Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions Set 2 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 2 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’। कुल प्रश्न 13 हैं।
- खंड ‘अ’ में 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनमें से केवल 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।
- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
रखण्ड ‘अ’: वस्तुपरक-प्रश्न
अपठित गद्यांश
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (1 × 10 = 10)
जिस समय लोकमान्य तिलक ने राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा उस समय पूरा देश ‘चैतन्यहीन’ और ‘स्वत्वहीन’ हो चुका था। देश के करोड़ों निवासी जंगल के सूखे पत्तों की तरह अस्त-व्यस्त थे। उनमें जीवन नहीं था, एकता नहीं थी, उनका आत्मविश्वास मर चुका था। उनके मन में यह भरा जा चुका था कि अंग्रेज़ी साम्राज्य इस देश पर सदा शासन करने वाला है। इस परिस्थिति को बदलने की आवश्यकता तिलक ने महसूस की। उन्होंने उन्हीं असंगठित पत्तों जैसे लोगों को इकट्ठा किया और उनमें राष्ट्रीय स्वातंत्र्य के लिए संकल्प जगाया। देश का बहुसंख्यक समाज परलोक को अधिक महत्त्व देता था और इस लोक के प्रति उदासीन था। इस दृष्टि को बदलकर उन्हें जीवनोन्मुख बनाया। इस कार्य के लिए उन्होंने भगवद्गीता को नया अर्थ दिया और कर्मयोग के सिद्धान्त को लोगों के सामने रखा जो राष्ट्रीय पुनर्जागरण के कार्य में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण और प्रेरणादायक सिद्ध हुआ। तब हालत कुछ ऐसी थी कि अपने समाज के दोष दिखाने और पाश्चात्य समाज, जीवन, विचार और कृतित्व का गुणगान करने में ही हमारे पढ़े-लिखे विचारक गौरव महसूस करते थे। भारत के बहुसंख्यक समाज की धर्म-प्रणाली, रीति-रिवाज, समाज-व्यवस्था सभी उनकी दृष्टि में हेय थी। तिलक ने इस बात को समझा और अपने समाज, धर्म और इतिहास के प्रति लोगों का अभिमान जगाया। इसी के साथ उन्होंने समाज के विभिन्न गुटों के मध्य उत्पन्न हुए विरोधों को दूर कर राष्ट्रीयता की भावना को पैदा किया और राष्ट्रीयता की भावना से ही पूर्ण स्वराज्य की माँग का उदय हुआ जिसका प्रेरक वाक्य था-“स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार
(i) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा
(क) तिलक का जीवन परिचय
(ख) स्वतंत्रता आंदोलन में तिलक का योगदान
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) स्वतंत्रता आंदोलन में तिलक का योगदान
(ii) तिलक की राष्ट्रीयता की भावना किस रूप में प्रतिफलित हुई?
(क) स्वराज्य की माँग के
(ख) पाकिस्तान की माँग के
(ग) इंग्लैण्ड की माँग के
(घ) सभी
उत्तर:
(क) स्वराज्य की माँग के
व्याख्या : तिलक द्वारा समाज में जगाई गई राष्ट्रीयता की भावना ही पूर्ण स्वराज्य की माँग के रूप में प्रतिफलित हुई।
(iii) ‘चैतन्यहीन’ से क्या तात्पर्य है?
(क) चेतना विहीन
(ख) आत्मविश्वास परिपूर्ण
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) चेतना विहीन
(iv) भारतीयों की तुलना किससे की है?
(क) गीले पत्ते
(ख) सूखे पत्ते
(ग) मिट्टी
(घ) पेड़
उत्तर:
(ख) सूखे पत्ते
व्याख्या : भारतीयों की तुलना सूखे पत्ते से इसलिए की गई है क्योंकि उसमें जीवन का रस नहीं था।
(v) भारतीय पढ़े-लिखे विचारकों की दृष्टि में हेय क्या था?
(क) रीति-रिवाज़
(ख) समाज-व्यवस्था
(ग) धर्म-प्रणाली
(घ) सभी
उत्तर:
(घ) सभी
(vi) तिलक ने लोगों में कैसा स्वाभिमान जाग्रत किया?
(क) राष्ट्रीय
(ख) अन्तर्राष्ट्रीय
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) राष्ट्रीय
(vii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) देशवासियों के मन में यह बस चुका था कि अंग्रेज़ सदा के लिए शासन करने वाले हैं।
(II) देशवासियों के मन में यह बस चुका था कि अंग्रेज़ सदा के लिए शासन नहीं करने वाले हैं।
(III) अंग्रेज़ सदा से भारतीयों की मदद करते आए हैं।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है। हैं?
(क) केवल II
(ख) केवल III
(ग) केवल I
(घ) I और IIII
उत्तर:
(ग) केवल I
(viii) किसके द्वारा राष्ट्रीय पुनर्जागरण का कार्य किया गया?
(क) जीवनोन्मुख दृष्टि
(ख) कर्मयोग के सिद्धान्त
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) जीवनोन्मुख दृष्टि
व्याख्या : स्वतन्त्रता पाने में प्रेरक वाक्य बना “स्वतन्त्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है।”
(ix) प्रेरक वाक्य क्या था?
(क) स्वतन्त्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।
(ख) स्वतन्त्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है।
(ग) स्वराज की माँग हमारा जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है।
(घ) बेड़ियों में रहना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।
उत्तर:
(क) स्वतन्त्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।
(x) निम्नलिखित कथन कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): सामाजिक सौहार्द्र के लिए विभन्न गुटों में बँटे भारतीय समाज के अन्तर्विरोधों को दूर किया।
कारण (R): जिससे पूर्ण स्वराज की माँग का उदय हुआ।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
उत्तर:
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
2. निम्नलिखित पद्यांशों में से किसी एक पद्यांश से संबंधित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प-चयन द्वारा दीजिए- (1 × 5 = 5)
मन-दीपक निष्कंप जलो रे !
सागर की उत्ताल तरंगें,
आसमान को छू-छू जाएँ
डोल उठे डगमग भूमंडल
अग्निमुखी ज्वाला बरसाए
धूमकेतु बिजली की द्युति से,
धरती का अंतर हिल जाए
फिर भी तुम जहरीले फन को
कालजयी बन उसे दलो रे !
कदम-कदम पर पत्थर, काँटे
पैरों को छलनी कर जाएँ।
श्रांत-क्लांत करने को आतुर
क्षण-क्षण में जग की बाधाएँ
मरण गीत आकर गा जाएँ
दिवस-रात, आपद-विपदाएँ
फिर भी तुम हिमपात तपन में
बिना आह चुपचाप जलो रे !
