CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 5 with Solutions

Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions Set 5 are designed as per the revised syllabus.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 5 with Solutions

निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80

सामान्य निर्देश :

  • इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और ‘ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
  • प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
  • खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

खंड ‘क’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 5 = 5)
अनुशासन शब्द का अर्थ है ‘शासन अनुकूल होना’ अथवा शासन के पीछे यानी जिसमें कोई-न-कोई नियंत्रण शक्ति विद्यमान हो। इस दृष्टि से जीवन भी अनुशासन में बंधा है। जीव पैदा होता है, कुछ वर्ष संसार में जीता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जीवन के साथ-साथ संपूर्ण प्रकृति भी अनुशासन में बंधी है। प्रतिदिन प्रातः काल सूर्य उदित होता है और शाम को अस्त हो जाता है। चंद्रमा प्रत्येक मास के 15 दिन नहीं दिखलाई पड़ता है, तारे रात में दिखाई पड़ते हैं दिन में नहीं। दूर, सघन वनों में पेड़-पौधे बिना माली के भी फलते-फूलते रहते हैं। मौसम एक नियम से लगातार बदलते रहते हैं। इस जीवन में व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों स्तरों पर अनुशासन की अपेक्षा की जाती है। व्यक्तिगत स्तर पर मन, वाणी और कर्म का अनुशासन व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाता है। मन का स्वभाव है, चंचलता। जिसने इस चंचलता पर काबू पा लिया समझ लो उसने संसार पर काबू पा लिया। जिसने मन जीत लिया, उसने जग जीत लिया। वाणी का अनुशासन सफल जीवन के लिए नितांत आवश्यक है। जो लोग अपनी वाणी पर अंकुश नहीं रख पाते वे लोग संसार में न तो कभी यश प्राप्त कर पाते हैं और न लोकप्रियता। भारतीय चिंतन में कर्म के अनुशासन को भी बहुत महत्व दिया गया है। श्री कृष्ण ने गीता में कर्मों की कुशलता को ही योग का नाम दिया है। संसार उन्हीं लोगों को याद रखता है जिन्होंने अपने कर्मों को अनुशासित ढंग से पूरा किया है। संसार के महान योद्धाओं, महान राजनेताओं, चिंतकों, साहित्यकारों और वैज्ञानिकों के विषय में यह कथन शत-प्रतिशत सही है-‘कर्म के अनुशासन के बिना कोई महान नहीं बनता।

(क) अनुशासन का शाब्दिक अर्थ है-
(i) शब्दों के अनुकूल
(ii) शासन के अनुकूल
(iii) नियंत्रण के अनुकूल
(iv) अनुशासन के पीछे
उत्तरः
(ii) शासन के अनुकूल

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(ख) व्यक्ति के जीवन को कौन सार्थक बनाता है?
(i) प्रकृति का अनुशासन
(ii) वाणी का अनुशासन
(iii) मन का अनुशासन
(iv) मन, वाणी और कर्म का अनुशासन
उत्तरः
(iv) मन, वाणी और कर्म का अनुशासन

(ग) भगवत गीता में कृष्ण ने अनुशासन की कुशलता को क्या नाम दिया है?
(i) अनुशासन
(ii) भोग
(iii) योग
(iv) रोग
उत्तरः
(iii) योग

(घ) कर्म के अनुशासन के बिना कौन महान नहीं बन सकता?
(i) राजनेता
(ii) चिंतक
(iii) योद्धा
(iv) यह सभी
उत्तरः
(i) राजनेता, चिंतक एवं योद्धा

(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : नैतिक शिक्षा के दो पहलू हैं।
कारण (R) :परहित को तुलसीदास जी ने परम धर्म कहा है।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।
(iv) कथन (A) गलत है कारण (R) सही है।
उत्तरः
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(1 × 5 = 5)
पुरुष और स्त्री एक-दूसरे के पूरक हैं। नर के बिना नारी का जीवन अधूरा है तथा नारी के बिना नर के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती। इसमें संदेह नहीं है कि सृष्टि के अस्तित्व के लिए दोनों का ही होना अनिवार्य है।
प्राचीन भारत के इतिहास में नारियों की गौरवमयी गाथाएँ भरी पड़ी हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों का कथन है ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमते तत्र देवता।’ यहाँ पूजा से तात्पर्य नारी की मान-मर्यादा. और अधिकारों की रक्षा करने से है। प्राचीन काल में नारी को लक्ष्मी और गृह-देवी के नाम से संबोधित किया जाता था। पुरुष के समान ही उन्हें भी शिक्षा मिलती थी। जीवन के बड़े-से-बड़े धार्मिक अनुष्ठान उनके बिना पूरे नहीं होते थे। देवासुर संग्राम में कैकेयी के अद्वितीय कौशल को देखकर दशरथ भी चकित रह गए थे। मैत्रेयी, शकुंतला, अनुसूया, दमयंती, सावित्री आदि स्त्रियाँ भी अपने आप में स्वयंसिद्ध उदाहरण हैं। समय परिवर्तनशील है। आज के समय में भारतीय समाज लड़की की अपेक्षा लड़के को अधिक महत्त्व देता है। ईश्वर ने पुरुष को नारी की अपेक्षा अधिक शक्ति प्रदान की है। वह स्वयं को नारी का संरक्षक मानता है। पुरुष प्रायः धन का अर्जन करता है तथा नारी घर का दायित्व संभालती है। वर्तमान युग में भी पुरुष को नारी की अपेक्षा अधिक स्वतंत्रता प्राप्त है। भारत में ही नहीं अपितु विश्व के विकसित देशों में भी नारी की स्थिति दयनीय है। उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता। जो देश जितना अधिक विकसित है वहाँ नारी की स्थिति उतनी ही दयनीय है। इसके पीछे कारण यह है कि उन देशों में नारी धन कमाने के लिए घर से बाहर निकलती है। बाहर निकलने का परिणाम यह होता है कि उसको पुरुषों के अहम् से पग-पग पर जूझना पड़ता है। हमारा समाज पुरुष प्रधान है। यहाँ जो भी नियम बनाए जाते हैं वे पुरुषों के द्वारा बनाए जाते हैं। अतः यह कैसे संभव होगा कि वे अपने विरुद्ध नियम बनाएँ। नारी उत्थान और पतन के पीछे भी पुरुष का ही हाथ होता है। नारी से संबंधित जो भी प्रश्न उठाए जाते हैं वे प्रायः पुरुष वर्ग से ही उठते हैं। अतः नारी की हमारे समाज में क्या स्थिति है यह स्वयं ही परिभाषित है। भारत के गाँवों में आज भी स्त्रियों को पिता, पति अथवा पुत्र के अधीन रहना पड़ता है। ग्रामीण स्त्रियाँ प्रायः तंगी का शिकार होती हैं। उनके स्वास्थ्य और शिक्षा के विषयों पर भी अधिक ध्यान नहीं दिया जाता।

