Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 2 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 2 with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए। महान
खंड ‘अ’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(1 × 5 = 5)
नैतिक शिक्षा के दो पहलू हैं-सकारात्मक एवं नकारात्मक। पहले पक्ष के अन्तर्गत आते हैं-सत्य, अहिंसा, परोपकार और करुणा। ये ही गुण परहित के कारण हैं और परहित को गोस्वामी तुलसीदास ने परम धर्म कहा है। इसके विपरीत नकारात्मक पहलू के अन्तर्गत आते हैं-काम, क्रोध, मोह, लोभ, दुर्वचन आदि। इन्हीं अवगुणों से दूसरों को पीड़ा पहुँचती है और पीड़ा को तुलसीदास ने अधर्म या पाप कहा है। यदि छात्रों को नैतिक शिक्षा दी जायेगी तो वे सन्मार्ग पर चलेंगे, अपनी आत्मा को शुद्ध बनाकर अपना और देश दोनों का हित करेंगे। इसके विपरीत आचरण करने पर छल-कपट कर, अनुशासन भंग कर स्वयं अपना जीवन भी नष्ट करेंगे और समाज में अराजकता फैलाकर देश को दुर्बल बनायेंगे। यदि विद्यार्थी जीवन से ही छात्रों को सही मार्गदर्शन मिले तो निश्चित रूप से सभ्यता और संस्कृति का बीजारोपण हो जाता है। यह वही अवस्था है जिसमें अच्छे नागरिकों का निर्माण होता है। इसलिए नैतिकता की शिक्षा हम शिक्षण संस्थाओं में पाठ्यक्रम का अंग बनाकर दे सकते हैं।
(क) परहित को गोस्वामी तुलसीदास ने क्या कहा है?
(i) परम धर्म
(ii) परम सत्य
(iii) परम करुणा
(iv) परम अवतार
उत्तर:
(i) परम धर्म
(ख) तुलसीदास ने अधर्म या पाप किसे कहा है?
(i) अहिंसा को
(ii) पीड़ा को
(iii) करुणा को
(iv) परोपकार को
उत्तर:
(ii) पीड़ा को
(ग) छात्रों को नैतिक शिक्षा देने से क्या लाभ है?
(i) वे अपना जीवन नष्ट करेंगे।
(ii) वे अनुशासन भंग करेंगे।
(iii) वे सन्मार्ग पर चलेंगे।
(iv) वे अपना समय नष्ट करेंगे।
उत्तर:
(iii) वे सन्मार्ग पर चलेंगे।
(घ) विद्यार्थी जीवन से ही छात्रों को सही मार्गदर्शन मिलने पर क्या होगा?
(i) वे अपने मार्ग पर चल सकते हैं।
(ii) वे नए स्थानों पर जा सकते हैं।
(iii) वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकेंगे।
(iv) उनमें सभ्यता और संस्कृति का बीजारोपण होगा।
उत्तर:
(iv) उनमें सभ्यता और संस्कृति का बीजारोपण होगा।
(ङ) नैतिक शिक्षा के कितने पहलू बताए गए हैं? .
(i) एक
(ii) दो
(iii) तीन
(iv) चार
उत्तर:
(ii) दो
नैतिक शिक्षा के दो पहलू बताए गए हैं सकारात्मक एवं नकारात्मक।
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(1 × 5 = 5)
राष्ट्रभाषा और राजभाषा के रूप में हिंदी की स्थिति समझने के लिए हमें इन दो शब्दों के अर्थों पर विचार करना पड़ेगा। सही संदर्भ में इन शब्दों का प्रयोग न होने के कारण घालमेल की स्थिति पैदा हो जाती है। आज राष्ट्रभाषा शब्द का अर्थ प्रायः दो अर्थों में मिलता है। एक, राष्ट्र की भाषा के रूप में, दूसरा, राष्ट्र की एकमात्रा भाषा के रूप में। पहले अर्थ के अनुसार संविध पान की आठवीं अनुसूची में पूरे भारत में बोली जाने वाली जो प्रमुख भाषाएँ गिनाई गई हैं, जिनकी संख्या अब 22 है, वे सब भाषाएँ राष्ट्रभाषा हैं, जिन्हें कुछ लोग राष्ट्रीय भाषा कहना अधिक उपयुक्त समझते हैं। दूसरे अर्थ के अनुसार, हिंदी को ही एकमात्रा राष्ट्रभाषा होने का सम्मान प्राप्त है, ठीक वैसे ही जैसे एक राष्ट्र गान को, एक ध्वज को और एक संविधान को। स्वतंत्र भारत के संविधान के लागू होने से पहले हिंदी को इसी अर्थ में राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त था।
‘राजभाषा’ शब्द का प्रयोग भी दो अर्थों में किया जाता रहा है। एक तो राज्य की भाषा के अर्थ में-श्री राजगोपालाचारी ने ‘नेशनल-लैंग्वेज’ (राष्ट्रभाषा) के समानांतर राज्यों की भाषा को उससे अलग करते हुए ‘स्टेट-लैंग्वेज’ के अर्थ में राजभाषा शब्द का प्रयोग किया था। दूसरा, राजकाज की भाषा के अर्थ में-सरकारी तौर पर स्वीकृत राजकाज की भाषा ही राजभाषा है। संविधान के अनुच्छेद-343 में लिखा गया है-“संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी।” अनुच्छेद 343 से लेकर 351 तक जहाँ-जहाँ भी राजभाषा शब्द का प्रयोग हुआ है, वहाँ उसके अनेक प्रयोजनों में एक प्रयोजन प्रशासकीय प्रयोजन बताया गया है। इसका अर्थ हुआ कि संविधान में प्रयुक्त राजभाषा शब्द का प्रयोग राजकाज की भाषा के अर्थ से कहीं अधिक व्यापक रूप में हुआ है, जिसमें राजकाज की सरकारी स्वीकृत भाषा के साथ-साथ राष्ट्रभाषा वाला अर्थ भी समाहित हो गया
हिंदी अपने उद्भव काल-लगभग दसवीं शताब्दी से ही इस अर्थ में भारत की राष्ट्रभाषा रही है कि भारत के अधिकांश लोग उसे समझते और बोलते रहे हैं। यह भारत के संतों, भक्तों, चिंतकों और विचारकों की भाषा रही है। बौद्ध, सिद्धों, नाथों, जैन मुनियों ने इसे अपनी वाणी का प्रसाद दिया है। मुगलकाल में कार्यालयी भाषा भले ही फ़ारसी रही हो और अंग्रेजों के शासन-काल में अंग्रेजी किंतु भारत के अधिक-से-अधिक लोगों तक संदेश पहुँचाने की बात जहाँ कहीं भी उठी, हिंदी को ही उसका माध्यम चुने जाने का गौरव प्राप्त हुआ। आज भी हिंदी भारत की बहुमत की भाषा है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और जैसलमेर से लेकर गुवाहाटी तक यह समझी और बोली जाती है।
(क) हिन्दी अपने उद्भव काल से ही भारत की राष्ट्र भाषा क्यों रही है?