(i) कवि ने बाधाओं को दूर करने हेतु क्या बनने को कहा है ?
(क) देवता
(ख) कालजयी
(ग) दीपक
(घ) जहरीला नाग
उत्तर:
(ख) कालजयी
व्याख्या : कवि बाधाओं को दूर करने हेतु कालजयी बनने को कहता है। जो बाधाओं से डरे नहीं, मरे नहीं बल्कि मृत्यु को भी जीत ले।
(ii) बाधाओं को किसकी उपमा दी है ?
(क) पत्थर और काँटे की।
(ख) फूल और कलियों की।
(ग) दीपक और बाती की।
(घ) जीवन और मृत्यु की।
उत्तर:
(क) पत्थर और काँटे की।
(iii) कवि मानव मन को क्या करने को कहता है ?
(क) प्रतिशोध लेने को।
(ख) यादों के भंवर में न भटकने को।
(ग) निडर रहने को।
(घ) धर्मयुद्ध करने को।
उत्तर:
(ग) निडर रहने को।
(iv) कवि ने कविता में किसे संबोधित किया है ?
(क) दीपरूपी मन।
(ख) कमलरूपी मन।
(ग) सूर्यरूपी मन।
(घ) फनरूपी मन।
उत्तर:
(क) दीपरूपी मन।
(v) ‘क्षण-क्षणं, छू-छू, कदम-कदम’ में कौन-सा अलंकार है?
(क) उपमा।
(ख) मानवीकरण।
(ग) पुनरुक्ति प्रकाश।
(घ) अन्योक्ति।
उत्तर:
(ग) पुनरुक्ति प्रकाश।
अथवा
मैंने गढ़े
ताकत और उत्साह से
भरे-भरे
कुछ शब्द
जिन्हें छीन लिया मठाधीशों ने
दे दिया उन्हें धर्म का झंडा
उन्मादी हो गए
मेरे शब्द
तलवार लेकर
मिटाने लगे
अपना ही वजूद
फिर रचे मैंने
इंसानियत से लबरेज
ढेर सारे शब्द
अबकी उन्हें अगवा कर लिया
सफेदपोश लुटेरों ने
और दबा दिया उन्हें
कुर्सी के पाये तले
असहनीय दर्द से चीख रहे हैं
मेरे शब्द और वे
कर रहे हैं अट्टहास
अब मैं गढूँगी
बोऊँगी उन्हें
निराई गुड़ाई और
खाद-पानी से
लहलहा उठेगी फ़सल
तब कोई मठाधीश
कोई लुटेरा
नहीं छीन पाएगा उन्हें
छीनने की कोशिश में भी
गिर ही जाएँगे कुछ दाने
और समय आने पर
फिर उगेंगे वे
एक बार
दो बार
बार-बार
लगातार उगेंगे
मेरे शब्द
(i) मठाधीशों ने उत्साह भरे शब्दों को क्यों छीना ?
(क) धार्मिक उन्माद जगाने के लिए
(ख) धर्म से दूर करने के लिए
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) धार्मिक उन्माद जगाने के लिए
व्याख्या : धार्मिक उन्याद लोगों में जगाने के लिए मठाधीशों ने उत्साह भरे शब्दों को छीन लिया।
(ii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) तलवार शब्द आत्मघात की ओर संकेत करता है।
(II) तलवार शब्द सुरक्षा की ओर संकेत करता है।
(III) तलवार शब्द निष्क्रिय की ओर संकेत करता है।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा / कौन-से सही है/ हैं?
(क) केवल II
(ख) केवल I
(ग) केवल III
(घ) I और III
उत्तर:
(ख) केवल I
(iii) कवयित्री किस उम्मीद से शब्दों को बो रही है?
(क) सही अर्थ प्राप्त करने की
(ख) अलग अर्थ प्राप्त करने की
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) सही अर्थ प्राप्त करने की
(iv) पंक्तियों में ‘वे’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(क) राष्ट्रपति
(ख) जनता
(ग) नेताओं
(घ) किसान
उत्तर:
(ग) नेताओं
(v) कवि बाधाओं को दूर करने हेतु क्या बनने के लिए कहता है?
(क) सक्रिय
(ख) कालजयी
(ग) साधारण मनुष्य
(घ) राष्ट्रपति
उत्तर:
(ख) कालजयी
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
(i) भुगतान के आधार पर काम करने वाले पत्रकार कहलाते हैं ?
(क) फ्रीलांसर
(ख) वॉचडॉग
(ग) बीट
(घ) संपादक
उत्तर:
(क) फ्रीलांसर
व्याख्या : फ्रीलांसर पत्रकार भुगतान के आधार पर अलग-अलग अख़बारों के लिए लिखते हैं।
(ii) समाचार के प्रारम्भिक अंश को क्या कहते हैं ?
(क) इन्ट्रो
(ख) बॉडी
(ग) ककार
(घ) ये सभी
उत्तर:
(क) इन्ट्रो
व्याख्या : समाचार के विस्तृत तत्त्वों को घटते क्रम में लिखना बॉडी कहलाता है तथा समाचार का प्रारंभ-भाग इन्ट्रो/मुखड़ा कहलाता है। इसे उल्टा पिरामिड शैली कहते हैं।
(iii) निम्न में से प्रिंट मीडिया का माध्यम है-
(क) टेलीविज़न
(ख) रेडियो
(ग) सिनेमा
(घ) समाचार-पत्र
उत्तर:
(घ) समाचार-पत्र
व्याख्या : प्रिंट मीडिया/मुद्रित माध्यम जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में से सबसे पुराना माध्यम है। वास्तव में आधुनिक युग की शुरुआत ही मुद्रण के आविष्कार से हुई।
(iv) कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ से उचित मिलान कीजिए-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) सिनेमा | (i) दृश्य माध्यम |
(ii) समाचार पत्र | (ii) प्रिंट माध्यम |
(iii) ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना | (iii) मार्थोनी |
(iv) रेडियो का आविष्कार | (iv) 1936 |
(क) (iv), (iii), (ii), (i)
(ख) (i), (ii), (iii), (iv)
(ग) (i), (ii), (iv), (iii)
(घ) (i), (iii), (iv), (ii)
उत्तर:
(ग) (i), (ii), (iv), (iii)
(v) ऑल इंडिया रेडियो वर्तमान में किस संस्था के अंतर्गत है ?