(क) स्त्री और पुरुष दोनों का होना किसके लिए जरूरी है?
(i) मान-मर्यादा
(ii) गौरवमई गाथाएँ
(iii) सृष्टि का अस्तित्व
(iv) समाज कल्याण
उत्तरः
(iii) सृष्टि का अस्तित्व

(ख) स्वयं को नारी का संरक्षक कौन मानता है?
(i) ईश्वर
(ii) समाज
(iii) स्त्री वर्ग
(iv) पुरुष
उत्तरः
(iv) पुरुष

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(ग) घर से बाहर निकलने पर स्त्री के समक्ष सबसे बड़ी समस्या क्या आती है?
(i) अपनी सुरक्षा
(ii) पुरुष के अहम से जूझना
(iii) कठिनाइयों से जूझना
(iv) घर की जिम्मेदारियों को न निभा पाना
उत्तरः
(ii) पुरुष के अहम से जूझना

(घ) भारतीय ग्रंथों में नारी के विषय में क्या नहीं कहा – गया है?
(i) नारी पूजनीय है
(ii) उसकी-मान-मर्यादा की रक्षा होनी चाहिए
(iii) उसके विचारों को महत्व नहीं मिलना चाहिए
(iv) नारी के अधिकारों की रक्षक होनी चाहिए
उत्तरः
(iii) उसके विचारों को महत्व नहीं मिलना चाहिए

(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
(I) मुगल काल में हिंदी कार्यालयी भाषा थी।
(II) भारत के संतों चिंतकों और विचारकों की भाषा हिंदी ही रही है।
(III) भारत में हिंदी ही बहुमत की भाषा है।
(IV) कश्मीर से कन्याकुमारी तक अंग्रेजी बहुमत की भाषा है।
गद्यांश के आधार पर कौन सा कथन/से कथन सही है।
(i) केवल II
(ii) केवल III
(iii) II और III
(iv) I और II
उत्तरः
(iii) II और III

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों में रेखांकित पदबंधों के भेद पहचानिए और सही विकल्प छाँटकर उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) दिन रात मेहनत करने वाले किसान सुखपूर्वक जीवन व्यतीत नहीं कर पाते।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया विशेषण पदबंद
(iii) संज्ञा पदबंध
(iv) सर्वनाम पद बंद
उत्तरः
(i) विशेषण पदबंध

(ख) हमारा देश भारत कभी विश्व गुरु कहलाता था।
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया पदबंध
(iv) विशेषण पद बंद
उत्तरः
(i) संज्ञा पदबंध

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(ग) सभी यात्री धीरे-धीरे चलकर मंजिल तक पहुँच ही गए।
(i) क्रिया पदबंध
(ii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iii) सर्वनाम पदबंध
(iv) संज्ञा पदबंध
उत्तरः
(ii) क्रिया विशेषण पदबंध

(घ) उसने प्रतीक्षा नहीं की और शीघ्र ही लौट गया।
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तरः
(iv) क्रिया पदबंध

(ङ) आदेश मिलते ही वह बाहर जाकर खड़ा हो गया।
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तरः
(ii) सर्वनाम पदबंध

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(क) प्रश्न-पत्र सामने आने पर छात्रों ने राहत की सांस ली। इस वाक्य का मिश्र वाक्य होगा
(i) प्रश्न-पत्र सामने आते ही छात्रों ने राहत की सांस ली।
(ii) प्रश्न-पत्र सामने आया और छात्रों ने राहत की सांस ली।
(iii) क्योंकि प्रश्न-पत्र सामने आया इसलिए छात्रों ने राहत की सांस ली।
(iv) जैसे ही प्रश्न-पत्र सामने आया वैसे ही छात्रों ने राहत की सांस ली।
उत्तरः
(iv) जैसे ही प्रश्न-पत्र सामने आया वैसे ही छात्रों ने राहत की सांस ली।

(ख) जैसे ही राम गया वैसे ही राधा आ गई। इस वाक्य का संयुक्त वाक्य होगा
(i) राम के जाते ही राधा आ गई।
(ii) राम और राधा आ गए।
(iii) जब राम गया तब राधा आ गई।
(iv) राम गया और राधा आ गई।
उत्तरः
(iv) राम गया और राधा आ गई।

(ग) मैं भी घूमने जाना चाहता था लेकिन अस्वस्थता के कारण नहीं जा सका। वाक्य का सरल वाक्य होगा
(i) मैं अस्वस्थता के कारण चाह कर भी घूमने नहीं जा सका।
(ii) मैं घूमने जाना चाहता था लेकिन अस्वस्थता के कारण नहीं गया।
(iii) यद्यपि मैं घूमने जाना चाहता था तथापि अस्वस्थता के कारण नहीं जा सका।
(iv) चाह कर भी घूमने नहीं जा सका मैं अस्वस्थता के कारण।
उत्तरः
(i) मैं अस्वस्थता के कारण चाह कर भी घूमने नहीं जा सका।