(i) अधिकांश लोग उसे समझते और बोलते रहे है।
(ii) राज्य का काम इसमें होता रहा है।
(iii) यह भाषा आसान है।
(iv) यह भाषा कठिन है।
उत्तर:
(i) अधिकांश लोग उसे समझते और बोलते रहे है।
(ख) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा?
(i) हिंदी
(ii) हिंदी : राष्ट्रभाषा और राजभाषा
(iii) हिंदी : एक राष्ट्रभाषा
(iv) हिंदी : मातृभाषा
उत्तर:
(ii) हिंदी : राष्ट्रभाषा और राजभाषा
(ग) राजभाषा को किसकी भाषा माना गया है?
(i) सम्मान की
(ii) राष्ट्र की एकमात्र भाषा
(iii) सरकारी कामकाज की भाषा
(iv) सभी विकल्प सही हैं
उत्तर:
(iii) सरकारी कामकाज की भाषा
(घ) मुगलकाल में कार्यालयी भाषा कौन-सी रही होगी
(i) अरबी
(ii) उर्दू
(iii) अंग्रेजी
(iv) फ़ारसी
उत्तर:
(iii) अंग्रेजी
मुगल काल में भले ही कार्यालयी भाषा फारसी रही हो, अंग्रेजों के काल में अंग्रेजी, किंतु हिन्दी को ही अधिकांश लोगों द्वारा प्रयोग किए जाने के कारण गौरव प्राप्त हुआ।
(ङ) ‘राष्ट्रभाषा’ शब्द में कौन-सा समास होगा?
(i) अव्ययीभाव समास
(ii) तत्पुरुष समास
(iii) द्विगु समास
(iv) कर्मधारय समास
उत्तर:
(ii) तत्पुरुष समास
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों में रेखांकित पदबंधों के भेद पहचानिए और सही विकल्प छाँटकर उत्तर दीजिए (1 × 4 =4)
(क) राष्ट्रप्रेम की कविताएँ लिखने वाला वह कवि सभी के अंदर जोश भर देता है।
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ii) सर्वनाम पदबंध
(ख) भयंकर अपराध करने वाले उस अपराधी को सजा तो मिलनी ही चाहिए थी।
(i) सर्वनाम पदबंध
(ii) संज्ञा पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(iii) विशेषण पदबंध
(ग) चाजीन ने चाय तैयार करके उनके सामने रख दी।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर:
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(घ) एक झूठ बोलने पर उसे कठोर सजा दी गई।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) संज्ञा पदबंध
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर:
(ii) क्रिया पदबंध
(ङ) उसकी जीवन भर की ईमानदारी का फल उसे अब मिल रहा है।
(i) क्रिया पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) संज्ञा पदबंध
उत्तर:
(iv) संज्ञा पदबंध
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(क) वामीरो तेज कदमों से चलती हुई आई। वह ततांरा के सामने आकर ठिठक गई। इन दो वाक्यों से बना हुआ सरल वाक्य होगा
(i) जब वामीरो तेज कदमों से जलती हुई आई तब ततांरा के सामने आकर ठिठक गई।
(ii) तेज कदमों से चलके आती हुई वामीरो ततांरा के सामने आकर ठिठक गई।
(iii) वामीरो तेज कदमों से चलती हुई आई और ततांरा के सामने आकर ठिठक गई।
(iv) तेज कदमों से चलती हुई आई वामीरो किंतु ततांरा के सामने आकर ठिठक गई।
उत्तर:
(ii) तेज कदमों से चलके आती हुई वामीरो ततांरा के सामने आकर ठिठक गई।
(ख) ‘यहाँ दूर तक पहले जंगल था और अब बस्तियाँ बन गई हैं।’ रचना के आधार पर इस वाक्य के भेद हैं
(i) मिश्र वाक्य
(ii) सरल वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) उपवाक्य
उत्तर:
(iii) संयुक्त वाक्य
(ग) निम्नलिखित वाक्यों में से मिश्र वाक्य छाँटिए
(i) वह चाहता है कि इस बार खेल प्रतियोगिता में भाग ले।
(ii) इस बार वह भी खेल प्रतियोगिता में भाग लेना चाहता है।
(iii) खेल प्रतियोगिता होने वाली है और वह उसमें भाग लेना चाहता है।
(iv) जब खेल प्रतियोगिता होगी तब वह उसमें भाग लेगा।
उत्तर:
(i) वह चाहता है कि इस बार खेल प्रतियोगिता में भाग ले।
(घ) बड़े भाई साहब घंटों किताबें लेकर बैठे रहते थे किंतु पढ़ने में उनका मन नहीं लगता था। वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) प्रश्नवाचक वाक्य
उत्तर:
(ii) संयुक्त वाक्य
(ङ) उसने अपने आप को संयत करते हुए बेरुखी से जवाब दिया। वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) प्रश्नवाचक वाक्य
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
प्रश्न 5.