(क) प्रसार भारती
(ख) भारतीय टेलीकॉम
(ग) डी. डी. नेशनल
(घ) ये सभी
उत्तर:
(क) प्रसार भारती
व्याख्या : सन् 1997 में आकाशवाणी को केन्द्र सरकार के सीधे नियंत्रण से निकालकर प्रसार भारती नाम के स्वायत्तशासी निकाय को सौंप दिया गया।
4. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए- (1 × 5 = 5)
जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास
पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
जब वे पेंग भरते हुए चले जाते हैं
डाल की तरह लचीले वेग से अकसर
छतों के खतरनाक किनारों तक
उस समय गिरने से बचाता है उन्हें
सिर्फ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत
पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं महज़ एक धागे के सहारे
पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं
अपने रंध्रों के सहारे
अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से
और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं
पृथ्वी और भी तेज़ घूमती हुई आती है
उनके बेचैन पैरों के पास।
(i) पद्यांश में ‘वे’ और ‘उनके’ सर्वनाम शब्द किनके लिए प्रयुक्त हुए हैं?
(क) स्त्रियों के लिए
(ख) बच्चों के लिए
(ग) पुरुषों के लिए
(घ) बूढ़ों के लिए।
उत्तर:
(ख) बच्चों के लिए
व्याख्या : पद्यांश में ‘वे’ और ‘उनके’ सर्वनाम शब्द पतंग उड़ाने वाले बच्चों के लिए प्रयुक्त हुए हैं।
(ii) ‘जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास’ पंक्ति का आशय है-
(क) बच्चे के जन्म पर कपास का उपहार दिया जाता है
(ख) बच्चे कपास की तरह सफ़ेद होते हैं
(ग) जन्म से ही बच्चे कपास जैसी कोमल भावनाएँ और लचीला शरीर लेकर आते हैं
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) जन्म से ही बच्चे कपास जैसी कोमल भावनाएँ और लचीला शरीर लेकर आते हैं
व्याख्या : बच्चे जब जन्म लेते हैं तब वे बहुत ही सुकोमल होते हैं। उनमें कोमल भावनाएँ होती हैं व लचीला शरीर होता है जैसे- कि कपास कोमल, मुलायम व लचीली होती है।
(iii) ‘दौड़ते हैं बेसुध’ पंक्ति के अनुसार बच्चों की बेसुधी के उदाहरण हैं
(क) वे दौड़ते-दौड़ते सो जाते हैं
(ख) वे सो नहीं पाते, अतः नींद में ही दौड़ते रहते हैं
(ग) वे जैसे ही बेसुध होते हैं, दौड़ना शुरू कर देते हैं
(घ) कटी पतंग को लूटने के लिए वे छतों पर बेसुध होकर दौड़ते हैं। वे छतों के खतरनाक किनारों पर भी बेसुध होकर दौड़ने लगते हैं।
उत्तर:
(घ) कटी पतंग को लूटने के लिए वे छतों पर बेसुध होकर दौड़ते हैं। वे छतों के खतरनाक किनारों पर भी बेसुध होकर दौड़ने लगते हैं।
व्याख्या : बच्चे जब पतंग उड़ा रहे होते हैं तब वे अपनी चिंता ही छोड़ देते हैं। वे बेसुध होकर कटी पतंग को लूटने के लिए दौड़ पड़ते हैं चाहे वह छत हो या छत का किनारा, जहाँ से गिरने का भय भी रहता है।
(iv) अलंकार की दृष्टि से कौन-सा विकल्प सही है?
(क) धागे के सहारे – उपमा अलंकार
(ख) पैरों के पास – अनुप्रास अलंकार
(ग) और भी निडर होकर – पुनरुक्ति अलंकार
(घ) उस समय गिरने से – छेकांनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(ख) पैरों के पास – अनुप्रास अलंकार
(v) छतों के किनारों से उन्हें गिरने से कौन बचाता है?
(क) बच्चों की मदमस्त गतिविधियाँ
(ख) उनकी रोमांचकारी अनुभूतियाँ
(ग) उनकी बेखौफ़ एवं रोमांचक निश्चिन्तता
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्या :बच्चों की गतिविधियाँ बहुत मदमस्त होती हैं। उनके लिए कटी पतंग पकड़ने के लिए दौड़ना रोमांचकारी अनुभूति होती है। वे गिरने के डर से बेखौफ़ रहते हैं। उन्हें केवल रोमांचक निश्चिन्तता रहती है। उनकी ये सभी गतिविधियाँ और उनकी निडरता उन्हें छतों के किनारे से गिरने से बचाती हैं।
5. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प को चुनिए- (1 × 5 = 5)
फिर जीजी बोली, “देख, तू तो अभी से पढ़-लिख गया है। मैंने तो गाँव के मदरसे का भी मुँह नहीं देखा। पर एक बात देखी है कि अगर तीस-चालीस मन गेहूँ उगाना है तो किसान पाँच-छह सेर अच्छा गेहूँ अपने पास से लेकर ज़मीन में क्यारियाँ बना कर फेंक देता है। उसे बुवाई कहते हैं। यह जो सूखे में हम अपने घर का पानी इन पर फेंकते हैं; वह भी बुवाई है। यह पानी गली में बोएँगे तो सारे शहर, कस्बा, गाँव पर पानी वाले बादलों की फ़सल आ जाएगी। हम बीज बनाकर पानी देते हैं, फिर काले मेघों से पानी माँगते हैं। सब ऋषि-मुनि कह गए हैं कि पहले खुद दो तब देवता तुम्हें चौगुना-अठगुना करके लौटाएँगे। भइया, यह तो हर आदमी का आचरण है, जिससे सबका आचरण बनता है। यथा राजा तथा प्रजा सिर्फ यही सच नहीं है। सच यह भी है कि यथा प्रजा तथा राजा। यही तो गांधी जी महाराज कहते हैं।”
(i) बुवाई के लिए किसान किस प्रकार से श्रम करता है ?
(क) ज़मीन की निराई, गुड़ाई करना
(ख) हल चलाना व क्यारियाँ बनाना
(ग) बीज बोना
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्या : किसान ज़मीन की निराई, गुड़ाई करता है, बीज़ बोता है और हल चलाकर क्यारियाँ बनाकर परिश्रम द्वारा बुवाई करता है।
(ii) त्याग की महत्ता को किसने बताया था ?