(घ) किसानों ने दिन-रात मेहनत की। खेतों में फसल लहलहाने लगी। इन दोनों वाक्यों को मिलाकर सरल वाक्य बनेगा
(i) जब किसानों ने दिन-रात मेहनत की तब खेतों में फसल लहलहाने लगी।
(ii) किसानों के दिन-रात मेहनत करने पर खेतों में फसल लहलहाने लगी।
(iii) खेतों में फसल लहलहाने लगी क्योंकि किसानों ने मेहनत की।
(iv) किसानों ने मेहनत की और खेतों में फसल लहलहाने लगी।
उत्तरः
(ii) किसानों के दिन-रात मेहनत करने पर खेतों में फसल लहलहाने लगी।

(ङ) यदि तुम उचित अभ्यास करते तो अवश्य सफल हो जाते। रचना के आधार पर इस वाक्य का भेद है-
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) उपवाक्य
उत्तरः
(iii) मिश्र वाक्य

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प्रश्न 5.
समास विषय पर आधारित निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 है 4 = 4)
(क) ‘नवरत्न’ का समास विग्रह व भेद होगा-
(i) नवरत्न है जिसके-कर्मधारय समास
(ii) नौ रत्नों का समूह-द्विगु समास
(iii) नव रत्न-अव्ययीभाव समास
(iv) नव है रत्न जो-बहुव्रीहि समास
उत्तरः
(ii) नौ रत्नों का समूह-द्विगु समास

(ख) पूजा-अर्चना’ सामासिक शब्द का विग्रह और भेद है
(i) पूजा और अर्चना-द्विगु समास
(ii) पूजा और अर्चना-द्वंद्व समास
(iii) पूजा या अर्चना-द्विगु समास
(iv) पूजा की अर्चना-तत्पुरुष समास
उत्तरः
(ii) पूजा और अर्चना-द्वंद्व समास

(ग) ‘नीला है जो गगन’ का समस्त पद और समास का भेद होगा
(i) नीलगगन-बहुव्रीहि समास
(ii) नीला गगन-तत्पुरुष समास
(iii) नीलगगन-कर्मधारय समास
(iv) नीला गगन-द्वंद्व समास
उत्तरः
(iii) नीलगगन-कर्मधारय समास

(घ) ‘तीन रंगों का समाहार’। इसका समस्त पद और सामासिक भेद है
(i) तीन रंगों-तत्पुरुष समास
(ii) तिरंगा-द्विगु समास
(iii) तिरंगा-बहुव्रीहि समास
(iv) तिरंगा-कर्मधारय समास
उत्तरः
(ii) तिरंगा-द्विगु समास

(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए।
(I) राजा-प्रजा – द्वंद्व समास
(II) महापुरुष – अव्ययीभाव समास
(III) दशानन – बहुव्रीहि समास
(IV) चतुर्भुज – द्वंद्व समास
इनमें से कौन सा/कौन से युग्म नहीं हैं
(i) केवल I
(ii) केवल III
(iii) III और IV
(iv) I और III
उत्तरः
(iv) I और III

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प्रश्न 6.
मुहावरों पर आधारित निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर लिखिए(1 × 4 = 4)
(क) शास्त्रार्थ में उसे कोई नहीं हरा सकता उसने …………….. पानी पिया हुआ है।
(i) घाट-घाट का
(ii) जमीन आसमान का
(iii) कुएं और तालाब का
(iv) घट-घट का
उत्तरः
(i) घाट-घाट का

(ख) बेटे के इलाज के लिए रामलाल ने …………….. एक कर दिया, किंतु कुछ हाथ नहीं आया।
(i) धरती गगन
(ii) आकाश पाताल
(iii) पानी पसीना
(iv) सच झूठ
उत्तरः
(ii) आकाश पाताल

(ग) हमें यह बात समझ लेनी चाहिए कि किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त कर लेना नहीं होता।
(i) हंसी खेल
(ii) आसान काम
(iii) मुश्किल काम
(iv) बेहद सरल
उत्तरः
(i) हंसी खेल

(घ) जो बच्चे माता-पिता की आंखों में …………….. रहे हैं, अपना ही भारी नुकसान कर रहे हैं।
(i) तारा बन
(ii) धूल झोंक
(iii) विरोध कर
(iv) दांत पीस
उत्तरः
(ii) धूल झोंक

(ङ) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन करे।
(i) गाढ़ी कमाई-मेहनत से कमाया हुआ धन
(ii) ऊँट के मुंह में जीरा-अयोग्य को सफलता प्राप्त होना
(iii) हाथ पांव फूल जाना- अत्यधिक खुशी से फूल जाना
(iv) सुध बुध खोना-बेहोश हो जाना
उत्तरः
(i) गाढ़ी कमाई-मेहनत से कमाया हुआ धन

(च) “दिल को गहरी चोट पहुँचना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है।
(i) जिगर के टुकड़े-टुकड़े होना
(ii) लोहे के चने चबाना
(iii) बाट जोहना
(iv) घाट-घाट का पानी पीना
उत्तरः
(i) जिगर के टुकड़े-टुकड़े होना

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 5 = 5)
द्रौपदी की लाज राखी, आप बढ़ायो चीर,
भगत कारण रूप नरहरि, धर्यो आप शरीर ।
बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुंजर पीर,
दासी मीरा लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर।

(क) श्री कृष्ण ने द्रौपदी की लाज कैसे बचाई थी?
(i) उसे महल में शरण देकर
(ii) उसके वस्त्रों को बढ़ाकर
(iii) उसे भोजन देकर
(iv) उसे जागीर देकर
उत्तरः
(ii) उसके वस्त्रों को बढ़ाकर