समास विषय पर आधारित निम्नलिखित किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) ‘सेनानायक’ का समास विग्रह व भेद होगा
(i) नायक है जो सेना-कर्मधारय समास
(ii) सेना का नायक-तत्पुरुष समास
(iii) नायक है जिसकी सेना-बहुव्रीहि समास
(iv) सेना और नायक-द्वंद्व समास
उत्तर:
(ii) सेना का नायक-तत्पुरुष समास
(ख) “विचारमग्न’ सामासिक शब्द का विग्रह और भेद
(i) विचार और मग्न-द्वंद्व समास
(ii) विचार है जो मग्न-कर्मधारय समास
(iii) विचारों में मग्न-तत्पुरुष समास
(iv) विचारों का समूह-द्विगु समास
उत्तर:
(iii) विचारों में मग्न-तत्पुरुष समास
(ग) ‘तीन वाणियों का समूह’ का समस्त पद और समास का भेद होगा
(i) तीन वाणी हैं जिसकी-बहुव्रीहि समास
(ii) तीन हैं जिसकी वेणियाँ-तत्पुरुष समास
(iii) तीन वेणियों के समान-कर्मधारय समास
(iv) तीन वाणियों का समूह-द्विगु समास
उत्तर:
(iv) तीन वाणियों का समूह-द्विगु समास
(घ) ‘न पढ़ा लिखा’ समस्त पद और समास का भेद है
(i) अनपढ़ – नत्र तत्पुरुष समास
(ii) अन-पढ़-द्वंद्व समास
(iii) अनपढ़-अव्ययीभाव समास
(iv) नापढ़-कर्मधारय समास
उत्तर:
(i) अनपढ़ – नत्र तत्पुरुष समास
(ङ) ‘भीमार्जुन’ का समास विग्रह और भेद है
(i) भीम और अर्जुन-द्वंद्व समास
(ii) भीम का अर्जुन-तत्पुरुष समास
(iii) भीम रूपी अर्जुन- कर्मधारय समास
(iv) भीम है जिसका अर्जुन-बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(i) भीम और अर्जुन-द्वंद्व समास
प्रश्न 6.
मुहावरों पर आधारित निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर लिखिए (1 × 4 = 4)
(क) पुलिस जब थोड़ी …………..”गई तब मौका देखते ही चोर फरार हो गए।
(i) काम तमाम करना
(ii) लोहे के चने चबाना
(iii) ठंडा पड़ना
(iv) आग बबूला होना
उत्तर:
(iii) ठंडा पड़ना
(ख) वह देर रात ……….. घर में आया था फिर भी माँ को भनक लग ही गई।
(i) आड़े हाथों लेना
(ii) काम तमाम करना ।
(iii) आँखें फेरना
(iv) दबे पाँव आना
उत्तर:
(iv) दबे पाँव आना
(ग) कक्षा में उत्तीर्ण होने पर उसके साथ-साथ पूरे परिवार की …………”नहीं रहा।
(i) हवा में उड़ना
(ii) खुशी का ठिकाना न रहना
(iii) गाँठ बाँध लेना
(iv) सुध बुध खोना
उत्तर:
(ii) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) दादाजी पोते का अभद्र व्यवहार देखकर गए।
(i) आग बबूला हो
(ii) किस्सा खत्म होना
(iii) सातवें आसमान पर हो
(iv) सिर धुनना
उत्तर:
(i) आग बबूला हो
(ङ) जब वह किसी काम का न रहा तो लोगों ने उसे …………. की तरह घर से बाहर कर दिया।
(i) दूध की मक्खी
(ii) आस्तीन का सांप
(iii) रंगा सियार
(iv) तलवार खींचना
उत्तर:
(i) दूध की मक्खी
(च) यदि तुम स्व-रोजगार स्थापित करना चाहते हो तो ………… के लिए तैयार हो जाओ।
(i) लोहे के चने चबाना
(ii) सुध बुध खोना
(iii) सातवें आसमान पर होना
(iv) चेहरा मुरझाना
उत्तर:
(i) लोहे के चने चबाना
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 5 = 5)
पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोई।
एकै आशिर पीव का, पढ़े सो पंडित होय।।
(क) पंडित होने का अर्थ है
(i) पूजा पाठ में कुशल हो जाना
(ii) साधना में पारंगत हो जाना
(iii) पुस्तकों का ज्ञान हो जाना
(iv) वास्तविक ज्ञानी होना
उत्तर:
(iv) वास्तविक ज्ञानी होना
(ख) सच्चे अर्थों में ज्ञानी किसे कहा जा सकता है?
(i) जिसे शास्त्रों का ज्ञान हो गया हो
(ii) जो सबको शिक्षा देने में समर्थ हो
(iii) जिसके हृदय में सभी के प्रति प्रेम हो
(iv) जिसे प्रेम शब्द लिखना आ गया हो
उत्तर:
(iii) जिसके हृदय में सभी के प्रति प्रेम हो
(ग) इस पद्यांश में किसका महत्व बताया गया है?