(क) ऋषि-मुनियों ने
(ख) इंदर सेना ने
(ग) लेखक ने
उत्तर:
(क) ऋषि-मुनियों ने
व्याख्या : ऋषि-मुनियों का कहना है कि मनुष्य को पहले स्वयं त्यागपूर्वक दान करना चाहिए तभी उसे उसका गुना मिलता है।
(iii) इंदर सेना पर पानी फेंकना जीजी के अनुसार क्या है ?
(क) पानी की बर्बादी
(ख) पानी की बुवाई
(ग) अंधविश्वास
(घ) पानी का विसर्जन।
उत्तर:
(ख) पानी की बुवाई
व्याख्या : जीजी के अनुसार काले मेघों से वर्षा पाने के लिए इंदर सेना पर पानी फेंकना मानो पानी की बुवाई है।
(iv) निम्नलिखित कथन कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): जीजी ने अपने आचरण संबंधी बात के समर्थन में गांधी जी का नाम लिया।
कारण (R): क्योंकि गाँधी-जी सत्य का समर्थन करते थे।
(क) कथन (A) सही है तथा कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) कथन की सही व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) कथन की सही व्याख्या करता है।
व्याख्या : जीजी आचरण को बहुत महत्त्व देती थी। राजा और प्रजा दोनों का आचरण मानवीय मूल्यों के अनुसार होना चाहिए। गांधीजी भी यही कहते थे कि उनका स्वयं का आचरण सत्य व त्याग पर आधारित था। वे सादगी भरा जीवन व्यतीत करते थे और अहिंसा के रास्ते पर चलते थे।
(v) गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) जीजी किसान के उदाहरण द्वारा यह सिद्ध करना चाहती है कि इंदर सेना पर जल समर्पित करना होगा।
(II) जीजी किसान के उदाहरण द्वारा यह सिद्ध करना चाहती है कि खेती के लिए हल आवश्यक है।
(III) खेती का कार्य वर्षा पर पूरी तरह निर्भर होता है।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा / कौन-से सही है/ हैं?
(क) केवल I
(ख) केवल II
(ग) केवल III
(घ) I और III
उत्तर:
(क) केवल I
व्याख्या : जीजी किसान के उदाहरण द्वारा यह बताना चाहती है कि जिस प्रकार किसान बुआई करके फ़सल उगाता है उसी प्रकार इंदर सेना पर जल डालना भी वर्षा के लिए बुवाई होती है।
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हेतु निर्देशानुसार सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 10 = 10)
(i) लेखक ने अपनी पढ़ाई के सम्बन्ध में किसकी सहायता लेने का सुझाव दिया ?
(क) दादा की
(ख) सौंदलगेकर की
(ग) ताऊ की
(घ) दत्ता जी राव की
उत्तर:
(घ) दत्ता जी राव की
व्याख्या : पूरे गाँव में दत्ता जी राव का अत्यधिक मान- सम्मान था। लेखक के पिता भी उनकी बात को ठुकरा नहीं सकते थे अतः लेखक ने अपनी पढ़ाई के सम्बन्ध में दत्ताजी राव की सहायता लेना उचित समझा।
(ii) लेखक का पिता अपना पूरा दिन कहाँ व्यतीत करता था ?
(क) खेतों में
(ख) घर पर
(ग) रखमाबाई के पास
(घ) पाठशाला में
उत्तर:
(ग) रखमाबाई के पास
व्याख्या : लेखक का पिता ऐशो-आराम और मस्ती से रहने वाला व्यक्ति था। वह खेतों में काम नहीं करना चाहता था और आज़ादी से घूमना चाहता था। इसी ऐशो-आराम और मस्ती के लिए वह अपना पूरा दिन रखमाबाई के पास व्यतीत करता था।
(iii) लेखक के पिता के लिए किसका बुलावा सम्मानीय बात थी?
(क) देसाई का
(ख) गणपा का
(ग) सौंदलगेकर का
(घ) बोरकर का
उत्तर:
(क) देसाई का
व्याख्या : लेखक के पिता दत्ता जी राव देसाई को बहुत मानते थे। वे उनकी प्रत्येक बात भी मानते थे। उसके लिए देसाई का बुलावा आना सम्मान की बात थी।
(iv) यशोधर बाबू का चड्ढा के संबंध में क्या विचार था?
(क) अद्भुत
(ख) बदतमीज़
(ग) कामचोर
(घ) समहाउ इंप्रापर चड्ढा
उत्तर:
(घ) समहाउ इंप्रापर चड्ढा
व्याख्या : चड्ढ़ा ने यशोधर बाबू के साथ बद्तमीज़ी की थी और उसकी चौड़ी मोहरी वाली पतलून और ऊँची एड़ी वाले जूते देखकर भी चड्ढ़ा उन्हें समहाउ इंप्रापर लग रहा था।
(v) यशोधर बाबू की कलाई घड़ी का क्या कहकर मज़ाक उड़ाता था ?
(क) चूनेदानी
(ख) चूहेदानी
(ग) माचिस की डिबिया
(घ) खटारा
उत्तर:
(ख) चूहेदानी
व्याख्या : यशोधर बाबू ने जब ऑफिस के लोगों को ऑफिस की घड़ी की तरह सुस्त बताया, तो चड्ढ़ा ने भी यशोधर बाबू की घड़ी को चूनेदानी’ कहकर उनकी घड़ी का मज़ाक उड़ाया।
(vi) किशन दा ने यशोधर बाबू को कितने रुपए उधार देकर मदद की थी ?
(क) ₹ 20
(ख) ₹ 50
(ग) ₹ 100
(घ) ₹ 150
उत्तर:
(ख) ₹ 50
व्याख्या : किशन दा ने यशोधर बाबू को, ₹ 50 उधार देकर मदद की थी।
(vii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(I) यशोधर बाबू की शादी 6 फरवरी 1947 में हुई थी।
(II) यशोधर बाबू की शादी 8 फरवरी 1947 में हुई थी।
(III) यशोधर बाबू की शादी 9 फरवरी 1947 में हुई थी।
(IV) यशोधर बाबू की शादी 10 फरवरी 1947 में हुई थी।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा / कौन-से सही है/ हैं?
(क) I और IV
(ख) केवल I
(ग) केवल II
(घ) केवल IV
उत्तर:
(ख) केवल I
व्याख्या : यशोधर बाबू की शादी 6 फरवरी, 1947 में हुई थी।
(viii) कुंड की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता है-
(क) इसका विशाल आकार
(ख) कुंड के नीचे उतरती सीढ़ियाँ
(ग) पक्की ईंटों का जमाव
(घ) तीन तरफ़ बने साधुओं के कक्ष
उत्तर:
(ग) पक्की ईंटों का जमाव
व्याख्या : महाकुंड को चूने और गारे का इस्तेमाल कर ईंटों से पक्का बनाया गया है जिससे अंदर का पानी बाहर और बाहर का अशुद्ध पानी अंदर नहीं आ सकता। इसका पानी बाहर निकालने के लिए भी ईंटों से ढकी पक्की नालियाँ बनी हैं।
(ix) विशाल कोठार किस प्रयोग में लाया जाता था ?