(ख) मीरा कृष्ण से क्या प्रार्थना कर रही है?
(i) द्रौपदी की भांति मेरे वस्त्रों को बढ़ा दीजिए
(ii) मुझे डूबने से बचाइए
(iii) मेरे कष्टों को दूर कीजिए
(iv) मेरे लिए नरहरी का रूप धारण कीजिए
उत्तरः
(iii) मेरे कष्टों को दूर कीजिए

(ग) मीरा किस रूप में कृष्ण की भक्ति करना चाहती हैं?
(i) दासी के रूप में
(ii) सखी के रूप में
(iii) प्रेमिका के रूप में
(iv) नायिका के रूप में
उत्तरः
(i) दासी के रूप में

(घ) विभिन्न उदाहरण देकर मीरा श्री कृष्ण से
(i) शिकायत कर रही है
(ii) प्रार्थना कर रही हैं
(iii) उलाहना दे रही हैं
(iv) आश्वासन दे रही हैं
उत्तरः
(ii) प्रार्थना कर रही हैं

(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए।
(I) प्रस्तुत दोहा संत रहीम द्वारा रचित है।
(II) शास्त्र पढ़ने से अधिक महत्व प्रेम को दिया गया है।
(III) शास्त्र विद्या को हानिकारक बताया है।
(IV) पंडित कहलाने योग्य संसार में कोई नहीं है।
दोहे मेल खाते हुए वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए।
(i) II, III
(ii) I, II
(iii) I, III
(iv) II
उत्तरः
(iv) II

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प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) ‘उड़ गया अचानक लोग उधर’ ऐसा कहने का भाव
(i) पहाड़ टूट कर बिखर गए।
(ii) झरनों ने पहाड़ों को ढक लिया।
(iii) घने बादलों के कारण पहाड़ अदृश्य हो गए।
(iv) पहाड़ धरती में जाकर छुप गए।
उत्तरः
(iii) घने बादलों के कारण पहाड़ अदृश्य हो गए।

(ख) ‘कोई कहीं सहायक न मिले, तो अपना बल पौरुष न हिले’ इस पंक्ति का संदेश यह है कि
(i) हमें दूसरों से मदद मांग देनी चाहिए।
(ii) अपनी मेहनत पर विश्वास रखना चाहिए।
(iii) हमें भाग्यवादी नहीं पुरुषार्थी होना चाहिए।
(iv) सदा दूसरों के काम आना चाहिए।
उत्तरः
(ii) अपनी मेहनत पर विश्वास रखना चाहिए।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 5 = 5)
बढ़ती हुई आबादी ने समंदर को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्ते से हटाना शुरू कर दिया है। फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है। बारूदों की विनाशलीलाओं ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया। अब गर्मी में ज्यादा गर्मी, बेवक्त की बरसातें, जलजले, सैलाब, तूफान और नित नए रोग मानव और प्रकृति के इसी असंतुलन के परिणाम हैं। नेचर की सहनशीलता की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले मुंबई में देखने को मिला था और यह नमूना इतना डरावना था कि मुंबई निवासी डरकर अपने-अपने पूजा स्थल में अपने खुदाओं से प्रार्थना करने लगे थे।
(क) बदलता हुआ पर्यावरण किसका परिणाम है?
(i) प्राकृतिक असंतुलन का
(ii) विनाशलीलाओं का
(iii) बढ़ती आबादी का
(iv) जंगलों को काटने का
उत्तरः
(iii) बढ़ती आबादी का

(ख) बढ़ते प्रदूषण की देन क्या नहीं है?
(i) नित नए रोग
(ii) प्राकृतिक असंतुलन
(iii) जलजले, तूफान, बाढ़
(iv) प्राकृतिक संतुलन
उत्तरः
(iv) प्राकृतिक संतुलन

(ग) इस गद्यांश के पाठ व लेखक का नाम है
(i) ततारा वामीरो कथा-लीलाधर मंडलोई
(ii) पतझड़ में टूटी पत्तियाँ – निदा फ़ाज़ली
(iii) अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले-निदा फ़ाज़ली
(iv) अब कहाँ दूसरों की खुशी में शामिल होने वाले-रवींद्र केलेकर
उत्तरः
(iii) अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले-निदा फ़ाज़ली

(घ) मुंबई में किस बात का उदाहरण देखने को मिला था?
(i) प्रकृति की सहनशीलता का
(ii) प्रकृति की सहनशीलता समाप्त होने का
(iii) प्रकृति की सहानुभूति का
(iv) प्रकृति के अहंकार का
उत्तरः
(ii) प्रकृति की सहनशीलता समाप्त होने का

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(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : दोनों के हृदय व्यथित थे।
कारण (R) : ततारा अचंभित था, साथ ही रोमांचित भी।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) उसका समर्थन करता है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।
(iv) कथन (A) गलत है कारण (R) भी सही है।
उत्तरः
(i) कथन (A) सही है कारण (R) उसका समर्थन करता है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) बड़े भाई के स्वभाव में कब नरमी दिखाई दी?
(i) जब लेखक अच्छे अंकों से पास हो गए
(ii) जब भाई साहब फेल हो गए
(iii) जब लेखक की स्वच्छंदता बढ़ गई
(iv) जब लेखक ने टाइम टेबल बनाया

(ख) मौन्यूमैट को भोर से ही पुलिस ने क्यों घेर लिया था?
(i) ताकि स्वतंत्रता का आयोजन सफल हो सके
(ii) ताकि स्वतंत्रता का आयोजन सफल न हो सके.
(iii) ताकि झंडा फहराया जा सके
(iv) ताकि स्वतंत्रता प्राप्त हो सके