(i) शास्त्र पढ़ने का
(ii) प्रेम भाव जगाने का
(iii) अपने को सबसे श्रेष्ठ साबित करने का
(iv) ज्ञानी बनने का
उत्तर:
(ii) प्रेम भाव जगाने का
(घ) यह दोहा किस पाठ से लिया गया है और कवि का नाम है
(i) रहीम के दोहे-संत रहीम
(ii) कबीर के दोहे-संत कबीर
(iii) कबीर की साखियाँ-कबीर दास
(iv) साखी-कबीर
उत्तर:
(iv) साखी-कबीर
(ङ) प्रस्तुत दोहे का संदेश है कि हमें
(i) शास्त्र नहीं पढ़ने चाहिए
(ii) केवल शास्त्र पढ़ने चाहिए
(iii) प्रेम का अक्षर पढ़ना चाहिए
(iv) सबके प्रति प्रेम की भावना रखनी चाहिए
उत्तर:
(iv) सबके प्रति प्रेम की भावना रखनी चाहिए
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 2 = 2)
(क) कवि ‘कैफ़ी आज़मी’ ने रावण शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है
(i) सैनिकों के लिए
(ii) शत्रु देश के लिए
(iii) मातृभूमि के लिए
(iv) संकट के लिए
उत्तर:
(ii) शत्रु देश के लिए
(ख) पर्वतों के लिए दर्पण की भूमिका कौन निभा रहा था
(i) विशाल तालाब
(ii) सहस्र सुमन
(iii) ऊँचे-ऊँचे वृक्ष
(iv) पावस ऋतु
उत्तर:
(i) विशाल तालाब
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 5 = 5)
दोनों के हृदय व्यथित थे। किसी तरह आंचरहित एक ठंडा और उबाऊ दिन गुजरने लगा। शाम की प्रतीक्षा थी। ततांरा के लिए मानो पूरे जीवन की अकेली प्रतीक्षा थी। उसके गंभीर और शांत जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था। वह अचंभित था, साथ ही रोमांचित भी। दिन ढलने के काफी पहले वह लपाती की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच गया। वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाड़ की तरह भारी था। उसके भीतर एक आशंका भी दौड़ रही थी। अगर वामीरो न आई तो। वह कुछ निर्णय नहीं कर पा रहा था। सिर्फ प्रतीक्षारत था बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी। वह बार-बार लपाती के रास्ते पर नजर दौड़ा रहा था। सहसा नारियल के झुरमुट में से उसे एक आकृति कुछ साफ हुई.. कुछ और…कुछ और। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। (क) ततांरा को शाम की प्रतीक्षा क्यों थी?
(i) समुद्र तट पर टहलने के लिए
(ii) वामीरो का गीत सुनने के लिए।
(iii) वामीरो से मुलाकात करने के लिए
(iv) ढलता सूरज देखने के लिए
उत्तर:
(iii) वामीरो से मुलाकात करने के लिए
(ख) ततांरा के हृदय में किस बात की आशंका थी?
(i) वामीरो आएगी या नहीं।
(ii) वामीरो उससे विवाह करेगी या नहीं
(iii) सभी गाँव वाले उनके बारे में क्या कहेंगे
(iv) वह फिर से वामीरो का गीत सुन पाएगा या नहीं
उत्तर:
(i) वामीरो आएगी या नहीं।
(ग) ‘खुशी का ठिकाना न रहना’ मुहावरे का अर्थ है
(i) कहीं खुशी न मिलना
(ii) बहुत अधिक खुश होना
(iii) खुशी के ठिकाने पर न पहुँच पाना
(iv) खुशियों का जल्दी चले जाना
उत्तर:
(ii) बहुत अधिक खुश होना
(घ) ततारा को किसके डूबने का भय था?
(i) अपने डूबने का ।
(ii) वामीरो के डूबने का
(iii) अपनी उम्मीद के डूबने का
(iv) सूरज की किरणों के डूबने
उत्तर:
(iii) अपनी उम्मीद के डूबने का
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ व लेखक का नाम है
(i) अंडमान निकोबार द्वीप समूह-निदा फ़ाजली
(ii) गिन्नी का सोना-रवींद्र केलेकर
(iii) ततारा वामीरो कथा-लीलाधर मंडलोई
(iv) ततांरा वामीरो कथा-निदा फ़ाज़ली
उत्तर:
(iii) ततारा वामीरो कथा-लीलाधर मंडलोई
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) राजकपूर ने शैलेंद्र को किस बात से आगाह किया?
(i) फिल्म की सफलता के खतरों से
(ii) फिल्म की असफलता के खतरों से
(iii) एक निर्देशक के रूप में असफल होने के खतरों से
(iv) उसमें अभिनय न करने के खतरों से
उत्तर:
(ii) फिल्म की असफलता के खतरों से
(ख) गाँधी जी के व्यक्तित्व को कैसा माना जाता है?
(i) आदर्शवादी
(ii) व्यवहारवादी
(iii) प्रैक्टिकल आइडियलिस्ट
(iv) आशावादी
उत्तर:
(iii) प्रैक्टिकल आइडियलिस्ट
खंड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न (अंक : 40)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर 60 शब्दों में दीजिए (3 × 2 = 6)
(क) बड़े भाई साहब के अनुसार ज़िन्दगी की असली समझ कैसे आती है?