(क) सेना के अस्त्र-शस्त्र रखने के
(ख) कर के रूप में प्राप्त अनाज रखने के
(ग) तीर्थयात्रियों व साधुओं के ठहरने के
(घ) लगान के हिसाब-किताब के बहीखाते रखने के
उत्तर:
(ख) कर के रूप में प्राप्त अनाज रखने के
व्याख्या : महाकुंड के दूसरी तरफ़ बना नौ-नौ की तीन कतारें, हवादारी और चौकियों को देख प्रबंधकों ने इस विशाल कोठार का उपयोग कर के रूप में मिले अनाज का संग्रहण करना माना है।
(x) फसलों की ढुलाई किसके द्वारा की जाती थी ?
(क) बैलगाड़ी के
(ख) हथठेला के
(ग) सिर पर रखकर
(घ) ऊँटों के
उत्तर:
(क) बैलगाड़ी के
व्याख्या : फसलों की ढुलाई बैलगाड़ी द्वारा की जाती थी।
रखण्ड ‘ब’ : वर्णनात्मक प्रश्न
7. दिए गए चार अप्रत्याशित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए- (6 × 1 = 6)
(क) कम्प्यूटर : मेरे जीवन में
(ख) भारत की सामाजिक समस्याएँ
(ग) स्वाभिमान चाहिए, अभिमान नहीं
(घ) विकास के लिए शिक्षा आवश्यक
उत्तर:
(क) कम्प्यूटर : मेरे जीवन में
कम्प्यूटर आधुनिक विज्ञान का अद्भुत करिश्मा है जिसने सारे विश्व को अपने आकर्षण में जकड़ लिया है। कोई वैज्ञानिक प्रतिष्ठान हो या औद्योगिक प्रतिष्ठान, बैंक हो या बीमा निगम, रेलवे स्टेशन हो या बस डिपों हर जगह इसका बोलबाला है। यही स्कूल-कॉलेजों में विद्यार्थियों की रुचि का केन्द्र है। सबकी तरह मैं भी कम्प्यूटर के प्रभाव से अछूता नहीं हूँ। कम्प्यूटर ने मेरे जीवन को जहाँ रफ्तार दी है वहीं इसे आरामदायक भी बना दिया है। शिक्षा से सम्बन्धित कैसी भी जानकारी प्राप्त करना बहुत सरल हो गया है।
परिवार, रिश्तेदारों, मित्रों आदि से सम्पर्क बनाए रखना हो या बिजली, टेलीफोन आदि के बिल जमा करने हों, तो कम्प्यूटर के द्वारा घर बैठे जमा कर सकते हैं। कम्प्यूटर के कारण भारी-भरकम पुस्तकों को रखने, सँभालने और उन्हें उलटने-पुलटने की आवश्यकता खत्म होती जा रही है। इंटरनेट ने सारे विश्व को एक पाठशाला में बदल देने की शक्ति दिखा दी है। कम्प्यूटर के कारण मैं किसी भी प्रकार की लम्बी से लम्बी गणना बिना किसी त्रुटि के कुछ ही पलों में कर लेता हूँ। जब कभी थक जाता हूँ या बोरियत महसूस करता हूँ तो कम्प्यूटर पर चलचित्र देख लेता हूँ या मनपसंद गाने सुन लेता हूँ। इससे अकेलेपन का एहसास भी नहीं होता। घर से दूर परदेस में यह एक सच्चे मित्र की भाँति मेरा साथ देता है।
परिवार को पैसे भेजने का कार्य भी कम्प्यूटर सुगमता से कर देता है। घर जाने के लिए रेल का टिकट कराना हो या हवाई जहाज का, कम्प्यूटर के द्वारा सुविधापूर्वक किया जा सकता है। वस्तुतः आज के समय में कम्प्यूटर हमारे घर के एक सदस्य की तरह हमारा साथ निभा रहा है।
(ख) भारत की सामाजिक समस्याएँ
मेरा भारत एक विशाल देश है जहाँ विभिन्न धर्मों, जातियों व वेश-भूषाओं को धारण करने वाले लोग निवास करते हैं। दूसरे शब्दों में अनेकता में एकता हमारी पहचान और हमारा गौरव है परन्तु अनेकता अनेक समस्याओं की जननी भी है। प्रायः जाति, भाषा, रहन-सहन व धार्मिक विभिन्नताओं के बीच सामंजस्य रखना दुष्कर हो जाता है। विभिन्न धर्मों व सम्प्रदायों के लोगों की विचारधाराएँ भी भिन्न-भिन्न होती हैं।
देश में व्याप्त प्रांतीयता, भाषावाद, सम्प्रदायवाद या जातिवाद इन्हीं विभिन्नताओं का दुष्परिणाम है। इसके चलते आज देश के लगभग सभी राज्यों से दंगे-फसाद, मारकाट, लूट-खसोट आदि के समाचार प्रायः सुनने व पढ़ने को मिलते हैं। नारी के प्रति अत्याचार, दुराचार तथा बलात्कार का प्रयास हमारे समाज की एक शर्मनाक समस्या है। केवल अशिक्षित ही नहीं अपितु हमारे कथित सभ्य-शिक्षित समाज में भी दहेज का ज़हर व्याप्त है। अंधविश्वास व रूढ़िवादिता हमारे देश के नवयुवकों को भाग्यवादिता की ओर ले जाती है फलस्वरूप वे कर्महीन हो जाते हैं। भ्रष्टाचार भी हमारे देश में एक जटिल समस्या का रूप ले चुका है।
भ्रष्टाचार के परिणामस्वरूप देश में महँगाई और कालाबाजारी के ज़हर का स्वच्छंद रूप से विस्तार हो रहा है। जातिवाद की जड़ें समाज में बहुत गहरी हो चुकी हैं। ये समस्याएँ आज की नहीं हैं अपितु सदियों से पनप रही हैं। इसके परिणामस्वरूप पनपी सामाजिक विषमता देश के विकास में बाधक हैं। इसके अतिरिक्त देश में फैली अशिक्षा और निर्धनता जैसी सामाजिक समस्याओं के रहते कोई भी देश वास्तविक रूप में विकास नही कर सकता।
(ग) स्वाभिमान चाहिए, अभिमान नहीं
स्वाभिमान और अभिमान ये दोनों मनुष्य के चरित्र को परिभाषित करते हैं। जहाँ स्वाभिमान उसके उच्च व्यक्तित्व का उदात्त अंग कहलाता है वहीं अभिमान उसके पतन का कारण बनता है। स्वाभिमान मनुष्य का गुण बन जाता है और अभिमान उसका अवगुण कहलाता है। स्वाभिमान ही प्रत्येक मनुष्य का आभूषण है। यह हर व्यक्ति के अंतस में विद्यमान उसका प्रिय मित्र होता है।
