनेट का प्रयोग खबरों के सम्प्रेषण के लिए किया जा रहा है। इण्टरनेट ने शोध का काम बहुत आसान कर दिया है। इण्टरनेट का ‘ब्राउजर’ वह औजार है जिसके जरिए हम विश्वव्यापी जाल (www) में गोते लगा सकते हैं। इण्टरनेट के जहाँ अनेक लाभ हैं, वहीं इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखने में आ रहे हैं। इण्टरनेट अश्लीलता, दुष्प्रचार और गन्दगी फैलाने का माध्यम बनता जा रहा है, किन्तु यह कमी उस तकनीक की नहीं, अपितु मानव मस्तिष्क की है जो उसका दुरुपयोग कर रहा है। इण्टरनेट जनसंचार का सबसे नया तथा लोक. प्रिय माध्यम है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिण्ट मीडिया, टेलीविजन, पुस्तक, सिनेमा तथा पुस्तकालय के सभी गुण विद्यमान हैं। इसकी पहुँच दुनिया के कोने-कोने तक है। यह अनेक माध्यमों का संगम है। इण्टरनेट पर बैठकर आप देश-विदेश में वार्तालाप कर सकते हैं, मन के मुताबिक ब्लॉग बना सकते हैं। इसकी सहायता से किसी भी वार्ता में भाग लिया जा सकता है। व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर आदि ने परस्पर सम्पर्कों को नया आयाम दिया है। यह एक अंतर क्रियात्मक माध्यम है। हम मूक दर्शक बनकर नहीं बैठते, अपितु बहस के सूत्रधार हो सकते हैं।

अथवा

(ग) दिव्यांगों की समस्याएँ
दिव्यांग अर्थात ‘दिव्य अंग’। यह शब्द उन लोगों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिनके शरीर के किसी अंग में कोई कमी है, किन्तु कोई अन्य, दिव्य अंग प्राप्त हुआ है अर्थात् उनके किसी एक अंग में अवश्य दिव्यता समायी होती है। अब तक उन्हें विकलांग या अपंग कहा जाता था। इनकी विकृतियाँ या तो जन्मजात होती हैं या बाद में बीमारी या दुर्घटना के कारण हो जाती हैं। इनके पालन-पोषण के साथ-साथ शिक्षा एवं रोजगार में भी समस्या आती है। सरकार इनकी शिक्षा को समावेशी शिक्षा के अन्तर्गत ले रही है। ऐसे बच्चों को विशेष आवश्यकता वाले बालक कहा जाता है। इस तरह के बच्चों में कुछ को सुनने और बोलने में समस्या हो सकती है, कुछ के हाथ-पैरों में विकृति हो सकती है या कुछ आँखों से देख नहीं पाते। इन विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए ही निःशक्त, विकलांग, दिव्यांग जैसे शब्द प्रचलित हैं। पहले इनकी तादाद देश की कुल आबादी में 2.43 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 2.51 फीसदी हो गई है। इन निःशक्त जनों का 75 प्रतिशत भाग ग्रामीण इलाकों में रहता है। शिक्षा का अधिकार कानून 2009 में 6 से 14 वर्ष की आयु वाले इन दिव्यांग बच्चों को पड़ोस के स्कूलों में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गयी है। इसको समावेशी शिक्षा का नाम दिया गया है। इसके अन्तर्गत दृष्टिबाधित बालक, श्रवण ह्रास वाले बालक, चलने से निःशक्त, मानसिक मंदता, मानसिक रुग्णता, पक्षाघात, बहुविकलांगता वाले बालक आते हैं। वर्ष 2016 में हुए संविधान संशोधन में ऐसी 21 श्रेणियों को शामिल किया गया है। अब नौकरियों में इनके लिए आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है। आज अनेक सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाएँ इनके उत्थान के लिए कार्य कर रही हैं। इन्हें सामान्य जनता के साथ लाकर खड़ा करने में यदि हम सफल हो गए तो देश की ताकत और भी बढ़ जाएगी।

प्रश्न 15.
आपके विद्यालय में पीने का पानी पर्याप्त मात्रा में
उपलब्ध नहीं होता। इसकी शिकायत व सुधार के लिए प्रार्थना करते हुए प्रधानाचार्या को पत्र लिखिए।. (5)
अथवा
आपका छोटा भाई कुसंगति में पड़ गया है। उसे एक पत्र लिखिए जिसमें कुसंगति से बचने की शिक्षा दी गई हो।
उत्तर:
प्रधानाचार्या महोदया,
अ ब स विद्यालय,
विकासपुरी, नई दिल्ली।

विषय-अपर्याप्त पेयजल की सूचना।
आदरणीय महोदया,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा दसवीं का छात्र, आपको विद्यालय में अपर्याप्त पेयजल की समस्या से अवगत कराना चाहता हूँ। हमारे विद्यालय में पीने के पानी का उचित प्रबन्ध न होने के कारण सभी छात्रों को बहुत परेशानी होती है। घर से लाया हुआ एक बोतल पानी तो प्रथम कालांश में ही खत्म हो जाता है, उसके बाद तो पानी के लिए पूरा दिन तरसते रहते हैं। आप तो जानती ही हैं कि पानी पीना स्वास्थ्य के लिए कितना आवश्यक है और हम छात्रों का लगभग आधा दिन विद्यालय में बिना पानी के ही गुजरता है, जो कि बहुत बुरी बात है।
मेरा आपसे नम्र निवेदन है कि जल्द ही पेयजल की कमी की समस्या को सुलझाने के लिए उचित कदम उठायें। मुझे आशा है आप मेरी प्रार्थना पर अवश्य ध्यान देंगी।
धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी छात्र,
क ख ग
दिनांक…………………………