उत्तर:
लेखक के बड़े भाई साहब लेखक से पाँच साल बड़े थे, किन्तु कई बार फेल हो जाने के कारण उनमें व लेखक में केवल एक कक्षा का अन्तर रह गया था, फिर भी वे लेखक को डाँटने, उपदेश देने का अवसर जाने नहीं देते थे. क्योंकि उनका मानना था कि बड़े होने के नाते वे जीवन की अधिक समझ रखते हैं। समझदारी केवल पुस्तकें पढ़ने से नहीं, जीवन के अनुभवों से आती है। जिसे ज़िन्दगी का तजुर्बा ज्यादा होता है, वह हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम होता है, क्योंकि असली समझ का सम्बन्ध व्यावहारिक अनुभव से है।
(ख) लेखक ‘निदा फ़ाजली’ को अपनी माँ से क्या सीखने को मिला?
उत्तर:
लेखक निदा फाजली की माँ को प्रकृति से, जीव-जन्तुओं से विशेष लगाव था। वे बचपन से ही लेखक को भी यही समझाती थीं कि हमें पशु-पक्षियों को सताना नहीं चाहिए, दरिया को सलाम करना चाहिए, फूलों को नहीं तोड़ना चाहिए। उन्हीं की शिक्षा का परिणाम था कि लेखक भी पर्यावरण के प्रति अत्यधिक संवेदनशील थे। मानव द्वारा अपनी असीमित इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रकृति का शोषण करना उन्हें बहुत तकलीफ देता था। उन्हें इस बात का अफसोस है कि अब लोग प्रकृति व पर्यावरण के प्रति बहुत निष्ठुर हो गए हैं।
(ग) कवि ‘कैफी आज़मी’ ने धरती को दुल्हन क्यों कहा है?
उत्तर:
कविता ‘कर चले हम फिदा’ के अन्तर्गत कवि कैफ़ी आज़मी ने सैनिक की भावनाओं को शब्द दिए हैं। सैनिक जब धरती की रक्षा करते हुए उसे अपने खून से रंग देते हैं, तब धरती लाल जोड़े में सजी दुल्हन-सी प्रतीत होती है। जिस प्रकार अपनी दुल्हन की रक्षा के लिए युवक प्रण लेता है और उसे निभाता है उसी प्रकार सैनिक अपनी धरती की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध है, जो . उसके खून से रंगकर दुल्हन-सी प्रतीत हो रही है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 60 शब्दों में दीजिए (3 × 2 = 6)
(क) असीम दुःख की स्थिति में कवि रवींद्रनाथ ठाकुर ईश्वर से क्या प्रार्थना कर रहे हैं?
उत्तर:
जीवन में कभी ऐसा भी समय आ जाता है जब जीवन दुःख की रात्रि बन जाता है। चारों ओर दुःखों और निराशा के बादल घिर जाते हैं। कहीं से कोई आशा की किरण दिखाई नहीं देती। ऐसे में ईश्वर के अस्तित्व और उनके न्याय पर विश्वास नहीं करता रहता। इसलिए असीम दुःख की स्थिति में कवि ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके मन में ईश्वर के प्रति किसी प्रकार का कोई संदेह पैदा न हो। कैसी भी परिस्थितियाँ क्यों न आ जाएँ प्रभु के अस्तित्व और उनके निर्णय पर उनका विश्वास सदा बना रहे। ऐहतियात- द:ख के समय में ही ईश्वर के प्रति हमारे विश्वास की परख होती है।
(ख) ‘कर चले हम फिदा, गीत में कवि ने वीरों के प्राण छोड़ते समय का मार्मिक वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कवि ‘कैफी आज़मी’ ने उस स्थिति का मार्मिक चित्रण किया है। सैनिक देश की हिफाजत के लिए सीमा पर तैनात रहता है और शत्रु देश का आक्रमण होने पर घायल भी हो जाता है। उसकी साँसें थमने लगती हैं, नब्ज जमने लगती है, किंतु बढ़ते हुए कदमों को वह रुकने नहीं देता। अंतिम सांस तक आगे बढ़कर शत्रु देश को हराने और अपने देश के मान सम्मान की रक्षा करने का प्रयत्न करता है।
(ग) ‘तोप’ कविता में तोप को विरासत क्यों कहा गया है?
उत्तर:
विरासत या धरोहर में मिली वस्तुएँ हमें अपने गौरवशाली इतिहास की याद दिलाती हैं या हमें भविष्य के लिए सचेत करती हैं। जिस तोप का वर्णन कवि ‘वीरेन डंगवाल’ ने किया है, वह अंग्रेजों की निशानी है। उसे विरासत कहा गया है क्योंकि वह हमेशा हमें याद दिलाती रहेगी कि हमारे पूर्वजों की गलतियों के कारण पूरे देश को दारुण दुःख झेलने पड़े थे। हमें किसी भी कीमत पर उस इतिहास को दोहराना नहीं है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 60 शब्दों में दीजिए (3 × 2 = 6)
(क) ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर बताइए कि हमारे समाज में रिश्तों का क्या महत्व है?
उत्तर:
भारत एक ऐसा देश है जहाँ सदा से मानवीय सम्बन्धों को, पारिवारिक सम्बन्धों को, संस्कारों व संस्कृति को सर्वोपरि माना गया है। संयुक्त परिवार व्यवस्था भी यहाँ सदा से ही प्रचलन में रही है, किन्तु अत्यधिक आधुनिकीकरण व भौतिकवादी मानसिकता ने वातावरण को बहुत बदल दिया है। मानवीय मूल्यों का स्थान स्वार्थ, लालच, छल-कपट ने ले लिया है। रिश्ते कमज़ोर पड़ने लगे व स्वार्थ उन पर हावी होता गया है। पाठ ‘हरिहर काका’ में हरिहर की व्यथा हमारे समाज के हर चौथे वृद्ध की व्यथा है। प्रेम, भाईचारा केवल किताबी बातें रह गयी हैं। जब तक अपना मतलब निकलता है, तभी तक लोग एक-दूसरे से सम्बन्ध रखते हैं, स्वार्थ सधते ही दूध में से मक्खी की तरह दूर कर देते हैं। पिछले कई दशकों से यही स्थिति बनी हुई है, जिसका प्रभाव समाज में बढ़ते अपराधों व असुरक्षा के रूप में सामने आ रहा है। मेरा मानना है कि धन कम भी हो तो खुश रहा जा सकता है, किन्तु रिश्ते मधुर न हों या दोस्तों से सम्बन्धों में मधुरता न हो तो जीवन बोझ लगने लगता है।
(ख) इफ्फन की दादी का मन पीहर जाने को क्यों मचलता रहता था?