स्वाभिमान रूपी पूँजी जिसके पास नहीं होती वह मृतप्राय होता है। उसे हर कोई रौंदता हुआ आगे बढ़ जाता है। इसी प्रकार जिस देश के लोगों में स्वाभिमान का भाव नहीं होता, उस राष्ट्र को कोई भी शत्रु-देश आक्रमण करके सरलता से अपने अधीन कर लेता है। इसके विपरीत अभिमान मनुष्य का वह अवगुण है जो व्यक्ति के सिर चढ़कर बोलता है। यह मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। मनीषियों का कथन है कि अहंकारी कितने भी ऊँचे बोल क्यों न बोल ले उसका अंत हमेशा बुरा ही होता है।
स्वाभिमानी मनुष्य मृत्यु तुल्य कष्टों का भी हँसकर सामना कर लेते हैं। वे अपने स्वाभिमान का सौदा कभी भी किसी भी मूल्य पर नहीं करते। ऐसे स्वाभिमानियों से तो बड़े-बड़े साम्राज्य भी थर-थर काँपते हैं। वे जानते हैं कि ऐसे लोग अपने लिए कभी समझौता नहीं करते। वहीं अभिमानी लोग खुद तो डूबते ही हैं अपने साथियों को भी डुबाने का अपराध करते हैं। वे इस तथ्य को भूल जाते हैं “घमंडी का सिर नीचा।” अभिमानी का अन्त सदैव बुरा होता है जैसे रावण और हिरण्यकश्यप जैसे अभिमानियों का हुआ अतः हमें स्वाभिमानी बनना चाहिए, अभिमानी नहीं। मैं भी ऐसा ही स्वाभिमानी बनूँगा।
(घ) विकास के लिए शिक्षा आवश्यक
शिक्षा अपने चारों ओर की चीज़ों को सीखने की प्रक्रिया है मैं यह जानता हूँ कि यह हमें किसी भी वस्तु या परिस्थिति को आसानी से समझने, किसी भी समस्या से निपटने और जीवन भर विभिन्न आयामों में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। शिक्षा के बिना हम अधूरे हैं और हमारा जीवन बेकार है, शिक्षा के बिना मनुष्य अपना विकास नहीं कर सकता है।
शिक्षा से मनुष्य का बौद्धिक विकास होता है जिसके बल पर वह आत्मनिर्भर बन अपना आर्थिक विकास कर सकता है। किसी भी देश या जाति के विकास के लिए भी शिक्षा उतनी ही आवश्यक है जितनी मानव के व्यक्तिगत विकास के लिए इसीलिए हमारे देश में ‘पढ़े इंडिया, बढ़े इंडिया’ जैसे-शिक्षा कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा रहा है। यह सामाजिक विकास, आर्थिक समृद्धि और तकनीकी उन्नति का सही रास्ता है। शिक्षा वैज्ञानिकों की, शोधकार्यों में; यांत्रिक मशीनों आधुनिक जीवन के आवश्यक अन्य तकनीकियों के आविष्कार में सहायता करती है। यह समाज में सामान्य संस्कृति और मूल्यों को विकसित करती है। इस तरह देश शिक्षा के द्वारा अपने चहुँमुखी विकास की ओर अग्रसर होता है।
8. किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(क) कहानी-कला की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
कहानी का इतिहास मानव इतिहास जितना ही पुराना माना जाना चाहिए क्योंकि कहानी मानवीय प्रकृति जन्य है। पहले युद्ध, प्रेम, प्रतिशोध के किस्से, फिर कल्पनात्मक कहानियाँ और फिर जो उसे प्रिय लगा, उसके किस्से सुनाए जाते थे। धीरे-धीरे वीरता के बलिदानों और त्याग, तपस्या के किस्से भी सुनाए गए जिससे व्यक्तियों में साहस के साथ-साथ मानवीय मूल्य बने रहें। परियों की कहानियाँ, भूत-प्रेतों की डरावनी कहानियाँ, राजा-रानी की कहानियाँ, साधारण जीवन से जुड़ी आम आदमी की कहानियाँ आदि रोचक कहानियों से शुरू हुईं और वर्तमान में सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करती कहानियाँ रची जाने लगीं। शिक्षा देने के लिए कहानी विधा का प्रयोग किया गया और ‘पंचतंत्र’ की कहानियाँ लिखी गईं। धीरे-धीरे कहानी के साथ उद्देश्य का सम्मिश्रण हो गया जो कि उत्तरोत्तर विकसित होता गया।
(ख) रेडियो नाटक किसे कहते हैं ?
उत्तर:
रेडियो संचार का एक साधन है जिसके माध्यम से किसी भी संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचा सकते हैं लेकिन केवल आवाज़ के माध्यम से इसीलिए इसे दूरभाष यंत्र भी कहते हैं। रेडियो-नाटक एक श्रव्य-माध्यम है। इसका रंगमंच एक तरह का अंधकार ही है क्योंकि ये हमें दिखाई नहीं देता, केवल सुनाई देता है। दर्शक सुने जा रहे संवादों से अपनी कल्पना में दृश्यों की रचना कर लेता है। रेडियो-नाटक शब्दों व माइक के सहारे प्रस्तुत किया जाता है। इसका समय निर्धारित होता है। इस पर देश, काल व स्थान का बँधन नहीं होता।
(ग) नाटक की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
नाटक की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) नाटक एक ऐसी गद्य विधा है, जिसका मंच पर अभिनय किया जाता है।
(ii) नाटक का सम्बन्ध लेखक, निर्देशक, दर्शक तथा श्रोताओं से होता है।
(iii) नाटक का मंच पर अभिनय किया जाता है।
(iv) ‘नाटक’ को दृश्यों के आधार पर विभाजित किया जाता है।
(v) नाटक में मंच सज्जा संगीत तथा प्रकाश व्यवस्था का विशेष महत्त्व होता है।
9. निम्नलिखित तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 80 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(क) साइबर पत्रकारिता क्या है?