खंड ‘ब’
दर्णनाल्कक प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर 60 शब्दों में दीजिए (3 × 2 = 6)
(क) निकोबारी ततांरा को क्यों पसन्द करते थे?
उत्तरः
ततांरा निकोबार के एक द्वीप के ‘पासा’ गाँव का रहने वाला बलिष्ठ, आकर्षक व शक्ति सम्पन्न नवयुवक था। वह एक नेक व मददगार व्यक्ति था। केवल अपने गाँव की नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था। उसके आत्मीय स्वभाव के कारण सभी लोग उसे बेहद पसन्द करते थे।

(ख) बड़े भाई साहब ने रावण का उदाहरण देकर लेखक को क्या समझाने का प्रयत्न किया?
उत्तरः
लेखक के बड़े भाई साहब लेखक को सही राह पर बनाए रखना व उन्हें समय-समय पर समझाते रहना अपना परम कर्त्तव्य ही नहीं, जन्मसिद्ध अधिकार भी समझते थे। जब लेखक बिना मेहनत किए ही दो बार उत्तीर्ण हो गए तो भाई साहब को लगा कि लेखक को अहंकार हो गया है। तब उन्होंने रावण का उदाहरण देकर समझाया कि महान ज्ञानी होने पर भी रावण का सर्वनाश होने का एकमात्र कारण उसका अहंकार ही था। अतः घमण्ड से दूर रहना चाहिए और सफल होने के लिए लगातार मेहनत करनी चाहिए।

(ग) लेखक ‘निदा फाजली’ की माँ उन्हें क्या सीख देती थी?
उत्तरः
लेखक ‘निदा फाजली’ की माँ उन्हें प्रकृति का और सभी छोटे-बड़े जीव-जन्तुओं का आदर व उनकी सुरक्षा करने की सीख देती थीं। उन्हें स्वयं प्रकृति से बेहद लगाव था और वे चाहती थीं कि लेखक भी प्रकृति व अन्य जीवधारियों का आदर करे तथा उन्हें कभी कष्ट न पहुँचाए।

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प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 60 शब्दों में दीजिए (3 × 2 = 6)
(क) कबीर के अनुसार निंदक किस प्रकार हमारे स्वभाव को सुधारने में सहायक होता है? वह निंदक के साथ कैसा व्यवहार करने का सुझाव देते हैं?
उत्तरः
संत कबीर ने हमें अपने दोहों के माध्यम से करणीय तथा अकरणीय की सीख दी है। उनका एक दोहा हमें अपने स्वभाव को निर्मल करने का एक विचित्र उपाय बता रहा है। उसके अनुसार हमें निंदक व्यक्ति को सदा अपने पास रखना चाहिए। जब-जब वह हमारी कमियाँ, हमारी बुराइयाँ हमारे सामने रखेगा तब-तब हमें उन्हें दूर करने का या अपनी बुराइयों को अच्छाइयों में रूपांतरित करने का अवसर मिलेगा और इस प्रकार स्वतः हमारा स्वभाव निर्मल हो जाएगा। इस प्रकार निंदा करने वाले व्यक्ति का संग स्वभाव को निर्मल बनाने का एक सरल उपाय है।

(ख) कवि सुमित्रानंदन पंत ने ऐसा क्यों कहा है कि पर्वत बादलों के पंख लगाकर उड़ गए हैं?
उत्तरः
बादल घिरने और वर्षा शुरू होने से पहले जो बड़े-बड़े पहाड़ दूर तक गोल आकार में फैले हुए दिखाई दे रहे थे, वह अचानक अदृश्य हो गए। उन्हें बादलों ने पूरी तरह ढक लिया। प्रकृतिक दृश्य के इस परिवर्तन को कवि की कल्पना ने इस प्रकार प्रस्तुत किया है की पर्वत मानो कोई विशाल पक्षी है जो बादलों के पंख लगा कर उड़ गया है। वह बिल्कुल भी नज़र नहीं आ रहे हैं इसलिए अपार शब्द का प्रयोग किया है कि वह उड़ते हुए बहुत दूर चले गए हैं इसलिए बिल्कुल नज़र नहीं आ रहे।

(ग) ‘कर चले हम फिदा’ कविता में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है?
उत्तरः
दुल्हन शब्द सुनते ही हमारी आंखों के सामने लाल जोड़े में सजी सुंदर युवती आ जाती है। कवि ‘कैफ़ी आज़मी’ ने धरती को दुल्हन कहा है, क्योंकि वह सैनिक जो देश की रक्षा करते करते अपना खून बहा देता है और धरती उसके खून से लाल रंग जाती है, उसे लगता है मानो वह एक नई नवेली दुल्हन को छोड़ कर जा रहा है। जाते-जाते वह उस दुल्हन की जिम्मेदारी हमें अथवा अन्य देशवासियों को सौंप देना चाहता है। ऐसा कहकर कवि हमारे हृदय में देशभक्ति की भावना भर देना चाहते हैं।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 60 ‘ शब्दों में दीजिए (3 × 2 = 6)
(क) पाठ ‘सपनों के से दिन’ के आधार पर बताइए कि आप पी. टी. सर व हैडमास्टर शर्मा जी में से किससे प्रभावित हैं और क्यों?
उत्तरः
हमारे बचपन की कुछ यादें हमेशा हमारे साथ रहती हैं और समय-समय पर खट्टे-मीठे अनुभव देती रहती हैं। पाठ ‘सपनों के से दिन’ में लेखक ने भी अपने बचपन की कुछ यादों को हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने अपने विद्यालय के दो अध्यापकों का विशेष जिक्र किया है। उनमें से एक हैं-पी. टी. सर, मास्टर प्रीतमचन्द, जो कि बहुत ही सख्त स्वभाव के हैं। छात्रों को अनुशासन में रखने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं, यहाँ तक कि खाल खींचने के मुहावरे को प्रत्यक्ष करके दिखा देते हैं। दूसरे हैं-हैडमास्टर शर्मा जी, जो बहुत नम्र स्वभाव के हैं। छात्रों को शारीरिक दण्ड देना उनके उसूलों के खिलाफ है। पी. टी. सर का खौफ इस कदर है कि उनके मुअत्तल हो जाने पर भी उनके कालांश में छात्र घबराते रहते हैं। उनके मुँह से बमुश्किल निकलने वाली ‘शाबाश’ बच्चों को फौज के तमगों जैसी मूल्यवान लगती है। मेरे विचार से दोनों के ही चरित्र में अति है। एक शिक्षक को न तो इतना कठोर होना चाहिए कि छात्र उनका सम्मान करने की बजाए उनसे डरते रहें और न इतना नम्र कि छात्र अनुशासनहीन हो जाएँ।