अथवा

परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक………………….
प्रिय अनुज,
शुभाशीर्वाद।
कल माताजी का पत्र प्राप्त हुआ। यह पढ़कर अत्यन्त दुःख हुआ कि इस वर्ष अर्द्धवार्षिक परीक्षा में तुम्हें केवल 30: अंक प्राप्त हुए हैं। इसका क्या कारण है, यह तुम्हीं बता सकते हो, किन्तु मुझे लगता है कि यह सब कुसंगति का परिणाम है। तुम गलत मित्रों की संगति में पड़ गए हो। अतः पढ़ाई निरन्तर गिरावट की ओर जा रही है।
तुमने यह तो पढ़ा ही होगा
काजल की कोठरी में कैसो ही सयानो जाये,
एक लीक काजल की लागे है ही लागे है।
बुरी संगति अनेक दुर्गुणों को जन्म देती है। इससे समय तो नष्ट होता ही है, साथ ही स्वास्थ्य भी चौपट हो जाता है। कबीरदास ने कहा भी है
कबीरा संगत साधु की, ज्यों गंधी का वास।
ज्यों गंधी कुछ नाहिं दे, तो भी बास सुबास॥
यह उम्र बहुत कुछ सीखने की है, इस वक्त जो आदतें पड़ जाएँगी, वे जीवन भर साथ रहेंगी। अतः पढ़ाई के साथ-साथ अपने आचरण को बिगड़ने से बचाओ। आशा है, तुम सत्संगति के महत्त्व को समझकर बुरे लोगों से दूर रहने का प्रयास करोगे व कोई ऐसा काम नहीं करोगे जिससे तुम्हारा व परिवार का नाम खराब हो। कोई भी बात हो तो मुझसे अवश्य कहना।
तुम्हारा अग्रज,
क ख ग

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प्रश्न 16.
आप चन्दन कुमार हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के हिंदी विभाग में प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए लगभग 80 शब्दों में स्ववृत्त तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आपने कविता प्रकाशन से कुछ पुस्तकें मंगवाई थीं। 15 दिन के पश्चात् भी उन पुस्तकों का पार्सल आपको नहीं मिला। प्रकाशन को पार्सल रद्द करने के लिए ई मेल लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय,
कुरुक्षेत्र, हरियाणा
विषय- प्राध्यापक पद के लिए आवेदन-पत्र।
महोदय
दिनांक 3 जनवरी, 20XX के नवभारत टाइम्स में प्रकाशित विज्ञापन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि आपके विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग में प्राध्यापक का पद रिक्त है। इस पद हेतु मैं अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा हूँ।
कॉलेज में इस पद हेतु सभी योग्यताओं को मैं पूरा करता हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार हैअतः श्रीमान से निवेदन है कि मुझे प्राध्यापक के पद पर नियुक्त करने की कृपा करें।
धन्यवाद
निवेदक
चन्दन कुमार
बड़ा बाजार
कुरुक्षेत्र
5 जनवरी, 20XX
मेरा स्ववृत्त आवेदन-पत्र के साथ संलग्न है।

स्ववृत्त

नाम : चन्दन कुमार
पिता का नाम : ओंकार कुमार
माता का नाम : सुनयना
जन्मतिथि : 06 अगस्त, 1994
वर्तमान पता : 3, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
मोबाइल : 23X0000546
ईमेल : [email protected]

शैक्षणिक योग्यता
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अन्य योग्यताएँ

  • कंप्यूटर में 1 वर्ष का डिप्लोमा
  • हिंदी, अंग्रेजी भाषा की जानकारी।

उपलब्धियाँ

  • विद्यालय स्तर पर लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार।
  • राष्ट्रीय स्तर पर निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार।
  • अखिल भारतीय हिंदी प्रश्नोत्तरी में प्रथम पुरस्कार।

कार्येत्तर गतिविधियाँ और अभिरुचियाँ
हिंदी लेखन में विशेष रुचि।
हस्ताक्षर
चन्दन कुमार
दिनांक : X/XX/XXXX

अथवा

From : [email protected]
To : [email protected]
Cc : ……..
Bcc : …….
विषय : पार्सल रद्द करने हेतु
महोदय
निवेदन है कि मैंने आपके प्रकाशन से कक्षा 11 हिंदी आधार की 25, कक्षा 12 हिंदी आधार की 20, कक्षा 10 हिंदी क्षितिज भाग-2 की 25 पुस्तकें मँगवाई थीं। इस बात को पंद्रह दिन हो चुके हैं और अभी तक आपकी ओर से कोई इस सन्दर्भ में कोई सूचना नहीं आई। अब मैंने कहीं और से उन पुस्तकों का प्रबंध कर लिया है। अतः आपसे अनुरोध है कि आप मेरे पार्सल को रद्द कर मुझे सूचित करें।
धन्यवाद
भवदीय
सूर्यम गुप्ता

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प्रश्न 17.
स्कूल के हलके व मजबूत बस्तों की कंपनी के लिए लगभग 60 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (4)
अथवा
प्रवासी भारतीय दिवस की शुभकामना देते हुए लगभग 80 शब्दों में सन्देश लिखिए।
उत्तर:
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