उत्तर:
साइबर पत्रकारिता का अभिप्राय उस पत्रकारिता से है जो मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट पर खबरें देती है। आज तमाम वेबसाइटें इस प्रकार की हैं जो प्रमुख समाचार भी उपलब्ध कराती हैं। फिल्म, खेल, व्यापार जगत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय घटनाचक्र की ताजा-तरीन जानकारी इन वेबसाइटों पर उपलब्ध होती हैं। साइबर मीडिया में ग्राफिक्स, ऑडियो-विडियो, चित्र आदि सभी का प्रयोग होता है। साइबर मीडिया अर्थात् मल्टी मीडिया कई संचार माध्यमों से युक्त होता है। यह दर्शकों या पाठकों की रूचि को कम नहीं करता बल्कि बढ़ाता है जिसके कारण वे इससे दूर नहीं जा पाते।
(ख) बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बीट रिपोर्टिंग का आशय किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित नए तथ्यों की आरम्भिक जानकारी देना है। इसमें कहाँ, कब, क्या, किसने किया? इसकी पर्याप्त सूचना होती है। इसकी सूचना देने वाले को बीट रिपोर्टर कहा जाता है। विशेषीकृत रिपोर्टिंग से आशय सामान्य समाचारों के बाद विशेष क्षेत्र या विषय से जुड़ी समस्याओं का, घटनाओं का या अन्य किसी मुददे का गहराई से विवेचन करना है। विशेषीकृत रिपोर्टिंग में घटना और घटना के महत्त्व का स्पष्टीकरण होता है तथा रक्षा, विदेश-नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा आदि को प्राथमिकता दी जाती है।
(ग) हर सूचना समाचार नहीं होती। ऐसा क्यों?
उत्तर:
हर सूचना समाचार इसलिए नहीं होती, क्योंकि समाचार किसी भी ऐसी ताज़ा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट होती है, जिसमें अधिक-से-अधिक लोगों की रुचि होती है और इसका प्रभाव भी अधिक-से-अधिक लोगों पर पड़ता है। समाचारों में तथ्यों की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इन तथ्यों को बिना तोड़े-मरोड़े प्रस्तुत किया जाता है। हमें समाचार माध्यमों से महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त होती रहती हैं। ये सार्वजनिक महत्त्व की सूचनाएँ होती हैं। ये व्यक्तिगत नहीं होतीं। ये समसामयिक घटनाओं पर आधारित होती हैं। हमारी निजी जिंदगी पर आधारित सूचनाएँ या व्यक्तिगत महत्त्व की सूचनाएँ समाचार नहीं होती।
10. काव्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए- (3 × 2 = 6)
(क) कवि ने कविता की उड़ान और खिलने को चिड़िया और फूलों से किस तरह भिन्न बताया है?
उत्तर:
कविता कल्पना के पंखों पर चिड़िया की तरह मुक्त गगन में विचरण करती है और फूलों की भाँति खिलकर अपनी शोभा सर्वत्र फैला देती है। किन्तु कविता चिड़िया से भिन्न इसलिए है क्योंकि चिड़िया के पंखों की सामर्थ्य सीमित है, जबकि कविता की सामर्थ्य असीमित है। इसी प्रकार फूल खिलकर मुरझा जाते हैं, किन्तु कविता कभी मुरझाती नहीं उसकी शोभा सुगंध रूपी समय बीतने के साथ और भी बढ़ती जाती है।।
(ख) “कैमरे में बंद अपाहिज” करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है, इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
चैनलों/दूरदर्शन द्वारा अपाहिज व्यक्तियों की बेबसी को दर्शाकर करुणा पैदा करने के पीछे क्रूरतापूर्वक व्यावसायिक उद्देश्यों का संचालन (परीक्षार्थी के अन्य तर्कसंगत विचार भी स्वीकार्य)
व्याख्यात्मक हल :
कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है, क्योंकि एक शारीरिक रूप से अपाहिज, विकलांग व्यक्ति जो कि शारीरिक रूप से चुनौती को सहन कर रहा है, दूरदर्शन वाले अपने कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए उससे तरह-तरह के प्रश्न पूछकर, विभिन्न भाव-भंगिमाओं (संकेतों) द्वारा एक साक्षात्कार कार्यक्रम के बहाने उसका मानसिक शोषण करते हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के ऐसे व्यक्तियों के प्रति करुणा जाग्रत करना है। यह कविता दूरदर्शन स्टूडियो के भीतर की दुनिया को उभारती जरूर है, लेकिन ऐसे व्यक्ति की ओर संकेत करती है, जो दुःख-दर्द, यातना-वेदना को बेचना चाहता है। यह कविता शारीरिक चुनौती को सहन करते लोगों के प्रति संवेदनशील नज़रिया अपनाने के रूप में भी देखी जा सकती है। कवि ने संवेदनहीनता को रेखांकित करने का प्रयास किया है। वह दिखलाता है कि किस तरह करुणा के मकसद से शुरू हुआ कार्यक्रम क्रूर बन जाता है।
(ग) ‘उषा’ कविता के आधार पर गाँव की सुबह का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
(i) प्रात:काल की रंगत बहुत नीले शंख जैसी
(ii) ओस से भरा भोर का नभ राख से लीपे हुए चौके जैसा
(iii) उषाकालीन आकाश लाल केसर से धुली काली सिल जैसा निर्मल और स्वच्छ
(iv) खुले तालाब में स्नान करती युवतियाँ
व्याख्यात्मक हल :
उषा कविता में कवि ने गतिशील बिंब योजना का प्रयोग करते हुए गाँव की सुबह का सुंदर शब्द-चित्र प्रस्तुत किया है। बहुत सुबह पूर्व दिशा में सूर्य दिखाई देने से पहले आकाश नीले शंख के समान प्रतीत हो रहा था। उसका रंग ऐसा लग रहा था जैसे किसी गाँव की महिला ने चूल्हा जलाने से पहले राख से चौका पोत दिया हो। उसका रंग गहरा था। कुछ देर बाद हल्की-सी लाली ऐसे दिखाई दी जैसे काले सिल पर जरा-सा लाल केसर मल दिया हो और फिर उसे धो दिया हो या किसी स्लेट पर लाल खड़िया या चाक मल दिया गया हो। आकाश के नीलेपन में सूर्य ऐसे प्रकट हुआ जैसे नीले जल में किसी युवती का गोरा सुंदर शरीर झिलमिलाता हुआ प्रकट हो रहा हो। लेकिन सूर्य के दिखाई देते ही यह सारा प्राकृतिक सौन्दर्य मिट गया।
11. काव्य खंड पर आधारित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए- (2 × 2 = 4)
(क) पंथी क्या सोच रहा है और क्यों ?