(ख) अम्मी शब्द सुनकर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तरः
पाठ ‘टोपी शुक्ला’ दो ऐसे मित्रों की कहानी है जिनकी परवरिश बिल्कुल भिन्न परिस्थितियों में हुई, अलग पारिवारिक वातावरण, मान्यताएँ भी अलग, फिर भी दोनों में घनिष्ठ सम्बन्ध बन गए। टोपी हिन्दू परिवार से था जबकि इफ्फन कट्टर मुसलमान परिवार से। टोपी ने इफ्फन के घर से एक नया शब्द सीखा ‘अम्मी’ और अपने घर पर जब उसके मुँह से अपनी माँ के लिए यह शब्द निकला तब उसके परिवार वालों की तीखी नजरें उस पर उठी, खाने की मेज़ पर सभी हाथ अचानक रुक गए, उसकी दादी टोपी की माँ पर बरस पड़ीं कि वह उसे ऐसे लड़के से मित्रता करने से रोकती क्यों नहीं है। माँ ने टोपी को बहुत मारा किन्तु फिर भी टोपी ने इफ्फन से दोस्ती तोड़ना स्वीकार नहीं किया।

(ग) लेखक के साथ हरिहर काका के संबंधों पर प्रकाश डालिए।
उत्तरः
हरिहर काका एक सीधे-सादे किसान थे। खेतीबाड़ी से समय मिलने पर वे गाँव की ठाकुरबाड़ी में जाकर धार्मिक चर्चा में समय व्यतीत करते थे। लेखक को हरिहर के प्रति गहरी आसक्ति थी जिसके बहुत से वैचारिक और व्यावहारिक कारण थे। एक तो यह कि हरिहर उनके पड़ोस में रहते थे, दसरा लेखक जब छोटे थे तब हरिहर काका उन्हें एक पिता से भी अधिक दुलार करते थे। लेखक बचपन में हरिहर काका के कंधे पर बैठकर घूमा करते थे। लेखक जब सयाने हुए तो उनकी पहली दोस्ती हरिहर काका से ही हुई और हरिहर काका अपने मन की सभी बातें लेखक के साथ किया करते थे। लेखक को
उनके साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता था।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 5 with Solutions

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग : 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए-
(क) पर उपदेश कुशल बहुतेरे संकेत बिन्दु

  • लोकोक्ति का अर्थ
  • उदाहरण
  • आदर्श स्थिति।

उत्तरः
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
यह एक सर्वविदित सत्य है कि दूसरों को उपदेश देना, समझाना, दोषारोपण करना तो बहुत आसान है, किन्तु स्वयं उन बातों पर अमल करना या उन दोषों से दूर रहना कठिन है। वास्तव में हमारे उपदेश तभी प्रभावशाली सिद्ध हो सकते हैं जब हम स्वयं उस पर अमल करते हों। जो शिक्षक स्वयं समय बर्बाद करता हो या काम से जी चुराता हो, वह छात्रों को समय के सदुपयोग की सीख कैसे दे पाएगा; जो माता-पिता स्वयं झूठ बोलते हों वे अपने बच्चे को सच बोलना कदापि नहीं सिखा सकते। अतः यदि हम किसी को कुछ सिखाना चाहते हैं तो सर्वप्रथम उस उपदेश को स्वयं पर लागू करना आना चाहिए। किन्तु इसी का दूसरा पहलू भी है कि जब कोई दुविधा में होता है तो उसका विवेक उससे छिन जाता है, ऐसे में उसे उपदेश देकर, समझाकर सही मार्ग पर चलने या उचित निर्णय लेने में मदद की जा सकती है। अतः लोकोक्ति को सर्वथा नकारात्मक रूप से नहीं लेना चाहिए। यदि उचित समय पर, उचित भावना से उपदेश दिया जा रहा है, तो सकारात्मकता के साथ स्वीकार करने में ही भलाई है|

अथवा

(ख) मेरी कल्पना का भारत संकेत बिन्दु

  • प्राचीन भारत
  • वर्तमान की समस्याएँ
  • सुधार के उपाय।

उत्तरः
मेरी कल्पना का भारत
प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसके अपने देश का एक विशेष महत्व होता है। जिस धरती पर हम जन्म लेते हैं, पलते-बढ़ते हैं, उसके साथ हमारी भावनायें जुड़ जाती हैं। मैं भारत का निवासी हूँ और अपने देश को ऊँचाइयों पर देखना चाहता हूँ। कभी हमारा देश भारत सोने की चिड़िया कहलाता था, संस्कृति व प्राकृतिक सम्पदा का धनी था, किन्तु समय के साथ-साथ प्रत्येक दृष्टि से यह कमज़ोर होता गया। अनगिनत समस्याएँ-सामाजिक, आर्थिक, नैतिक व राजनैतिक आदि चुनौती बनकर हमारे सामने खड़ी हैं। इन समस्याओं को तब तक दूर नहीं किया जा सकता जब तक छोटे से बड़े, हर स्तर पर काम करने वाले अपने निजी स्वार्थ से ऊपर न उठ जाएँ। मैं चाहता हूँ कि पूरे आत्मविश्वास व साहस के साथ हम मिलकर अपने देश को इन समस्याओं से उबारें एवं एक ऐसे मुकाम पर ला खड़ा करें कि हर भारतवासी फिर से, गर्व से कह सके कि’सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा।’