उत्तर:
इफ्फन की दादी पूरब की रहने वाली थी। एक ज़मींदार परिवार में, दूध-दही-घी खाते हुए उनका बचपन बीता था। केवल दस बरस की थीं जब ब्याह कर लखनऊ आ गई थीं। ससुराल का वातावरण, रहन-सहन बिल्कुल विपरीत था। जहाँ मायके में किसी भी अवसर पर खूब गाना-बजाना होता था, इधर ससुराल में उसे बुरा समझा जाता था। इस मौलवी परिवार में वह दूध-घी को भी तरस गई। यहाँ तक कि इफ्फन के जन्म के अवसर पर भी वह गाने-बजाने का शौक पूरा नहीं कर सकी। उसे अपने गाँव का बीजू पेड़, खुला वातावरण बहुत याद आता था और उसका जी वहीं जाने के लिए तरसता रहता था।
(ग) लेखक ग्रीष्मावकाश कार्य के लिए क्या योजनाएँ बनाया करते थे? आप अपना ग्रीष्मावकाश कार्य किस प्रकार करते हैं?
उत्तर:
लेखक जब छोटे थे, उनका पढ़ने में मन बिल्कुल नहीं लगता था। जब ग्रीष्मावकाश होता तो शुरू के कुछ दिन तो खेलने-कूदने में बीत जाते। फिर योजना बनानी शुरू करते कि रोज कितना काम करेंगे और कितने दिन में खत्म हो जाएगा। ग्रीष्मावकाश खत्म हो जाता किंतु उनका कार्य पूरा नहीं हो पाता था। तब भी छात्रों के नेता ओमा से प्रोत्साहित होते थे जो काम करने से अधिक सस्ता सौदा अध्यापकों की डांट या मार खाने को समझता था। मैं अपना ग्रीष्मावकाश कार्य बहुत मन से करती हूँ क्योंकि वह बहुत कुछ सिखाता है और ग्रीष्म अवकाश का समय भी कार्य करते हुए बहुत ही मनोरंजक और ज्ञानवर्धक बन जाता है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (5)
(क) समय अमूल्य धन है
संकेत बिन्दु
- समय का महत्व
- दुरुपयोग से हानियाँ
- सदुपयोग से लाभ व उपाय।
अथवा
(ख) मेरा जीवन लक्ष्य
संकेत बिन्दु
- लक्ष्य निर्धारण की आवश्यकता
- आदर्श या लक्ष्य पर एकाग्रता
- लक्ष्य प्राप्ति के उपाय।
अथवा
(ग) भारतीय नारी
संकेत बिन्दु
- प्राचीन भारत में नारी की स्थिति
- बदलती तस्वीर
- आदर्श स्थिति।
उत्तर:
(क) समय अमूल्य धन है अपना कीमती समय लगाकर हम धन तो कमा सकते हैं, किन्तु कितना ही धन लगा दें, बीता हुआ समय पुनः वापस नहीं कमा सकते। अतः यह कथन सर्वथा सत्य है कि समय अमूल्य धन है। यह मुट्ठी में रेत की भाँति होता है जो निकलता चला जाता है। एक-एक पल जो हमें मिल रहा है, यदि हम उसका सही इस्तेमाल कर लें तो हमें जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। विश्व में जितने भी महापुरुष हुए हैं, उन्होंने समय का सदुपयोग करके ही सफलता प्राप्त की, अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया। जो व्यक्ति समय को बर्बाद करता है, समय उसे बर्बाद कर देता है। इस बात में गहरी सीख है कि ‘काल करे सो आज कर, आज करे सो अब’ यानि काम को आलस्यवश कल पर कभी नहीं टालना चाहिए। सही वक्त पर किये गये कार्य का ही मोल होता है वरना का बरखा जब कृषि सुखाने’ अर्थात् समय हाथ से निकल जाने पर पछताने से कोई लाभ नहीं होता। याद रखिए समय व लहरें किसी की प्रतीक्षा नहीं करतीं। अतः जो समय रूपी लहर आपके सामने है, उसमें गहरे डूब जाइए, तभी अनमोल खज़ाना हाथ लगेगा।
अथवा
(ख) मेरा जीवन लक्ष्य धरती पर जितने भी जड़-चेतन हैं, उनके जीवन का, उनके होने का कोई निश्चित उद्देश्य है। फिर मानव जीवन तो अनमोल है, उसका कोई महान उद्देश्य अवश्य होता है और जितना जल्दी हम अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं, उतना ही अपने उद्देश्य को पूर्ण करने की सम्भावना बढ़ जाती है। लक्ष्यविहीन व्यक्ति का जीवन मँझधार में भटकती उस नाव की भाँति होता है, जो कभी अपनी मंजिल पर नहीं पहुँच पाती। अतः अपनी योग्यताओं व रुचि के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करके एक निश्चित दिशा में हमें प्रयास करना चाहिए, तब स्वतः मार्ग खुलते जाते हैं। मैंने जान लिया है कि मुझमें लेखन व पठन की अद्भुत क्षमता व कौशल है, इसलिए एक लेखक व कवि के रूप में समाज, देश व दुनिया को सत्य से परिचित कराना, सबका उचित मार्गदर्शन करना व सृष्टि को सुन्दर व स्वस्थ बनाने के विचारों को विस्तृत करना ही मैंने अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। इसके लिए मैं विभिन्न लेखकों, कवियों की रचनाओं को, महापुरुषों की जीवनियों व आत्मकथाओं को पढ़ता रहता हूँ व साथ ही लेखों, कहानियों व कविताओं के माध्यम से अपने भावों व विचारों को प्रकट करता रहता हूँ। मुझे विश्वास है कि मैं जल्दी ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करता हुआ आगे बढूँगा।