उत्तर:
पंथी यह सोच रहा है कि कहीं जीवन रूपी पथ में मृत्यु रूपी अंधकार छा गया तो मैं लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर पाऊँगा अतः मुझे अपनी गति बढ़ानी चाहिए। मंज़िल अब ज़्यादा दूर नहीं है।
(ख) दूरदर्शन वाले कैमरे के सामने कमज़ोर को ही क्यों लाते हैं ?
उत्तर:
दूरदर्शन वालों को पता है कि कमज़ोर व अशक्त लोगों के प्रति समाज में करुणा व दया का भाव होता है। लोग दूसरे के दुःख के बारे में जानना चाहते हैं और दूरदर्शन वाले उनकी इसी भावना का फायदा उठाते हुए ऐसे कार्यक्रम बनाते हैं।
(ग) तुलसीदास के समय तत्कालीन समाज कैसा था ?
उत्तर:
तुलसीदास के समय में सामाजिक मान्यताएँ व परम्पराएँ नष्ट हो रही थीं। समाज में धार्मिक अंधविश्वास फैल रहा था जिनमें पूरा समाज फँसता जा रहा था। समाज में नारी की स्थिति शोचनीय थी।
12. गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए- (3 × 2 = 6)
(क) भक्तिन के स्वभाव की ऐसी दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिनके कारण उसने लेखिका को अपने अनुसार ढाल लिया।
उत्तर:
(i) भक्तिन देहाती खाना-पीना (मकई, दलिया, मट्ठा, ज्वार के भुने सफ़ेद दानों की खिचड़ी आदि) बनाना जानती थी।
(ii) देहाती खाने की रुचि न होते हुए भी लेखिका को खाना पड़ता था।
(iii) लेखिका को अपने बोलचाल, खान-पान के अनुरूप ढाल लिया लेकिन खुद को लेखिका के अनुसार नहीं ढाल पाई।
व्याख्यात्मक हल :
भक्तिन देहाती खाना-पीना (मकई, दलिया, मट्ठा, ज्वार के भुने सफ़ेद दानों की खिचड़ी आदि) बनाना जानती थी। खाने की रुचि न होते हुए भी लेखिका को भक्तिन के बनाए खाने को खाना पड़ता था। भक्तिन ने कुछ ही दिनों में लेखिका को अपनी बोल-चाल, खान-पान के अनुरूप ढाल लिया लेकिन स्वयं को लेखिका के अनुसार नहीं बना पाई।
(ख) ‘बाज़ारूपन’ से आप क्या समझते हैं? कैसे लोग बाज़ार को सार्थकता प्रदान करते हैं?
उत्तर:
बाज़ारूपन से बाज़ार में कपट भाव बढ़ता है और अपनेपन के अभाव में आपस में उचित व्यवहार में कमी आ जाती है। ग्राहक और विक्रेता के संबंध केवल व्यावसायिक ही रह जाते हैं। एक की हानि में दूसरा अपना लाभ देखने लगता है। वे व्यक्ति ही बाज़ार को सार्थकता दे सकते हैं जो अपनी आवश्यकताओं को ठीक-ठीक समझकर बाज़ार का उपयोग करते हैं। यदि हम बाज़ार की चमक-दमक में फँसकर रह गए तो वह हमें असंतोष, तृष्णा, घृणा एवं ईर्ष्या से घायल कर बेकार बना डालता है।
(ग) जीजी इंदरसेना पर पानी फेंकना पानी की बर्बादी क्यों नहीं मानतीं ? उनके तर्कों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
‘इंदर सेना’ गाँव के बालकों और किशोरों की एक मंडली थी जो लोगों से घर-घर जाकर पानी की माँग करती थी। जीजी ने कहा कि यदि हम इंदर सेना पर पानी नहीं फेंकेंगे तो इन्द्र भगवान हमें पानी कैसे देंगे? यह पानी की बर्बादी नहीं है बल्कि यह तो पानी का अर्घ्य है जिसे हम कुछ पानी की चाह लेकर इंद्र को चढ़ाते हैं। मनुष्य जिस वस्तु को दान में नहीं देगा तो फिर कैसे पाएगा? ऋषि-मुनियों ने दान को सर्वोत्तम बताया है। त्याग-भावना से जो दान दिया जाता है उसी से फल की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार किसान तीस-चालीस मन गेहूँ की पैदावार प्राप्त करने के लिए पहले अपने खेत में पाँच-छ: सेर अच्छे गेहूँ की बुवाई करता है। इसी प्रकार हमारे इस कार्य से प्रसन्न होकर इन्द्र देवता काले मेघा लेकर वर्षा करेंगे जिससे गाँव, शहर, खेत-खलिहान खिल उठेंगे।
13. गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए। (2 × 2 = 4)
(क) लेखक किस कार्य को व्यर्थ मानता है और क्यों ?
उत्तर:
लेखक सूखे के समय मेढक मंडली पर पानी फेंकना व्यर्थ मानता है। वर्षा न होने के कारण पानी की इतनी कमी अधिक कमी है। उसके अनुसार दिन-दिन गहराते पानी के संकट के समय मेढक मंडली पर पानी फेंकना पानी की बर्बादी है। ऐसे अंधविश्वासों से देश का ही नुकसान होता है।
(ख) ‘बाज़ार दर्शन’ में लेखक किसकी महिमा का कायल है?
उत्तर:
‘बाज़ार दर्शन’ में लेखक पत्नी की महिमा का कायल है क्योंकि आदिकाल से फ़िजूलखर्ची में पत्नी की प्रमुखता पति से अधिक प्रमाणित है। पत्नी जब पति के साथ बाज़ार जाती है तो वह अपने पति को कुछ अधिक सामान खरीदने को मजबूर कर देती है।
(ग) जेठ-जिठौतों के मन किस कारण ललचा जाते थे ?
उत्तर:
भक्तिन के हरे-भरे खेत, मोटी-ताज़ी गाय-भैंस और फलों से लदे पेड़ देखकर जेठ-जिठौतों के मन ललचा जाते थे और किसी भी प्रकार उन्हें हड़प लेने को बेचैन रहते थे। वे भक्तिन की सारी संपत्ति पर अपना कब्जा कर लेना चाहते थे।