अथवा

(ग) मेरा जीवन लक्ष्य संकेत बिन्दु

  • लक्ष्य निर्धारण की आवश्यकता
  • अपना लक्ष्य
  • पूर्ति के लिए प्रयास।

उत्तरः
मेरा जीवन लक्ष्य
जीवन में प्रत्येक कार्य का कोई-न-कोई उद्देश्य होता है या होना चाहिए, तो फिर सम्पूर्ण जीवन का कोई निश्चित लक्ष्य या उद्देश्य होना तो बहुत ही आवश्यक है। लक्ष्यविहीन नाव कभी अपनी मंजिल पर नहीं पहुँच पाती। इसी प्रकार, यदि हम बिना लक्ष्य निर्धारित किए ही जीवन जीते जायेंगे तो अपने मनुष्य जीवन को सार्थक नहीं कर पायेंगे। जितना जल्दी हम लक्ष्य निर्धारित कर लें, उतनी ही उसकी प्राप्ति निश्चित हो जाती है, क्योंकि हमें उस दिशा में प्रयास करने के लिए पर्याप्त समय व अवसर मिल जाते हैं। मुझे बचपन से ही कहानियाँ पढ़ने का, पुस्तकें पढ़ने का बहुत शौक था, धीरे-धीरे लिखने में भी रुचि होने लगी और मुझे यह समझने में देर नहीं लगी कि एक कवि व लेखक बनना एवं देश व समाज को सही दिशा देते रहना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है। अब मैं इसी दिशा में कार्यरत हूँ। देश व दुनिया से सम्बन्धित विषयों पर लिखकर मानव जाति का मार्गदर्शन करते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते रहने का प्रयत्न कर रही हूँ।

प्रश्न 15.
अपने क्षेत्र के थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर बढ़ते अपराधों की सूचना दीजिए।
अथवा
प्रधानाचार्या को शुल्क माफी के लिए प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तरः
दिनांक…………….
श्रीमान् थानाध्यक्ष,
विकासपुरी थाना,
नई दिल्ली-110018

विषय-बढ़ते अपराधों की सूचना।

आदरणीय महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मैं विकासपुरी की निवासी आपको अपने क्षेत्र में दिन-पर-दिन बढ़ते जा रहे .. अपराधों की सूचना देना चाहती हूँ व उनसे होने वाले दुष्परिणामों से भी अवगत कराना चाहती हूँ।
महोदय, हमारा क्षेत्र अब बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं रह गया है। किसी भी समय घर से निकलना, बाज़ार जाना मुश्किल हो गया है। दिन-दहाड़े चेन खींच ली जाती है। हाथ से सामान, पर्स छीन लिया जाता है, यहाँ तक कि चाकू या बन्दूक की नोंक पर कीमती सामान देने के लिए बाध्य कर दिया जाता है। चोर-लुटेरे खुले घूम रहे हैं। ऐसा लगता है कि कानून-व्यवस्था बिल्कुल खत्म हो चुकी है या कहना पड़ेगा कि हमारे रक्षक स्वयं इन अपराधियों के साथ मिले हुए हैं। यदि यही हाल रहा तो लोगों का आप लोगों पर से विश्वास ही उठ जाएगा व अपने देश व समाज के प्रति सहयोग व सम्मान की भावना बिल्कुल समाप्त हो जाएगी।
आपसे अनुरोध है कि आप जल्द ही उचित कदम उठायें व समाज को सुरक्षा प्रदान करें ताकि सभी नागरिक निश्चिन्त व सुरक्षित महसूस करते हुए जीवन निर्वाह कर सकें।
धन्यवाद।
भवदीय,
क ख ग

अथवा

प्रधानाचार्या महोदया,
अ ब स विद्यालय,
नई दिल्ली 110018

विषय-शुल्क माफी हेतु प्रार्थना।

आदरणीया महोदया,

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं का छात्र हूँ। गत 10 वर्ष से मैं इसी विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहा हूँ। प्रत्येक कक्षा में मैं अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होता आया हूँ व विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत होकर मैंने अपने विद्यालय का नाम रोशन किया है। इसके अतिरिक्त मेरी ओर से कभी किसी अध्यापक को शिकायत का मौका नहीं मिला तथा मेरा शुल्क भी सदा समय पर भरा जाता था, किन्तु महोदया, पिछले कुछ दिनों से घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मेरे पिताजी इस वर्ष मेरा शुल्क अदा करने में समर्थ नहीं हो पायेंगे।
अतः आपसे अनुरोध है कि इस वर्ष के लिए मेरा शुल्क माफ करने की कृपा करें। मैं आपको आश्वासन देता हूँ कि हमेशा की तरह आगे भी अपनी मेहनत व लगन से विद्यालय का नाम रोशन करता रहूँगा।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी छात्र,
क ख ग
दिनांक…………………..

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प्रश्न 16.
‘आसरा’ सोसायटी के लोगों को जल आपूर्ति कम होने की सूचना देने हेतु 80 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
अथवा
विद्यालय में होनेजारहेवार्षिकोत्सव में भागलेने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करने हेतु 80 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
उत्तरः

आसरा सोसायटी

सूचना

दिनांक…………….