अथवा
(ग) भारतीय नारी भारत का अतीत नारी को देवी, लक्ष्मी, जननी आदि रूपों में पूजता नजर आता है। हिंदी साहित्य के अनेक महान कवियों ने नारी की प्रशंसा में, सम्मान में बहुत कुछ लिखा है। प्रसाद जी ने कहा-‘नारी तुम केवल श्रद्धा हो।’ मनुस्मृति में तो यहाँ तक लिखा है-‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ यानि जहाँ नारी का सम्मान होता है वहीं देवता निवास करते हैं। किन्तु धीरे-धीरे स्थिति बदलती गयी। आज हम भारत के समाज को ‘पुरुष-प्रधान समाज’ नाम देते हैं, क्योंकि कई दशकों से यहाँ नारी का मानसिक व शारीरिक शोषण होता आया है। एक समय तो ऐसा आया था कि उसे ‘पैरों की जूती’ तक कहा गया। नारी से जुड़ी कई कुप्रथायें प्रचलित हुईं, किन्तु आज स्थिति में काफी सुधार है। महिलाओं को समान अधिकार दिये जा रहे हैं, कन्या के जन्म व शिक्षा को बहुत बढ़ावा दिया जा रहा है। आज नारी अपने पैरों पर खड़ी है, अपने निर्णय स्वयं ले सकती है। हर क्षेत्र में सफल हो रही है। इतना कुछ होते हुए भी महिलाओं के साथ होने वाले कुकर्म कम नहीं हो रहे, यह एक चिन्ता का विषय है। इस समस्या का निवारण भी केवल महिलाओं के ही हाथ में है। उन्हें अपनी शक्ति को पहचानना होगा व उचित स्थान व समय पर उस शक्ति का सदुपयोग करके अपने साहस का परिचय देना होगा ताकि उसके साथ होने वाला अधर्म इतिहास के पन्नों में दफन होकर रह जाए।
प्रश्न 15.
नगर निगम अधिकारी को अपने क्षेत्र की सड़कों की दुरावस्था से परिचित कराने के लिए पत्र लिखिए।
अथवा
अपने विद्यालय की प्रधानाचार्या को पत्र लिखकर अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिताओं का आयोजन करने की प्रार्थना कीजिए। (5)
उत्तर:
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक……………..
नगर निगम अधिकारी,
दिल्ली नगर निगम,
नई दिल्ली………
विषय-सड़कों की दुरावस्था का विवरण।
आदरणीय महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं विकासपुरी क्षेत्र की एक जिम्मेदार नागरिक आपको अपने क्षेत्र की सड़कों की दुरावस्था से व उससे होने वाली परेशानियों से अवगत कराना चाहती हैं।
महोदय, हमारे क्षेत्र की सड़कें जगह-जगह से टूट चुकी हैं, कहीं-कहीं तो गहरे गड्ढे बन गये हैं जो कि हर समय दुर्घटनाओं को बुलावा देते नज़र आते हैं। वाहन तो क्या, वहाँ पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है। यदि आप एक बार इस क्षेत्र का दौरा करके स्वयं यहाँ का हाल देख लें, तो आप हमारी परेशानियों का अन्दाजा स्वयं लगा सकेंगे।
मुझे आशा है कि आप जल्द ही सड़कों की मरम्मत का काम शुरू करवायेंगे ताकि मानसून आने से पहले यह समस्या सुलझ सके।
धन्यवाद।
भवदीया,
क ख ग
अथवा
प्रधानाचार्या महोदया,
रामकृष्ण विद्यालय,
विकासपुरी, नई दिल्ली।
विषय-अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिताओं के आयोजन का अनुरोध।
आदरणीया महोदया,
मैं आपके प्रतिष्ठित विद्यालय की कक्षा दसवीं की छात्रा हूँ और आपसे प्रार्थना करना चाहती हूँ कि आप विद्यालय में अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिताओं का आयोजन करवायें। हमारे विद्यालय के छात्र विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त योग्य व कुशल हैं। बहुत बार हमें अन्य विद्यालयों में जाकर अपनी योग्यतायें साबित करने का अवसर भी मिला है। इस बार हम छात्रों की इच्छा है कि हमारे विद्यालय में भी ऐसा आयोजन हो, ताकि प्रतियोगिता में भाग लेने के साथ-साथ हमें अन्य विद्यालय के छात्रों व अध्यापकों को जानने का, उनका सम्मान करने व कार्यक्रम को आयोजित करने का अवसर व अनुभव मिल सके।
आशा है आप हमारी प्रार्थना पर ध्यान देंगी व शीघ्र ही ऐसा आयोजन करवायेंगी।
धन्यवाद
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या,
क, ख, ग
दिनांक……
प्रश्न 16.
विद्यालय के हैड बॉय/गर्ल होने के नाते विद्यालय में आयोजित होने वाले वार्षिक मेले की जानकारी देने हेतु सूचना लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आपकी सोसायटी ‘गुलिस्तान’ में दीवाली मेले का आयोजन होने जा रहा है। सचिव होने के नाते सूचना 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तर:
रामकृष्ण विद्यालय |
सूचना दिनांक…………… वार्षिक मेले का आयोजन भव्य स्तर पर विद्यालय के प्रांगण में वार्षिक मेले का आयोजन होने जा रहा है। विभिन्न आकर्षक खेलों के स्टॉल के अतिरिक्त नृत्य व गायन की प्रतियोगितायें भी होंगी। अधिक-से-अधिक संख्या में भाग लें व अपने मित्रों-सम्बन्धियों को आमन्त्रित करें। |
अथवा
गुलिस्तान अपार्टमेण्ट |
सूचना दिनांक…………….. दीवाली मेले का आयोजन अत्यधिक हर्ष का विषय है कि सभी सदस्यों के सहयोग से इस वर्ष भी हमारी सोसायटी में दीवाली मेले का आयोजन हो रहा है। कृपया अधिक-से-अधिक संख्या में पधारें। मित्रों व परिवार सहित आप सबका हार्दिक स्वागत है। दिनांक : 20 अक्टूबर, समय : सायं 4 बजे से 10 बजे तक। |
प्रश्न 17.
घरों के रद्दी सामानों को एकत्रित करके प्राप्त होने वाली धनराशि को दिव्यांगजनों की सेवा में लगाने वाली एक संस्था के लिए 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
‘रामकृष्ण’ विद्यालय में गणित अध्यापक का पद खाली है। रिक्त पद; वेतन व विद्यालय का संक्षिप्त विवरण देते हुए 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए। (3)
उत्तर:
दिव्यांग सेवा संस्थान |
पिछले 35 वर्षों से समाज के दिव्यांगजनों की सेवा व उत्थान में लगी इस संस्था को सहयोग दें। जो है आपके लिए बेकार, वह बनेगा किसी के लिए उपहार।जी हाँ, अपने घर का ऐसा सामान जो आपके लिए किसी काम का नहीं, आप हमें दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य सेवा व दान के लिए भी सम्पर्क करें-बी-ब्लॉक, जनकपुरी, दूरभाष-8150636964आपके सहयोग से दिव्यांगजनों को प्रशिक्षण व विशेष उपकरण प्रदान किये जायेंगे। जल्दी करें, किसी को आपकी जरूरत है……. |
अथवा
रामकृष्ण विद्यालय, विकासपुरी, दिल्ली |
(कक्षा 8 से 12 तक के लिए) गणित अध्यापक की आवश्यकता है। योग्य व इच्छुक उम्मीदवार सम्पर्क करें-9155294750 न्यूनतम अनिवार्य योग्यता-गणित विषय में स्नातक व परास्नातक, लगभग तीन वर्ष का कार्य-अनुभव आवश्यक। |
प्रश्न 18.
दिए गए प्रस्थान बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में लघु कथा का निर्माण कीजिए
- जन्मदिन का उपहार
- यादगार
- सार्थक
अथवा
विद्यालय की ओर से उन अभिभावकों को आगाह करने हेतु ई-मेल तैयार कीजिए जिनके बच्चों की विद्यालय में उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम है। (5)
उत्तर:
जन्मदिन का उपहार
राघव 13 वर्ष का होने वाला था। इस बार उसके माता-पिता ने सोचा था कि उसका जन्मदिन धूमधाम से मनाएंगे पर समझ नहीं पा रहे थे कि किस-किस को बुलाएं, कौन-कौन उसके दोस्त हैं। अतः उन्होंने राघव से ही पूछा कि वह अपना जन्मदिन कैसे मनाना चाहता है, किन-किन दोस्तों को बुलाना चाहता है? राघव ने जो कहा वह तो माँ ने कभी सोचा भी नहीं था। उसने बोला “माँ, हम तो हर साल अपना जन्मदिन मनाते हैं किंतु कितने सारे ऐसे बच्चे हैं जिन्हें जन्मदिन मनाना तो दूर अपने जन्म का दिन तक नहीं मालूम। यहीं पास में जो अनाथ आश्रम है वहाँ से वह जब भी गुजरता है, मासूम बच्चों को वहाँ देखकर उसका मन बहुत उदास हो जाता है। वह अपने जन्मदिन पर उनके पास जाकर उनके चेहरे पर मुस्कान देखना चाहता है। माता-पिता तुरंत ही इस बात के लिए राजी हो गए। राघव का जन्मदिन आया। वे सब खूब सारी मिठाइयाँ, उपहार और जरूरत का अन्य सामान लेकर अनाथालय पहुंचे। वहाँ सब बच्चों को एकत्रित किया गया, सबके बीच राघव ने केक काटा और सबको बाँटा। साथ ही सब को उपहार भी दिए, सब ने मिलकर राघव को जन्मदिन की बधाई दी और डांस भी किया। आज का दिन राघव के लिए यादगार और सार्थक बन गया। उन बच्चों के चेहरे पर जो खुशी थी वह राघव के लिए जन्मदिन का सबसे कीमती उपहार था।
अथवा
प्राप्त कर्ता : [email protected]
भेजने वाला : rkschool-gmail.com
विषयः विद्यालय में कम उपस्थिति की सूचना।
श्रीमान/श्रीमती जी,
आपका बच्चा नियमित रूप से विद्यालय नहीं आता है जिसके कारण उसकी उपस्थिति आवश्यक 70 प्रतिशत से भी कम है। उसे नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित रहना होगा अन्यथा विद्यालय के नियमानुसार, आगामी परीक्षाएँ देने की अनुमति नहीं मिलेगी।
धन्यवाद
प्रधानाध्यापक
कखग