अपर्याप्त जल आपूर्ति

सोसायटी के सभी सदस्यों को सूचित किया जाता है कि आगामी एक सप्ताह जल आपूर्ति कम रहेगी, अतः सभी | | से अनुरोध है कि जल का दुरुपयोग न करें। याद रखें-‘जल ही जीवन है।’

धन्यवाद।
विपिन गर्ग
सचिव

अथवा

रामकृष्ण उच्चतर माध्यमिक विद्यालय

सूचना

दिनांक…………….

वार्षिकोत्सव का आयोजन

नवम्बर माह में विद्यालय में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस बार का विषय होगा-‘गुरु-शिष्य सम्बन्ध’। वार्षिकोत्सव में भाग लेने के इच्छुक छात्र 15 सितम्बर से पहले अपनी कक्षाध्यापिका को अपना नाम दे | दें। सभी भाग लेने वालों को प्रमाण-पत्र व बेहतरीन भूमिका निभाने वालों को विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए हस्ताक्षरकर्ता से सम्पर्क करें। धन्यवाद।
राहुल चोपड़ा
हेड बॉय

प्रश्न 17.
‘प्रथम’ कोचिंग संस्थान के लिए 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
नाम बदलवाने के लिए 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तरः

प्रथम कोचिंग संस्थान
कक्षा छठी से बारहवीं तक के छात्रों को सभी विषयों की बेहतरीन शिक्षा दिलवाना चाहते हैं, तो जल्द आइए-प्रथम | कोचिंग संस्थान, A.1ए जनकपुरी, नई दिल्ली। दूरभाष-9810102010, सत्र 2018-19 की कक्षाएँ अप्रैल से शुरू होंगी। नामांकन की अन्तिम तिथि 25 मार्च, 2018, प्रथम 50 छात्रों को शुल्क में 30% की छूट।

अथवा

मैं नवीन मित्तल, जनकपुरी, ए.1ए 284 का निवासी दिनांक 20 अप्रैल, 2018 से अपना नाम बदलकर, स्वेच्छा से ‘नीरज मित्तल’ कर रहा हूँ। प्रत्येक निजी व व्यावसायिक स्थान पर मेरा नया नाम ही प्रयोग होगा व इसी नाम से | मेरे हस्ताक्षर होंगे।

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प्रश्न 18.
दिए गए प्रस्थान बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में लघु कथा का निर्माण कीजिए

  • चाय
  • नाम
  • सार्थक

अथवा
आप विपुल/विनीता हैं। विद्यालय में कक्षा ग्यारहवीं के छात्रों के लिए अधिक विकल्प रखने हेतु लगभग 50 शब्दों में प्रधानाचार्य को ई-मेल लिखिए।
उत्तरः
ब्रह्मानंद चाय
स्कूल में चाय के लिए लोगों का बेसब्री से आवाजें लगाना कुछ अच्छा नहीं लगता था। पर कुछ दिनों से चाय के साथ जो नाम मैं सुन रही थी उसने मुझे अपनी ओर अनायास ही आकर्षित कर लिया। कितना प्यारा और गहरा नाम था ‘ब्रह्मानंद’। पर शायद ही कोई उसका पूरा नाम पुकारता था। ब्रह्मानंद को कोई ब्रह्मा, कोई नंदू तो यहां तक कि कोई-कोई तो उसे बी ए कहकर ही पुकारते थे और वह हर पुकार पर मुस्कराता हुआ आता और सबके पसंद की चाय झटपट बना कर ले आता। जब-जब उसे आवाज लगाई जाती, मेरा ध्यान उस ओर जाने लगा और मैं उसके चेहरे की ओर देखने लगी। कितनी गहराई है, उसके नाम में? वैसी ही गहराई कहीं-न-कहीं मुझे उसके चेहरे पर भी नजर आती। वह हर किसी के मुताबिक चाय बना कर लाता, बिना किसी संकोच, बिना किसी परेशानी के।

एक दिन मेरा भी मन हुआ कि मैं ब्रह्मानंद के हाथ की चाय पी कर देखू। मैंने उसे बुलाया ‘ब्रह्मानंद, मुझे भी एक कप चाय दे दो’। उसने पूछा कैसी चाय पसंद है आपको? मैंने बोला जैसी तुम चाहो वैसी बना दो। उसने मुझे जो चाय बना कर पिलाई उसमें मुझे बिल्कुल घर की चाय का स्वाद आया।

एक दिन मैंने उससे पूछ लिया कि ब्रह्मानंद, क्या तुम्हें अपने नाम का मतलब मालूम है? इतना प्यारा नाम तुम्हें किसने दिया? वह बोला पता नहीं। जब से होश संभाला है लोग इसी नाम से पुकारते हैं।

बस इसके आगे कुछ पूछने की मेरी हिम्मत नहीं हुई। इतना साफ था कि उसकी चाय, उसकी मुस्कराहट सबको ब्रह्म सा आनंद देकर तृप्त कर देती थी और उसके नाम को साकार कर देती थी।

अथवा

मेलकर्ता[email protected]
प्राप्तकर्ता[email protected]
भेजने वाला[email protected]

विषय:
20 सितंबर, 2022
सायं 6 बजे
आदरणीय प्रधानाचार्य जी,
मैं विपुल, आपके विद्यालय की कक्षा ग्यारहवीं का छात्र हूँ। मैंने 80% अंकों के साथ दसवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है। 11वीं कक्षा में मैं विज्ञान विषय के साथ मनोविज्ञान विषय लेना चाहता हूँ। हमारी कक्षा के और भी छात्र हैं, जो कुछ अन्य विषय लेने में इच्छुक हैं, किंतु विद्यालय में उसका प्रावधान नहीं है। मेरी आपसे प्रार्थना है, कि कक्षा ग्यारहवीं के लिए अधिकाधिक विषयों का प्रावधान रखें ताकि छात्रों को विद्यालय छोड़कर न जाना पड़े।
आशा है, आप मेरी प्रार्थना को गंभीरता से लेंगे।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
विपुल
कक्षा ग्यारहवीं